हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी नौणी में कुलपति की नियुक्ति के बिल पर अपनी तल्ख प्रतिक्रिया दी है। राज्यपाल ने विश्व विद्यालय में वीसी की नियुक्ति के संबंध में राज्यपाल की शक्तियां को कम करने से संबंधित मीडिया के सवाल के जवाब में शुक्ल ने कहा कि सरकार का यह बयान ठीक नही है। राज्यपाल ने कहा कि अभी बिल उनके पास नहीं आया है। जब बिल आ जाएगा तो देखा जाएगा। सरकार ने उसमें क्या पास किया है। यह देखा जाएगा। राज्यपाल ने कहा, सरकार का वह बयान ठीक नहीं है, जिसमें कहा गया कि सरकार पैसा देती है। राज्यपाल ने अपनी प्रतिक्रिया में आगे कहा कि सरकार यूनिवर्सिटी को पैसा देती है तो वह प्राइवेट संस्था नहीं है। वह हिमाचल की सार्वजनिक संस्था है। सार्वजनिक हित के लिए सरकारों को अपनी कुर्बानी देनी चाहिए न कि सार्वजनिक हित को हड़पना चाहिए। कांग्रेस सरकार ने मानसून सत्र में पास किया VC नियुक्ति का विधेयक बता दें, बीते 5 सितंबर को मानसून सत्र में कृषि विवि पालमपुर और बागवानी विवि नौणी में कुलपति की नियुक्ति सरकार की सलाह और सहायता से ही करने का विधेयक विधानसभा के मानसून सत्र में पारित किया गया। संशोधित विधेयक में प्रबंधन बोर्ड का भी गठन करने का प्रावधान किया गया। संशोधित विधेयक का विपक्ष ने सदन में खूब विरोध किया और राज्यपाल की शक्तियों का हनन बताया गया। विपक्ष के विरोध के बीच सत्ता पक्ष ने ध्वनि मत से इस विधेयक को पारित किया। सरकार के अनुसार कुलपति की नियुक्ति में सरकार की सलाह आवश्यक होती है। पहले भी दो बार संशोधित विधेयक राजभवन को भेजा जा चुका कृषि और बागवानी विवि में नियुक्तियां सही तरीके से नहीं हो रही। इससे पहले सरकार की ओर से राजभवन को 2 विधेयक भेजे गए थे। दोनों बार इन पर आपत्तियां लगाई गई। दोनों बार सरकार ने अपना पक्ष रखा। जब पता किया गया तो मालूम पड़ा कि विधेयक राष्ट्रपति को भेजे गए हैं। राजस्व मंत्री के बयान पर जता चुके आपत्ति इससे पहले राज्यपाल शुक्ल राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के उस बयान पर भी आपत्ति जता चुके हैं जिसमें नेगी ने कहा था किन्नौर में भारत की सीमा में चीन के ड्रोन उड़ रहे हैं। इससे स्थानीय लोग दहशत में है। हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी नौणी में कुलपति की नियुक्ति के बिल पर अपनी तल्ख प्रतिक्रिया दी है। राज्यपाल ने विश्व विद्यालय में वीसी की नियुक्ति के संबंध में राज्यपाल की शक्तियां को कम करने से संबंधित मीडिया के सवाल के जवाब में शुक्ल ने कहा कि सरकार का यह बयान ठीक नही है। राज्यपाल ने कहा कि अभी बिल उनके पास नहीं आया है। जब बिल आ जाएगा तो देखा जाएगा। सरकार ने उसमें क्या पास किया है। यह देखा जाएगा। राज्यपाल ने कहा, सरकार का वह बयान ठीक नहीं है, जिसमें कहा गया कि सरकार पैसा देती है। राज्यपाल ने अपनी प्रतिक्रिया में आगे कहा कि सरकार यूनिवर्सिटी को पैसा देती है तो वह प्राइवेट संस्था नहीं है। वह हिमाचल की सार्वजनिक संस्था है। सार्वजनिक हित के लिए सरकारों को अपनी कुर्बानी देनी चाहिए न कि सार्वजनिक हित को हड़पना चाहिए। कांग्रेस सरकार ने मानसून सत्र में पास किया VC नियुक्ति का विधेयक बता दें, बीते 5 सितंबर को मानसून सत्र में कृषि विवि पालमपुर और बागवानी विवि नौणी में कुलपति की नियुक्ति सरकार की सलाह और सहायता से ही करने का विधेयक विधानसभा के मानसून सत्र में पारित किया गया। संशोधित विधेयक में प्रबंधन बोर्ड का भी गठन करने का प्रावधान किया गया। संशोधित विधेयक का विपक्ष ने सदन में खूब विरोध किया और राज्यपाल की शक्तियों का हनन बताया गया। विपक्ष के विरोध के बीच सत्ता पक्ष ने ध्वनि मत से इस विधेयक को पारित किया। सरकार के अनुसार कुलपति की नियुक्ति में सरकार की सलाह आवश्यक होती है। पहले भी दो बार संशोधित विधेयक राजभवन को भेजा जा चुका कृषि और बागवानी विवि में नियुक्तियां सही तरीके से नहीं हो रही। इससे पहले सरकार की ओर से राजभवन को 2 विधेयक भेजे गए थे। दोनों बार इन पर आपत्तियां लगाई गई। दोनों बार सरकार ने अपना पक्ष रखा। जब पता किया गया तो मालूम पड़ा कि विधेयक राष्ट्रपति को भेजे गए हैं। राजस्व मंत्री के बयान पर जता चुके आपत्ति इससे पहले राज्यपाल शुक्ल राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के उस बयान पर भी आपत्ति जता चुके हैं जिसमें नेगी ने कहा था किन्नौर में भारत की सीमा में चीन के ड्रोन उड़ रहे हैं। इससे स्थानीय लोग दहशत में है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 2 IAS को दिल्ली में तैनाती:मनीष गर्ग डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर, अमनदीप एडिशनल सेक्रेटरी केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन नियुक्त केंद्रीय कैबिनेट कमेटी (ACC) ने हिमाचल कैडर के 2 सीनियर IAS की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। ACC की हरी झंडी के बाद हिमाचल के साल 1996 बैच के मनीष गर्ग और वर्ष 1999 बैच के अमनदीप गर्ग अब केंद्र में सेवाएं देंगे। प्रदेश में दोनों अधिकारी प्रिंसिपल सेक्रेटरी रेंक के हैं। हिमाचल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग की तैनाती केंद्रीय चुनाव आयोग में डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर के तौर पर हुई है। उन्हें वेतन एडिशनल सेक्रेटरी रेंक का मिलेगा। स्टेट में वन, कार्मिक और PWD महकमा देख रहे अमनदीप गर्ग को एडिश्नल सेक्रेटरी केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में तैनाती दी गई है। प्रदेश सरकार द्वारा रिलीव करने के बाद दोनों दिल्ली में सेवाएं देंगे। हिमाचल सरकार की बढ़ेगी मुश्किलें इनके दिल्ली जाने से सुक्खू सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली है, क्योंकि हिमाचल सरकार सीनियर IAS की कमी से जूझ रही है। प्रदेश के नौकरशाह एक-एक कर दिल्ली जा रहे हैं। कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद लगभग 20 महीने में ही 7 आईएएस प्रदेश छोड़कर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं। ACC ने 2 अन्य IAS को तैनाती दे दी है। 5 अन्य शैनोमोल, रोहन चंद ठाकुर, मानसी सहाय, प्रियतु मंडल और अरिंदम चौधरी ने सेंटर डेपुटेशन पर जाने की राज्य सरकार से अनुमति मांग रखी है। मनीष गर्ग और अमनदीप गर्ग के दिल्ली जाने के बाद प्रदेश में जल्द बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा। 17 IAS पहले ही दिल्ली समेत दूसरे प्रदेशों में हिमाचल कैडर के वरिष्ठ आईएएस अली रजा रिजवी, के. संजय मूर्ति, केके पंत, अनुराधा ठाकुर, भरत खेड़ा, डॉ. रजनीश, शुभाशीष पांडा, पुष्पेंद्र राजपूत, आर. सेलवम, रितेश चौहान, ऋगवेद ठाकुर, ललित जैन, देवश्वेता बनिक और पंकज राय सेंटर डेपुटेशन पर हैं। नंदिता गुप्ता और मीरा मोहंती भी इन दिनों दिल्ली में तैनात हैं। बीते माह ही 2014 बैच के आईएएस आशुतोष गर्ग को केंद्रीय कार्मिक विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का निजी सचिव नियुक्त किया है। IAS की सेंक्शन स्ट्रेंथ 153 हिमाचल में IAS की सेंक्शन-स्ट्रेंथ 153 की है। अभी 111 राज्य में सेवाएं दे रहे हैं। 2 IAS के जाने के बाद यह 109 रह जाएगी। इससे अफसरशाही का संकट और गहरा जाएगा। सीनियोरिटी में टॉप-10 ब्यूरोक्रेट्स में से 4 प्रदेश से बाहर चिंता इस बात की है कि सीनियोरिटी में टॉप-10 IAS में से 4 प्रदेश से बाहर हैं। सीनियोरिटी में तीसरे नंबर के IAS अली रजा रिजवी, 5वें नंबर पर के. संजय मूर्ति, 7वें नंबर से केके पंत और 8वें नंबर की अनुराधा ठाकुर भी प्रदेश से बाहर सेवाएं दे रही हैं।