हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग आज प्रदेश सचिवालय में होगी। इसमें विभिन्न विभागों में भर्तियों के अलावा मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं को लेकर अहम फैसले लिए जा सकते हैं। खासकर होम स्टे पॉलिसी को मंजूरी मिल सकती है। कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश पर राज्य सरकार नई होम स्टे पॉलिसी बनाने जा रही है। इसके बाद राज्य में अवैध रूप से होम स्टे नहीं चलाए जा सकेंगे। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों पंजीकरण अनिवार्य कर दिया जाएगा। नई पॉलिसी में होम स्टे पर पंजीकरण शुल्क भी बढ़ाया जा सकता है। राज्य सरकार ने इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी गठित कर रखी है। इस कमेटी की सिफारिश पर कैबिनेट में आज कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। इससे पहले राज्य में 2008 में होम स्टे के लिए नियम बनाए गए थे। अब नए सिरे से पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार कर दिया गया है। अब इसी पॉलिसी के तहत यहां पर होम स्टे चलेंगे। हिमाचल में 4000 से ज्यादा होम स्टे हिमाचल में लगभग 4000 होम स्टे है। इन पर अब तक टैक्स नहीं लगता, जबकि पांच हजार से ज्यादा होटल सरकार को कई तरह का शुक्ल चुकाते हैं। ऐसे में अब होम स्टे पर भी सरकार कुछ टैक्स लगा सकती है। गैर हिमाचली नहीं चला पाएंगे होम स्टे सूत्रों की माने तो गैर हिमाचली प्रदेश में होम स्टे नहीं चला पाएंगे। दरअसल, बाहरी राज्यों के कुछ लोगों ने हिमाचल मुजारियत एवं भू सुधार अधिनियम की धारा 118 के तहत मकान के लिए जमीन ले रखी है। इस भूमि पर बने मकान में कुछ बाहरी लोग होम स्टे चला रहे है, जबकि धारा 118 के तहत ली गई जमीन का कमर्शियल इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। ऐसे लोगों पर सरकार शिकंजा कस सकती है। वन मित्र भर्ती पर फैसला ले सकती है सरकार कैबिनेट में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में वन मित्रों के 2061 पदों पर भर्ती को लेकर भी फैसला हो सकता है। हिमाचल हाईकोर्ट ने साक्षात्कार के 10 अंक पर रोक के आदेश दे रखे है। इसके बाद से वन मित्रों पर भर्ती लटकी हुई है। वन मित्र भर्ती परीक्षा देने वाले कुछ बेरोजगारों ने सरकार को सुझाव दिया है कि 100 के बजाय 90 अंकों में से ही मेरिट डिसाइड की जाए। लिहाजा आज की कैबिनेट में इसे लेकर सरकार कुछ निर्णय कर सकती है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग आज प्रदेश सचिवालय में होगी। इसमें विभिन्न विभागों में भर्तियों के अलावा मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं को लेकर अहम फैसले लिए जा सकते हैं। खासकर होम स्टे पॉलिसी को मंजूरी मिल सकती है। कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश पर राज्य सरकार नई होम स्टे पॉलिसी बनाने जा रही है। इसके बाद राज्य में अवैध रूप से होम स्टे नहीं चलाए जा सकेंगे। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों पंजीकरण अनिवार्य कर दिया जाएगा। नई पॉलिसी में होम स्टे पर पंजीकरण शुल्क भी बढ़ाया जा सकता है। राज्य सरकार ने इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी गठित कर रखी है। इस कमेटी की सिफारिश पर कैबिनेट में आज कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। इससे पहले राज्य में 2008 में होम स्टे के लिए नियम बनाए गए थे। अब नए सिरे से पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार कर दिया गया है। अब इसी पॉलिसी के तहत यहां पर होम स्टे चलेंगे। हिमाचल में 4000 से ज्यादा होम स्टे हिमाचल में लगभग 4000 होम स्टे है। इन पर अब तक टैक्स नहीं लगता, जबकि पांच हजार से ज्यादा होटल सरकार को कई तरह का शुक्ल चुकाते हैं। ऐसे में अब होम स्टे पर भी सरकार कुछ टैक्स लगा सकती है। गैर हिमाचली नहीं चला पाएंगे होम स्टे सूत्रों की माने तो गैर हिमाचली प्रदेश में होम स्टे नहीं चला पाएंगे। दरअसल, बाहरी राज्यों के कुछ लोगों ने हिमाचल मुजारियत एवं भू सुधार अधिनियम की धारा 118 के तहत मकान के लिए जमीन ले रखी है। इस भूमि पर बने मकान में कुछ बाहरी लोग होम स्टे चला रहे है, जबकि धारा 118 के तहत ली गई जमीन का कमर्शियल इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। ऐसे लोगों पर सरकार शिकंजा कस सकती है। वन मित्र भर्ती पर फैसला ले सकती है सरकार कैबिनेट में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में वन मित्रों के 2061 पदों पर भर्ती को लेकर भी फैसला हो सकता है। हिमाचल हाईकोर्ट ने साक्षात्कार के 10 अंक पर रोक के आदेश दे रखे है। इसके बाद से वन मित्रों पर भर्ती लटकी हुई है। वन मित्र भर्ती परीक्षा देने वाले कुछ बेरोजगारों ने सरकार को सुझाव दिया है कि 100 के बजाय 90 अंकों में से ही मेरिट डिसाइड की जाए। लिहाजा आज की कैबिनेट में इसे लेकर सरकार कुछ निर्णय कर सकती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मुख्यमंत्री ने बताया कि NPS के लगभग 9200 करोड़ रुपए PFRDA से प्राप्त नहीं हुए है। जिसका हम केन्द्र सरकार से कई बार अनुरोध कर चुके हैं। जीएसटी कंपनसेशन जून 2022 के बाद मिलना बन्द हो गया है जिससे प्रतिवर्ष लगभग 2500-3000 करोड़ की आय कम हो गई है। OPS बहाल करने के कारण हमारी उधार भी लगभग 2000 करोड़ से कम कर दी गई है। इन परिस्थितियों से पार पाना आसान नहीं है। हमने प्रदेश सरकार की आय बढ़ाने और अनुत्पादक व्यय कम करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के परिणाम आने में समय लगेगा। लेकिन उन्होंने इसकी शुरुआत कर दी है। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में अपने वेतन भत्ते छोड़ने की घोषणा के बाद पक्ष व विपक्ष के सभी विधायकों से भी प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए उसे सुधारने के लिए वेतन व भत्ते छोड़ने की अपील की है।