भारत-पाक में तनाव के बीच वीर-भूमि हिमाचल प्रदेश का जास्वी गांव चर्चा में आया है। सिरमौर जिला के शिलाई के जास्वी गांव ने मां भारती की रक्षा के लिए 5-10 नहीं बल्कि पूरे 30 जवान इंडियन आर्मी को दिए है। वीरों का यह गांव के युवाओं में उनका सेना के प्रति जज्बा दिखाता है। जास्वी गांव के युवाओं को छठी-सातवीं कक्षा में ही सेना में भर्ती की ट्रेनिंग दी जाती है। जास्वी गांव के अतर जस्टा ने बताया कि उनके पांच भाई सेना में है। इनमें से तीन उनके सगे भाई (प्रकाश, विलम व मनोज जस्टा) है, जबकि दो उनके चचेरे भाई है। वह खुद भी सेना में भर्ती होना चाहते थे, लेकिन भर्ती नहीं हो सके। उन्होंने बताया कि उनका एक भाई विलम तीन दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटा है। पिता बोले- दुश्मन को ठोककर आना अतर जस्टा ने बताया कि देश में जब युद्ध जैसे हालात बन रहे थे तब कुछ लोग घबरा रहे थे, लेकिन उनके पिता रणसिंह ने तीन दिन पहले जब बेटा विलम ड्यूटी पर लौट रहा था तो पिता ने कहा- या तो भर्ती नहीं होना था, जब भर्ती हुए तो दुश्मन को ठोक कर आना। अतर ने कहा, पूरे गांव को फौजी भाईयों पर गर्व है और किसी भी परिजनों को किसी भी प्रकार का भय नहीं था। बलवीर बोले- गांव का हर बच्चा सेना में जाने को तैयार जास्वी के बलवीर जस्टा ने बताया कि उनके गांव के 30 जवान सेना में सेवारत्त है। उन्हें इस बात पर गर्व है और पूरी उम्मीद है कि पाकिस्तान को हमारे जवान मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने बताया कि जास्वी गांव का हर बच्चा सेना में जाने को तैयार रहता है। जास्वी गांव की आबादी लगभग 800 की है। देवभूमि को इसलिए वीर-भूमि कहा जाता है हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के साथ वीर-भूमि भी कहा जाता है, क्योंकि देश में आज तक लड़ी गई हरेक लड़ाई में हिमाचल के वीर सपूतो का बड़ा योगदान रहा है। अकेले कारगिल युद्ध में शहादत पाने वाले 527 जवानों में से हिमाचल के 52 वीर शामिल थे, जिन्होंने ‘पहाड़’ जैसा शौर्य दिखाते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए। कारगिल युद्ध में दो परमवीर चक्र, दो अशोक चक्र, 10 महावीर चक्र, 18 कीर्ती चक्र, 51 वीर चक्र, 89 शौर्य चक्र हिमाचल के वीर सपूतो को मिले। इसी वजह से हिमाचल को वीर-भूमि भी कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिमाचल दौरे के दौरान बार बार वीर-भूमि का जिक्र करते रहे हैं। सबसे बड़ा पहला सेन्य सम्मान हिमाचल के सपूत को मिला सेना का सबसे बड़ा सम्मान परमवीर चक्र भी हिमाचल के वीर सपूत मेजर सोमनाथ शर्मा को मिला, जिन्होंने मात्र 24 वर्ष की उम्र में मां भारती की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। यही नहीं देवभूमि हिमाचल ने मेजर सोमनाथ शर्मा, कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन सौरभ कालिया, राइफल मेन संजय कुमार, सूबेदार मेजर पवन कुमार जैसे अनेकों वीर इस देश को दिए हैं। भारत-पाक में तनाव के बीच वीर-भूमि हिमाचल प्रदेश का जास्वी गांव चर्चा में आया है। सिरमौर जिला के शिलाई के जास्वी गांव ने मां भारती की रक्षा के लिए 5-10 नहीं बल्कि पूरे 30 जवान इंडियन आर्मी को दिए है। वीरों का यह गांव के युवाओं में उनका सेना के प्रति जज्बा दिखाता है। जास्वी गांव के युवाओं को छठी-सातवीं कक्षा में ही सेना में भर्ती की ट्रेनिंग दी जाती है। जास्वी गांव के अतर जस्टा ने बताया कि उनके पांच भाई सेना में है। इनमें से तीन उनके सगे भाई (प्रकाश, विलम व मनोज जस्टा) है, जबकि दो उनके चचेरे भाई है। वह खुद भी सेना में भर्ती होना चाहते थे, लेकिन भर्ती नहीं हो सके। उन्होंने बताया कि उनका एक भाई विलम तीन दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटा है। पिता बोले- दुश्मन को ठोककर आना अतर जस्टा ने बताया कि देश में जब युद्ध जैसे हालात बन रहे थे तब कुछ लोग घबरा रहे थे, लेकिन उनके पिता रणसिंह ने तीन दिन पहले जब बेटा विलम ड्यूटी पर लौट रहा था तो पिता ने कहा- या तो भर्ती नहीं होना था, जब भर्ती हुए तो दुश्मन को ठोक कर आना। अतर ने कहा, पूरे गांव को फौजी भाईयों पर गर्व है और किसी भी परिजनों को किसी भी प्रकार का भय नहीं था। बलवीर बोले- गांव का हर बच्चा सेना में जाने को तैयार जास्वी के बलवीर जस्टा ने बताया कि उनके गांव के 30 जवान सेना में सेवारत्त है। उन्हें इस बात पर गर्व है और पूरी उम्मीद है कि पाकिस्तान को हमारे जवान मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने बताया कि जास्वी गांव का हर बच्चा सेना में जाने को तैयार रहता है। जास्वी गांव की आबादी लगभग 800 की है। देवभूमि को इसलिए वीर-भूमि कहा जाता है हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के साथ वीर-भूमि भी कहा जाता है, क्योंकि देश में आज तक लड़ी गई हरेक लड़ाई में हिमाचल के वीर सपूतो का बड़ा योगदान रहा है। अकेले कारगिल युद्ध में शहादत पाने वाले 527 जवानों में से हिमाचल के 52 वीर शामिल थे, जिन्होंने ‘पहाड़’ जैसा शौर्य दिखाते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए। कारगिल युद्ध में दो परमवीर चक्र, दो अशोक चक्र, 10 महावीर चक्र, 18 कीर्ती चक्र, 51 वीर चक्र, 89 शौर्य चक्र हिमाचल के वीर सपूतो को मिले। इसी वजह से हिमाचल को वीर-भूमि भी कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिमाचल दौरे के दौरान बार बार वीर-भूमि का जिक्र करते रहे हैं। सबसे बड़ा पहला सेन्य सम्मान हिमाचल के सपूत को मिला सेना का सबसे बड़ा सम्मान परमवीर चक्र भी हिमाचल के वीर सपूत मेजर सोमनाथ शर्मा को मिला, जिन्होंने मात्र 24 वर्ष की उम्र में मां भारती की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। यही नहीं देवभूमि हिमाचल ने मेजर सोमनाथ शर्मा, कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन सौरभ कालिया, राइफल मेन संजय कुमार, सूबेदार मेजर पवन कुमार जैसे अनेकों वीर इस देश को दिए हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
