हिमाचल प्रदेश के अधिक ऊंचे पहाड़ों पर आज और कल बर्फबारी के आसार है। बीती शाम को भी रोहतांग, बारालाचा, कुंजम दर्रे में दो इंच तक ताजा बर्फबारी हुई। इसके बाद रोहतांग टॉप, शिंकुला और कुंजम दर्रा के लिए वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। मनाली-लेह हाईवे, कोकसर-लोसर और दारचा-सचरू सड़क को भी बंद करना पड़ा है, क्योंकि बर्फ जमने की वजह से सड़कें खतरनाक हो गई है। बीते 24 घंटे के दौरान हिमपात के बाद पर्यटक भी बर्फ देखने के लिए लाहौल स्पीति के पहाड़ों पर पहुंच रहा है। मगर खराब मौसम के बीच पर्यटकों को रोहतांग टॉप, बारालाच, शिकुंला दर्रा, कुंजम दर्रा जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इन क्षेत्रों में कभी भी बर्फबारी हो जाती है और फंसने की संभावना रहती है। इसी तरह सड़क पर बर्फ जमने से वाहनों की फिसलन बड़ गई है। ऊंचे क्षेत्रों में तापमान माइनस में होने से की वजह से सड़कों पर ब्लैक आइस जम रही है। बहता हुआ पानी जमकर ब्लैक आइस में तब्दील हो रहा है। इसे देखते हुए लाहौल स्पीति पुलिस ने ऊंचे क्षेत्रों की यात्रा टालने और सावधानी से गाड़ी चलाने की सलाह दी है। अगले 48 घंटे बर्फबारी मौमस विभाग की माने तो चंबा, लाहौल स्पीति, किन्नौर और कांगड़ा की ऊंची चोटियों पर अगले 48 घंटे के दौरान हल्का हिमपात हो सकता है। अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। 4 दिसंबर से पूरे प्रदेश में मौसम साफ हो जाएगा और अगले दो सप्ताह तक बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं है। 11 जिलों में नहीं टूटा ड्राइ स्पेल बेशक, बीते दो दिनों के दौरान लाहौल स्पीति के ऊंचे पहाड़ों पर हल्का हिमपात हुआ है। मगर प्रदेश के 11 जिलों में दो महीने से ज्यादा का ड्राइ स्पेल नहीं टूट पाया। प्रदेशवासी बारिश-बर्फबारी के इंतजार में है। पहले मानसून सीजन में नॉर्मल से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई। अक्टूबर-नवंबर के बाद अब दिसंबर भी नहीं बरस रहा अब पोस्ट मानसून सीजन में भी सामान्य से 98 प्रतिशत कम बादल दो महीने में बरसे है। अक्टूबर व नवंबर सूखे बीते है। अब दिसंबर में भी बारिश नहीं हो रही। अगले दो सप्ताह तक भी अच्छी बारिश-बर्फबारी की संभावना नहीं है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों-बागवानों और टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ी है। हिमाचल प्रदेश के अधिक ऊंचे पहाड़ों पर आज और कल बर्फबारी के आसार है। बीती शाम को भी रोहतांग, बारालाचा, कुंजम दर्रे में दो इंच तक ताजा बर्फबारी हुई। इसके बाद रोहतांग टॉप, शिंकुला और कुंजम दर्रा के लिए वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। मनाली-लेह हाईवे, कोकसर-लोसर और दारचा-सचरू सड़क को भी बंद करना पड़ा है, क्योंकि बर्फ जमने की वजह से सड़कें खतरनाक हो गई है। बीते 24 घंटे के दौरान हिमपात के बाद पर्यटक भी बर्फ देखने के लिए लाहौल स्पीति के पहाड़ों पर पहुंच रहा है। मगर खराब मौसम के बीच पर्यटकों को रोहतांग टॉप, बारालाच, शिकुंला दर्रा, कुंजम दर्रा जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इन क्षेत्रों में कभी भी बर्फबारी हो जाती है और फंसने की संभावना रहती है। इसी तरह सड़क पर बर्फ जमने से वाहनों की फिसलन बड़ गई है। ऊंचे क्षेत्रों में तापमान माइनस में होने से की वजह से सड़कों पर ब्लैक आइस जम रही है। बहता हुआ पानी जमकर ब्लैक आइस में तब्दील हो रहा है। इसे देखते हुए लाहौल स्पीति पुलिस ने ऊंचे क्षेत्रों की यात्रा टालने और सावधानी से गाड़ी चलाने की सलाह दी है। अगले 48 घंटे बर्फबारी मौमस विभाग की माने तो चंबा, लाहौल स्पीति, किन्नौर और कांगड़ा की ऊंची चोटियों पर अगले 48 घंटे के दौरान हल्का हिमपात हो सकता है। अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। 4 दिसंबर से पूरे प्रदेश में मौसम साफ हो जाएगा और अगले दो सप्ताह तक बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं है। 11 जिलों में नहीं टूटा ड्राइ स्पेल बेशक, बीते दो दिनों के दौरान लाहौल स्पीति के ऊंचे पहाड़ों पर हल्का हिमपात हुआ है। मगर प्रदेश के 11 जिलों में दो महीने से ज्यादा का ड्राइ स्पेल नहीं टूट पाया। प्रदेशवासी बारिश-बर्फबारी के इंतजार में है। पहले मानसून सीजन में नॉर्मल से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई। अक्टूबर-नवंबर के बाद अब दिसंबर भी नहीं बरस रहा अब पोस्ट मानसून सीजन में भी सामान्य से 98 प्रतिशत कम बादल दो महीने में बरसे है। अक्टूबर व नवंबर सूखे बीते है। अब दिसंबर में भी बारिश नहीं हो रही। अगले दो सप्ताह तक भी अच्छी बारिश-बर्फबारी की संभावना नहीं है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों-बागवानों और टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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