हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी की पुलिस अधीक्षक इलमा अफरोज का लंबी छुट्टी पर जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे शांता कुमार इस मामले को लेकर सीएम सुक्खू को खुला पत्र लिखा है। शांता कुमार ने सीएम सुक्खू को पद की शपथ याद दिलाते हुए उन्हें मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा है। शांता कुमार ने कहा है कि उन्होंने आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक पत्र लिखा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि सीएम सुक्खू को उन्होंने यह पत्र कांग्रेस नेता के रूप में नही बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर लिखा है। पूर्व सीएम ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने सीएम सुक्खू को याद दिलवाया है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते समय उन्होंने कर्तव्य निष्ठा व संविधान की सौगंध खाई हुई है। सीएम सुक्खू और सरकार इस मामले को लेकर चुप क्यों हैं? SP बद्दी मामले में चुप्पी तोड़े सरकार शांता कुमार ने कहा कि पुलिस अधीक्षक इलमा अफरोज मामले में सीएम सुक्खू व प्रदेश सरकार चुप है। शांता कुमार ने पत्र में लिखा कि उन्हें सोशल मीडिया और अन्य सूत्रों के माध्यम से यही तथ्य सामने आ रहे हैं कि SP बद्दी एक योग्य और ईमानदार अधिकारी है। शांता कुमार ने नाम लिए बगैर कहा कि एसपी ने किसी नेता के परिवार के गैर कानूनी काम पर सख्त कार्रवाई की है इसलिए उसे सरकार द्वारा छुट्टी पर भेजा गया है। उन्होंने आगे लिखा कि सरकार की तरफ से इस मामले में कोई स्पष्टीकरण न देने के कारण इन सब बातों पर विश्वास करना स्वाभाविक हो गया है कि SP ने किसी नेता के परिवार के सदस्यों के गैर कानूनी काम पर कार्रवाई की है इसलिए उन पर छुट्टी पर जाने का दवाब बनाया गया। खनन माफिया के दवाब में हो रहा सबकुछ कुमार ने लिखा कि हिमाचल प्रदेश में कई जगह रेत बजरी और खनन माफिया बहुत प्रभावशाली हो रहा है। इस मामले में भी ऐसे समाचार आ रहे हैं कि किसी माफिया के दवाब में यह सब कुछ हो रहा है। ईमानदारी व कर्तव्य निष्ठा की सजा न दें शांता कुमार ने पत्र में लिखा कि इलमा अफरोज को ईमानदारी व कर्तव्य निष्ठा की सजा न दें । इससे हिमाचल प्रदेश की पूरे देश मे बदनामी हो जाएगी। शांता कुमार, सुक्खू को पहले भी दे चुके हैं साहस दिखाने की सलाह बता दें कि, पूर्व सीएम शांता कुमार सीएम सुक्खू को पहले भी कह दे चुके हैं कि इलमा अफरोज की ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा की सजा दी जा रही है। क्या यही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का व्यवस्था परिवर्तन है। वो कह चुके हैं कि यह समाचार सब जगह चर्चा का विषय बना है। हिमाचल भवन की नीलामी की तरह सरकार की इस कार्रवाई पर भी आंसू बहाए जा रहे हैं। शांता कुमार मुख्यमंत्री को कह चुके हैं कि सीएम साहस दिखाएं। यदि किसी नेता ने गलत काम किया है तो सजा उसे मिले, अच्छा काम करने वाली पुलिस अधीक्षक को नहीं। उन्होंने इलमा अफरोज को उसकी ईमादारी और साहस के लिए बधाई दी है। जानिए, वह 2 विवाद, जिसकी वजह से इलमा चर्चा में आई 1. विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे हिमाचल सरकार ने इलमा अफरोज को बद्दी का SP बनाया। यहां इलमा ने विधायक रामकुमार चौधरी की पत्नी की माइनिंग से जुड़ी गाड़ियों के चालान काट दिए। जिसके बाद विधायक नाराज हो गए। इलमा को विधानसभा से विशेषाधिकार हनन का नोटिस तक दिलाया गया। जिसके बाद उनका दून MLA के साथ विवाद बढ़ता गया। 2. स्क्रैप कारोबारी पर कार्रवाई पर अड़ीं बद्दी में बीते दिनों एक फायरिंग कांड हुआ, जिसमें स्क्रैप व्यापारी राम किशन की बुलेट प्रूफ गाड़ी पर गोलियां चलाई गई थी। जांच में पता चला कि राम किशन ने खुद ही गोलियां चलाईं। वह पुलिस से ऑल इंडिया गन लाइसेंस की मांग कर रहा था, लेकिन पिछला रिकॉर्ड देखते हुए SP ने इसे मंजूरी नहीं दी। स्क्रैप कारोबारी नेताओं का काफी करीबी बताया जा रहा है। इस वजह से SP पर दबाव था, लेकिन इलमा अफरोज झुकी नहीं। हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी की पुलिस अधीक्षक इलमा अफरोज का लंबी छुट्टी पर जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे शांता कुमार इस मामले को लेकर सीएम सुक्खू को खुला पत्र लिखा है। शांता कुमार ने सीएम सुक्खू को पद की शपथ याद दिलाते हुए उन्हें मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा है। शांता कुमार ने कहा है कि उन्होंने आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक पत्र लिखा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि सीएम सुक्खू को उन्होंने यह पत्र कांग्रेस नेता के रूप में नही बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर लिखा है। पूर्व सीएम ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने सीएम सुक्खू को याद दिलवाया है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते समय उन्होंने कर्तव्य निष्ठा व संविधान की सौगंध खाई हुई है। सीएम सुक्खू और सरकार इस मामले को लेकर चुप क्यों हैं? SP बद्दी मामले में चुप्पी तोड़े सरकार शांता कुमार ने कहा कि पुलिस अधीक्षक इलमा अफरोज मामले में सीएम सुक्खू व प्रदेश सरकार चुप है। शांता कुमार ने पत्र में लिखा कि उन्हें सोशल मीडिया और अन्य सूत्रों के माध्यम से यही तथ्य सामने आ रहे हैं कि SP बद्दी एक योग्य और ईमानदार अधिकारी है। शांता कुमार ने नाम लिए बगैर कहा कि एसपी ने किसी नेता के परिवार के गैर कानूनी काम पर सख्त कार्रवाई की है इसलिए उसे सरकार द्वारा छुट्टी पर भेजा गया है। उन्होंने आगे लिखा कि सरकार की तरफ से इस मामले में कोई स्पष्टीकरण न देने के कारण इन सब बातों पर विश्वास करना स्वाभाविक हो गया है कि SP ने किसी नेता के परिवार के सदस्यों के गैर कानूनी काम पर कार्रवाई की है इसलिए उन पर छुट्टी पर जाने का दवाब बनाया गया। खनन माफिया के दवाब में हो रहा सबकुछ कुमार ने लिखा कि हिमाचल प्रदेश में कई जगह रेत बजरी और खनन माफिया बहुत प्रभावशाली हो रहा है। इस मामले में भी ऐसे समाचार आ रहे हैं कि किसी माफिया के दवाब में यह सब कुछ हो रहा है। ईमानदारी व कर्तव्य निष्ठा की सजा न दें शांता कुमार ने पत्र में लिखा कि इलमा अफरोज को ईमानदारी व कर्तव्य निष्ठा की सजा न दें । इससे हिमाचल प्रदेश की पूरे देश मे बदनामी हो जाएगी। शांता कुमार, सुक्खू को पहले भी दे चुके हैं साहस दिखाने की सलाह बता दें कि, पूर्व सीएम शांता कुमार सीएम सुक्खू को पहले भी कह दे चुके हैं कि इलमा अफरोज की ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा की सजा दी जा रही है। क्या यही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का व्यवस्था परिवर्तन है। वो कह चुके हैं कि यह समाचार सब जगह चर्चा का विषय बना है। हिमाचल भवन की नीलामी की तरह सरकार की इस कार्रवाई पर भी आंसू बहाए जा रहे हैं। शांता कुमार मुख्यमंत्री को कह चुके हैं कि सीएम साहस दिखाएं। यदि किसी नेता ने गलत काम किया है तो सजा उसे मिले, अच्छा काम करने वाली पुलिस अधीक्षक को नहीं। उन्होंने इलमा अफरोज को उसकी ईमादारी और साहस के लिए बधाई दी है। जानिए, वह 2 विवाद, जिसकी वजह से इलमा चर्चा में आई 1. विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे हिमाचल सरकार ने इलमा अफरोज को बद्दी का SP बनाया। यहां इलमा ने विधायक रामकुमार चौधरी की पत्नी की माइनिंग से जुड़ी गाड़ियों के चालान काट दिए। जिसके बाद विधायक नाराज हो गए। इलमा को विधानसभा से विशेषाधिकार हनन का नोटिस तक दिलाया गया। जिसके बाद उनका दून MLA के साथ विवाद बढ़ता गया। 2. स्क्रैप कारोबारी पर कार्रवाई पर अड़ीं बद्दी में बीते दिनों एक फायरिंग कांड हुआ, जिसमें स्क्रैप व्यापारी राम किशन की बुलेट प्रूफ गाड़ी पर गोलियां चलाई गई थी। जांच में पता चला कि राम किशन ने खुद ही गोलियां चलाईं। वह पुलिस से ऑल इंडिया गन लाइसेंस की मांग कर रहा था, लेकिन पिछला रिकॉर्ड देखते हुए SP ने इसे मंजूरी नहीं दी। स्क्रैप कारोबारी नेताओं का काफी करीबी बताया जा रहा है। इस वजह से SP पर दबाव था, लेकिन इलमा अफरोज झुकी नहीं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल सरकार की गेस्ट-टीचर पॉलिसी पर भड़के बेरोजगार:20 दिसंबर को विधानसभा का करेंगे घेराव; आर-पार की लड़ाई की चेतावनी; पक्की नौकरी की मांग
हिमाचल सरकार की गेस्ट-टीचर पॉलिसी पर भड़के बेरोजगार:20 दिसंबर को विधानसभा का करेंगे घेराव; आर-पार की लड़ाई की चेतावनी; पक्की नौकरी की मांग हिमाचल कैबिनेट ने सरकारी स्कूलों में पीरियड आधार पर गेस्ट-टीचर भर्ती करने का फैसला लिया है। इससे राज्य के शिक्षित बेरोजगार भड़क उठे हैं। प्रशिक्षित बेरोजगारों ने देर रात तक वर्चुअल मीटिंग करके सरकार के इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरने का फैसला लिया। हिमाचल के प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बताया कि 20 दिसंबर को प्रदेशभर के प्रशिक्षित बेरोजगार धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा का घेराव करेंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र की BJP सरकार ने सेना में अग्निवीर भर्ती योजना लाकर युवाओं के साथ धोखा किया और अब हिमाचल की कांग्रेस सरकार शिक्षक वीर भर्ती करके उनके साथ धोखा कर रही है। प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड बता दें कि सुक्खू कैबिनेट ने गेस्ट टीचर पॉलिसी को मंजूरी दे दी दी है। इसके तहत प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड, अपर-प्राइमरी में 250 रुपए, सीनियर सेकेंडरी में 400 रुपए और कालेज में 500 रुपए प्रति पीरियड के हिसाब से टीचर को पैसे दिए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि जब रेगुलर टीचर आएगा तो इन्हें हटा दिया जाएगा। लाइब्रेरी में पढ़ते हुए बूढ़ा हो रहा बेरोजगार: बालकृष्ण बालकृष्ण ने बताया कि प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा युवा लाइब्रेरी में पढ़ाई करते हुए बूढ़ा हो रहा है, ताकि रेगुलर नौकरी पा सके। मगर कांग्रेस सरकार रेगुलर के बजाय आउटसोर्स माध्यम से नौकरी देकर युवाओं के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार के इस निर्णय का विरोध किया जाएगा और इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। कोर्ट ने कई बार कमीशन के माध्यम से रेगुलर टीचर भर्ती करने के आदेश दिए। मगर किसी भी सरकार ने इन आदेशों की परवाह नहीं की। इस तरह की अस्थाई भर्तियांभाई-भतीजावाद के आधार पर की जाती रही है। बाद में एसएमसी को छोड़कर अन्य सभी कैटेगिरी के लिए सरकार ने पॉलिसी भी बनाई और इन्हें रेगुलर भी किया। अब नई पॉलिसी लाकर युवाओं से ठगने की तैयारी अब इसी तरह की अस्थाई पॉलिसी लाकर गेस्ट-टीचर रखने की तैयारी है। ऐसी पॉलिसी के तहत नियुक्ति पढ़े लिखे उन बेरोजगारों के साथ धोखा है, जो सालों से सरकारी नौकरी के लिए कमिशन की तैयारी कर रहे हैं। हर साल 1 लाख नौकरी का वादा, 2 साल में 4500 को नौकरी दे पाई हिमाचल में हर साल 1 लाख नौकरी देने का वादा करके कांग्रेस सत्ता में आई थी। प्रशिक्षित बेरोजगार यूनियन की माने तो 2 साल में लगभग 4500 लोगों को ही पक्की नौकरी दे पाई है। इनमें लगभग 1560 पद कमीशन के माध्यम से भरे गए हैं। ज्यादातर पदों पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में भर्तियां शुरू हो गई थी। कांग्रेस सरकार ने बैच वाइज कोटे से JBT के 2800 पद भरे है। कांग्रेस सरकार का दावा है कि 30 हजार से ज्यादा पदों पर नौकरियां दे दी गई है। मगर इनमें अधिकांश नौकरियां आउटसोर्स व पार्ट टाइम है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस आउटसोर्स भर्तियां बंद करने के दावे करती रही। मगर सत्ता मिलने के बाद कांग्रेस भी पूर्व सरकार के रास्ते पर चल पड़ी। अब आउटसोर्स के साथ साथ नाममात्र मानदेय पर टेंपरेरी जॉब, वन मित्र, गेस्ट टीचर, मल्टी टास्क वर्कर या फिर आउटसोर्स जैसी अस्थाई भर्तियां करके उन युवाओं को ठगा जा रहा है, जो सालों से लाइब्रेरी में बैठकर कमीशन की तैयारी कर रहे हैं। कैबिनेट ने 6000 से ज्यादा पद मंजूर कर रखे हिमाचल कैबिनेट ने अकेले शिक्षा विभाग में 6000 से ज्यादा पद भरने को स्वीकृति जरूर दे रखी है। मगर दो साल से भर्ती तो दूर इन पदों को विज्ञापित भी नहीं किया जा रहा।
हिमाचल भाजपा अध्यक्ष का सरकार पर हमला:राजीव बिंदल बोले- कांग्रेस सरकार ने तोड़े झूठ के रिकार्ड, आज ले रही 500 करोड़ का कर्ज
हिमाचल भाजपा अध्यक्ष का सरकार पर हमला:राजीव बिंदल बोले- कांग्रेस सरकार ने तोड़े झूठ के रिकार्ड, आज ले रही 500 करोड़ का कर्ज हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने कहा कि सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने झूठ बोलने के सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिए हैं। महाराष्ट्र के चुनावों में मुख्यमंत्री महोदय ने जोर-शोर से यह घोषणा की कि हिमाचल प्रदेश की 18 साल से ऊपर की हर बहन-बेटी को कांग्रेस सरकार ने 1500 रूपए दे दिए हैं, अर्थात हिमाचल प्रदेश की हर बहन को 1500 रुपए हर महीने मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री का यह कथन हिमाचल प्रदेश की बहन-बेटियों के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है। केवल महाराष्ट्र में राजनीतिक लाभ उठाने के लिए झूठी घोषणा कर देना और हिमाचल प्रदेश में बहन-बेटियों को फूटी कौड़ी न देना, इससे बड़ा अन्याय, शोषण हिमाचल की बहन-बेटियों के साथ कोई नहीं हो सकता। पहली कैबिनेट में 1500 देना का किया था वादा डा. बिंदल ने कहा कि प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी ने सत्ता प्राप्त करने के लिए यह घोषणा की थी। महिलाओं को गारंटी दी थी कि कांग्रेस की सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में 18 साल से ऊपर की हर बहन बेटी को 1500 रुपए महीना मिलना शुरू हो जाएगा। इसी प्रकार की घोषणा दोबारा से 2024 के लोकसभा चुनावों में की गई। दो साल बीत जाने पर बहनों के हाथ खाली हैं। कांग्रेस पार्टी और सरकार मालामाल है और झूठ, फरेब से वोट लेने का क्रम जारी है। 2 सालों में नही निकली एक भी नौकरी उन्होंने कहा कि, हरियाणा के बाद कांग्रेस महाराष्ट्र में गीत गाती हुई घूम रही है कि हमने एक लाख नौकरियां दे दी है जबकि पिछले 2 साल से हिमाचल प्रदेश का बेरोजगार त्रस्त है। एक भी नौकरी नहीं निकली, बच्चे लाईब्रेरियों में बैठकर तैयारियों करते-करते थक गए हैं, बच्चों के पास खर्चा समाप्त हो गया, परंतु सरकार ढींगे हांक कर गुजारा कर रही है। पिछले दो सालों में बेरोजगार व विभिन्न मदों में लगे हुए सरकारी कर्मचारी शिमला में कड़ाके की ठंड में, भारी बरसात में धरने-प्रदर्शन करते-करते टूट चुके हैं। आज भी सैकड़ों युवक-युवतियां शिमला में धरने-प्रदर्शन पर बैठे हैं परंतु सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेग रही। टैक्स लगाने में मस्त कांग्रेस सरकार बिंदल ने कहा कि कांग्रेस सरकार टैक्स लगाने में मस्त है। डीजल, दालें, खाद्य तेल, बिजली, पानी, स्टाम्प ड्यूटी, शौचालय और न जाने किन-किन चीजों पर भारी भरकम टैक्स लगा दिए हैं। यह सरकार बात तो आत्मनिर्भरता की करती है और आज ही 500 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। यह सरकार पिछले दो वर्षों में 28000 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है, लेकिन कोई रोजगार नहीं, कोई कोई विकास नही करा पाई है ।
हिमाचल में आज बिजली कर्मचारी-इंजीनियरों का प्रदर्शन:अभियंताओं के 51 पद समाप्त करने, 81 ड्राइवर को नौकरी से हटाने पर भड़के; ब्लैक आउट की चेतावनी
हिमाचल में आज बिजली कर्मचारी-इंजीनियरों का प्रदर्शन:अभियंताओं के 51 पद समाप्त करने, 81 ड्राइवर को नौकरी से हटाने पर भड़के; ब्लैक आउट की चेतावनी हिमाचल में बिजली बोर्ड कर्मचारी आज प्रदेशभर में प्रदर्शन करेंगे। विद्युत कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (OPS) व इंजीनियरों के समाप्त किए गए 51 पदों की बहाली और नौकरी से हटाए गए 81 आउटसोर्स ड्राइवरों को वापस नौकरी पर रखने की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे। राज्य सरकार इनकी मांगे नहीं मानती है तो दिवाली के बाद बिजली कर्मचारी प्रदेश में ब्लैक आउट करेंगे। बिजली बोर्ड कर्मचारियों और इंजीनियरों के संयुक्त मोर्चे पहले ही इसकी चेतावनी दे चुका हैं। जाहिर है कि इससे आने वाले दिनों में बिजली बोर्ड और कर्मचारियों में टकराव देखने को मिलेगा। बता दें कि आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार ने हाल ही में बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद गैर जरूरी बताकर समाप्त करने का फैसला लिया है। इसी तरह 10 से 15 सालों से आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकाल दिया गया है। बोर्ड कर्मचारी और इंजीनियर इससे तिलमिला उठे हैं और आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हो गए हैं। फिलहाल आज सांकेतिक धरना है। आंदोलन की अगली रणनीति का ऐलान आज किया जाएगा। फैसला वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन करेंगे: वर्मा संयुक्त मोर्चे के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी 21 महीने से पुरानी पेंशन योजना की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस बीच सरकार ने दो ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे बिजली बोर्ड के कर्मचारियों में रोष है। उन्होंने बताया कि इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे वापस नहीं लिया गया तो कर्मचारी काम छोड़कर उग्र आंदोलन करेंगे। इससे प्रदेश में ब्लैक आउट की स्थिति पनप सकती है। बिजली बोर्ड को बांटने की तैयारी हीरालाल वर्मा ने कहा कि 4 दिन पहले प्रदेश सरकार द्वारा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी के साथ जॉइंट फ्रंट की बैठक हुई है, जिसमें सरकार की तरफ बिजली बोर्ड की कई इकाइयों को विघटित करने की बात हो रही है। जिसमें संचार लाइन व उप केंद्र तथा अन्य संपत्तियों को बिजली बोर्ड से अलग करने की तैयारी है। AIEPF भी समर्थन में उतरी हिमाचल सरकार के इस फैसले पर ऑल इंडिया इंजीनियर पावर फेडरेशन (AIEPF) में भी हैरानी जताई और मीडिया को जारी बयान में कहा यदि सरकार इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और नौकरी से निकाले गए ड्राइवरों को नौकरी पर वापस नहीं रखती तो AIEPF भी आंदोलन के समर्थन में उतरेगी।