हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में बीबीएमबी के पंडोह डेम के 2 गेट सिल्ट के कारण बंद हो गए हैं। इससे लोग दहशत में आ गए हैं। इसे देखते हुए बीबीएमबी के इंजीनियर भी आज मौके पर पहुंचे और सिल्ट की वजह से बंद पड़े गेट को खोलने में जुए गए हैं। राहत की बात यह है कि मंडी और कुल्लू में पिछले 48 घंटे के दौरान नाम मात्र बारिश हुई है। केचमेंट एरिया में तेज बारिश होती है तो डेम के लिए खतरा पैदा कर सकती है। मगर पंडोह डेम का 3 गेट खुले हुए हैं। इससे रेगुलर पानी छोड़ा जा रहा है। फिलहाल बीबीएमबी प्रबंधन पीछे से आ रहा पानी डेम न भरकर सीधे बाहर छोड़ रहा है। प्रशासन का दावा है कि इससे डेम को कोई खतरा नहीं है। बताया जा रहा है कि पंडोह डेम से बग्गी जाने वाली टनल में भी पानी कम मात्रा में जा रहा है। इसके मुहाने पर लकड़ी व अन्य कचरा भारी मात्रा में जम गया है। इससे डेम से पानी की निकासी नहीं हो पा रही। बीबीएमबी इंजीनियर गेट खोलने में जुटे बीबीएमबी प्रबंधन गेट के इंजीनियर दोपहर से गेट खोलने में जुट गए है। कर्मचारी मशीनरी के साथ मौके पर जुटे हुए है। बीबीएमबी के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी भी खतरे को देखते हुए मौके पर पहुंचे। जानकारों की माने तो गेट नहीं खुले तो खतरा पैदा हो सकता है। खासकर तेज बारिश की सूरत में निचले इलाकों में इससे तबाही मच सकती है। गेट के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है। मगर बीबीएमबी प्रबंधन देर शाम तक गेट खोलने के दावे कर रहा है। लोग घबराएं नहीं, जल्दी खोल देंगे गेट: मुख्य अभियंता मुख्य अभियंता बीएसएल प्रोजेक्ट बीबीएबी सुंदरनगर संजीव दत्त शर्मा ने बताया कि पंडोह डेम के बंद 2 गेट के कारण किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। इन्हें खोलने को पर्याप्त मशीनरी पहुंच चुकी है। गेटों को जल्दी खोल दिया जाएगा। डेम में पानी भी नहीं है। अगर बारिश के कारण डेम में पानी आता भी है तो तीन गेट कार्य कर रहे हैं। वहां से पानी निकल जाएगा। डेम में जितना पानी आ रहा है, उतना यहां से आगे डिस्चार्ज हो रहा है। एक अगस्त को 30 फीट सिल्ट भरा उन्होंने बताया कि 31 जुलाई की रात बादल फटने से 1 अगस्त को अप्रत्याशित सिल्ट नदी में आई। इससे गेट खोलने में दिक्कत आई है। यह फ्लैश फ्लड के कारण हुआ है। 1 अगस्त को आधे घंटे में ही सिल्ट 30 फीट तक भर गई। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में बीबीएमबी के पंडोह डेम के 2 गेट सिल्ट के कारण बंद हो गए हैं। इससे लोग दहशत में आ गए हैं। इसे देखते हुए बीबीएमबी के इंजीनियर भी आज मौके पर पहुंचे और सिल्ट की वजह से बंद पड़े गेट को खोलने में जुए गए हैं। राहत की बात यह है कि मंडी और कुल्लू में पिछले 48 घंटे के दौरान नाम मात्र बारिश हुई है। केचमेंट एरिया में तेज बारिश होती है तो डेम के लिए खतरा पैदा कर सकती है। मगर पंडोह डेम का 3 गेट खुले हुए हैं। इससे रेगुलर पानी छोड़ा जा रहा है। फिलहाल बीबीएमबी प्रबंधन पीछे से आ रहा पानी डेम न भरकर सीधे बाहर छोड़ रहा है। प्रशासन का दावा है कि इससे डेम को कोई खतरा नहीं है। बताया जा रहा है कि पंडोह डेम से बग्गी जाने वाली टनल में भी पानी कम मात्रा में जा रहा है। इसके मुहाने पर लकड़ी व अन्य कचरा भारी मात्रा में जम गया है। इससे डेम से पानी की निकासी नहीं हो पा रही। बीबीएमबी इंजीनियर गेट खोलने में जुटे बीबीएमबी प्रबंधन गेट के इंजीनियर दोपहर से गेट खोलने में जुट गए है। कर्मचारी मशीनरी के साथ मौके पर जुटे हुए है। बीबीएमबी के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी भी खतरे को देखते हुए मौके पर पहुंचे। जानकारों की माने तो गेट नहीं खुले तो खतरा पैदा हो सकता है। खासकर तेज बारिश की सूरत में निचले इलाकों में इससे तबाही मच सकती है। गेट के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है। मगर बीबीएमबी प्रबंधन देर शाम तक गेट खोलने के दावे कर रहा है। लोग घबराएं नहीं, जल्दी खोल देंगे गेट: मुख्य अभियंता मुख्य अभियंता बीएसएल प्रोजेक्ट बीबीएबी सुंदरनगर संजीव दत्त शर्मा ने बताया कि पंडोह डेम के बंद 2 गेट के कारण किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। इन्हें खोलने को पर्याप्त मशीनरी पहुंच चुकी है। गेटों को जल्दी खोल दिया जाएगा। डेम में पानी भी नहीं है। अगर बारिश के कारण डेम में पानी आता भी है तो तीन गेट कार्य कर रहे हैं। वहां से पानी निकल जाएगा। डेम में जितना पानी आ रहा है, उतना यहां से आगे डिस्चार्ज हो रहा है। एक अगस्त को 30 फीट सिल्ट भरा उन्होंने बताया कि 31 जुलाई की रात बादल फटने से 1 अगस्त को अप्रत्याशित सिल्ट नदी में आई। इससे गेट खोलने में दिक्कत आई है। यह फ्लैश फ्लड के कारण हुआ है। 1 अगस्त को आधे घंटे में ही सिल्ट 30 फीट तक भर गई। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
ऊना में सड़क हादसा में बच्ची की मौत:दंपती समेत 4 लोग घायल; ट्रक को ओवरटेक करते वक्त बाइक व कार की टक्कर
ऊना में सड़क हादसा में बच्ची की मौत:दंपती समेत 4 लोग घायल; ट्रक को ओवरटेक करते वक्त बाइक व कार की टक्कर ऊना जिले में टाहलीवाल के पास में हुए सड़क हादसे में एक बच्ची की मौत हो गई। मृतका की पहचान कविता रूप में हुई है। जो उत्तर प्रदेश के बदायुं की रहने वाली थी। हादसे में चार लोग घायल हो गए। जिस की पहचान जितेंद्र कुमार, उसकी पत्नी मौसम देवी, चरणजीत व स्नेह लता के रूप में हुई। जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। चरणजीत व स्नेह लता सिविल अस्पताल हरोली में भर्ती हैं। जबकि जितेंद्र कुमार व मौसम देवी का यहां क्षेत्रीय अस्पताल में उपचार चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। ट्रक को ओवरटेक करते समय हादसा जानकारी के मुताबिक मंगलवार को जितेंद्र मोटर साइकिल पर अपनी पत्नी मौसम और बेटी कविता के साथ टाहलीवाल की तरफ आ रहे थे। इस दौरान ट्रक को ओवरटेक करते हुए आगे से आ रही कार के साथ सीधी टक्कर हो गई। राहगीरों ने पहुंचाया अस्पताल हादसे के बाद तीनों सड़क पर गिर गए। राहगीरों ने तीनों को क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने कविता को मृत घोषित कर दिया। वहीं, कार सवार चरणजीत और स्नेह लता भी घायल हो गई। जो हीरानगर के निवासी हैं। उधर, हरोली के डीएसपी मोहन रावत ने कहा कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना भेजा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
मंडी में शहीद सुरेश कुमार का अंतिम संस्कार:लेह-लद्दाख में हार्ट अटैक से हुआ निधन; सीएम व राज्यपाल ने व्यक्त किया शोक
मंडी में शहीद सुरेश कुमार का अंतिम संस्कार:लेह-लद्दाख में हार्ट अटैक से हुआ निधन; सीएम व राज्यपाल ने व्यक्त किया शोक मंडी के बग्गी गांव (तुंगल) में शहीद सुरेश कुमार का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। लेह-लद्दाख में हृदय गति रुक जाने से वह शहीद हो गए। वीरवार को जैसे ही उनकी पार्थिव देह को पैतृक गांव लाया गया, तो रास्ते में लोगों व स्कूली बच्चों ने सुरेश कुमार अमर रहे व भारत माता के नारे लगाए। सुरेश कुमार की पार्थिव देह घर पहुंचते ही उनके बच्चों ने पिता को सैल्यूट कर अंतिम विदाई दी। उनकी अंतिम यात्रा में तुंगल घाटी के के सैकड़ों लोग शामिल हुए। उनके निधन से पूरे जिला में शोक की लहर है। दीवाली से पहले आए थे घर सुरेश कुमार अपने पीछे दो बच्चे, जिसमें 19 साल की लड़की व 17 साल का लड़का, पत्नी और मां को छोड़ गए है। बताया जा रहा है सुरेश कुमार हाल ही में दीवाली से पहले छुट्टी पर आए थे। सीएम व राज्यपाल ने शोक व्यक्त किया राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और सीएम सुक्खू ने भी हवलदार सुरेश कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया है। शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हवलदार सुरेश कुमार के सर्वोच्च बलिदान को राष्ट्र सदैव याद रखेगा और वह सभी के लिए प्रेरणा स्रोत रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शोक की इस घड़ी में पूरा राज्य शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि सुरेश कुमार के अदम्य साहस और बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र हमेशा याद रखेगा। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की प्रार्थना की है।
शिमला में करंट लगने से व्यक्ति के मौत:रात में ड्यूटी के दौरान हादसा; जल शक्ति विभाग में पंप ऑपरेटर था मृतक
शिमला में करंट लगने से व्यक्ति के मौत:रात में ड्यूटी के दौरान हादसा; जल शक्ति विभाग में पंप ऑपरेटर था मृतक हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला शहर के जुब्बड़हट्टी क्षेत्र में करंट लगने से एक व्यक्ति के मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक मृतक व्यक्ति हिमाचल प्रदेश सरकार के जल शक्ति विभाग में पंप ऑपरेटर की पद पर कार्यरत था। सूचना के अनुसार घटना बुधवार रात की बताई जा रही है। पंप ऑपरेटर कनेरघाटी में माइली फेज -2 प्रोजेक्ट के पंप पर बुधवार रात को ड्यूटी पर था। ड्यूटी के दौरान देर रात वह बिजली के तारों के संपर्क में आया और उसकी करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक रात को राजेश कुमार के अलावा कोई और ड्यूटी नहीं था, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन बताया जा रहा है कि वीरवार सुबह जब अन्य कर्मचारी पहुंचे तब राजेश कुमार की मौत हो चुकी थी। सोलन जिले का रहने वाला है मृतक जिसके बाद सूचना पुलिस को दी गयी । शव को पोस्टमॉर्टम के लिए IGMC लाया गया । मृतक व्यक्ति की पहचान राजेश कुमार जिला सोलन के शरोर गांव के रूप में हुई है। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया है।