हिमाचल प्रदेश में बद्दी की SP इल्मा अफरोज पर मुसलमानों को थोक में गन लाइसेंस देने के आरोप निराधार पाए गए हैं। एक RTI (राइट टू इन्फॉर्मेशन) में खुलासा हुआ है कि SP ने अपने करीब 9 महीने के कार्यकाल में मुस्लिम आवेदकों के केवल 2 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन की है। SP इल्मा अफरोज ने बद्दी में तैनाती के दौरान कुल 50 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन कराई है, जिसमें 48 लाइसेंस बहुसंख्यक समुदाय के आवेदकों के रहे। जिन अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित 2 लाइसेंसों की वैरिफिकेशन SP ने करवाई, उसमें एक लाइसेंस पारिवारिक सुरक्षा के लिए था, वहीं दूसरा आत्मरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। यह खुलासा मंडी के RTI कार्यकर्ता अरविंद कुमार की ओर से मांगी गई रिपोर्ट में हुआ है। RTI के जवाब में बताया गया है कि गन लाइसेंस देना का निर्णय ADC (अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी) कार्यालय लेता है। SP इल्मा ने ये सभी गन लाइसेंस वैरिफिकेशन के लिए ADC कार्यालय ही भेजे थे। बता दें कि सोशल मीडिया पर SP इल्मा अफरोज पर आरोप लगे थे कि उन्होंने अपने कार्यकाल में थोक में मुसलमानों के गन लाइसेंस बनाए हैं। इसके साथ ही हाल ही में SP और कांग्रेस विधायक रामकुमार चौधरी के बीच टकराव की भी खबरें सामने आई थी। SP का कांग्रेस विधायक से चल रहा टकराव
SP इल्मा अफरोज का कांग्रेस विधायक एवं CPS रामकुमार चौधरी के साथ टकराव चल रहा है। SP ने विधायक की पत्नी कुलदीप कौर की गाड़ियों के बीते दिनों चालान काटे थे। इससे विधायक नाराज हो गए। इसी तरह एक स्क्रैप कारोबारी पर SP शिकंजा कस रही थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बद्दी में एक फायरिंग कांड हुआ, जिसमें स्क्रैप व्यापारी राम किशन की बुलेट प्रूफ गाड़ी पर गोलियां चलाई गई थीं। जांच में पता चला कि राम किशन ने खुद ही गोलियां चलाईं। वह पुलिस से ऑल इंडिया गन लाइसेंस की मांग कर रहा था, लेकिन पिछला रिकॉर्ड देखते हुए SP ने इसे मंजूरी नहीं दी। स्क्रैप कारोबारी नेताओं का काफी करीबी बताया जा रहा है। इस वजह से SP पर दबाव था, लेकिन इल्मा अफरोज झुकी नहीं। CM के साथ मीटिंग को पहुंची थी शिमला
इल्मा अफरोज बीते बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में रखी गई DC-SP की मीटिंग में शामिल होने शिमला पहुंची थीं। यहां उनकी मुलाकात कुछ नेताओं और सीनियर पुलिस अफसरों से हुई। उसी दिन इल्मा अफरोज लौटीं और नेताओं व अफसरों के आगे झुकने के बजाय वह सरकारी आवास खाली कर अपनी मां के साथ लंबी छुट्टी पर चली गईं। विनोद कुमार को सौंपा SP बद्दी का चार्ज
इल्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली हैं। उनके जाने के बाद सरकार ने बद्दी का चार्ज हिमाचल पुलिस सेवा के अधिकारी विनोद कुमार को दे दिया। विनोद कुमार को यह चार्ज इल्मा के ड्यूटी पर लौटने तक दिया गया है। विधायक से टकराव की वजह… पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इल्मा ने 7 जनवरी 2024 को बद्दी की SP का कार्यभार संभाला था। अगस्त 2024 में उनका दून के विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव शुरू हुआ। इल्मा ने अवैध खनन के आरोप में विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काट दिए। इससे विधायक नाराज हो गए। उन्होंने SP पर विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए। वहीं, SP को विधानसभा के प्रिविलेज मोशन से विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिलाया था। 15 अगस्त के कार्यक्रम में नहीं पहुंची SP
इसके बाद 15 अगस्त के कार्यक्रम में SP इल्मा अफरोज नहीं पहुंची थीं। इससे भी विधायक खासे नाराज हुए। इसके बाद जब प्रदेश के उद्योग मंत्री SP ऑफिस का दौरा करने गए तो विधायक उनके साथ नहीं गए। हाईकोर्ट की वजह से ट्रांसफर नहीं कर पाए
विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान के बाद सरकार SP को ट्रांसफर करने की तैयारी में थी, लेकिन नालागढ़ के यौन शोषण के केस में हाईकोर्ट ने इल्मा को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी और हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट देने तक तबादले पर रोक लगा रखी है। इस मामले में 30 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है। हमारा काम आवेदन की पुलिस वैरिफिकेशन करना: अफरोज
छुट्टी पर चल रहीं SP इल्मा अफरोज ने कहा है कि पुलिस के पास गन लाइसेंस बनाने की अथॉरिटी नहीं है। यह काम जिला प्रशासन का होता है। हमारे पास SDM के माध्यम से जो गन लाइसेंस बनाने के लिए संबंधित आवेदन आते हैं, उनमें हम उम्मीदवार के चरित्र का सत्यापन कर जिलाधीश कार्यालय को भेजे देते हैं। उन्होंने कहा कि गन लाइसेंस देने या न देने में हमारी कोई भूमिका नहीं होती। हिमाचल प्रदेश में बद्दी की SP इल्मा अफरोज पर मुसलमानों को थोक में गन लाइसेंस देने के आरोप निराधार पाए गए हैं। एक RTI (राइट टू इन्फॉर्मेशन) में खुलासा हुआ है कि SP ने अपने करीब 9 महीने के कार्यकाल में मुस्लिम आवेदकों के केवल 2 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन की है। SP इल्मा अफरोज ने बद्दी में तैनाती के दौरान कुल 50 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन कराई है, जिसमें 48 लाइसेंस बहुसंख्यक समुदाय के आवेदकों के रहे। जिन अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित 2 लाइसेंसों की वैरिफिकेशन SP ने करवाई, उसमें एक लाइसेंस पारिवारिक सुरक्षा के लिए था, वहीं दूसरा आत्मरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। यह खुलासा मंडी के RTI कार्यकर्ता अरविंद कुमार की ओर से मांगी गई रिपोर्ट में हुआ है। RTI के जवाब में बताया गया है कि गन लाइसेंस देना का निर्णय ADC (अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी) कार्यालय लेता है। SP इल्मा ने ये सभी गन लाइसेंस वैरिफिकेशन के लिए ADC कार्यालय ही भेजे थे। बता दें कि सोशल मीडिया पर SP इल्मा अफरोज पर आरोप लगे थे कि उन्होंने अपने कार्यकाल में थोक में मुसलमानों के गन लाइसेंस बनाए हैं। इसके साथ ही हाल ही में SP और कांग्रेस विधायक रामकुमार चौधरी के बीच टकराव की भी खबरें सामने आई थी। SP का कांग्रेस विधायक से चल रहा टकराव
SP इल्मा अफरोज का कांग्रेस विधायक एवं CPS रामकुमार चौधरी के साथ टकराव चल रहा है। SP ने विधायक की पत्नी कुलदीप कौर की गाड़ियों के बीते दिनों चालान काटे थे। इससे विधायक नाराज हो गए। इसी तरह एक स्क्रैप कारोबारी पर SP शिकंजा कस रही थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बद्दी में एक फायरिंग कांड हुआ, जिसमें स्क्रैप व्यापारी राम किशन की बुलेट प्रूफ गाड़ी पर गोलियां चलाई गई थीं। जांच में पता चला कि राम किशन ने खुद ही गोलियां चलाईं। वह पुलिस से ऑल इंडिया गन लाइसेंस की मांग कर रहा था, लेकिन पिछला रिकॉर्ड देखते हुए SP ने इसे मंजूरी नहीं दी। स्क्रैप कारोबारी नेताओं का काफी करीबी बताया जा रहा है। इस वजह से SP पर दबाव था, लेकिन इल्मा अफरोज झुकी नहीं। CM के साथ मीटिंग को पहुंची थी शिमला
इल्मा अफरोज बीते बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में रखी गई DC-SP की मीटिंग में शामिल होने शिमला पहुंची थीं। यहां उनकी मुलाकात कुछ नेताओं और सीनियर पुलिस अफसरों से हुई। उसी दिन इल्मा अफरोज लौटीं और नेताओं व अफसरों के आगे झुकने के बजाय वह सरकारी आवास खाली कर अपनी मां के साथ लंबी छुट्टी पर चली गईं। विनोद कुमार को सौंपा SP बद्दी का चार्ज
इल्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली हैं। उनके जाने के बाद सरकार ने बद्दी का चार्ज हिमाचल पुलिस सेवा के अधिकारी विनोद कुमार को दे दिया। विनोद कुमार को यह चार्ज इल्मा के ड्यूटी पर लौटने तक दिया गया है। विधायक से टकराव की वजह… पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इल्मा ने 7 जनवरी 2024 को बद्दी की SP का कार्यभार संभाला था। अगस्त 2024 में उनका दून के विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव शुरू हुआ। इल्मा ने अवैध खनन के आरोप में विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काट दिए। इससे विधायक नाराज हो गए। उन्होंने SP पर विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए। वहीं, SP को विधानसभा के प्रिविलेज मोशन से विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिलाया था। 15 अगस्त के कार्यक्रम में नहीं पहुंची SP
इसके बाद 15 अगस्त के कार्यक्रम में SP इल्मा अफरोज नहीं पहुंची थीं। इससे भी विधायक खासे नाराज हुए। इसके बाद जब प्रदेश के उद्योग मंत्री SP ऑफिस का दौरा करने गए तो विधायक उनके साथ नहीं गए। हाईकोर्ट की वजह से ट्रांसफर नहीं कर पाए
विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान के बाद सरकार SP को ट्रांसफर करने की तैयारी में थी, लेकिन नालागढ़ के यौन शोषण के केस में हाईकोर्ट ने इल्मा को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी और हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट देने तक तबादले पर रोक लगा रखी है। इस मामले में 30 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है। हमारा काम आवेदन की पुलिस वैरिफिकेशन करना: अफरोज
छुट्टी पर चल रहीं SP इल्मा अफरोज ने कहा है कि पुलिस के पास गन लाइसेंस बनाने की अथॉरिटी नहीं है। यह काम जिला प्रशासन का होता है। हमारे पास SDM के माध्यम से जो गन लाइसेंस बनाने के लिए संबंधित आवेदन आते हैं, उनमें हम उम्मीदवार के चरित्र का सत्यापन कर जिलाधीश कार्यालय को भेजे देते हैं। उन्होंने कहा कि गन लाइसेंस देने या न देने में हमारी कोई भूमिका नहीं होती। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर