हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के इंद्रुनाग में शनिवार को गुजरात की 19 साल की लड़की की पैराग्लाइडिंग करते वक्त मौत हो गई, जबकि पायलट घायल हो गया। इस मामले की पुलिस जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हुए है। बताया जा रहा है कि टेकऑफ साइट पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध नहीं थे। पुलिस का दावा है कि सूर्यास्त के बाद भी उड़ान भरी गई। लड़की ने उड़ान भरने की जिद की थी। मार्शल ने सूर्यास्त के कारण उड़ान भरने से लड़की को रोका था। जिस जगह टेकऑफ करते वक्त पायलट और लड़की गिरी है, वहां पर जमीन भी उबड़-खाबड़ वाली थी। जहां उबड़-खाबड़ जमीन को सीमेंट की खाली बोरियों और तिरपाल से ढकने का प्रयास किया गया था। सुरक्षा के लिए लगाई गई रेलिंग और पोल भी जर्जर अवस्था में थे। इन सब वजह को हादसे का कारण माना जा रहा है। सूर्यास्त से एक घंटा पहले पैराग्लाइडिंग बंद करनी होती है नियमों के अनुसार, सूर्यास्त से एक घंटा पहले पैराग्लाइडिंग बंद होनी चाहिए, लेकिन गुजरात की लड़की ने शाम 5 बजकर 55 मिनट पर उड़ान भरी। यह नियमों की अनदेखी को दर्शाता है। एयरो स्पोर्ट्स ऑफिसर की गैर हाजिरी में सुरक्षा मानकों की निगरानी भी प्रभावित हुई। प्रशासन की उदासीनता सामने आई घटना के बाद प्रशासनिक उदासीनता भी सामने आई। देर रात तक कोई अधिकारी पीड़ित परिवार से नहीं मिला। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कर परिजनों को सौंप दिया, लेकिन सोमवार शाम तक न तो FIR दर्ज की गई और न ही पैराग्लाइडर की जांच की गई। यह घटना हिमाचल में साहसिक पर्यटन की सुरक्षा व्यवस्था में तत्काल सुधार की मांग करती है। SHO धर्मशाला नारायण सिंह ने बताया कि अभी तक इस हादसे के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिलने के कारण FIR नहीं की गई। धर्मशाला रेगुलेटिंग अथॉरिटी के चेयरमैन और एसडीएम ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेशों के बाद मार्शल नियुक्त किए गए हैं। ड्यूटी पर तैनात मार्शल ने उड़ान रोकी थी, लेकिन लड़की की जिद्द के कारण उड़ान भरी गई। पायलट के लाइसेंस में भी वैधता तिथि नहीं पायलट मुनीश कुमार का लाइसेंस 24 फरवरी 2022 को जारी किया गया था, लेकिन इसकी वैधता का कॉलम खाली था और पायलट के हस्ताक्षर भी नहीं थे। रिपोर्ट में पैर नहीं उठाना बताया हादसे की वजह डीटीडीओ धर्मशाला विनय धीमान ने कहा कि इंद्रुनाग साइट पर तैनात मार्शल देशराज, अभिषेक, और कमलजीत ने संयुक्त रिपोर्ट सबमिट की। देशराज और अभिषेक के अनुसार, लड़की पहले अटेम्प्ट में उड़ान नहीं भर पाई थी और दूसरे अटेम्प्ट में पैर ऊपर नहीं उठाया। इससे पायलट संतुलन खो बैठा और हादसा हो गया। मामले की जांच की जा रही है। इन जिलों में होती पैराग्लाइडिंग हिमाचल प्रदेश के शिमला, कुल्लू और कांगड़ा जिला में कई जगह पैराग्लाइडिंग होती है। इन जिलों की अलग अलग साइट पर दुनियाभर से आने वाले लोग पैराग्लाइडिंग करते हैं। कई बार अनहोनी घटनाएं भी हो जाती है। बीते चार दिन में दो लोगों की मौत हुई है। धर्मशाला के इंद्रूनाग में गुजरात की लड़की की मौत हुई, जबकि शुक्रवार शाम को कुल्लू जिले में गार्सा लैंडिंग साइट पर तमिलनाडु के 28 वर्षीय टूरिस्ट की मौत हो गई।कांगड़ा के बीड़ बिलिंग में तीन महीने पहले भी पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप में शामिल आए एक विदेशी पैराग्लाइडर की मौत हो गई थी। बेल्जियम के पायलट की जान पैराग्लाइडर क्रैश होने से गई थी। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के इंद्रुनाग में शनिवार को गुजरात की 19 साल की लड़की की पैराग्लाइडिंग करते वक्त मौत हो गई, जबकि पायलट घायल हो गया। इस मामले की पुलिस जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हुए है। बताया जा रहा है कि टेकऑफ साइट पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध नहीं थे। पुलिस का दावा है कि सूर्यास्त के बाद भी उड़ान भरी गई। लड़की ने उड़ान भरने की जिद की थी। मार्शल ने सूर्यास्त के कारण उड़ान भरने से लड़की को रोका था। जिस जगह टेकऑफ करते वक्त पायलट और लड़की गिरी है, वहां पर जमीन भी उबड़-खाबड़ वाली थी। जहां उबड़-खाबड़ जमीन को सीमेंट की खाली बोरियों और तिरपाल से ढकने का प्रयास किया गया था। सुरक्षा के लिए लगाई गई रेलिंग और पोल भी जर्जर अवस्था में थे। इन सब वजह को हादसे का कारण माना जा रहा है। सूर्यास्त से एक घंटा पहले पैराग्लाइडिंग बंद करनी होती है नियमों के अनुसार, सूर्यास्त से एक घंटा पहले पैराग्लाइडिंग बंद होनी चाहिए, लेकिन गुजरात की लड़की ने शाम 5 बजकर 55 मिनट पर उड़ान भरी। यह नियमों की अनदेखी को दर्शाता है। एयरो स्पोर्ट्स ऑफिसर की गैर हाजिरी में सुरक्षा मानकों की निगरानी भी प्रभावित हुई। प्रशासन की उदासीनता सामने आई घटना के बाद प्रशासनिक उदासीनता भी सामने आई। देर रात तक कोई अधिकारी पीड़ित परिवार से नहीं मिला। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कर परिजनों को सौंप दिया, लेकिन सोमवार शाम तक न तो FIR दर्ज की गई और न ही पैराग्लाइडर की जांच की गई। यह घटना हिमाचल में साहसिक पर्यटन की सुरक्षा व्यवस्था में तत्काल सुधार की मांग करती है। SHO धर्मशाला नारायण सिंह ने बताया कि अभी तक इस हादसे के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिलने के कारण FIR नहीं की गई। धर्मशाला रेगुलेटिंग अथॉरिटी के चेयरमैन और एसडीएम ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेशों के बाद मार्शल नियुक्त किए गए हैं। ड्यूटी पर तैनात मार्शल ने उड़ान रोकी थी, लेकिन लड़की की जिद्द के कारण उड़ान भरी गई। पायलट के लाइसेंस में भी वैधता तिथि नहीं पायलट मुनीश कुमार का लाइसेंस 24 फरवरी 2022 को जारी किया गया था, लेकिन इसकी वैधता का कॉलम खाली था और पायलट के हस्ताक्षर भी नहीं थे। रिपोर्ट में पैर नहीं उठाना बताया हादसे की वजह डीटीडीओ धर्मशाला विनय धीमान ने कहा कि इंद्रुनाग साइट पर तैनात मार्शल देशराज, अभिषेक, और कमलजीत ने संयुक्त रिपोर्ट सबमिट की। देशराज और अभिषेक के अनुसार, लड़की पहले अटेम्प्ट में उड़ान नहीं भर पाई थी और दूसरे अटेम्प्ट में पैर ऊपर नहीं उठाया। इससे पायलट संतुलन खो बैठा और हादसा हो गया। मामले की जांच की जा रही है। इन जिलों में होती पैराग्लाइडिंग हिमाचल प्रदेश के शिमला, कुल्लू और कांगड़ा जिला में कई जगह पैराग्लाइडिंग होती है। इन जिलों की अलग अलग साइट पर दुनियाभर से आने वाले लोग पैराग्लाइडिंग करते हैं। कई बार अनहोनी घटनाएं भी हो जाती है। बीते चार दिन में दो लोगों की मौत हुई है। धर्मशाला के इंद्रूनाग में गुजरात की लड़की की मौत हुई, जबकि शुक्रवार शाम को कुल्लू जिले में गार्सा लैंडिंग साइट पर तमिलनाडु के 28 वर्षीय टूरिस्ट की मौत हो गई।कांगड़ा के बीड़ बिलिंग में तीन महीने पहले भी पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप में शामिल आए एक विदेशी पैराग्लाइडर की मौत हो गई थी। बेल्जियम के पायलट की जान पैराग्लाइडर क्रैश होने से गई थी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सोलन में स्क्रैप डीलर की फर्म को नोटिस:बोर्ड ने 7 दिन के अंदर मांगा जवाब, ड्रम धोकर नाले में फेंका केमिकल हिमाचल प्रदेश के सोलन के नालागढ़ में साजिश के तहत खुद पर फायरिंग करवाने वाले स्क्रैप डीलर का एक और कारनामा सामने आया है। आरोपी की रियल एंटरप्राइस नामक फर्म को प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने नोटिस देते हुए सात दिन के भीतर जवाब मांगा है। अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिलता है, तो बिजली काटी जा सकती है। नाले में फेंका जा रहा केमिकल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पास पुख़्ता सबूत थे कि यह फर्म भटोली कलां की नामी मल्टी नेशनल कंपनी से आने वाले केमिकल ड्रमों को खुले में धोता था, जिसका सारा केमिकल नाले में फेंका जा रहा था। जिससे एरिया में प्रदूषण फैलाया जा रहा था। ऐसे में कंपनी पर भी कई सवाल खड़े हो रहे है कि आख़िर किस आधार पर उक्त फ़र्म को वेंडर बनाया गया था। भारी जुर्माने का भी प्रावधान प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर उक्त फ़र्म पर एन्वायर्नमेंट कॉम्पेनसेशन के तहत भारी जुर्माना भी लग सकता है। जिसमें 10 हज़ार से 15 लाख तक के जुर्माने का भारी प्रावधान भी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी द्वारा पत्र में इस बात का हवाला दिया है कि 23 सिंतबर 2024 को आपके यूनिट का औचक निरीक्षण किया था। जिसमें मौके पर पाया था कि यूनिट में लाए केमिकल ड्रम बाहर खुले में धोकर केमिकल फेंक रहे है। लंबे समय से बंद था प्लांट इन ड्रमों को प्लांट के बाहर खुले स्थान पर धोया जा रहा था और इस गंदे व जहरीले कैमिकल युक्त पानी को नाले में फेंका जा रहा था। हैरानी तो तब हुई, जब विभागीय अधिकारियों ने यह पाया कि रीयल स्क्रैप एंटरप्राइजिज का ट्रिटमैंट प्लांट लंबे समय से बंद था और उसकी लोग बुक भी मेंटेन नहीं की गई थी। गांव के नाले में बिना अनुमति जहरीला बिना शोधित जल निपटारा करने पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बद्दी ने 5 अक्टूबर को नोटिस भी उपरोक्त यूनिट को दिया था। 23 सितंबर को जो सैंपल लिए गए थे, उसके नतीजे नहीं थे। उस समय विभाग ने उक्त यूनिट को दोषी मानते हुए व पर्यावरण को दूषित करने के आरोप में बिजली काटने की बात कही थी। अवहेलना पर काटी जाएगी बिजली वहीं राज्य प्रदूषण नियंत्रण के सदस्य सचिव अनिल जोशी ने बताया कि मलपुर के रीयल स्क्रैप एंटरप्राइजिज को प्रदूषण बोर्ड नियमों की अवहेलना करने पर नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा एन्वायर्नमेंट कंपनसेशन के रूप में भारी जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि अवहेलना पर बिजली भी काटी जा सकती है।