हिमाचल में सभी वाहनों में डस्टबिन जरूरी:5 मई से लागू होगा नियम, नहीं रखा तो 10 हजार का जुर्माना

हिमाचल में सभी वाहनों में डस्टबिन जरूरी:5 मई से लागू होगा नियम, नहीं रखा तो 10 हजार का जुर्माना

हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। विभाग ने सभी वाहनों में डस्टबिन रखना अनिवार्य कर दिया है। इसमें एचआरटीसी बसें, निजी बसें, वॉल्वो, टैक्सी, ट्रक और टैंपू ट्रैवलर शामिल हैं। विभाग ने शनिवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। वाहन मालिकों को 5 मई तक अपने वाहनों में डस्टबिन लगाने का समय दिया गया है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही, अगर कोई व्यक्ति वाहन से खुले में कूड़ा या प्लास्टिक की पैकिंग फेंकते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर 1 हजार 500 रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगेगा। हिमाचल प्रदेश एक प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। हर साल यहां करोड़ों पर्यटक घूमने आते हैं। रोजाना सैकड़ों लोग हिमाचल प्रदेश पहुंचते है। ऐसे में विभाग ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। सैलानी व अन्य स्थानीय लोग फैलाते हैं कचरा पहाड़ी प्रदेश होने के चलते पर्यटक व स्थानीय लोग बसों से यात्रा करते है। आम तौर पर देखने में आया है कि सैलानी व अन्य स्थानीय लोग कुछ भी खाते व पीते हैं तथा उसका कचरा सड़कों व पहाड़ियों पर ही फैंक देते हैं। इससे कचरा सड़क किनारे व पहाड़ियों पर पड़ा हुआ दिखता है, जिससे पर्यावरण को तो नुकसान पहुंचता ही है साथ ही यहां की प्राकृतिक खूबसूरती को भी ग्रहण लग रहा है। कूड़े से सीवरेज की पाइपों व नालियों में फंसने से ब्लॉकेज की समस्या पैदा हो रही थी। मवेशी भी प्लास्टिक कचरे को खाकर काल का ग्रास बन रहे थे। सभी वाहनों में डस्ट बिन अनिवार्य ऐसे में स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए सरकार ने सभी टैक्सियों व सार्वजनिक वाहन तथा निजी परिवहन में डस्टबिन अनिवार्य लगाने का निर्णय लिया है, ताकि सैलानी कचरा टैक्सी में लगे डस्टबिन में ही डाले तथा यह टैक्सी चालक की जिम्मेदारी होगी कि वह डस्टबिन के कचरे में डम्पर या उचित स्थान पर फैंके। RTO, RM व पार्किंग मालिकों पर बड़ी जिम्मेवारी विभाग के इस फैसले को धरातल पर उतारने की जिम्मेवारी आरटीओ, बस अड्डा प्रभारी तथा पार्किंग के मालिक पर रहेगी। यह सभी लोग अपने-अपने क्षेत्र में यह सुनिश्चित करेंगे कि इन वाहनों में डस्ट बिन लगे हों। यह अधिकारी समय समय पर वाहनों का निरीक्षण करेंगे कि वाहन चालक नियमों का पालन कर रहे है या नहीं। इसके अलावा आरटीओ व एमवीआई उन्हीं टैक्सियों व अन्य वाहनों को पास करेंगे, जिनमें डस्टबिन लगे हों। साथ ही आरटीओ व एमवीआई को आदेशों की अनुपालना नहीं करने वालों से जुर्माना करने का अधिकार दिया गया है। प्लास्टिक की बोतलों पर बैन की तैयारी वहीं विभाग ने हिमाचल प्रदेश में वाहनों में डस्टबिन के साथ साथ 1 जून से छोटी प्लास्टिक की पानी की बोतलों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इस बाबत भी सरकार ने पहले ही अधिसूचना जारी कर रखी है। इसके तहत एचपीटीडीसी के होटल, प्राईवेट होटल आदि अपने स्टॉक को निकाल सकें तथा उन्हें किसी प्रकार की वित्तीय हानि न हो ,इसके लिए उन 30 मई तक का समय दिया है। सरकार ने इसको लेकर 21 जनवरी, 2025 को अधिसूचना जारी की थी। इसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं होगा। हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। विभाग ने सभी वाहनों में डस्टबिन रखना अनिवार्य कर दिया है। इसमें एचआरटीसी बसें, निजी बसें, वॉल्वो, टैक्सी, ट्रक और टैंपू ट्रैवलर शामिल हैं। विभाग ने शनिवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। वाहन मालिकों को 5 मई तक अपने वाहनों में डस्टबिन लगाने का समय दिया गया है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही, अगर कोई व्यक्ति वाहन से खुले में कूड़ा या प्लास्टिक की पैकिंग फेंकते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर 1 हजार 500 रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगेगा। हिमाचल प्रदेश एक प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। हर साल यहां करोड़ों पर्यटक घूमने आते हैं। रोजाना सैकड़ों लोग हिमाचल प्रदेश पहुंचते है। ऐसे में विभाग ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। सैलानी व अन्य स्थानीय लोग फैलाते हैं कचरा पहाड़ी प्रदेश होने के चलते पर्यटक व स्थानीय लोग बसों से यात्रा करते है। आम तौर पर देखने में आया है कि सैलानी व अन्य स्थानीय लोग कुछ भी खाते व पीते हैं तथा उसका कचरा सड़कों व पहाड़ियों पर ही फैंक देते हैं। इससे कचरा सड़क किनारे व पहाड़ियों पर पड़ा हुआ दिखता है, जिससे पर्यावरण को तो नुकसान पहुंचता ही है साथ ही यहां की प्राकृतिक खूबसूरती को भी ग्रहण लग रहा है। कूड़े से सीवरेज की पाइपों व नालियों में फंसने से ब्लॉकेज की समस्या पैदा हो रही थी। मवेशी भी प्लास्टिक कचरे को खाकर काल का ग्रास बन रहे थे। सभी वाहनों में डस्ट बिन अनिवार्य ऐसे में स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए सरकार ने सभी टैक्सियों व सार्वजनिक वाहन तथा निजी परिवहन में डस्टबिन अनिवार्य लगाने का निर्णय लिया है, ताकि सैलानी कचरा टैक्सी में लगे डस्टबिन में ही डाले तथा यह टैक्सी चालक की जिम्मेदारी होगी कि वह डस्टबिन के कचरे में डम्पर या उचित स्थान पर फैंके। RTO, RM व पार्किंग मालिकों पर बड़ी जिम्मेवारी विभाग के इस फैसले को धरातल पर उतारने की जिम्मेवारी आरटीओ, बस अड्डा प्रभारी तथा पार्किंग के मालिक पर रहेगी। यह सभी लोग अपने-अपने क्षेत्र में यह सुनिश्चित करेंगे कि इन वाहनों में डस्ट बिन लगे हों। यह अधिकारी समय समय पर वाहनों का निरीक्षण करेंगे कि वाहन चालक नियमों का पालन कर रहे है या नहीं। इसके अलावा आरटीओ व एमवीआई उन्हीं टैक्सियों व अन्य वाहनों को पास करेंगे, जिनमें डस्टबिन लगे हों। साथ ही आरटीओ व एमवीआई को आदेशों की अनुपालना नहीं करने वालों से जुर्माना करने का अधिकार दिया गया है। प्लास्टिक की बोतलों पर बैन की तैयारी वहीं विभाग ने हिमाचल प्रदेश में वाहनों में डस्टबिन के साथ साथ 1 जून से छोटी प्लास्टिक की पानी की बोतलों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इस बाबत भी सरकार ने पहले ही अधिसूचना जारी कर रखी है। इसके तहत एचपीटीडीसी के होटल, प्राईवेट होटल आदि अपने स्टॉक को निकाल सकें तथा उन्हें किसी प्रकार की वित्तीय हानि न हो ,इसके लिए उन 30 मई तक का समय दिया है। सरकार ने इसको लेकर 21 जनवरी, 2025 को अधिसूचना जारी की थी। इसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं होगा।   हिमाचल | दैनिक भास्कर