हिमाचल की मंडी सीट से सांसद कंगना रनोट को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर सुरक्षा कर्मी द्वारा थप्पड़ कांड़ के बाद हिमाचल और पंजाब के लोगों में मारपीट की घटनाओं में इजाफा हुआ है। ताजा मामला मनाली का है। इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसके मुताबिक मनाली में शनिवार आधी रात पंजाब और मनाली के टैक्सी चालकों में मारपीट हुई। एक वीडियो में पंजाब के कुछ टैक्सी चालक मनाली के ड्राइवर की पिटाई करते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरे वीडियो में पंजाब के टैक्सी ऑपरेटर के साथ मारपीट और गाड़ी में तोड़फोड़ नजर आ रही है। इसे लेकर जब SP कुल्लू गोकुलचंद कार्तिकेन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मारपीट के मामले में दोनों पक्षों में समझौता हो गया था। दोनों पक्षों में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। इन विवाद को भी कंगना से जोड़ने का प्रयास.. चंबा में एनआरआई दंपत्ति की पिटाई मनाली में मारपीट की घटना से पहले चंबा के खजियार में जून के दूसरे सप्ताह में एनआरआई दंपत्ति के साथ मारपीट का मामला सामने आया। इस विवाद को सोशल मीडिया पर कंगना के थप्पड़ कांड से जोड़ने का प्रयास किया गया। हिमाचल पुलिस के अनुसार, NRI दंपती कंवलजीत सिंह, उनकी स्पेनिश पत्नी और उनके भाई जीवनजीत सिंह हस्तरेखा शास्त्र का अभ्यास करने के बहाने महिला पर्यटकों और स्थानीय महिलाओं का जबरन हाथ पकड़ रहे थे। इस दौरान NRI दंपती की वहां मौजूद पर्यटकों और स्थानीय लोगों के साथ कहासुनी हो गई। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और NRI दंपती को सुल्तानपुर पुलिस चौकी ले आए। इस मामले में दंपती और जीवनजीत सिंह ने कोई भी कानूनी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया और स्थानीय पुलिस के अनुरोध करने के बावजूद मेडिकल करवाने को मुकर गए। मगर पंजाब लौटने पर उन्होंने हिमाचल पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। खजियार में चंडीगढ़ के ASI से विवाद चंबा के ही खजियार में चंडीगढ़ पुलिस के एक ASI ने भी हिमाचल पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। हिमाचल पुलिस के अनुसार, ASI ने बीच सड़क पर गाड़ी पार्क कर दी थी। जब उसे गाड़ी हटाने को बोला गया तो लोकल पुलिस से बहसबाजी पर उतर गया। ASI ने चंडीगढ़ लौटने के बाद हिमाचल पुलिस पर सवाल उठाए। नूरपूर में पंजाब के लोगों ने तोड़ी गाड़ी, बदनाम हिमाचल को किया हिमाचल के ADG लॉ एंड ऑर्डर अभिषेक त्रिवेदी के अनुसार, बीते 18 जून की रात को कांगड़ा जिला के नूरपूर में पंजाब के दो लोगों ने पर्यटकों की गाड़ियों के शीशे तोड़े और आरोप हिमाचल पर लगाए गए। जब इसके सीसीटीवी फुटेज जांचे गए तो पता चला कि गाड़ी तोड़ने वाले दोनों आरोपी पंजाब के थे, जिन्होंने कमरा नहीं मिलने पर गाड़ियां तोड़ी थी। मैक्लोड़गंज में पर्यटकों की पिटाई कांगड़ा के मैक्लोड़गंज में भी बीते बुधवार रात पंजाब के पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच मारपीट हो गई थी। इस मामले में मैक्लोड़गंज पुलिस ने क्रास FIR दर्ज कर रखी है। मारपीट में पंजाब के एक पर्यटक की बाजू में चोट आई और उसे टांडा अस्पताल में भर्ती करवा गया है। वहीं होटल में काम करने वाले ठारू (शाहपुर) निवासी पुनीत राणा ने भी पुलिस में तारुष निवासी हाउस नंबर 501 गांव हुसैनपुर डाकघर कल्याणपुर लांबड़ा, जालंधर, सुमित, जसकरन, सौरभ व विरेंद्र निवासी जालंधर के खिलाफ मारपीट पर मामला दर्ज करवाया है। हिमाचल पुलिस इन सारे विवाद को कंगना रनोट थप्पड़ कांड से कनेक्शन से इनकार कर चुकी है। इस बीच पंजाब के भी कुछ पर्यटक सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर यहां तनावपूर्ण माहौल की खबरों का खंडन कर चुके हैं और पहले की तरह हिमाचल और पंजाब के अच्छे रिश्ते की बात कर रहे हैं। यही नहीं पंजाब में भी हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटरों की पिटाई के कुछ मामले सामने आए हैं। पर्यटन कारोबारी बोले- पर्यटकों को डरने की जरूरत नहीं मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने बताया कि पंजाब और हिमाचल के लोगों में मारपीट की कुछ घटनाएं सामने जरूर आई है। मगर दोनों राज्यों में किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। उन्होंने बताया कि ऐसा लग रहा है कि कुछ शरारती तत्व दोनों प्रदेश के आपसी भाईचारे को जानबूझकर बिगाड़ना चाह रहे हैं। यह सही नहीं है। उन्होंने पर्यटकों से भी अपील कि प्रदेश में ऐसा माहौल नहीं है, जैसा कुछ लोग सोशल मीडिया पर दिखाने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा, कंगना रनोट से भी मारपीट की इन घटनाओं को जोड़ना ठीक नहीं है। हिमाचल की मंडी सीट से सांसद कंगना रनोट को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर सुरक्षा कर्मी द्वारा थप्पड़ कांड़ के बाद हिमाचल और पंजाब के लोगों में मारपीट की घटनाओं में इजाफा हुआ है। ताजा मामला मनाली का है। इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसके मुताबिक मनाली में शनिवार आधी रात पंजाब और मनाली के टैक्सी चालकों में मारपीट हुई। एक वीडियो में पंजाब के कुछ टैक्सी चालक मनाली के ड्राइवर की पिटाई करते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरे वीडियो में पंजाब के टैक्सी ऑपरेटर के साथ मारपीट और गाड़ी में तोड़फोड़ नजर आ रही है। इसे लेकर जब SP कुल्लू गोकुलचंद कार्तिकेन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मारपीट के मामले में दोनों पक्षों में समझौता हो गया था। दोनों पक्षों में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। इन विवाद को भी कंगना से जोड़ने का प्रयास.. चंबा में एनआरआई दंपत्ति की पिटाई मनाली में मारपीट की घटना से पहले चंबा के खजियार में जून के दूसरे सप्ताह में एनआरआई दंपत्ति के साथ मारपीट का मामला सामने आया। इस विवाद को सोशल मीडिया पर कंगना के थप्पड़ कांड से जोड़ने का प्रयास किया गया। हिमाचल पुलिस के अनुसार, NRI दंपती कंवलजीत सिंह, उनकी स्पेनिश पत्नी और उनके भाई जीवनजीत सिंह हस्तरेखा शास्त्र का अभ्यास करने के बहाने महिला पर्यटकों और स्थानीय महिलाओं का जबरन हाथ पकड़ रहे थे। इस दौरान NRI दंपती की वहां मौजूद पर्यटकों और स्थानीय लोगों के साथ कहासुनी हो गई। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और NRI दंपती को सुल्तानपुर पुलिस चौकी ले आए। इस मामले में दंपती और जीवनजीत सिंह ने कोई भी कानूनी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया और स्थानीय पुलिस के अनुरोध करने के बावजूद मेडिकल करवाने को मुकर गए। मगर पंजाब लौटने पर उन्होंने हिमाचल पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। खजियार में चंडीगढ़ के ASI से विवाद चंबा के ही खजियार में चंडीगढ़ पुलिस के एक ASI ने भी हिमाचल पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। हिमाचल पुलिस के अनुसार, ASI ने बीच सड़क पर गाड़ी पार्क कर दी थी। जब उसे गाड़ी हटाने को बोला गया तो लोकल पुलिस से बहसबाजी पर उतर गया। ASI ने चंडीगढ़ लौटने के बाद हिमाचल पुलिस पर सवाल उठाए। नूरपूर में पंजाब के लोगों ने तोड़ी गाड़ी, बदनाम हिमाचल को किया हिमाचल के ADG लॉ एंड ऑर्डर अभिषेक त्रिवेदी के अनुसार, बीते 18 जून की रात को कांगड़ा जिला के नूरपूर में पंजाब के दो लोगों ने पर्यटकों की गाड़ियों के शीशे तोड़े और आरोप हिमाचल पर लगाए गए। जब इसके सीसीटीवी फुटेज जांचे गए तो पता चला कि गाड़ी तोड़ने वाले दोनों आरोपी पंजाब के थे, जिन्होंने कमरा नहीं मिलने पर गाड़ियां तोड़ी थी। मैक्लोड़गंज में पर्यटकों की पिटाई कांगड़ा के मैक्लोड़गंज में 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राज्यों में किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। उन्होंने बताया कि ऐसा लग रहा है कि कुछ शरारती तत्व दोनों प्रदेश के आपसी भाईचारे को जानबूझकर बिगाड़ना चाह रहे हैं। यह सही नहीं है। उन्होंने पर्यटकों से भी अपील कि प्रदेश में ऐसा माहौल नहीं है, जैसा कुछ लोग सोशल मीडिया पर दिखाने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा, कंगना रनोट से भी मारपीट की इन घटनाओं को जोड़ना ठीक नहीं है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल IG समेत 8 पुलिस अधिकारियों को सजा आज:गुड़िया रेप-मर्डर केस में युवक को उठाया; कस्टडी में टॉर्चर कर हत्या की हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित गुड़िया रेप-मर्डर केस में पुलिस कस्टडी में आरोपी की हत्या को लेकर 8 पुलिस अधिकारियों को चंडीगढ़ की CBI कोर्ट सजा सुनाएगी। कोर्ट ने 18 जनवरी को प्रदेश के IG जहूर एच जैदी समेत 8 अधिकारियों को दोषी करार दिया था। बाकी अधिकारियों में DSP मनोज जोशी, SI राजिंदर सिंह, ASI दीप चंद शर्मा, ऑनरेरी हेड कॉन्स्टेबल मोहन लाल और सूरत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल रफी मोहम्मद और कॉन्स्टेबल रानित सटेटा शामिल है। कोर्ट ने शिमला के तत्कालीन SP डीडब्ल्यू नेगी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। बता दें कि साल 2017 में शिमला जिला के कोटखाई में गुड़िया का रेप व मर्डर हुआ था। पुलिस ने आरोपी सूरज को हिरासत में लिया। वहां टॉर्चर किए जाने पर उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इसका आरोप दूसरे आरोपी राजू पर लगा दिया। हालांकि लॉकअप में सूरज की हत्या के बाद गुस्साई भीड़ ने कोटखाई पुलिस थाना फूंकने की कोशिश की। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यह केस CBI को सौंप दिया। CBI ने इस मामले में IG और SP शिमला समेत 9 पुलिस अधिकारियों व जवानों को गिरफ्तार किया था। गुड़िया रेप-मर्डर आरोपी की हत्या का पूरा मामला सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 16 साल की रेप के बाद हत्या, पुलिस ने 2 युवक हिरासत में लिए
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पुलिस हिरासत में मौत पर यहां लोगों ने प्रदर्शन किया। जिसके बाद सरकार ने जांच CBI को सौंप दी। CBI जांच में पता चला कि सूरज की मौत पूछताछ के दौरान पुलिस टॉर्चर से हुई। इसके आधार पर CBI ने IG जैदी सहित मामले से जुड़े 9 अन्य पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ हत्या की धारा 302, सबूत मिटाने की धाराओं सहित अन्य कई संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज किया। सूरज के शरीर पर 20 से ज्यादा चोट के निशान मिले थे। एम्स के डॉक्टरों के बोर्ड की रिपोर्ट में सूरज को यातना देने की पुष्टि हुई थी। बहाली के बाद फिर सस्पेंड हुए IG जैदी
2017 में ये केस शिमला की जिला अदालत से चंडीगढ़ CBI कोर्ट में ट्रांसफर हो गया। इसके बाद हिमाचल सरकार ने आरोपी पुलिस अधिकारी आईजी जैदी, एसपी डीडब्ल्यू नेगी और डीएसपी मनोज जोशी को अगस्त 2017 में गिरफ्तारी के बाद सस्पेंड कर दिया। करीब 2 साल 2 महीने बाद नवंबर 2019 में सरकार ने इन्हें नियमों के आधार पर बहाल कर दिया था। जहूर जैदी 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। जैदी 582 दिन तक शिमला के कंडा जेल में रहे। अप्रैल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी। जमानत के बाद भी उनके खिलाफ ट्रायल जारी रहा। जनवरी 2020 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने उन्हें फिर सस्पेंड कर दिया। उन पर गवाह को प्रभावित करने के आरोप लगे थे। 3 साल के निलंबन के बाद जनवरी 2023 में कांग्रेस सरकार ने उनकी सेवाएं बहाल कर दीं। सितंबर 2023 में उन्हें दोबारा मुख्यालय में तैनाती दी गई। दोषी करार पुलिस कर्मियों की नौकरी पर संकट
DSP मनोज जोशी मौजूदा समय में छठी आईआरबी कोलर में तैनात है। SI राजेंद्र सिंह एसडीआरएफ में सेवाएं दे रहा है। ASI दीपचंद शर्मा सेवानिवृत हो गया है। एचएचसी मोहन लाल, एचएचसी सूरत सिंह, हेड कांस्टेबल रफी मुहम्मद और कॉन्स्टेबल रनीत स्टेटा शिमला की पुलिस लाइन कैंथू में सेवारत हैं। गुड़िया हत्याकांड में नीलू को उम्रकैद
बहुचर्चित गुड़िया मामले में सत्र एवं जिला न्यायाधीश शिमला राजीव भारद्वाज की विशेष अदालत ने 18 जून 2021 को दोषी करार अनिल कुमार उर्फ नीलू को नाबालिग से रेप और हत्या की धाराओं के तहत आजीवन आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अप्रैल 2018 में सीबीआई ने चिरानी नीलू को गिरफ्तार किया था। 28 अप्रैल 2021 को शिमला की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था।
CPS केस में हाईकोर्ट के फैसले को SC में चुनौती:सरकार की दलील-आसाम से अलग हिमाचल का एक्ट; BJP ने दी कैविएट, एडमिशन पर फैसला जल्द
CPS केस में हाईकोर्ट के फैसले को SC में चुनौती:सरकार की दलील-आसाम से अलग हिमाचल का एक्ट; BJP ने दी कैविएट, एडमिशन पर फैसला जल्द हिमाचल सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव (CPS) मामले में हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट (SC) में चुनौती दे दी है। कांग्रेस सरकार के साथ साथ भारतीय जनता पार्टी ने भी SC का दरवाजा खटखटाया है। अब कांग्रेस सरकार की याचिका और बीजेपी की कैविएट एडमिशन को लेकर सर्वोच्च अदालत फैसला करेगी। जाहिर है कि CPS विवाद जो लगभग डेढ़ साल तक हिमाचल हाईकोर्ट में सुना गया। अब वो SC में सुना जाएगा। हाईकोर्ट ने हिमाचल संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) एक्ट, 2006 को रद्द करते हुए CPS की नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया। हाईकोर्ट ने तुरंत प्रभाव से इनकी सुख सुविधाएं वापस लेने के आदेश दिए है। अदालत के आदेशों के बाद राज्य सरकार ने भी इनसे गाड़ी, स्टाफ, दफ्तर जैसी सुविधाएं वापस ले ली है। इस बीच सरकार SC पहुंची है। राज्य सरकार की दलील- आसाम जैसा नहीं था हमारा CPS एक्ट राज्य सरकार ने दलील दी है कि हिमाचल हाईकोर्ट ने बिमलोंशू राय बनाम आसाम के केस को आधार बनाते हुए फैसला सुनाया है। जबकि हिमाचल और आसाम का CPS एक्ट अलग था। राज्य सरकार ने ये दलीलें अदालत में भी दी। मगर जजमेंट के वक्त उन दलीलों का ज्यादा ध्यान में नहीं रखा गया। इसी ग्राउंड पर सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। हिमाचल के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने कोर्ट का फैसला आते ही सुप्रीम कोर्ट जाने के संकेत दे दिए थे। मगर सीएम सुखविंदर सुक्खू कोर्ट का फैसले आने के 24 घंटे बाद भी मंत्रिमंडल में चर्चा के बाद सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लेने की बात करते रहे। BJP ने फाइल की कैविएट राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने CPS मामले में SC का दरवाजा खटखटाया है। भाजपा ने बीते गुरुवार को ही SC में कैविएट फाइल कर दी है, ताकि हिमाचल सरकार की एसएलपी स्वीकार करने से पहले बीजेपी भी सर्वोच्च अदालत में अपना पक्ष रख सके। बीजेपी ने इसे चौपाल के विधायक बलवीर वर्मा की ओर से फाइल किया है। सुक्खू ने इन्हें लगा रखा था CPS बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के 6 विधायकों अर्की से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, बैजनाथ से किशोरी लाल, रोहड़ू से एमएल ब्राक्टा, दून से राम कुमार चौधरी और पालमपुर से आशीष कुमार को CPS बनाया था। इन्होंने दी हाईकोर्ट में चुनौती कल्पना नाम की एक महिला के अलावा BJP के 11 विधायकों और पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने CPS की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में इनकी नियुक्तियां असंवैधानिक बताई गई। कोर्ट ने भी इनकी नियुक्ति को गैरकानूनी बताया और हिमाचल संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) एक्ट, 2006 को रद्द करने के आदेश दिए। विधायकों की सदस्यता पर संशय वहीं छह पूर्व सीपीएस की विधायकी समाप्त करवाने के लिए भाजपा के विधि विशेषज्ञ चर्चा कर रही है। भाजपा नेताओं का मानना है कि अब सीपीएस एक्ट में मिल रही प्रोटेक्शन भी समाप्त हो गई है।