हिमाचल में पूर्व MLA पर फायरिंग के आरोपी फरार:16 घंटे बाद भी सुराग नहीं; CCTV फुटेज सामने आने के बाद भी पहचान नहीं

हिमाचल में पूर्व MLA पर फायरिंग के आरोपी फरार:16 घंटे बाद भी सुराग नहीं; CCTV फुटेज सामने आने के बाद भी पहचान नहीं

हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर के पूर्व कांग्रेस MLA बंबर ठाकुर पर फायरिंग करने वालों की 16 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। CCTV फुटेज सामने आने के बावजूद हमलावरों की पहचान नहीं हो पाई। वहीं घायल बंबर ठाकुर का IGMC शिमला में उपचार चल रहा है, जबकि पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) एम्स बिलासपुर में उपचाराधीन है। इस घटना में बंबर ठाकुर और संजीव को गोली लगी है, जबकि बंबर से मिलने पहुंचे समर्थक विशाल को एक छर्रा पांव में लगा है। बंबर ठाकुर के थाई में गोली लगी, जबकि पीएसओ के पांव, पीठ और थाई में लगी है। इसके बाद तीनों को अलग अलग अस्पताल में उपचार को भर्ती कराया गया। बता दें कि बंबर ठाकुर की पत्नी सरकारी अस्पताल में नर्स है। इसलिए उन्हें बिलासपुर में सरकारी आवास मिला हुआ है। वह बीते शुक्रवार को दोपहर करीब ढाई बजे अपने समर्थकों से मिल रहे थे। इस दौरान चार लोग उनके आवास के बाहर आते हैं। इनमें से दो लोग आगे बढ़ते हैं और बंबर ठाकुर के नजदीक पहुंचते ही दोनों फायरिंग शुरू करते हैं। तब बंबर ठाकुर, उनका PSO और एक समर्थक भी घायल हो जाता हैं। घटना के CCTV आए सामने घटना के दो घंटे के भीतर फायरिंग के CCTV फुटेज भी सामने आए। मगर अभी आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई। इससे पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इसी तरह दिन दहाड़े इस तरह की वारदात कानून व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल है। विशाल बोला- 10 से 12 राउंड फायर करके भागे विशाल कुमार ने बताया कि वह बंबर ठाकुर से मिलने गए थे। इस दौरान दो लोग आए और उन्हें छोटी सी गन दिखाई। उन्हें लगा कि कोई मजाक कर रहा है। देखते ही देखते उन्होंने 10-12 फायर कर दी। इससे बंबर ठाकुर और विशाल को गोलियां लग गई। फायर करने के बाद वह भाग गए। उन्हें एक छर्रा लगा है। चिट्टा गिरोह का हो सकता है हाथ: देवराज भाई देवराज ने बताया कि जब पूर्व विधायक से मिलने लोग आ रहे थे। इस दौरान चार लोग आए। दो लोग गोली चलाने में लग गए। तब बंबर ठाकुर ने गाड़ी के नीचे छिपकर अपनी जान बचाई। उन्होंने कहा कि बंबर ठाकुर ने चिट्ठा के खिलाफ आवाज उठाई थी। हो सकता है इस वजह से उन पर हमला किया गया हो। उन्होंने कहा कि पूर्व में हमला करने वाले लोग भी गोली चलाने में शामिल हो सकता है। कुछ बड़े लोगों का भी इसमें हाथ हो सकता है। गाड़ी के नीचे बची जान: अरुण बंबर समर्थक अरुण सिंह मराठा ने बताया, 25 से 30 साल उम्र के चार पूर्व विधायक के रेजिडेंस में आते है। उनका पीएसओ भी अपनी गन निकालने की कोशिश करता है। मगर इससे पहले ही वह फायरिंग शुरू कर देते हैं। यदि बंबर ठाकुर गाड़ी के नीचे नहीं जाते तो सभी 10 फायर उन पर हो सकती थी। खतरे से बाहर पूर्व विधायक की हालत: डॉक्टर IGMC के डॉक्टर महेश ने बताया कि पूर्व विधायक की हालत खतरे से बाहर है। उनको थाई के ऊपरी हिस्से में गोली लगी है। उनका उपचार जारी है। एक साल पहले भी हमला हुआ बंबर पर पहले भी एक बार हमला हो चुका है। 23 फरवरी 2024 को रेल लाइन निर्माण कंपनी के कार्यालय के बाहर हमले में उनका एक दांत टूट गया था। तब 11 आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद बंबर ठाकुर पर हमले के मुख्य आरोपी पर बिलासपुर कोर्ट परिसर के बाहर 20 जून 2024 को गोलियां चलाई गई। इस मामले में बंबर के बेटे समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। एक बार विधायक चुने गए बंबर ठाकुर 2012 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे। साल 2017 में वह सुभाष ठाकुर और 2022 त्रिलोक जम्वाल से चुनाव हार गए। बंबर ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाते थे।​​​​​​ हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर के पूर्व कांग्रेस MLA बंबर ठाकुर पर फायरिंग करने वालों की 16 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। CCTV फुटेज सामने आने के बावजूद हमलावरों की पहचान नहीं हो पाई। वहीं घायल बंबर ठाकुर का IGMC शिमला में उपचार चल रहा है, जबकि पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) एम्स बिलासपुर में उपचाराधीन है। इस घटना में बंबर ठाकुर और संजीव को गोली लगी है, जबकि बंबर से मिलने पहुंचे समर्थक विशाल को एक छर्रा पांव में लगा है। बंबर ठाकुर के थाई में गोली लगी, जबकि पीएसओ के पांव, पीठ और थाई में लगी है। इसके बाद तीनों को अलग अलग अस्पताल में उपचार को भर्ती कराया गया। बता दें कि बंबर ठाकुर की पत्नी सरकारी अस्पताल में नर्स है। इसलिए उन्हें बिलासपुर में सरकारी आवास मिला हुआ है। वह बीते शुक्रवार को दोपहर करीब ढाई बजे अपने समर्थकों से मिल रहे थे। इस दौरान चार लोग उनके आवास के बाहर आते हैं। इनमें से दो लोग आगे बढ़ते हैं और बंबर ठाकुर के नजदीक पहुंचते ही दोनों फायरिंग शुरू करते हैं। तब बंबर ठाकुर, उनका PSO और एक समर्थक भी घायल हो जाता हैं। घटना के CCTV आए सामने घटना के दो घंटे के भीतर फायरिंग के CCTV फुटेज भी सामने आए। मगर अभी आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई। इससे पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इसी तरह दिन दहाड़े इस तरह की वारदात कानून व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल है। विशाल बोला- 10 से 12 राउंड फायर करके भागे विशाल कुमार ने बताया कि वह बंबर ठाकुर से मिलने गए थे। इस दौरान दो लोग आए और उन्हें छोटी सी गन दिखाई। उन्हें लगा कि कोई मजाक कर रहा है। देखते ही देखते उन्होंने 10-12 फायर कर दी। इससे बंबर ठाकुर और विशाल को गोलियां लग गई। फायर करने के बाद वह भाग गए। उन्हें एक छर्रा लगा है। चिट्टा गिरोह का हो सकता है हाथ: देवराज भाई देवराज ने बताया कि जब पूर्व विधायक से मिलने लोग आ रहे थे। इस दौरान चार लोग आए। दो लोग गोली चलाने में लग गए। तब बंबर ठाकुर ने गाड़ी के नीचे छिपकर अपनी जान बचाई। उन्होंने कहा कि बंबर ठाकुर ने चिट्ठा के खिलाफ आवाज उठाई थी। हो सकता है इस वजह से उन पर हमला किया गया हो। उन्होंने कहा कि पूर्व में हमला करने वाले लोग भी गोली चलाने में शामिल हो सकता है। कुछ बड़े लोगों का भी इसमें हाथ हो सकता है। गाड़ी के नीचे बची जान: अरुण बंबर समर्थक अरुण सिंह मराठा ने बताया, 25 से 30 साल उम्र के चार पूर्व विधायक के रेजिडेंस में आते है। उनका पीएसओ भी अपनी गन निकालने की कोशिश करता है। मगर इससे पहले ही वह फायरिंग शुरू कर देते हैं। यदि बंबर ठाकुर गाड़ी के नीचे नहीं जाते तो सभी 10 फायर उन पर हो सकती थी। खतरे से बाहर पूर्व विधायक की हालत: डॉक्टर IGMC के डॉक्टर महेश ने बताया कि पूर्व विधायक की हालत खतरे से बाहर है। उनको थाई के ऊपरी हिस्से में गोली लगी है। उनका उपचार जारी है। एक साल पहले भी हमला हुआ बंबर पर पहले भी एक बार हमला हो चुका है। 23 फरवरी 2024 को रेल लाइन निर्माण कंपनी के कार्यालय के बाहर हमले में उनका एक दांत टूट गया था। तब 11 आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद बंबर ठाकुर पर हमले के मुख्य आरोपी पर बिलासपुर कोर्ट परिसर के बाहर 20 जून 2024 को गोलियां चलाई गई। इस मामले में बंबर के बेटे समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। एक बार विधायक चुने गए बंबर ठाकुर 2012 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे। साल 2017 में वह सुभाष ठाकुर और 2022 त्रिलोक जम्वाल से चुनाव हार गए। बंबर ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाते थे।​​​​​​   हिमाचल | दैनिक भास्कर