शिमला जिला के अंतर्गत ज्वाहर नवोदय (JNV) विद्यालय ठियोग में सीनियर स्टूडेंट द्वारा जूनियर की रैगिंग और मारपीट का मामले सामने आया है। मारपीट से पांच बच्चों को कान, आंख और मुंह पर चोट आई है। सूचना के अनुसार, 13 जुलाई की रात करीब 11 बजे 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले पांच स्टूडेंट हॉस्टल में 10वीं क्लास के छात्रों के रूम में जाते हैं और जूनियर को कपड़े धोने को बोलते है। 10वीं कक्षा के कुछ छात्रों ने जब कपड़े धोने से इनकार कर दिया तो सीनियर छात्रों ने बारी-बारी जूनियर की पिटाई शुरू कर दी। रात 11 बजकर 24 मिनट पर दो छात्र हॉस्टल से भागे और स्कूल परिसर में लगे टेलिफोन बूथ से एक छात्र ने अपने पिता सुरेंद्र सिंह को फोन करके पूरी घटना की जानकारी दी। बेटे का फोन काटते ही सुरेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी हाउस टीचर को दी। मगर हाउस टीचर छुट्टी पर थे। इसके बाद सुरेंद्र सिंह ने रात लगभग 11 बजकर 30 मिनट पर इसकी जानकारी स्कूल प्रिंसिपल संजीता शौनिक को दी। पांच मिनट में प्रिंसिपल ने खुद हॉस्टल पहुंचकर लड़ाई को रोका। सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सीनियर छात्र पैसे भी मांगते थे और 13 जुलाई की रात सीनियर स्टूडेंट ने जूनियर को कपड़े धोने को कहा। इस पर मारपीट हुई। एक अन्य छात्र के पिता नरेश ने बताया कि सीनियर छात्र कपड़े धोने को बोल रहे थे। इस वजह से मारपीट हुई है। हॉउस टीचर और हॉस्टल वॉर्डन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में रैगिंग और मारपीट की घटना के बाद सवाल हॉस्टल वार्डन और हाउस टीचर की कार्यप्रणाली को लेकर उठ रहे हैं, क्योंकि बोर्डिंग स्कूल में परिजन अपने बच्चों को कई कई महीने तक स्कूल प्रबंधन को भरोसे छोड़ते हैं। ऐसे में यदि परिजनों की गैर मौजूदगी में उनके बच्चों के साथ रैगिंग व मारपीट रोकना हॉस्टल वार्डन, हाउस टीचर और स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी बनती है। आधी रात जब 12वीं कक्षा के छात्र 10वीं के हॉस्टल में आते हैं तो हॉउस टीचर और हॉस्टल वार्डन कहां पर थे। यदि एक छात्र ने रात में अपने पिता को इसकी सूचना नहीं दी होती तो यह मारपीट के परिणाम और ज्यादा गंभीर हो सकते थे। परिजनों की शिकायत के बाद यह मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधन के हाथ-पांव फूल गए हैं। स्थानीय प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। तहसीलदार ठियोग ने खुद स्कूल पहुंचकर प्रबंधन व छात्रों के परिजनों के साथ मीटिंग की और जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी: प्रिंसिपल ज्वाहर नवोदय विद्यालय ठियोग की प्रिंसिपल संजीता शौनिक ने बताया कि उन्होंने हॉस्टल पहुंचकर लड़ाई को रोका है। दोषी छात्रों और वॉर्डन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन और बच्चों के अभिभावकों से भी बातचीत की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन क्लीन अप चलाकर सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में कोई भी छात्र स्कूल में रैगिंग और मारपीट की हिम्मत न कर पाए। शिमला जिला के अंतर्गत ज्वाहर नवोदय (JNV) विद्यालय ठियोग में सीनियर स्टूडेंट द्वारा जूनियर की रैगिंग और मारपीट का मामले सामने आया है। मारपीट से पांच बच्चों को कान, आंख और मुंह पर चोट आई है। सूचना के अनुसार, 13 जुलाई की रात करीब 11 बजे 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले पांच स्टूडेंट हॉस्टल में 10वीं क्लास के छात्रों के रूम में जाते हैं और जूनियर को कपड़े धोने को बोलते है। 10वीं कक्षा के कुछ छात्रों ने जब कपड़े धोने से इनकार कर दिया तो सीनियर छात्रों ने बारी-बारी जूनियर की पिटाई शुरू कर दी। रात 11 बजकर 24 मिनट पर दो छात्र हॉस्टल से भागे और स्कूल परिसर में लगे टेलिफोन बूथ से एक छात्र ने अपने पिता सुरेंद्र सिंह को फोन करके पूरी घटना की जानकारी दी। बेटे का फोन काटते ही सुरेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी हाउस टीचर को दी। मगर हाउस टीचर छुट्टी पर थे। इसके बाद सुरेंद्र सिंह ने रात लगभग 11 बजकर 30 मिनट पर इसकी जानकारी स्कूल प्रिंसिपल संजीता शौनिक को दी। पांच मिनट में प्रिंसिपल ने खुद हॉस्टल पहुंचकर लड़ाई को रोका। सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सीनियर छात्र पैसे भी मांगते थे और 13 जुलाई की रात सीनियर स्टूडेंट ने जूनियर को कपड़े धोने को कहा। इस पर मारपीट हुई। एक अन्य छात्र के पिता नरेश ने बताया कि सीनियर छात्र कपड़े धोने को बोल रहे थे। इस वजह से मारपीट हुई है। हॉउस टीचर और हॉस्टल वॉर्डन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में रैगिंग और मारपीट की घटना के बाद सवाल हॉस्टल वार्डन और हाउस टीचर की कार्यप्रणाली को लेकर उठ रहे हैं, क्योंकि बोर्डिंग स्कूल में परिजन अपने बच्चों को कई कई महीने तक स्कूल प्रबंधन को भरोसे छोड़ते हैं। ऐसे में यदि परिजनों की गैर मौजूदगी में उनके बच्चों के साथ रैगिंग व मारपीट रोकना हॉस्टल वार्डन, हाउस टीचर और स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी बनती है। आधी रात जब 12वीं कक्षा के छात्र 10वीं के हॉस्टल में आते हैं तो हॉउस टीचर और हॉस्टल वार्डन कहां पर थे। यदि एक छात्र ने रात में अपने पिता को इसकी सूचना नहीं दी होती तो यह मारपीट के परिणाम और ज्यादा गंभीर हो सकते थे। परिजनों की शिकायत के बाद यह मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधन के हाथ-पांव फूल गए हैं। स्थानीय प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। तहसीलदार ठियोग ने खुद स्कूल पहुंचकर प्रबंधन व छात्रों के परिजनों के साथ मीटिंग की और जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी: प्रिंसिपल ज्वाहर नवोदय विद्यालय ठियोग की प्रिंसिपल संजीता शौनिक ने बताया कि उन्होंने हॉस्टल पहुंचकर लड़ाई को रोका है। दोषी छात्रों और वॉर्डन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन और बच्चों के अभिभावकों से भी बातचीत की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन क्लीन अप चलाकर सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में कोई भी छात्र स्कूल में रैगिंग और मारपीट की हिम्मत न कर पाए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
ऊना में हादसे में युवक की मौत:कैंटर ने बाइक को लिया चपेट में, मोटरसाइकिल कैंटर से टकराने से दो घायल
ऊना में हादसे में युवक की मौत:कैंटर ने बाइक को लिया चपेट में, मोटरसाइकिल कैंटर से टकराने से दो घायल हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के उप मंडल अंब के तहत अंब-ऊना हाइवे पर चुरूरु रेलव ब्रिज के समीप हुए एक सड़क हादसे में एक बाइक चालक की मौत हो गई, जबकि दो अन्य बाइक सवार गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतक की पहचान मनोहर चौहान (28) पुत्र बलदेव सिंह निवासी बडूही और घायलों में मनु कुमार (35) पुत्र जगदीश बिंद निवासी बिहार व नीरज कुमार (33) पुत्र रामजी बिंद निवासी बिहार शामिल हैं। मूल रूप से बिहार राज्य के दोनों मजदूर दियाड़ा में रहते हैं और मार्बल आदि का कार्य करते हैं। घायलों को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया है। पुलिस के अनुसार, बुधवार रात्रि करीब 9 बजे चुरुरु में रेलवे ब्रिज के समीप एक कैंटर ने बाइक को अपनी चपेट में ले लिया। इसी बीच एक अन्य बाइक कैंटर से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। सड़क हादसे में एक बाइक चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल हुए अन्य दो बाइक सवार प्रवासी लोगों को 108 एम्बुलेंस से क्षेत्रीय अस्पताल ऊना पहुंचाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति नाजुक देखते हुए दोनों को चंडीगढ़ पीजीआई के लिए कर दिया। एसएचओ अंब गौरव भारद्वाज ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद सड़क हादसे में शामिल वाहनों को कब्जे में ले लिया है और मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
शिमला में मस्जिद विवाद में प्रदर्शन की POHOTOS:15 से ज्यादा प्रदर्शनकारी और पुलिस जवान जख्मी; हल्का बल प्रयोग, पानी की बौछारों से भीड़ तितर-बितर
शिमला में मस्जिद विवाद में प्रदर्शन की POHOTOS:15 से ज्यादा प्रदर्शनकारी और पुलिस जवान जख्मी; हल्का बल प्रयोग, पानी की बौछारों से भीड़ तितर-बितर हिमाचल की राजधानी संजौली में बुधवार को हिंदू संगठनों के लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया। इसमें 15 से ज्यादा प्रदर्शनकारी और पुलिस जवान घायल हुए है। प्रदर्शन की वजह से आम जनता और स्कूली छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस वजह से स्कूलों में दो से तीन घंटे तक बच्चे रोक दिए गए। हिंदू संगठन शिमला के संजौली में बनी अवैध मस्जिद को तोड़ने की मांग पर अड़े है। हालांकि इसके अवैध निर्माण का मामला अभी नगर निगम आयुक्त कोर्ट में विचारधीन है और इस मामले में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी। यहां देखे संजौली में मस्जिद विवाद में प्रदर्शन की फोटो…
बिलासपुर में सड़ी-गली हालत में मिली महिला की लाश:कई दिनों से पुलिया में फंसी, शरीर में लग चुके थे कीड़े; नहीं हो सकी पहचान
बिलासपुर में सड़ी-गली हालत में मिली महिला की लाश:कई दिनों से पुलिया में फंसी, शरीर में लग चुके थे कीड़े; नहीं हो सकी पहचान बिलासपुर में सड़क किनारे एक महिला की सड़ी-गली लाश मिली, जिसकी अभी तक बाद पहचान नहीं हो सकी है। शनिवार के दिन पुराने नेशनल हाईवे चंडीगढ़-मनाली पर कैंचीमोड़ में सडक किनारे बनी एक पुलिया में महिला की लाश पड़ी थी। शव से काफी दुर्गंध आ रहा था, माना जा रहा है कि शव कई दिन पुराना है। शव पर किड़े भी लगने शुरू हो गए थे। कबाड़ इकट्ठा कर रहे एक शख्स ने पुलिया में अज्ञात महिला की लाश को देखा और पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से इसकी सूचना पुलिस थाना स्वारघाट में दी। गल चुका थी चेहरा और शरीर की चमड़ी सूचना पाकर थाना स्वारघाट की पुलिस टीम और नैना देवी से डीएसपी विक्रांत बोंसला सहित फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। फोरेंसिक टीम द्वारा मौके पर साक्ष्य जुटाए गए जिसके बाद देर शाम महिला की लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए बिलासपुर अस्पताल ले जाया गया। महिला की मौत के क्या कारण रहे होंगे यह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चला पाएगा। अज्ञात महिला के शव से बहुत तेज दुर्गन्ध आ रही थी, जिससे प्रतीत हो रहा था कि लाश कई दिनों से पुलिया में पड़ी हुई थी। वहीं महिला का चेहरा व शरीर के अन्य हिस्सों की चमड़ी गल चुकी थी और शव को कीड़े भी पड़ गए थे, जिसके चलते महिला की पहचान नहीं हो पाई है। फोरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्य जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर बाद एक कबाड़िया कबाड़ इकट्ठा करता हुआ जा रहा था। पुराने नेशनल हाईवे पर कैंचीमोड़ से थोड़ा ऊपर स्वारघाट की तरफ उसे सड़क किनारे बनी एक पुलिया से तेज दुर्गन्ध आई, तब उसने देखा कि कोई लाश पुलिया में फंसी हुई है। उसने स्थानीय ग्राम पंचायत के प्रधान बहादुर सिंह व उप प्रधान जगत राम ठाकुर को इसकी सूचना दी। उन्होंने मामले की सूचना थाना स्वारघाट में पहुंचाई। पुलिस के जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद शव को पुलिया से बाहर सुरक्षित निकाला। क्योंकि पुलिया के बीचों बीच पानी की कई पाइपलाइन गुजर रही थी। वहीं फोरेंसिक टीम द्वारा मौके से साक्ष्य जुटाने के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर ले जाया गया।