हिमाचल प्रदेश में अगले तीन दिन तक मौसम साफ रहेगा। 10 जनवरी तक बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 11 जनवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) फिर से सक्रिय हो रहा है। इससे अगले 48 घंटे तक पहाड़ों पर बारिश बर्फबारी होगी। मगर यह ज्यादा स्ट्रांग नहीं है। WD एक्टिव होने से 11 जनवरी को प्रदेश के ज्यादातर भागों में मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है, जबकि 12 दिसंबर को मैदानी इलाकों में साफ और अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही बारिश बर्फबारी हो सकती है। 4 जिलों में घने कोहरे का अलर्ट इस बीच IMD ने 4 जिले ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा और मंडी में घना कोहरा छाने का येलो अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की है, क्योंकि धुंध की वजह से विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर सकती है। यह अलर्ट अगले तीन दिन के लिए जारी किया गया है। धर्मशाला का तापमान नॉर्मल से 5.6 डिग्री ज्यादा हुआ वहीं मौसम साफ होने के बाद तापमान में उछाल आ रहा है। प्रदेश का औसत अधिकतम पारा सामान्य से 2.5 डिग्री ज्यादा हो गया है। कई शहर ऐसे भी जहां सामान्य से 6 डिग्री तक ज्यादा तापमान हो गया है। धर्मशाला के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 5.6 डिग्री के उछाल के बाद 22.0 सेल्सियस पारा पहुंच गया है। ऊना के तापमान में भी 4.4 डिग्री का उछाल आने के बाद यहां का पारा 22.8 डिग्री हो गया है। कांगड़ा का तापमान में भी सामान्य से 5 डिग्री के उछाल के साथ 21 डिग्री हो गया है। हिमाचल प्रदेश में अगले तीन दिन तक मौसम साफ रहेगा। 10 जनवरी तक बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 11 जनवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) फिर से सक्रिय हो रहा है। इससे अगले 48 घंटे तक पहाड़ों पर बारिश बर्फबारी होगी। मगर यह ज्यादा स्ट्रांग नहीं है। WD एक्टिव होने से 11 जनवरी को प्रदेश के ज्यादातर भागों में मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है, जबकि 12 दिसंबर को मैदानी इलाकों में साफ और अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही बारिश बर्फबारी हो सकती है। 4 जिलों में घने कोहरे का अलर्ट इस बीच IMD ने 4 जिले ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा और मंडी में घना कोहरा छाने का येलो अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की है, क्योंकि धुंध की वजह से विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर सकती है। यह अलर्ट अगले तीन दिन के लिए जारी किया गया है। धर्मशाला का तापमान नॉर्मल से 5.6 डिग्री ज्यादा हुआ वहीं मौसम साफ होने के बाद तापमान में उछाल आ रहा है। प्रदेश का औसत अधिकतम पारा सामान्य से 2.5 डिग्री ज्यादा हो गया है। कई शहर ऐसे भी जहां सामान्य से 6 डिग्री तक ज्यादा तापमान हो गया है। धर्मशाला के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 5.6 डिग्री के उछाल के बाद 22.0 सेल्सियस पारा पहुंच गया है। ऊना के तापमान में भी 4.4 डिग्री का उछाल आने के बाद यहां का पारा 22.8 डिग्री हो गया है। कांगड़ा का तापमान में भी सामान्य से 5 डिग्री के उछाल के साथ 21 डिग्री हो गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 600 पटवार-कानूनगो दफ्तर पर लटक सकते है ताले:महासंघ का फैसला; एसडीएम-तहसीलदार को सौंपेंगे ऑफिस की चाबी, ऑनलाइन काम 10 दिन से बंद
हिमाचल के 600 पटवार-कानूनगो दफ्तर पर लटक सकते है ताले:महासंघ का फैसला; एसडीएम-तहसीलदार को सौंपेंगे ऑफिस की चाबी, ऑनलाइन काम 10 दिन से बंद हिमाचल प्रदेश के लगभग 600 पटवार सर्कल और कानूनगो दफ्तर में कल से ताले लटक सकते हैं। पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने जाने से नाराज हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने इसका ऐलान कर दिया है। महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि स्टेट कॉडर बनाने के फैसले से सरकार पीछे नहीं हटती है तो 25 जुलाई से एडिशनल पटवार और कानूनगो सर्कल का काम देखना बंद करेंगे। ऐसा हुआ तो प्रदेश के लोगों को इससे परेशानी झेलनी पड़ेगी। प्रदेश में पहले 10 दिन से ऑनलाइन सेवाएं इनकी हड़ताल की वजह से बंद पड़ी है। स्टेट कॉडर बनाए जाने से नाराज पटवारी कानून ने बीते 15 जुलाई से ही ऑनलाइन काम करने बंद कर दिए है। इससे लोग परेशान है। लेकिन अब तक सरकार ने महासंघ को वार्ता के लिए भी नहीं बुलाया। इससे नाराज महासंघ ने कल से एडिशनल काम बंद करने का ऐलान कर दिया है। शिमला कानूनगो-पटवारी महासंघ शिमला के अध्यक्ष चमन ठाकुर ने बताया कि कल कानूनगो-पटवारी एडिशनल चार्ज वाले दफ्तरों की कल संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को चाबी सौंप देंगे। किस वजह से हड़ताल कर रहे कानूनगो-पटवारी दरअसल, 12 जुलाई की कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का फैसला लिया था। अभी पटवारी और कानूनगो दोनों ही जिला कॉडर है। कैबिनेट द्वारा इन्हें स्टेट कॉडर बनाए जाने के फैसले लिया है। इस पर महासघ भड़क गया है। कैबिनेट के फैसले के बाद पटवारी कानूनगो सभी ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से भी एग्जिट कर चुके है। ये काम 10 दिन से प्रभावित बोनोफाइड सर्टिफकेट, करेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, कास्ट सर्टिफिकेट, एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट, अन-इम्पलायमेंट सर्टिफिकेट, लैंड होल्डिंग सर्टिफिकेट, PM किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए हैं। स्टेट कॉडर से प्रभावित होगी सीनियोरिटी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि पटवारी और कानूनगों की भर्ती जिला कॉडर के हिसाब से हुई है। अब उन्हें अचानक स्टेट कॉडर बना देने से सीनियोरिटी प्रभावित होगी। इससे प्रमोशन में देरी होगी और स्टेट कॉडर में मर्ज होने से सीनियोरिटी में पीछे जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि पटवारी कानून को इसलिए जिला कॉडर में रखा गया, क्योंकि अपने जिला में उन्हें लोकल बोल चाल और एरिया के बारे में जानकारी होती है। यदि उन्हें दूसरे जिला में ट्रांसफर जाता है तो इससे उन्हें बोल चाल और एरिया समझने में वक्त लगेगा। इससे काम में एफिशिएंसी नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि भर्ती एवं पदोन्नति नियम के हिसाब से उन्हें जिला कॉडर में रखा जाए।
हिमाचल में विश्व हिंदू परिषद का बाजार बंद का आवाहन:संजौली से भड़की चिंगारी दूसरे शहरों को चपेट में ले रही; सुन्नी में भी प्रदर्शन
हिमाचल में विश्व हिंदू परिषद का बाजार बंद का आवाहन:संजौली से भड़की चिंगारी दूसरे शहरों को चपेट में ले रही; सुन्नी में भी प्रदर्शन हिमाचल की राजधानी संजौली से मस्जिद के खिलाफ भड़की चिंगारी धीरे-धीरे सभी शहरों में सुलग रही है। शिमला और मंडी के बाद हिंदू संगठनों ने आज सुन्नी में भी प्रदर्शन की चेतावनी दी है। यहां भी काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। वहीं विश्व हिंदू परिषद ने संजौली में 3 दिन पहले हुए लाठीचार्ज के विरोध में प्रदेशभर में 2 घंटे दुकानें बंद रखने का आवाहन किया है। शिमला व्यापार मंडल के उप प्रधान राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि राजधानी के बाजार आज खुले रहेंगे, क्योंकि शिमला के व्यापारी बीते गुरुवार को 3 घंटे तक दुकानें बंद रख चुके हैं। वहीं मंडी व्यापार मंडल ने आज दो घंटे तक दुकानें बंद रखने का ऐलान किया है। प्रदेश के अन्य शहरों में भी कुछ व्यापार मंडल इस बंद का समर्थन कर सकते हैं। इससे लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ सकती है। इस दौरान दैनिक उपभोग की वस्तुओं समेत दवाइयों के लिए भी उन्हें दुकानें खुलने का इंतजार करना पड़ सकता है। मंडी बाजार 9 से 11 बजे तक रहेगा बंद मंडी के व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेश महेंद्रू और महासचिव प्रशांत बहल ने कहा, आज सुबह 9 से 11 बजे तक बाजार बंद रहेगी। उन्होंने कहा, वह लोग मस्जिद और किसी समुदाय के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जेल रोड़ में नियमों को दर किनार कर मस्जिद का जिस तरह से अवैध निर्माण किया गया, वह सही नहीं है। इस तरह के संवेदनशील मुद्दों को समय पर सुलझाया जाना चाहिए। शिमला से सुलगी चिंगारी बता दें कि शिमला के संजौली में बीते 1 सितंबर को पहली बार मस्जिद के खिलाफ और अवैध ढांचे को गिराने के लिए प्रदर्शन किया। 5 सितंबर को दोबारा संजौली और चौड़ा मैदान में प्रदर्शन किया गया। इसी दिन शाम के वक्त शिमला के कसुम्पटी में भी स्थानीय लोगों ने मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया। बीते बुधवार को शिमला में हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन किया। पुलिस को इस दौरान हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। हालांकि वीरवार को संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद हामी भरी की यदि कोर्ट मस्जिद को तोड़ने के आदेश देता है तो वह खुद इसे तोड़ देंगे और जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक मस्जिद की तीन मंजिल को सील किया जाए। इसके बाद शिमला में विवाद शांत हो गया। शिमला के बाद मंडी में प्रदर्शन मगर शिमला से विरोध से चिंगारी दूसरे शहरों में तेजी से फैल रही है। इसका असर यह हुआ कि बीते कल मंडी में भी हिंदू संगठनों ने उग्र प्रदर्शन किया और मस्जिद को तोड़ने की मांग की। हालांकि नगर निगम आयुक्त ने प्रदर्शन से पहले ही मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के आदेश दे दिए थे। अब मस्जिदों के विरोध में कही बाजार बंद रखे जा रहे हैं तो कहीं लोग सड़कों पर उतर कर मस्जिदों को तोड़ने की मांग कर रहे हैं।
हिमाचल में कर्मचारियों ने 17 सितंबर को बुलाई गेट मीटिंग:DA-एरियर पर फिर खोलेंगे मोर्चा; प्रिविलेज मोशन को लेकर सरकार से नाराज
हिमाचल में कर्मचारियों ने 17 सितंबर को बुलाई गेट मीटिंग:DA-एरियर पर फिर खोलेंगे मोर्चा; प्रिविलेज मोशन को लेकर सरकार से नाराज हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। विधानसभा सत्र से पहले DA और एरियर की मांग को लेकर मोर्चा खोल कर बैठे सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ ने एक बार फिर 17 सितंबर को गेट मीटिंग का ऐलान कर दिया है। सरकार कर्मचारी नेताओं के खिलाफ सख्ती में नजर आ रही है। वहीं कर्मचारियों ने भी फिर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। प्रिविलेज मोशन से डरने वाले नहीं कर्मचारी नेता
सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि महासंघ ने तय किया है कि कर्मचारियों के मुद्दों पर 17 सितंबर को गेट मीटिंग होगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान सचिवालय कर्मचारियों ने अपना काम पूरी निष्ठा से किया। लेकिन इसका इनाम उन्हें प्रिविलेज मोशन के रूप में दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार चुने हुए कर्मचारी नेताओं के खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाया गया। उन्होंने कहा कि प्रिविलेज मोशन आया है, लेकिन इससे वह डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि न तो विधानसभा में विघ्न डाला न ही विधानसभा में किसी को गाली दी, फिर भी प्रिविलेज मोशन लाया गया। कर्मचारियों ने पूर्व में फूंके है सीएम के पुतले, किसी ने नहीं लाया प्रिविलेज मोशन प्रदेश में पहले भी कर्मचारियों ने प्रदर्शन किए है और प्रदर्शन ही नही कर्मचारियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्रियों के पुतले तक फूंके है. उनका घेराव घेराव तक किया है मगर फिर भी कभी किसी मुख्यमंत्री ने कर्मचारी नेताओं के खिलाफ प्रिविलेज पोस्ट मोशन हीं लाया. उन्होंने कहा कि यह सरकार कर्मचारियों की बदौलत बनी है, मगर कर्मचारियों की गेट मीटिंग पर मेमो लाया गया. कर्मचारी सरकार के परिवार के लोग वार्ता के लिए तैयार उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार के परिवार के लोग हैं। उन्होंने वार्ता का रास्ता खुला रखा है। प्रदेश सरकार वार्ता के लिए बुलाती है, तो कर्मचारी वार्ता के लिए तैयार हैं। मगर सरकार ने अभी तक बात नहीं सुनी। ऐसे में महासंघ ने तय किया है कि 17 सितंबर को गेट मीटिंग की जाएगी। इसके बाद आगे की रणनीति तय होगी। संजीव शर्मा ने कहा कि सार्वजनिक अवकाश का भी एक रास्ता है, लेकिन वो नहीं चाहते नोबत यहां तक आए। क्या है कर्मचारियों का मामला? बता दें कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारियों की DA की तीन किश्त पेंडिंग है और चौथी देने को हो गयी है। ऐसे में लंबित DA एरियर की मांग को लेकर कर्मचारियों ने विधानसभा मानसून सत्र से पहले प्रदेश सरकार के खिलाफ विशाल गेट मीटिंग की। जिसमें सरकार व कर्मचारियों के बीच गतिरोध शुरू हुआ था जो टूटने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार ने विधानसभा में कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस लाए है। सरकार सख्ती में नजर आ रही और कर्मचारी एक बार फिर मोर्चा खोलने की तैयारी में है।