हिमाचल सचिवालय के कर्मचारियों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुक्खू कैबिनेट में मंत्री राजेश धर्माणी पर तीखा हमला बोला। सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा, धर्माणी मंत्री बनने के लायक ही नहीं थे। तभी पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने 2012 में उन्हें मंत्री नहीं बनाया था। संजीव ने कहा, उन्हें CM सुक्खू पर तरस आ रहा है। पता नहीं CM ने किसके दबाव में धर्माणी को मंत्री बनाया होगा। उन्होंने राजेश धर्माणी को माफी मांगने या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी। दरअसल, राजेश धर्माणी ने पिछले कल कहा था कि कर्मचारी अनाप-शनाप बयानबाजी न करें। उन्हें जो मिल रहा है, वो भी नहीं मिलेगा। इससे कर्मचारी भड़क उठे हैं। संजीव शर्मा ने कहा, मंगलवार तक कर्मचारियों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया तो उस दिन से कर्मचारी काले बिले लगाकर काम करेंगे। काले बिले लगाकर काम करेंगे कर्मचारी विधानसभा कर्मचारी भी मानसून सत्र के दौरान काले बिले लगाकर काम करेंगे। उन्होंने कहा, विधानसभा के मानसून सत्र को देखते हुए अभी आंदोलन उग्र नहीं होगा। 10 सितंबर के बाद आंदोलन को उग्र किया जाएगा। बीते बुधवार को भी बड़ी संख्या में सचिवालय कर्मचारी प्रदर्शन कर चुके हैं। आज दोबारा सैंकड़ों की तादाद में कर्मचारियों ने सचिवालय के बाहर धरना दिया। सचिवालय कर्मचारियों को दूसरे कर्मचारी संगठनों, पेंशनर और बेरोजगारों का भी साथ मिल रहा है। कर्मचारी महंगाई भत्ता (DA) और नए वेतनमान का एरियर नहीं मिलने से नाराज है। एक-एक कर सभी मंत्रियों की पोल खोलेंगे संजीव शर्मा ने कहा, आने वाले दिनों में सरकार के एक-एक मंत्रियों की पोल खोली जाएगी। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि सरकार बात-बात पर पैसे की कमी का रोना रो रही है और मंत्रियों की खुद मौज लगी हुई है। दोनों हाथ से प्रदेश को लूट रहे हैं। शिमला, दिल्ली, धर्मशाला, चंडीगढ़ जगह जगह OSD और दूसरी नियुक्तियां करके सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है। मुफ्त कॉलिंग के जमाने में 20 हजार मोबाइल भत्ता क्यों: संजीव संजीव ने कहा, आज 500 रुपए में अन-लिमिटेड कॉलिंग मिलती है। मगर इन्हें 20 हजार रुपए मोबाइल भत्ता मिलता है। हजारों रुपए सत्कार भत्ता दिया जाता है। इनके दफ्तरों में जाए तो चाय तक नहीं पिलाई जाती। उन्होंने कहा, दफ्तरों की रैनोवेशन और फर्नीचर पर करोड़ों रुपए फूंके जा रहे हैं और जब कर्मचारी अपना अधिकार मांगते है तो बजट की कमी का बहाना बनाया जाता है। IPS की पत्नी दिल्ली में एस्कोर्ट में घूम रही: संजीव संजीव शर्मा ने कहा, दिल्ली में एक एस्कोर्ट गाड़ी है। जो मुख्यमंत्री और राज्यपाल के दिल्ली जाने पर इस्तेमाल होती है। मगर आम दिनों में एक IPS की पत्नी इस गाड़ी का इस्तेमाल कर हजारों रुपए का तेल फूंक रही हैं। मगर सुक्खू सरकार आईपीएस अफसर पर कार्रवाई नहीं कर रही। मंत्रियों ने कई-कई कोठियों पर कर रखा कब्जा संजीव ने कहा, शिमला में मंत्रियों ने कई कई सरकारी कोठियों पर कब्जा कर रखा है। एक मंत्री का नाम लिए बगैर संजीव शर्मा ने कहा, मंत्री साहब खुद भराड़ी में अपने घर में रहते हैं। उन्होंने एक मंत्री की कोठी के अलावा मेट्रोपोल में भी सरकारी मकान पर कब्जा कर रखा है। विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के बावजूद खाली नहीं किया जा रहा है। 114 करोड़ रुपए बजट लैप्स: संजीव संजीव शर्मा ने कहा, सरकार बजट की कमी का रोना रो रही है और ब्यूरोक्रेट की आपसी लड़ाई से 114 करोड़ रुपए का बजट लैप्स हो गया। पूर्व जयराम सरकार भी नहीं दिया एरियर बता दें कि सरकार के पास कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपए बकाया है। मगर आर्थिक तंगहाली झेल रही सरकार इसका भुगतान नहीं कर पा रही। पूर्व जय राम सरकार ने भी 2021-22 में अपने सभी कर्मचारी और पेंशनर को एक जनवरी 2016 से नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए, लेकिन एरियर का भुगतान नहीं किया। लिहाजा कर्मचारी स्वतंत्रता दिवस पर एरियर व DA मिलने की आस लगाए बैठे थे। मगर सीएम सुक्खू ने केवल 75 साल से अधिक आयु वर्ग के पेंशनर का ही एकमुश्त एरियर देने का ऐलान किया है। इससे दूसरे कर्मचारी भड़क उठे हैं। मगर कांग्रेस सरकार आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए एरियर व डीए के भुगतान को टाल रही है। हिमाचल सचिवालय के कर्मचारियों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुक्खू कैबिनेट में मंत्री राजेश धर्माणी पर तीखा हमला बोला। सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा, धर्माणी मंत्री बनने के लायक ही नहीं थे। तभी पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने 2012 में उन्हें मंत्री नहीं बनाया था। संजीव ने कहा, उन्हें CM सुक्खू पर तरस आ रहा है। पता नहीं CM ने किसके दबाव में धर्माणी को मंत्री बनाया होगा। उन्होंने राजेश धर्माणी को माफी मांगने या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी। दरअसल, राजेश धर्माणी ने पिछले कल कहा था कि कर्मचारी अनाप-शनाप बयानबाजी न करें। उन्हें जो मिल रहा है, वो भी नहीं मिलेगा। इससे कर्मचारी भड़क उठे हैं। संजीव शर्मा ने कहा, मंगलवार तक कर्मचारियों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया तो उस दिन से कर्मचारी काले बिले लगाकर काम करेंगे। काले बिले लगाकर काम करेंगे कर्मचारी विधानसभा कर्मचारी भी मानसून सत्र के दौरान काले बिले लगाकर काम करेंगे। उन्होंने कहा, विधानसभा के मानसून सत्र को देखते हुए अभी आंदोलन उग्र नहीं होगा। 10 सितंबर के बाद आंदोलन को उग्र किया जाएगा। बीते बुधवार को भी बड़ी संख्या में सचिवालय कर्मचारी प्रदर्शन कर चुके हैं। आज दोबारा सैंकड़ों की तादाद में कर्मचारियों ने सचिवालय के बाहर धरना दिया। सचिवालय कर्मचारियों को दूसरे कर्मचारी संगठनों, पेंशनर और बेरोजगारों का भी साथ मिल रहा है। कर्मचारी महंगाई भत्ता (DA) और नए वेतनमान का एरियर नहीं मिलने से नाराज है। एक-एक कर सभी मंत्रियों की पोल खोलेंगे संजीव शर्मा ने कहा, आने वाले दिनों में सरकार के एक-एक मंत्रियों की पोल खोली जाएगी। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि सरकार बात-बात पर पैसे की कमी का रोना रो रही है और मंत्रियों की खुद मौज लगी हुई है। दोनों हाथ से प्रदेश को लूट रहे हैं। शिमला, दिल्ली, धर्मशाला, चंडीगढ़ जगह जगह OSD और दूसरी नियुक्तियां करके सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है। मुफ्त कॉलिंग के जमाने में 20 हजार मोबाइल भत्ता क्यों: संजीव संजीव ने कहा, आज 500 रुपए में अन-लिमिटेड कॉलिंग मिलती है। मगर इन्हें 20 हजार रुपए मोबाइल भत्ता मिलता है। हजारों रुपए सत्कार भत्ता दिया जाता है। इनके दफ्तरों में जाए तो चाय तक नहीं पिलाई जाती। उन्होंने कहा, दफ्तरों की रैनोवेशन और फर्नीचर पर करोड़ों रुपए फूंके जा रहे हैं और जब कर्मचारी अपना अधिकार मांगते है तो बजट की कमी का बहाना बनाया जाता है। IPS की पत्नी दिल्ली में एस्कोर्ट में घूम रही: संजीव संजीव शर्मा ने कहा, दिल्ली में एक एस्कोर्ट गाड़ी है। जो मुख्यमंत्री और राज्यपाल के दिल्ली जाने पर इस्तेमाल होती है। मगर आम दिनों में एक IPS की पत्नी इस गाड़ी का इस्तेमाल कर हजारों रुपए का तेल फूंक रही हैं। मगर सुक्खू सरकार आईपीएस अफसर पर कार्रवाई नहीं कर रही। मंत्रियों ने कई-कई कोठियों पर कर रखा कब्जा संजीव ने कहा, शिमला में मंत्रियों ने कई कई सरकारी कोठियों पर कब्जा कर रखा है। एक मंत्री का नाम लिए बगैर संजीव शर्मा ने कहा, मंत्री साहब खुद भराड़ी में अपने घर में रहते हैं। उन्होंने एक मंत्री की कोठी के अलावा मेट्रोपोल में भी सरकारी मकान पर कब्जा कर रखा है। विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के बावजूद खाली नहीं किया जा रहा है। 114 करोड़ रुपए बजट लैप्स: संजीव संजीव शर्मा ने कहा, सरकार बजट की कमी का रोना रो रही है और ब्यूरोक्रेट की आपसी लड़ाई से 114 करोड़ रुपए का बजट लैप्स हो गया। पूर्व जयराम सरकार भी नहीं दिया एरियर बता दें कि सरकार के पास कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपए बकाया है। मगर आर्थिक तंगहाली झेल रही सरकार इसका भुगतान नहीं कर पा रही। पूर्व जय राम सरकार ने भी 2021-22 में अपने सभी कर्मचारी और पेंशनर को एक जनवरी 2016 से नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए, लेकिन एरियर का भुगतान नहीं किया। लिहाजा कर्मचारी स्वतंत्रता दिवस पर एरियर व DA मिलने की आस लगाए बैठे थे। मगर सीएम सुक्खू ने केवल 75 साल से अधिक आयु वर्ग के पेंशनर का ही एकमुश्त एरियर देने का ऐलान किया है। इससे दूसरे कर्मचारी भड़क उठे हैं। मगर कांग्रेस सरकार आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए एरियर व डीए के भुगतान को टाल रही है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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इसी कारण हर साल बड़ी संख्या में यह पक्षी आसन झील का रूख करते हैं। अभी तो प्रवासी परिंदों का यहां पहुंचना जारी है। यह प्रवासी परिंदे हर साल आते हैं। यहां पर हर साल 61 प्रजातियों के परिंदे आते हैं और इस बार भी करीब 6000 परिदें हजारों मील दूर से यहां पहुंचने की उम्मीद है। यह प्रवासी परिदें नवंबर में सर्दी शुरू होते ही यहां पहुंचना शुरू करते है। जबकि मार्च में गर्मी आने से पहले ही यह प्रवासी परिदें आसन वेटलैंड को छोड़कर अपनी धरती की ओर रवाना हो जाते हैं। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस बार विदेशी परिंदों की प्रजातियों की संख्या अभी कम है। दिसंबर तक पहुंच सकते हैं 4 हजार से अधिक विदेशी पक्षी
यहां पर हर साल विदेशों से पहुंचने वाले मेहमानों में शेलडक, पिनटेल्स, रूडी, यूरेषियन, शावलर, रेड ग्रेस्टर, पोचार्ड, डक, टफ्ड, स्पाट बिल, मोरगेन, टील, डकएकामन व पांड आदि पक्षी पहुंचते है। विभाग के मुताबिक दिसंबर तक 4 हजार से अधिक विदेशी पक्षी यहां पहुंच सकते है। जबकि फरवरी आते आते इनकी संख्या 6 हजार से ज्यादा हो जाती है। 440.44 हेक्टेयर पर फैला है वेटलैंड कंजर्वेशन
इस आसन रिर्जव कंजर्वेशन को वर्ष 2005 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने राष्ट्र को समर्पित किया था। यह कंजर्वेशन भारत का पहला वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व है। यह 440.44 हेक्टेयर पर फैला हुआ है। यहां पर हर साल सर्दियों में विदेशी परिदें 2000 किमी से भी अधिक की दूरी तय कर पहुंचते हैं। जिन ठंडे देशों से यह परिंदे पहुंचते हैं वहां पर सर्दियों मे झीलें जम जाती है। अक्तूबर से मार्च तक आसन झील ही इन परिदों का आशियाना होता है। मीलों दूर का सफर तय करने के बाद पांवटा समीप आसन बैराज में पहुंचे परिदों से इन दिनों आसन झील गुलजार हो गई है।
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सूचना के अनुसार नव नियुक्त विशेष सचिव विधि गुरमीत कौर ने 2005 में न्यायिक सेवाओं में सफर की शुरुआत मंडी में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) मंडी से हुई। उसके बाद इन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों में विभिन्न पदों पर सेवाएं दी। मई 2024 से वह AD SJ FTSC के पद पर सेवाएं दे रही थी। प्रदेश सरकार ने उन्हें अब विशेष सचिव विधि विभाग लगा दिया है। बुधवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है।