हिमाचल प्रदेश में समोसे पर सियासत हावी है। भाजपा समोसे को लेकर सरकार पर हमलावर है। वहीं अब विपक्ष हमले पर सीपीएस संजय अवस्थी ने भी बड़ा पटलवार किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए एक भी मूद्दा नहीं है। दो सालों में सरकार के किसी भी नेता पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है। इसलिए विपक्ष सीएम का नाम एक ऐसे प्रकरण से जोड़ रहा है जिससे सीएम का कोई लेना देना नहीं है। विपक्ष ने समोसा पर राजनीति करके प्रदेश को शर्मसार किया है। संजय अवस्थी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं उन्हें दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारने चाहिए। सीपीएस ने पूर्व भाजपा सरकार के जनमंच कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व भाजपा सरकार जनमंच में 5 से 6 करोड़ के फुल्के खा गई । इंवेस्टरमीट पर 1900 करोड़ खर्च किए, लेकिन निवेश एक भी रुपए नहीं आया। उन्होंने कहा कि विभाग से जुड़े मसलों पर विभाग के अधिकारियों से बातचीत करनी चाइए। इस मामले में बेवजह सीएम का नाम जोड़कर भाजपा ने प्रदेश को शर्मसार करने का कार्य किया है। 5 साल मजबूती से चलेगी सरकार अवस्थी ने आगे कहा कि भाजपा नेता लगातार प्रदेश सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश की जनता को भ्रमित कर रहे हैं, लेकिन जनता उनके बहकावे में नहीं आने वाली है। उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू के नेतृत्व में सरकार प्रदेश को स्वाबलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की तरफ प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कई परिवर्तन किए हैं। आज हिमाचल आर्थिक मजबूती की तरफ बढ़ रहा है। राज्यसभा सांसद पर साधा निशाना वहीं, उन्होंने राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने अभी-अभी भगवा चोला पहना है। वह अपने को कांग्रेस का सलाहकार कहते रहे। उन्होंने कांग्रेस के नाम पर अपना वजूद बनाया और कांग्रेस को खोखला करने का काम कांग्रेस में रहकर किया। आज वह भारतीय जनता पार्टी में जाकर वहां पर भी वही कर रहे हैं। उनका यह बयान देना कि, मुख्यमंत्री की टिप्पणी करना हास्यप्रद है। अवस्थी ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के हैं वो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारते। क्या है समोसे का पूरा विवाद बता दें कि, 21 अक्टूबर को CID कार्यालय में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के लिए एक बड़े नामी होटल से समोसे और केक मंगवाए गए थे, लेकिन यह स्नैक्स मुख्यमंत्री को परोसने की बजाय किसी और को ही परोस दिए गए। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि CID ने इसकी जांच भी की और कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए गए। हिमाचल प्रदेश में समोसे पर सियासत हावी है। भाजपा समोसे को लेकर सरकार पर हमलावर है। वहीं अब विपक्ष हमले पर सीपीएस संजय अवस्थी ने भी बड़ा पटलवार किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए एक भी मूद्दा नहीं है। दो सालों में सरकार के किसी भी नेता पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है। इसलिए विपक्ष सीएम का नाम एक ऐसे प्रकरण से जोड़ रहा है जिससे सीएम का कोई लेना देना नहीं है। विपक्ष ने समोसा पर राजनीति करके प्रदेश को शर्मसार किया है। संजय अवस्थी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं उन्हें दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारने चाहिए। सीपीएस ने पूर्व भाजपा सरकार के जनमंच कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व भाजपा सरकार जनमंच में 5 से 6 करोड़ के फुल्के खा गई । इंवेस्टरमीट पर 1900 करोड़ खर्च किए, लेकिन निवेश एक भी रुपए नहीं आया। उन्होंने कहा कि विभाग से जुड़े मसलों पर विभाग के अधिकारियों से बातचीत करनी चाइए। इस मामले में बेवजह सीएम का नाम जोड़कर भाजपा ने प्रदेश को शर्मसार करने का कार्य किया है। 5 साल मजबूती से चलेगी सरकार अवस्थी ने आगे कहा कि भाजपा नेता लगातार प्रदेश सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश की जनता को भ्रमित कर रहे हैं, लेकिन जनता उनके बहकावे में नहीं आने वाली है। उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू के नेतृत्व में सरकार प्रदेश को स्वाबलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की तरफ प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कई परिवर्तन किए हैं। आज हिमाचल आर्थिक मजबूती की तरफ बढ़ रहा है। राज्यसभा सांसद पर साधा निशाना वहीं, उन्होंने राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने अभी-अभी भगवा चोला पहना है। वह अपने को कांग्रेस का सलाहकार कहते रहे। उन्होंने कांग्रेस के नाम पर अपना वजूद बनाया और कांग्रेस को खोखला करने का काम कांग्रेस में रहकर किया। आज वह भारतीय जनता पार्टी में जाकर वहां पर भी वही कर रहे हैं। उनका यह बयान देना कि, मुख्यमंत्री की टिप्पणी करना हास्यप्रद है। अवस्थी ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के हैं वो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारते। क्या है समोसे का पूरा विवाद बता दें कि, 21 अक्टूबर को CID कार्यालय में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के लिए एक बड़े नामी होटल से समोसे और केक मंगवाए गए थे, लेकिन यह स्नैक्स मुख्यमंत्री को परोसने की बजाय किसी और को ही परोस दिए गए। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि CID ने इसकी जांच भी की और कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए गए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस MLA से भिड़ीं लेडी SP इल्मा अफरोज की कहानी:पिता के निधन के बाद ट्रैक्टर चलाया; ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ीं, न्यूयॉर्क छोड़ IPS बनीं
कांग्रेस MLA से भिड़ीं लेडी SP इल्मा अफरोज की कहानी:पिता के निधन के बाद ट्रैक्टर चलाया; ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ीं, न्यूयॉर्क छोड़ IPS बनीं हिमाचल प्रदेश के बद्दी में कांग्रेस MLA की पत्नी की गाड़ियों का चालान काटने वाली लेडी SP इल्मा अफरोज (IPS) खूब सुर्खियों में है। इल्मा ने कुछ दिन पहले विधायक से विवाद के बाद बद्दी SP ऑफिस से अपना सामान समेट लिया। इसके बाद वह मां के साथ उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में लौट आईं। सरकार और हिमाचल पुलिस इस पर खुलकर कुछ नहीं कह रही है। खुद CM सुखविंदर सुक्खू ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि इल्मा अफरोज छुट्टी पर गई हैं, इसके अलावा कुछ नहीं है। चर्चा यह भी है कि इल्मा पर दबाव डाला जा रहा था। सरकार हाईकोर्ट में चल रहे एक यौन शोषण केस की वजह से उन्हें ट्रांसफर नहीं कर सकती, इसलिए लंबी छुट्टी पर भेज दिया। IPS इल्मा अफरोज के सत्ता में बैठे कांग्रेस के एक विधायक से विवाद के बाद सरकार-पुलिस विभाग के आगे न झुकने के दबंग फैसले को देख हर कोई उनकी कहानी जानना चाहता है। किसान परिवार की बेटी इल्मा ने पिता के निधन के बाद मुश्किल हालात में पढ़ाई पूरी की। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। न्यूयॉर्क में अच्छा पैकेज छोड़ भारत लौटकर सिविल सर्विस परीक्षा पास की। सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें इल्मा अफरोज की पूरी कहानी… किसान परिवार की बेटी, 14 साल की उम्र पिता का निधन इल्मा उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद के गांव कुंदरकी की रहने वाली हैं। उनके पिता का जब देहांत हुआ तो इल्मा 14 साल की थी। इसके बाद उनकी मां ने अपने पैरों पर खड़े होकर उन्हें और उनके 12 साल के भाई को कठिन परिस्थितियों में पाला। उन्हें बड़ा किया और अच्छी शिक्षा दिलाई। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती थी इल्मा इल्मा को शुरूआती दिनों से जानने वाले आस मोहम्मद कैफ बताते हैं कि इल्मा छोटी उम्र से ही फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती थीं। पढ़ाई में वह बहुत अच्छी थी और छोटी उम्र में पिता के निधन के बाद इल्मा मां के साथ खेती में हाथ भी बंटाती रही है। सेंट स्टीफन कॉलेज में पढ़ीं, ऑक्सफोर्ड में हायर स्टडी की इल्मा ने शुरुआती पढ़ाई मुरादाबाद में की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक सेंट स्टीफन से फिलॉसफी में ग्रेजुएशन किया। अपनी मेहनत, लगन और प्रतिभा के बलबूते स्कॉलरशिप हासिल की। इसके बाद हायर एजुकेशन के लिए वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी गईं। यहां पढ़ाई के दौरान वह एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पेरिस गईं। इसके बाद उन्होंने न्यूयॉर्क में मैनहट्टन के एक वॉलंटियरी सर्विस प्रोग्राम में भी भाग लिया। न्यूयॉर्क में अच्छे पैकेज पर मिला था नौकरी का ऑफर इल्मा को न्यूयॉर्क की एक कंपनी में अच्छे पैकेज पर नौकरी का ऑफर मिला था। मगर, देश सेवा की ख्वाहिश लिए वह वापस भारत लौट आईं। इल्मा खुद भी यह बात कहती हैं कि देश प्रेम उन्हें वापस खींच लाया। इसके बाद उन्होंने 2017 में सबसे कठिन सिविल सर्विस परीक्षा को पास किया। उनका ऑल इंडिया रैंक 217 था। इसके बाद अगस्त 2018 में IPS के लिए चयन होने के बाद उन्हें हिमाचल कैडर मिला। गरीब बच्चों के लिए एसपी ऑफिस में इवनिंग स्कूल खोला गरीब परिवार से IPS बनीं इल्मा जब बद्दी आईं तो दफ्तर के बाहर 6 महीने पहले उन्हें एक बच्चा पानी पीते हुए दिखा। इल्मा ने उससे बात की तो पता चला कि यहां कई गरीब बच्चे स्कूल नहीं जाते। इल्मा ने एसपी ऑफिस में ही एक इवनिंग स्कूल खोल दिया। जिसमें वह खुद बच्चों को पढ़ाती हैं। 20-25 बच्चों से शुरू हुआ यह इवनिंग स्कूल अब 450 बच्चों तक पहुंच गया। हालांकि इल्मा के छुट्टी जाने से अब स्कूल भी बंद पड़ा है। इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी के न्यूजलेटर में छपा लेख इंग्लैंड की टॉप रेटेड यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क के प्रसिद्ध वैज्ञानिक, प्रोफेसर कृष्णा शर्मा ने SP बद्दी कार्यालय का दौरा और इल्मा की क्लास में पढ़ने वाले बच्चों से संवाद किया। इसके बाद यह विशेष बातचीत यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क के न्यूजलेटर में भी प्रकाशित हुई। जानिए .. वह 2 विवाद, जिसकी वजह से इल्मा चर्चा में आई 1. विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे हिमाचल सरकार ने इल्मा अफरोज को बद्दी का SP लगाया। यहां इल्मा ने विधायक रामकुमार चौधरी की पत्नी की माइनिंग से जुड़ी गाड़ियों के चालान काट दिए। जिसके बाद विधायक नाराज हो गए। इल्मा को विधानसभा से विशेषाधिकार हनन का नोटिस तक दिलाया गया। जिसके बाद उनका दून MLA के साथ विवाद बढ़ता गया। 2. स्क्रैप कारोबारी पर कार्रवाई पर अड़ीं बद्दी में बीते दिनों एक फायरिंग कांड हुआ, जिसमें स्क्रैप व्यापारी राम किशन की बुलेट प्रूफ गाड़ी पर गोलियां चलाई गई थीं। जांच में पता चला कि राम किशन ने खुद ही गोलियां चलाईं। वह पुलिस से ऑल इंडिया गन लाइसेंस की मांग कर रहा था, लेकिन पिछला रिकॉर्ड देखते हुए SP ने इसे मंजूरी नहीं दी। स्क्रैप कारोबारी नेताओं का काफी करीबी बताया जा रहा है। इस वजह से SP पर दबाव था, लेकिन इल्मा अफरोज झुकी नहीं। CM के साथ मीटिंग को पहुंची थी शिमला इल्मा अफरोज बीते बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में रखी गई DC-SP की मीटिंग में शामिल होने शिमला पहुंची थीं। यहां उनकी मुलाकात कुछ नेताओं और सीनियर पुलिस अफसरों से हुई। उसी दिन इल्मा अफरोज लौटीं और नेताओं-अफसरों के आगे झुकने के बजाय वह सरकारी आवास खाली कर अपनी मां के साथ लंबी छुट्टी पर चली गईं। ……………………………………………. SP इल्मा अफरोज से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. हिमाचल की लेडी SP सुर्खियों में, विधायक से टकराव, आधी रात सामान समेट मां के साथ रवाना, चार्ज ASP को दे गईं हिमाचल प्रदेश में बद्दी की SP इल्मा अफरोज इन दिनों सुर्खियों में है। IPS अधिकारी इल्मा अफरोज का कांग्रेस विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव चल रहा था। हालांकि वह नहीं झुकीं और अचानक अपना सरकारी आवास खाली कर मां के साथ चली गईं। वह अपना चार्ज भी ASP को देकर चली गईं। इल्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली हैं। पूरी खबर पढ़ें
राहुल गांधी के खिलाफ FIR की मांग:छोटा शिमला पुलिस थाने में शिकायत लेकर पहुंचा SC मोर्चा; PM मोदी को गाली देने का आरोप
राहुल गांधी के खिलाफ FIR की मांग:छोटा शिमला पुलिस थाने में शिकायत लेकर पहुंचा SC मोर्चा; PM मोदी को गाली देने का आरोप कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ हिमाचल प्रदेश के छोटा शिमला पुलिस थाना में भारतीय जनता पार्टी गुरुवार को शिकायत लेकर पहुंची। BJP अनुसूचित जाति मोर्चा ने राहुल गांधी के खिलाफ FIR करने की मांग की है। अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश डोगरा ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गाली दी है। उन्होंने ऐसा एक बार नहीं बल्कि अनेक बार किया है। इससे न केवल प्रधानमंत्री बल्कि देश की छवि को भी खराब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भी यह बात पत्र लिखकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ध्यान में लाई है। उन्होंने कहा, जिस प्रकार राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को गालियां दी है, वह उसकी निंदा करते हैं। FIR नहीं की तो पूरे प्रदेश में होंगे प्रदर्शन आज उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ओबीसी और आरक्षण खत्म करने की बात कर रहे हैं।
हिमाचल में दो सीटों पर कांग्रेस के टिकट का ऐलान:नालागढ़ से बावा हरदीप, हमीरपुर से डॉ. पुष्पेंद्र को बनाया प्रत्याशी, देहरा का टिकट होल्ड
हिमाचल में दो सीटों पर कांग्रेस के टिकट का ऐलान:नालागढ़ से बावा हरदीप, हमीरपुर से डॉ. पुष्पेंद्र को बनाया प्रत्याशी, देहरा का टिकट होल्ड कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल प्रदेश की दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव के लिए सोमवार को दो टिकटों का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने हमीरपुर से डा. पुष्पेंद्र वर्मा और नालागढ़ से बावा हरदीप सिंह को प्रत्याशी बनाया है, जबकि देहरा सीट पर टिकट को अभी होल्ड रखा गया है। हमीरपुर और नालागढ़ में दोनों प्रत्याशी साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। हमीरपुर में डॉ. पुष्पेंद्र और बीजेपी के आशीष शर्मा में मुकाबला होगा। कांग्रेस द्वारा दो टिकट के ऐलान के बाद नालागढ़ में बावा हरदीप सिंह और बीजेपी के केएल ठाकुर में मुकाबला हो गया है। हमीरपुर में बीजेपी के आशीष शर्मा और कांग्रेस के डॉ. पुष्पेंद्र के बीच कॉटेस्ट है। आशीष शर्मा से पिछला चुनाव हारे थे डॉ. पुष्पेंद्र डॉ. पुष्पेंद्र 2022 के आम चुनाव में निर्दलीय आशीष शर्मा से 12,899 मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे। तब आशीष शर्मा को 25916 वोट, डॉ. पुष्पेंद्र को 13017 वोट और बीजेपी के नरेंद्र ठाकुर को 12794 वोट मिले थे। आशीष शर्मा ने बीते 23 मार्च को बीजेपी ज्वाइन की और पार्टी ने उन्हें हमीरपुर से प्रत्याशी बनाया है। बावा हरदीप पर दूसरी बार जताया भरोसा कांग्रेस ने नालागढ़ से बावा हरदीप सिंह को दूसरी बार टिकट दिया है। बावा हरदीप पिछला चुनाव 13264 मतों के अंतर से केएल ठाकुर से हारे थे। तब निर्दलीय केएल ठाकुर को 33427 वोट, बावा हरदीप को 20163 और बीजेपी के लखविंदर राणा को 17273 वोट मिले थे। इससे पहले 2017 में भी बावा हरदीप कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर साल 2017 में निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। तब उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावत की। कांग्रेस ने 20817 में लखविंदर राणा को टिकट दिया था और राणा चुनाव जीत गए थे। CM के राजनीतिक सलाहकार का कटा टिकट हमीरपुर सीट पर मुख्यमंत्री के राजनीति सलाहकार सुनील शर्मा (बिट्टू) का नाम बीते सप्ताह जातीय समीकरण की वजह से टिकट दावेदारों की रेस में आया था। मगर मुख्यमंत्री सुक्खू ने क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से चर्चा के बाद डॉ. पुष्पेंद्र पर ही भरोसा जताया और सुनील बिट्टू को टिकट नहीं दिया। देहरा में पेंच क्यों कांगड़ा जिला की देहरा विधानसभा से डॉ. राजेश शर्मा का टिकट तय माना जा रहा था। पार्टी ने इसे आखिरी वक्त पर होल्ड कर दिया है। इस सीट से मुख्यमंत्री सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर, नरदेव कंवर, सुनील कश्यप का नाम भी टिकट दावेदारों की रेस में गिना जा रहा है। उधर, देहरा में आज ब्लाक कांग्रेस कमेटी की मीटिंग संपन्न हुई। इसमें प्रस्ताव पास किया गया कि हाईकमान जिसे भी कैंडिडेट देती है पार्टी एकजुट होकर उसके साथ काम करेगी।