हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला में प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि हिंदुस्तान का सबसे लंबा रोपवे शिमला में बनने जा रहा है। इसकी लंबाई 14 किलोमीटर की होगी। 1734 करोड़ रुपए की लागत से बनने जा रहे इस प्रोजेक्ट की एनवायरमेंट क्लियरेंस के लिए 20 करोड़ रुपए सरकार ने जारी कर दिए है। पहाड़ों की रानी शिमला में इस प्रोजेक्ट के बनने से स्थानीय लोगों सहित शिमला आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को यहां लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा। रोपवे में लगेगी 660 ट्रॉली डिप्टी CM ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में 660 ट्रॉली लगेगी। प्रत्येक की क्षमता 8 से 10 सवारी की होगी। एक घंटे में 6000 यात्री सफर कर सकेंगे। तारादेवी से शुरू होने वाले इस रोपवे में कुल 13 स्टेशन बनाए जाएंगे। पहला स्टेशन तारादेवी में बनेगा, इसके बाद जूडिशियल कॉम्पलेक्स चक्कर, टूटीकंडी पार्किंग, न्यू ISBT टूटीकंडी, रेलवे स्टेशन, ओल्ड ISBT शिमला, लिफ्ट, सचिवालय छोटा शिमला, नव-बहार, संजौली, IGMC, आइस स्केटिंग रिंक और 103 नीयर होटल चेतन पर 13 स्टेशन बनाए जाएंगे। कुछ लोग श्रेय लेने का प्रयास कर रहे: अग्निहोत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, जिन लोगों ने एक रुपए इस प्रोजेक्ट के लिए नहीं दिया। डीपीआर तक नहीं बनाई वह लोग अब कुछ लोग इसका श्रेय लेने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट शिमला के टूरिज्म के लिए संजीवनी साबित होगा। वह खुद इस प्रोजेक्ट को सीरे चढ़ाने के लिए ऑस्ट्रिया और स्विटरलेंड गए। वहां बड़े रोपने बनाने वाली कंपनियों से बात की। शिमला में बनने प्रस्तावित रोपवे से बड़ा दुनिया में केवल बोलेरिया में एक रोपने है। प्रत्येक दो मिनट बाद मिलेगी ट्रॉली अग्निहोत्री ने कहा कि प्रत्येक दो से तीन मिनट बाद यात्रियों को ट्रॉली उपलब्ध होगी। इसमें तीन लाइन होगी। रेड लाइन ग्रीन और ब्लू लाइन बनेगी। शिमला में इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजाना के ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा। यह पूरी तरह इको फ्रैंडली ग्रीन प्रोजेक्ट होगा। यह प्रोजेक्ट आने वाले 40 साल को देखते हुए डिजाइन किया गया है। NDB बैंक कर रहा मदद मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस रोपवे को न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की मदद से बनाया जा रहा है। इसमें 20 फीसदी हिमाचल की इक्विटी होगी। 8 फीसदी लोन और 72 फीसदी ग्रांट होगी। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट की सारी औपचारिकताएं पूरी कर दी गई है। अब ग्लोबल टेंडर करने की तैयारी है। बस के जितना होगा किराया: अग्निहोत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि रोपवे का किराया बस के आसपास होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को पांच साल में पूरा करने का डेडलाइन रखी गई है, जबकि इसके पहले चरण को ढाई साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की DPR बनकर तैयार है। इसे NDB को सब्मिट कर दिया है। अभी शिमला की सड़कों पर रोजाना जैसी है ट्रैफिक जाम के कारण इस तरह की स्थिति (फाइल फोटो) तारादेवी से शिमला पहुंचना हो जाता है मुश्किल शिमला में ट्रैफिक कंजेशन की वजह से आदमी चंडीगढ़ से तारादेवी आसानी से पहुंच जाता है, लेकिन तारा देवी से शिमला तक 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में कई कई घंटे लग जाते हैं। इस वजह से खासकर सेब सीजन, न्यू ईयर, क्रिसमस, समर टूरिस्ट सीजन आदि के दौरान तो 10 किलोमीटर के सफर में चार से छह घंटे लग जाते हैं। ऐसे में रोपवे बनने से शहरवासियों को फायदा होगा। अभी साउथ अमेरिका में दुनिया का सबसे लंबा यानी 32 किलोमीटर रोपवे प्रोजेक्ट है। हिमाचल में बनेगा दुनिया का सबसे लंबा रोपवे मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि शिमला सफल रहा तो परवाणू से शिमला को 39 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जाएगा। यह दुनिया का सबसे लंबा रोवने होगा। इसकी लागत 6600 करोड़ रुपए आएगी। हिमाचल प्रदेश के रोपवे डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। इससे PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) में शुरू किया जाएगा। हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला में प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि हिंदुस्तान का सबसे लंबा रोपवे शिमला में बनने जा रहा है। इसकी लंबाई 14 किलोमीटर की होगी। 1734 करोड़ रुपए की लागत से बनने जा रहे इस प्रोजेक्ट की एनवायरमेंट क्लियरेंस के लिए 20 करोड़ रुपए सरकार ने जारी कर दिए है। पहाड़ों की रानी शिमला में इस प्रोजेक्ट के बनने से स्थानीय लोगों सहित शिमला आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को यहां लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा। रोपवे में लगेगी 660 ट्रॉली डिप्टी CM ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में 660 ट्रॉली लगेगी। प्रत्येक की क्षमता 8 से 10 सवारी की होगी। एक घंटे में 6000 यात्री सफर कर सकेंगे। तारादेवी से शुरू होने वाले इस रोपवे में कुल 13 स्टेशन बनाए जाएंगे। पहला स्टेशन तारादेवी में बनेगा, इसके बाद जूडिशियल कॉम्पलेक्स चक्कर, टूटीकंडी पार्किंग, न्यू ISBT टूटीकंडी, रेलवे स्टेशन, ओल्ड ISBT शिमला, लिफ्ट, सचिवालय छोटा शिमला, नव-बहार, संजौली, IGMC, आइस स्केटिंग रिंक और 103 नीयर होटल चेतन पर 13 स्टेशन बनाए जाएंगे। कुछ लोग श्रेय लेने का प्रयास कर रहे: अग्निहोत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, जिन लोगों ने एक रुपए इस प्रोजेक्ट के लिए नहीं दिया। डीपीआर तक नहीं बनाई वह लोग अब कुछ लोग इसका श्रेय लेने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट शिमला के टूरिज्म के लिए संजीवनी साबित होगा। वह खुद इस प्रोजेक्ट को सीरे चढ़ाने के लिए ऑस्ट्रिया और स्विटरलेंड गए। वहां बड़े रोपने बनाने वाली कंपनियों से बात की। शिमला में बनने प्रस्तावित रोपवे से बड़ा दुनिया में केवल बोलेरिया में एक रोपने है। प्रत्येक दो मिनट बाद मिलेगी ट्रॉली अग्निहोत्री ने कहा कि प्रत्येक दो से तीन मिनट बाद यात्रियों को ट्रॉली उपलब्ध होगी। इसमें तीन लाइन होगी। रेड लाइन ग्रीन और ब्लू लाइन बनेगी। शिमला में इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजाना के ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा। यह पूरी तरह इको फ्रैंडली ग्रीन प्रोजेक्ट होगा। यह प्रोजेक्ट आने वाले 40 साल को देखते हुए डिजाइन किया गया है। NDB बैंक कर रहा मदद मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस रोपवे को न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की मदद से बनाया जा रहा है। इसमें 20 फीसदी हिमाचल की इक्विटी होगी। 8 फीसदी लोन और 72 फीसदी ग्रांट होगी। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट की सारी औपचारिकताएं पूरी कर दी गई है। अब ग्लोबल टेंडर करने की तैयारी है। बस के जितना होगा किराया: अग्निहोत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि रोपवे का किराया बस के आसपास होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को पांच साल में पूरा करने का डेडलाइन रखी गई है, जबकि इसके पहले चरण को ढाई साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की DPR बनकर तैयार है। इसे NDB को सब्मिट कर दिया है। अभी शिमला की सड़कों पर रोजाना जैसी है ट्रैफिक जाम के कारण इस तरह की स्थिति (फाइल फोटो) तारादेवी से शिमला पहुंचना हो जाता है मुश्किल शिमला में ट्रैफिक कंजेशन की वजह से आदमी चंडीगढ़ से तारादेवी आसानी से पहुंच जाता है, लेकिन तारा देवी से शिमला तक 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में कई कई घंटे लग जाते हैं। इस वजह से खासकर सेब सीजन, न्यू ईयर, क्रिसमस, समर टूरिस्ट सीजन आदि के दौरान तो 10 किलोमीटर के सफर में चार से छह घंटे लग जाते हैं। ऐसे में रोपवे बनने से शहरवासियों को फायदा होगा। अभी साउथ अमेरिका में दुनिया का सबसे लंबा यानी 32 किलोमीटर रोपवे प्रोजेक्ट है। हिमाचल में बनेगा दुनिया का सबसे लंबा रोपवे मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि शिमला सफल रहा तो परवाणू से शिमला को 39 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जाएगा। यह दुनिया का सबसे लंबा रोवने होगा। इसकी लागत 6600 करोड़ रुपए आएगी। हिमाचल प्रदेश के रोपवे डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। इससे PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) में शुरू किया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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