हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के बंजार के तांदी गांव में आज दोपहर बाद आग भड़क गई। इस अग्निकांड में 4 मकान जलकर राख हो गए, जबकि आसपास के दो अन्य मकानों पर भी खतरा बना हुआ है। इसमें गढ़पति शेषनाग का भंडार भी जल गया। दमकल विभाग की गाड़ी घटना स्थल के लिए रवाना हो गई है। आग पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो दूसरे घर भी इसकी चपेट में आ सकते है। मौके पर मौजूद लोग आग को बुझाने में जुटे है। मगर लकड़ी के मकानों में आग तेजी से फैल रही है। बंजार विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय विधायक सुरेन्द्र शौरी भी घटना स्थल की ओर निकल गए है। आग कैसे लगी इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के बंजार के तांदी गांव में आज दोपहर बाद आग भड़क गई। इस अग्निकांड में 4 मकान जलकर राख हो गए, जबकि आसपास के दो अन्य मकानों पर भी खतरा बना हुआ है। इसमें गढ़पति शेषनाग का भंडार भी जल गया। दमकल विभाग की गाड़ी घटना स्थल के लिए रवाना हो गई है। आग पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो दूसरे घर भी इसकी चपेट में आ सकते है। मौके पर मौजूद लोग आग को बुझाने में जुटे है। मगर लकड़ी के मकानों में आग तेजी से फैल रही है। बंजार विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय विधायक सुरेन्द्र शौरी भी घटना स्थल की ओर निकल गए है। आग कैसे लगी इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में भयंकर ट्रैफिक जाम:रात 3.30 बजे से लोग परेशान; 20 मिनट तक एंबुलेंस भी फंसी, पुलिस बोली-ट्रक खराब होने लगा जाम हिमाचल की राजधानी शिमला के उप नगर ढली-भट्टाकुफर में आज सुबह साढ़े 3 बजे के ट्रैफिक जाम लगा हुआ है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से स्कूली बच्चे आज समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाए। नौकरीपेशा भी समय पर दफ्तर नहीं पहुंच सके। सेब ढुलाई में लगे ट्रांसपोर्टर भी आधी रात से ही परेशान है। रात साढ़े 3 बजे लगा जाम सुबह 11 बजे सामान्य हो सका। बता दें कि सेब सीजन पीक पर है। इससे भट्टाकुफर मंडी में काफी मात्रा में सेब पहुंच रहा है। इस वजह से सड़कों पर गाड़ियों की संख्या में इजाफा हुआ है और देशभर से बड़े बड़े ट्राले सेब ढुलाई को यहां पहुंच रहे हैं। इससे ट्रैफिक जाम लग रहा है। सुबह पांच बजे भट्टाकुफर से ढली सब्जी मंडी तक गाड़ियों की लाईनें लग गई थी और 10 बजे यह ढली पुलिस थाने से आगे तक लंबा जाम लग गया था। ट्रैफिक जाम के बाद आज सुबह के समय बड़ी संख्या में लोगों ने पैदल सफर किया। स्थानीय लोगों ने सेब सीजन के दृष्टिगत पुलिस से दिन रात जवान तैनात करने का आग्रह किया है, ताकि ट्रैफिक जाम न लग सके। बस छोड़ भट्टाकुफर से पैदल संजौली पहुंचा: अमित भट्टाकुफर निवासी अमित ने कहा सेब मंडी और ढली टनल के बीच ट्रैफिक जाम के कारण लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ी रही है। पांच मिनट के सफर में एक घंटा लग रहा है। उन्होंने बताया कि आज ट्रैफिक जाम के कारण बस को छोड़कर भट्टाकुफर से पैदल संजौली आना पड़ा। एंबुलेंस भी फंसी सुबह करीब 4.30 बजे ढली टनल से करीब 200 मीटर दूर प्रभाकर ऑटोमोबाइल के पास काफी देर तक एंबुलेंस भी ट्रैफिक जाम में फंसी रही और हूटर बजाती रही। सुबह 5.30 बजे तक पुलिस ने सड़क को कुछ देर के लिए बहाल कर दिया था। मगर 6 बजे दोबारा जाम लगना शुरू हुआ। ट्रक खराब होने से लगा जाम, पुलिस सतर्क: SP SP शिमला संजीव गांधी ने बताया, पुलिस ने सेब सीजन में ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने के लिए सड़कों पर अतिरिक्त जवान तैनात किए है। मगर कई जगहों पर बड़े बड़े ट्रक खराब हो रहे हैं, जिसके कारण मंडी के आस पास कभी-कभी जाम लग रहा है। पुलिस ने खराब ट्राले हटाने के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से क्रेन मांगी है। उन्होंने बताया कि इस बार पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट किया है। सेब से लदे बड़े ट्रक वाया सैंज-राजगढ़ देश की मंडियों को भेजे जा रहे है। इससे शिमला में ट्रैफिक जाम से राहत मिली है। ट्रकों के खराब होने से जरूर समस्या आ जाती है।
हिमाचल के संजौली मस्जिद विवाद मामले में नया मोड़:मुस्लिम पक्ष ने निगम आयुक्त के फैसले को जिला अदालत में दी चुनौती, 6 को सुनवाई
हिमाचल के संजौली मस्जिद विवाद मामले में नया मोड़:मुस्लिम पक्ष ने निगम आयुक्त के फैसले को जिला अदालत में दी चुनौती, 6 को सुनवाई हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण विवाद मामले में नया मोड़ आ गया है। संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम कमिश्नर के कोर्ट से आए फैसले को मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में चुनौती दी। यह मामला जिला अदालत में 6 नवंबर को लिस्ट हुआ है। ऐसे में मामले में उस दिन सुनवाई प्रस्तावित है। मुस्लिम पक्ष से जुड़ी तीन वेलफेयर सोसाइटी ने नगर निगम आयुक्त के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। सोसाइटी ने जिला अदालत में दायर याचिका में कहा है कि नगर निगम आयुक्त के कोर्ट का फैसला डिफेक्टिड है। उन्होंने यह फैसला संजौली मस्जिद कमेटी के नगर निगम को दिए हलफनामे के आधार पर दिया है। सोसाइटी ने जिला अदालत में दायर याचिका में कहा है कि मस्जिद कमेटी कोई रजिस्टर नहीं है, ऐसे में उनके अध्यक्ष मोहमद लतीफ द्वारा दिया गया हलफनामा गैर कानूनी है। जिला अदालत में याचिका दायर करने वाली मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी पोंटा साहिब के सदस्य नाजाक्त अली हाशमी ने बताया कि तीन अलग अलग कमेटी व सोसाइटी ने जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त के फैसले को चुनौती दी है। आयुक्त कोर्ट के फैसले को बताया डिफेक्टिड उन्होंने दावा किया कि जिला अदालत में उनकी याचिका स्वीकार हो गई है और 6 नवंबर को मामला जिला अदालत में लिस्ट हुआ है। हाशमी ने बताया कि उन्होंने जिला अदालत में दायर याचिका में मांग की है कि नगर निगम आयुक्त ने मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहमद लतीफ के हलफनामे के आधार पर अपना फैसला सुनाया है। जो डिफेक्टिड है। मुस्लिम पक्ष ने दावा किया है कि मस्जिद कमेटी कोई रजिस्टर संस्था नहीं है। ऐसे में उनका हलफनामा गैर कानूनी है। इसलिए मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में दायर याचिका में अपील की है कि मामले में मुस्लिम समुदाय की भावनाएं जुड़ी हुई है। ऐसे में उनका पक्ष भी सुना जाना चाइए। उन्होंने बताया कि जिला अदालत में याचिका दायर करने में मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी पोंटा साहिब , जामा मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी बिलासपुर और अल हुदा एजुकेशनल सोसायटी दीनक मंडी शामिल है। जिन्होंने नगर निगम आयुक्त के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। 5 अक्टूबर को आया था नगर निगम आयुक्त कोर्ट का फैसला बता दें कि हिमाचल प्रदेश के शिमला के संजौली में स्थित मस्जिद निर्माण विवाद मामले में नगर निगम आयुक्त के कोर्ट ने 5 अक्टूबर को मस्जिद कमेटी व वक्फ बोर्ड के नगर निगम आयुक्त को दिए हलफनामे पर फैसला सुनाया। मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिल गिराने के आदेश दिए थे। जिसके बाद मस्जिद कमेटी ने विवादित हिस्से को हटाने का कार्य शुरू कर दिया। मस्जिद का एटिक लगभग हटा भी दिया है। लेकिन अब मुस्लिम पक्ष ने मामले को जिला अदालत में चुनौती दी है। जिसके कारण मामले में नया पेंच फंस गया है। हाई कोर्ट ने 8 सप्ताह में मामले को निपटाने के लिए आदेश बता दें कि इस मामले में स्थानीय लोगों की याचिका पर एक आदेश पारित किया है। जिसमें हाईकोर्ट ने मामले को 8 सप्ताह के भीतर निपटाने के आदेश पारित किए हैं। वहीं इस मामले में बची हुई 2 मंजिलों को लेकर नगर निगम आयुक्त कोर्ट में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होनी है।
हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों में विवाद, VIDEO:सवारियां उठाने से रोका जा रहा; कुफरी टैक्सी यूनियन के नोटिस से भड़के पंजाब के ऑपरेटर
हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों में विवाद, VIDEO:सवारियां उठाने से रोका जा रहा; कुफरी टैक्सी यूनियन के नोटिस से भड़के पंजाब के ऑपरेटर हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटरों को चंडीगढ़-पंजाब में सवारी उठाने से रोका जा रहा है और प्रदेश में भी बाहरी राज्यों की टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जा रही। ऐसा ही एक वीडियो चंडीगढ़ एयरपोर्ट का वायरल हो रहा है, जिसमें हिमाचल की एक टैक्सी को चंडीगढ़ एयरपोर्ट से सवारियां बिठाने को इनकार कर दिया गया है। पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटर कुफरी टैक्सी यूनियन का एक मैसेज दिखाकर हिमाचल के टैक्सी चालक को सवारियां उठाने से मना करते हैं। इससे पड़ोसी राज्यों में काम करने वाले टैक्सी ऑपरेटर में डर का माहौल पैदा हो रहा हैं। यह विवाद नहीं रोका गया तो इससे आने वाले दिनों में तनाव ओर बढ़ेगा। मगर सरकार अभी गहरी नींद में सोई हुई है। हिमाचल की टैक्सी यूनियन के नोटिस से बवाल हिमाचल की कई टैक्सी यूनियन ने नोटिस जारी कर स्पष्ट किया कि वन-वे काम करने वाली टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे चंडीगढ़-पंजाब के टैक्सी ऑपरेटर भड़क उठे हैं। ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को रोकना गलत: शरणजीत पंजाब-चंडीगढ़ की आजाद टैक्सी यूनियन के प्रधान शरणजीत सिंह ने बताया कि ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को सवारी उठाने से रोकना गलत है। हिमाचल की कई यूनियन ने इस तरह का नोटिस निकाला है, जो कि बिल्कुल गलत है। यदि उनकी यूनियन की किसी गाड़ी को सवारी उठाने से रोका गया तो वह हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, आजाद टैक्सी यूनियन ने हिमाचल की गाड़ी को चंड़ीगढ़-पंजाब में रोकने का कोई आदेश नहीं दिया। मगर हिमाचल की जो गाड़ी रोकी जा रही है, वह वो लोग रोक रहे हैं, जिन्हें हिमाचल में सवारी उठाने से इनकार किया जा रहा है। वन-वे काम करने की इजाजत नहीं: वीरेन शिमला में कुफरी की टैक्सी यूनियन के प्रधान वीरेन कंवर ने बताया, वन-वे काम करने वाली टैक्सी को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे लोकल काम खत्म हो रहा है। यदि कोई गाड़ी बाहर से सवारी लेकर आती है और उनका पैकेज निर्धारित है, तो उन्हें काम करने से नहीं रोका जाएगा। वीरेन ने कहा, ओला-उबर एप से आने वाली गाड़ियों को नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा, प्राइवेट गाड़ियां भी इन एप पर पंजीकरण करवाकर सवारी ढोने का काम कर रही है। इससे न केवल सरकार को टैक्स के तौर पर नुकसान हो रहा है, बल्कि टैक्सी ऑपरेटरों का काम भी चौपट हो रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। एयरपोर्ट, ब्रॉडगेज रेलवे स्टेशन नहीं होने की चुकानी पड़ रही कीमत हिमाचल को प्रदेश में कोई बड़ा एयरपोर्ट और ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन नहीं होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस वजह से देशभर से पहाड़ों पर आने वाला पर्यटक सीधे हिमाचल नहीं पहुंच पाता, बल्कि उन्हें चंडीगढ़ उतरना पड़ता है। चंडीगढ़ से ज्यादातर पर्यटक टैक्सियों में हिमाचल पहुंचता है। मगर चंडीगढ़ एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर बार बार हिमाचल की टैक्सियों को टूरिस्ट नहीं उठाने देने की खबरें आ रही है। हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटर भी यही कर रहे है और पंजाब व हिमाचल की सरकारें अभी गहरी नींद में सोई हुई है।