<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Assembly Monsoon Session 2024:</strong> हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार (3 सितंबर) को विधानसभा के मानसून सत्र में कार्रवाई के दौरान बिल पेश किया. यह बिल हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पेंशन से जुड़ा हुआ है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) संशोधन विधेयक, 2024 सदन में रखा. राज्य सरकार विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पेंशन से जुड़े 1971 के अधिनियम में संशोधन ला रही है. इसका मकसद लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण के साथ दल बदल को हतोत्साहित करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिल को लाने का ये है उद्देश्य</strong><br />हिमाचल प्रदेश विधानसभा (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) अधिनियम- 1971 विधानसभा के सदस्यों के भत्ते और पेंशन प्रदान करने के दृष्टिगत अधिनियमित किया गया था. वर्तमान में भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के अधीन विधायी सदस्यों के दल बदल को हतोत्साहित करने के लिए अधिनियम में कोई उपबंध नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसलिए संवैधानिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए राज्य के लोगों के जरिये दिए गए जनादेश की रक्षा के लिए, लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण और इस संवैधानिक समस्या के निवारण के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) अधिनियम, 1971 में संशोधन करना आवश्यक हो गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह विधेयक इन सभी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए है. हिमाचल विधानसभा में अब इस बिल पर चर्चा होगी. चर्चा के बाद बिल पारित होगा और फिर इसे कानून बनाने के लिए नियमों के मुताबिक राज्यपाल के पास भेजा जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कितनी है विधायकों की पेंशन?</strong><br />एक बार विधायक बनने के बाद 90 हजार रुपये से अधिक मासिक पेंशन तय हो जाती है. पूर्व विधायकों को 90 हजार रुपये से अधिक पेंशन मिलती है. राज्यसभा चुनाव के बाद अयोग्य करार दिए कांग्रेस के छह विधायकों का वेतन भी बंद कर दिया गया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उनमें से सुधीर शर्मा और इंद्र दत्त लखनपाल जीत कर दोबारा विधानसभा में पहुंचे हैं, जिसके बाद उनका वेतन बहाल हो गया. साल 2022 से शुरू हुए नए कार्यकाल की पेंशन 93 हजार रुपये के करीब बनती है. इसमें से 36 हजार बेसिक और 159 फीसदी महंगाई भत्ता जुड़ता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जिसके बाद कुल मिलाकर यह करीब 93 हजार रुपये बनती है. ऐसे में विधेयक पारित होने के बाद देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा को पेंशन न मिलने से 93 हजार रुपये का नुकसान हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”हिमाचल के आर्थिक संकट पर CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिया बड़ा बयान, जानिये क्या कहा?” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/cm-sukhvinder-singh-sukhu-on-himachal-pradesh-economic-crisis-ann-2775416″ target=”_blank” rel=”noopener”>हिमाचल के आर्थिक संकट पर CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिया बड़ा बयान, जानिये क्या कहा?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Assembly Monsoon Session 2024:</strong> हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार (3 सितंबर) को विधानसभा के मानसून सत्र में कार्रवाई के दौरान बिल पेश किया. यह बिल हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पेंशन से जुड़ा हुआ है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) संशोधन विधेयक, 2024 सदन में रखा. राज्य सरकार विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पेंशन से जुड़े 1971 के अधिनियम में संशोधन ला रही है. इसका मकसद लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण के साथ दल बदल को हतोत्साहित करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिल को लाने का ये है उद्देश्य</strong><br />हिमाचल प्रदेश विधानसभा (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) अधिनियम- 1971 विधानसभा के सदस्यों के भत्ते और पेंशन प्रदान करने के दृष्टिगत अधिनियमित किया गया था. वर्तमान में भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के अधीन विधायी सदस्यों के दल बदल को हतोत्साहित करने के लिए अधिनियम में कोई उपबंध नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसलिए संवैधानिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए राज्य के लोगों के जरिये दिए गए जनादेश की रक्षा के लिए, लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण और इस संवैधानिक समस्या के निवारण के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) अधिनियम, 1971 में संशोधन करना आवश्यक हो गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह विधेयक इन सभी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए है. हिमाचल विधानसभा में अब इस बिल पर चर्चा होगी. चर्चा के बाद बिल पारित होगा और फिर इसे कानून बनाने के लिए नियमों के मुताबिक राज्यपाल के पास भेजा जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कितनी है विधायकों की पेंशन?</strong><br />एक बार विधायक बनने के बाद 90 हजार रुपये से अधिक मासिक पेंशन तय हो जाती है. पूर्व विधायकों को 90 हजार रुपये से अधिक पेंशन मिलती है. राज्यसभा चुनाव के बाद अयोग्य करार दिए कांग्रेस के छह विधायकों का वेतन भी बंद कर दिया गया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उनमें से सुधीर शर्मा और इंद्र दत्त लखनपाल जीत कर दोबारा विधानसभा में पहुंचे हैं, जिसके बाद उनका वेतन बहाल हो गया. साल 2022 से शुरू हुए नए कार्यकाल की पेंशन 93 हजार रुपये के करीब बनती है. इसमें से 36 हजार बेसिक और 159 फीसदी महंगाई भत्ता जुड़ता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जिसके बाद कुल मिलाकर यह करीब 93 हजार रुपये बनती है. ऐसे में विधेयक पारित होने के बाद देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा को पेंशन न मिलने से 93 हजार रुपये का नुकसान हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”हिमाचल के आर्थिक संकट पर CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिया बड़ा बयान, जानिये क्या कहा?” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/cm-sukhvinder-singh-sukhu-on-himachal-pradesh-economic-crisis-ann-2775416″ target=”_blank” rel=”noopener”>हिमाचल के आर्थिक संकट पर CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिया बड़ा बयान, जानिये क्या कहा?</a></strong></p> हिमाचल प्रदेश नोएडा ने कार ड्राइवर ने मचाया उत्पात! कई गाड़ियों को मारी टक्कर, विरोध करने पर दी धमकी