हिमाचल में OPS बनाम UPS! न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ ने साफ किया रूख, दो टूक दे दिया पैगाम

हिमाचल में OPS बनाम UPS! न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ ने साफ किया रूख, दो टूक दे दिया पैगाम

<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली सबसे बड़े मुद्दों में शामिल है. कांग्रेस ने सत्ता वापसी के लिए सबसे पहली गारंटी में OPS बहाली की ही बात कही थी. पहली कैबिनेट की बैठक में इस गारंटी पर मुहर भी लगी. राज्य में कांग्रेस सरकार इसे अपने कार्यकाल का ऐतिहासिक फ़ैसला बताकर खूब प्रचार भी कर रही है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली के भरोसे ही कांग्रेस की सरकार ख़ुद को कर्मचारी हितैषी भी बताती है. जब से केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए UPS का विकल्प दिया है, तबसे हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों में भी इसे लेकर द्वंद है. सियासी दल भी अपने विचार के मुताबिक, UPS और OPS के बीच की लड़ाई में लगे हुए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ ने साफ किया रूख</strong><br />इस बीच NPS कर्मचारी महासंघ ने अपना रुख पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है. रविवार&nbsp; को शिमला में न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ की ओर से कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई. बैठक में OPS के दायरे से बाहर चल रहे बोर्ड-निगम कर्मचारियों को OPS के तहत लाने और कर्मचारियों की देनदारियों के मुद्दे पर चर्चा की गई. बैठक में न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ ने UPS का खुला विरोध किया और हिमाचल प्रदेश में UPS न लागू करने की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>UPS का खुला विरोध करता है NPS कर्मचारी महासंघ&nbsp;</strong><br />न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि शिमला में महासंघ की कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में निगम बोर्ड कर्मचारियों को OPS के तहत लाने और कर्मचारियों की देनदारियों के मुद्दे पर चर्चा की गई. प्रदीप ठाकुर ने कहा कि नई पेंशन महासंघ प्रदेश में UPS लाने का कड़ा विरोध करता है. उन्होंने कहा कि यूपीएस न तो कर्मचारियों के हित में है न प्रदेश सरकार के फायदे में है. प्रदेश में OPS पहले से लागू है. लिहाजा, प्रदेश में यूपीएस न लागू किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महासंघ को राज्य सरकार से उम्मीद&nbsp;</strong><br />प्रदीप ठाकुर ने उम्मीद जताते हुए कहा कि आने वाले बजट में सरकार प्रदेश के कर्मचारियों की देनदारियों का भी ध्यान रखेगी. वहीं, महासंघ की मान्यता के प्रश्न पर प्रदीप ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री और सरकार को मालूम है कि कर्मचारियों का सहयोग किसके पास है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही जेपीसी की बैठक बुला ली जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तीन साल पहले आज ही शुरू हुई थी पदयात्रा</strong><br />एक और खास बात है कि साल 2022 में 23 फरवरी के दिन ही न्यू पेंशन कर्मचारी संघ ने ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के लिए आंदोलन की शुरुआत की थी. इसके लिए मंडी से शिमला के लिए पदयात्रा की शुरुआत हुई थी. 23 फरवरी को मंडी से चली यात्रा तीन मार्च को शिमला पहुंची थी. इसे ‘पेंशन पदयात्रा’ का नाम दिया गया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर असमर्थता जाहिर की, तो चुनाव के दौरान कांग्रेस ने मुद्दा लपक लिया. इसका फायदा कांग्रेस को साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”हिमाचल के पूर्व CM जयराम ठाकुर पहुंचे प्रयागराज, पत्नी के साथ महाकुंभ में किया संगम स्नान” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/jai-ram-thakur-took-bath-in-sangam-with-wife-prayagraj-maha-kumbh-2025-ann-2890719″ target=”_self”>हिमाचल के पूर्व CM जयराम ठाकुर पहुंचे प्रयागराज, पत्नी के साथ महाकुंभ में किया संगम स्नान</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली सबसे बड़े मुद्दों में शामिल है. कांग्रेस ने सत्ता वापसी के लिए सबसे पहली गारंटी में OPS बहाली की ही बात कही थी. पहली कैबिनेट की बैठक में इस गारंटी पर मुहर भी लगी. राज्य में कांग्रेस सरकार इसे अपने कार्यकाल का ऐतिहासिक फ़ैसला बताकर खूब प्रचार भी कर रही है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली के भरोसे ही कांग्रेस की सरकार ख़ुद को कर्मचारी हितैषी भी बताती है. जब से केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए UPS का विकल्प दिया है, तबसे हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों में भी इसे लेकर द्वंद है. सियासी दल भी अपने विचार के मुताबिक, UPS और OPS के बीच की लड़ाई में लगे हुए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ ने साफ किया रूख</strong><br />इस बीच NPS कर्मचारी महासंघ ने अपना रुख पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है. रविवार&nbsp; को शिमला में न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ की ओर से कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई. बैठक में OPS के दायरे से बाहर चल रहे बोर्ड-निगम कर्मचारियों को OPS के तहत लाने और कर्मचारियों की देनदारियों के मुद्दे पर चर्चा की गई. बैठक में न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ ने UPS का खुला विरोध किया और हिमाचल प्रदेश में UPS न लागू करने की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>UPS का खुला विरोध करता है NPS कर्मचारी महासंघ&nbsp;</strong><br />न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि शिमला में महासंघ की कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में निगम बोर्ड कर्मचारियों को OPS के तहत लाने और कर्मचारियों की देनदारियों के मुद्दे पर चर्चा की गई. प्रदीप ठाकुर ने कहा कि नई पेंशन महासंघ प्रदेश में UPS लाने का कड़ा विरोध करता है. उन्होंने कहा कि यूपीएस न तो कर्मचारियों के हित में है न प्रदेश सरकार के फायदे में है. प्रदेश में OPS पहले से लागू है. लिहाजा, प्रदेश में यूपीएस न लागू किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महासंघ को राज्य सरकार से उम्मीद&nbsp;</strong><br />प्रदीप ठाकुर ने उम्मीद जताते हुए कहा कि आने वाले बजट में सरकार प्रदेश के कर्मचारियों की देनदारियों का भी ध्यान रखेगी. वहीं, महासंघ की मान्यता के प्रश्न पर प्रदीप ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री और सरकार को मालूम है कि कर्मचारियों का सहयोग किसके पास है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही जेपीसी की बैठक बुला ली जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तीन साल पहले आज ही शुरू हुई थी पदयात्रा</strong><br />एक और खास बात है कि साल 2022 में 23 फरवरी के दिन ही न्यू पेंशन कर्मचारी संघ ने ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के लिए आंदोलन की शुरुआत की थी. इसके लिए मंडी से शिमला के लिए पदयात्रा की शुरुआत हुई थी. 23 फरवरी को मंडी से चली यात्रा तीन मार्च को शिमला पहुंची थी. इसे ‘पेंशन पदयात्रा’ का नाम दिया गया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर असमर्थता जाहिर की, तो चुनाव के दौरान कांग्रेस ने मुद्दा लपक लिया. इसका फायदा कांग्रेस को साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी हुआ.</p>
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