हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन आज सदन में कानून व्यवस्था को लेकर तपिश देखने को मिलेगी। BJP विधायक त्रिलोक जम्वाल, बलवीर वर्मा, सुखराम चौधरी और राकेश जम्वाल ने बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा मांग रखी है। विपक्ष ने इसे लेकर बीते कल भी सदन में स्थगन प्रस्ताव लाया था। चर्चा नहीं मिलने पर विपक्ष ने वाक-ऑउट किया था। लिहाजा बीते दिनों के दौरान प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में मर्डर, रेप, गोलीकांड जैसी घटनाओं को लेकर विपक्ष सदन में सत्तापक्ष को घेरने का प्रयास करेगा। सदन की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से होगी। आज ज्यादातर प्रश्न आपदा, स्कूल बंद करने, सरकारी बसों में पुलिस की मुफ्त यात्रा से जुड़े पूछे गए है। लोकेंद्र के सवाल पर तपेगा सदन आनी से विधायक लोकेंद्र कुमार ने बीते 31 जुलाई की रात को उनके विधानसभा क्षेत्र में बादल फटने के बाद कई क्षेत्रों में हुई तबाही से जुड़ा सवाल पूछा है। लोकेंद्र कुमार सदन में सत्तापक्ष को बागीपुल, केदस, जायल, पोखनी, गुशैनी, डरोपा और शाहनू में राहत एवं बचाव कार्य को लेकर घेरने का प्रयास करेंगे। इसी तरह पुलिस की बस यात्रा को लेकर भी सदन में तपिश देखने को मिल सकती है। डॉक्टरों की कमी का मामला उठाएंगे केवल पठानिया प्रश्नकाल के बाद शाहपुर से विधायक केवल सिंह पठानिया उनके चुनाव क्षेत्र शाहचक्कियां व लंज अस्पताल में डॉक्टरों की कमी का मामला सदन में उठाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल इसका जवाब देंगे। इसके बाद बंजार के सुराग शिल्ह जंगल में अवैध कटान का मामला स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी सदन में उठाएंगे। अवैध वन कटान पर सत्तापक्ष को घेरेंगे शौरी दोपहर बाद सदन में आपदा को लेकर चर्चा होगी। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और बीजेपी के अन्य विधायकों ने सत्र के पहले दिन सदन में भारी बारिश से सड़कों, विभिन्न पेयजल योजनाओं, सरकारी भूमि, आम जन मानस, घरों को हुए नुकसान को लेकर चर्चा मांगी थी। इस पर बीते कल भी 6 विधायक अपनी अपनी बात रख चुके है। आज भी इस पर चर्चा जारी रहेगी। हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन आज सदन में कानून व्यवस्था को लेकर तपिश देखने को मिलेगी। BJP विधायक त्रिलोक जम्वाल, बलवीर वर्मा, सुखराम चौधरी और राकेश जम्वाल ने बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा मांग रखी है। विपक्ष ने इसे लेकर बीते कल भी सदन में स्थगन प्रस्ताव लाया था। चर्चा नहीं मिलने पर विपक्ष ने वाक-ऑउट किया था। लिहाजा बीते दिनों के दौरान प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में मर्डर, रेप, गोलीकांड जैसी घटनाओं को लेकर विपक्ष सदन में सत्तापक्ष को घेरने का प्रयास करेगा। सदन की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से होगी। आज ज्यादातर प्रश्न आपदा, स्कूल बंद करने, सरकारी बसों में पुलिस की मुफ्त यात्रा से जुड़े पूछे गए है। लोकेंद्र के सवाल पर तपेगा सदन आनी से विधायक लोकेंद्र कुमार ने बीते 31 जुलाई की रात को उनके विधानसभा क्षेत्र में बादल फटने के बाद कई क्षेत्रों में हुई तबाही से जुड़ा सवाल पूछा है। लोकेंद्र कुमार सदन में सत्तापक्ष को बागीपुल, केदस, जायल, पोखनी, गुशैनी, डरोपा और शाहनू में राहत एवं बचाव कार्य को लेकर घेरने का प्रयास करेंगे। इसी तरह पुलिस की बस यात्रा को लेकर भी सदन में तपिश देखने को मिल सकती है। डॉक्टरों की कमी का मामला उठाएंगे केवल पठानिया प्रश्नकाल के बाद शाहपुर से विधायक केवल सिंह पठानिया उनके चुनाव क्षेत्र शाहचक्कियां व लंज अस्पताल में डॉक्टरों की कमी का मामला सदन में उठाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल इसका जवाब देंगे। इसके बाद बंजार के सुराग शिल्ह जंगल में अवैध कटान का मामला स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी सदन में उठाएंगे। अवैध वन कटान पर सत्तापक्ष को घेरेंगे शौरी दोपहर बाद सदन में आपदा को लेकर चर्चा होगी। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और बीजेपी के अन्य विधायकों ने सत्र के पहले दिन सदन में भारी बारिश से सड़कों, विभिन्न पेयजल योजनाओं, सरकारी भूमि, आम जन मानस, घरों को हुए नुकसान को लेकर चर्चा मांगी थी। इस पर बीते कल भी 6 विधायक अपनी अपनी बात रख चुके है। आज भी इस पर चर्चा जारी रहेगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में विक्रमादित्य सिंह की हार में भी जीत:सांसद बनने से चूके, वीरभद्र समर्थकों के बिखरते कुनबे इकट्ठा कर गए
हिमाचल में विक्रमादित्य सिंह की हार में भी जीत:सांसद बनने से चूके, वीरभद्र समर्थकों के बिखरते कुनबे इकट्ठा कर गए हिमाचल सरकार में PWD मंत्री एवं मंडी लोकसभा से कांग्रेस कैंडिडेट विक्रमादित्य सिंह चुनाव तो नहीं जीत पाए। मगर वीरभद्र सिंह समर्थकों के बिखरते कुनबे को वह संभाल गए हैं। प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर दिग्गज विक्रमादित्य के चुनाव प्रचार से गायब रहे। लेकिन वीरभद्र समर्थक प्रदेशभर से विक्रमादित्य के प्रचार के लिए मंडी संसदीय क्षेत्र में पहुंचे। इस चुनाव के बहाने विक्रमादित्य सिंह पुरानी वीरभद्र कांग्रेस इकट्ठा करने में कामयाब हुए हैं। इसलिए विक्रमादित्य की हार में भी जीत मानी जा रही है। हार के बावजूद बहुत कुछ खोया नहीं युवा नेता विक्रमादित्य के करियर पर चुनाव हारने का दाग जरूर लगा है। मगर उन्होंने हार के बावजूद बहुत कुछ खोया नहीं है, क्योंकि शिमला ग्रामीण से विधायक के साथ-साथ वह प्रदेश सरकार में लोक निर्माण और शहरी विकास मंत्री अभी भी हैं। मंत्री पद के लिहाज से विक्रमादित्य सिंह अभी भी पहले जैसे मजबूत हैं। यही नहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान भी अभी होली लॉज यानी वीरभद्र परिवार के पास है। इससे प्रदेश कांग्रेस की राजनीति में होली लॉज की अभी भी दबदबा कायम है। हालांकि विक्रमादित्य सिंह मंडी से चुनाव जीत जाते तो उनका कद और ऊंचा हो जाता। मगर जनता ने उन्हें नकारा हैं। लिहाजा विक्रमादित्य अब स्टेट की पॉलिटिक्स में ही रहेंगे। प्रतिभा सिंह भी यहां से चुनाव हार चुकी मंडी लोकसभा सीट से विक्रमादित्य सिंह की माता प्रतिभा सिंह भी 2014 में लोकसभा चुनाव हार चुकी हैं। उस दौरान भी मोदी लहर में बीजेपी के राम स्वरूप शर्मा मंडी से पहली बार सांसद बने थे। साल 2019 में रामस्वरूप दोबारा सांसद चुने गए। तब उन्होंने स्व. पंडित सुखराम शर्मा के पोते आश्रय शर्मा को हराया। 2021 में राम स्वरूप शर्मा ने दिल्ली में आत्महत्या कर ली। इसके बाद उप चुनाव में फिर से प्रतिभा सिंह सांसद चुनी गई। 2021 का उप चुनाव पूरी तरह स्व. वीरभद्र सिंह के नाम पर लड़ा गया, क्योंकि उप चुनाव से कुछ महीने पहले ही वीरभद्र सिंह का निधन हुआ और वीरभद्र के नाम पर कांग्रेस बीजेपी से उस सीट को छीन लिया, जिसे 2019 में बीजेपी ने चार लाख से अधिक के मार्जन से जीता था। विक्रमादित्य सिंह की हार की वजह विक्रमादित्य सिंह की हार के कई कारण है। सबसे बड़ी वजह मोदी मैजिक है। इसी तरह मंडी जिला की 9 में से 9 विधानसभा से BJP विधायक होना दूसरी बड़ी वजह है। पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी समेत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मंडी संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार करना, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का इसी संसदीय क्षेत्र से होना व उनका एग्रेसिव कैंपेन करना, कंगना के रूप में प़ॉपुलर फेस प्रतिद्वंदी होना, बीजेपी का दो महीने से अधिक समय तक प्रचार करना हार की वजह है। यही नहीं विक्रमादित्य का मंत्री पद से इस्तीफा देना और प्रतिभा सिंह की MP फंड से चुनाव नहीं जीतने जैसी स्टेटमेंट भी हार की वजह बनी है। वहीं मंडी संसदीय हलके में प्रियंका गांधी ने जरूर बड़ी जनसभा की थी। मगर मुख्यमंत्री सुक्खू की टीम कम ही विक्रमादित्य के प्रचार में नजर नहीं आई। इससे विक्रमादित्य सिंह ज्यादातर वक्त अकेले ही होलीलॉज समर्थकों के साथ प्रचार में डटे रहे।
हिमाचल के 4 जिलों में परसो भारी बारिश का ऑरेंज-अलर्ट:अभी कमजोर पड़ा है मानसून; नॉर्मल से 41% कम बारिश, कई जगह सूखे जैसे हालात
हिमाचल के 4 जिलों में परसो भारी बारिश का ऑरेंज-अलर्ट:अभी कमजोर पड़ा है मानसून; नॉर्मल से 41% कम बारिश, कई जगह सूखे जैसे हालात हिमाचल प्रदेश में मानसून बिल्कुल धीमा पड़ा हुआ है। इस बीच मौसम विभाग ने 21 जुलाई के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बीते डेढ़ सप्ताह के दौरान पहली बार ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। इस दौरान कुछेक क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए प्रदेशवासियों को सावधानी बरतने की एडवाइजारी जारी की गई है। मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में 19 से 24 जुलाई तक बारिश का पूर्वानुमान है। मगर रविवार के लिए चार जिले चंबा, बिलासपुर, कांगड़ा और मंडी जिला को ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में येलो अलर्ट की चेतावनी दी गई है। फिलहाल प्रदेश के कई क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात पनपने लगे हैं। मानसून सीजन के दौरान नॉर्मल से 41 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इससे सेब पर सूखे की मार पड़ रही है और बड़े पैमाने पर ड्रापिंग हो रही है। मक्की के अलावा टमाटर, शिमला मिर्च, फूल गोभी व बंदगोभी जैसी नगदी फसलों पर भी सूखे की मार पड़ रही है। 2023 में 9 जुलाई को 228MM बारिश, इस साल 18 दिन में 141.8MM बरसात हिमाचल में पिछले साल 9 जुलाई को एक ही दिन में 228.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी। मगर इस बार जुलाई के पहले 18 दिन में भी 228 मिलीमीटर बारिश नहीं हो पाई। प्रदेश में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां नॉर्मल से ज्यादा बारिश हुई हो। पूरे मानसून सीजन में यानी 1 जून से 18 जुलाई तक प्रदेश में औसत 238.4 मिलीमीटर बारिश होती है। मगर इस बार 141.8 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो कि नॉर्मल से 41 प्रतिशत कम है। सिरमौर, लाहौल स्पीति और चंबा जिला में सबसे कम बारिश हुई है। कई शहरों का तापमान नॉर्मल से 6 डिग्री तक अधिक हुआ प्रदेश में बारिश नहीं होने से तापमान में निरंतर उछाल हो रहा है। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान नॉर्मल से 2.9 डिग्री ज्यादा हो गया है। प्रदेश के कई शहरों का तापमान नॉर्मल से 6 डिग्री तक अधिक हो गया है। बिलासपुर के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 5.5 डिग्री का उछाला आया है। यहां का पारा 37.9 डिग्री सेल्सियस हो गया है। भुंतर का तापमान नॉर्मल की तुलना में 4.8 डिग्री के उछाल के साथ 36.2 डिग्री, हमीरपुर का 4.8 डिग्री अधिक के साथ 36.2, मनाली का पारा 3 डिग्री के उछाल के बाद 28.5 डिग्री, शिमला का 3.2 डिग्री ज्यादा के साथ 26.2 डिग्री और सुंदरनगर का तापमान नॉर्मल से 3.6 डिग्री अधिक के साथ 34.4 डिग्री सेल्सियस हो गया है।
हिमाचल में इस हफ्ते पड़ेगी भीषण गर्मी:आज से 3 दिन तक हीटवेव का येलो अलर्ट; प्री मानसून के अभी आसार नहीं
हिमाचल में इस हफ्ते पड़ेगी भीषण गर्मी:आज से 3 दिन तक हीटवेव का येलो अलर्ट; प्री मानसून के अभी आसार नहीं हिमाचल प्रदेश में इस सप्ताह भीषण गर्मी पड़ेगी। मौसम विभाग ने आज से अगले तीन दिन तक छह जिलों में हीटवेव का येलो अलर्ट जारी किया है। इससे तापमान में दो से तीन डिग्री तक का उछाल आएगा। चिंता इस बात की है कि बारिश व प्री मानसून की एक सप्ताह तक कोई संभावना नजर नहीं आ रही। आमतौर पर हिमाचल में 15 जून तक प्री मानसून की बौछारें गिरती है। मगर इस बार अभी तक प्री मानसून की बारिश के कोई संकेत नहीं है। मौसम विभाग ने छह जिले ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, सोलन व सिरमौर जिला में तीन दिन तक हीटवेव का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं कुल्लू और कांगड़ा जिला के कुछ क्षेत्रों में भी 13 जून को हीटवेव चल सकती है। 4 शहरों का पारा 40 डिग्री पार प्रदेश में चार शहरों का पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार और 10 शहरों का तापमान 35 डिग्री से ज्यादा हो गया है। ऊना का सबसे ज्यादा 43.4 डिग्री, सुंदरनगर का 37.8 डिग्री, धर्मशाला का 35.1 डिग्री, नाहन का 38.1 डिग्री, सोलन का 35 डिग्री, कांगड़ा का 39.2 डिग्री, मंडी का 37.8 डिग्री, हमीरपुर का 39.7 डिग्री, चंबा का 36.7 डिग्री, बरठी का 38.9 डिग्री और बजौरा का तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस हो गया है। अगले छह दिनों के दौरान इसमें और इजाफा होगा। कई जगह नॉर्मल से 5 डिग्री अधिक हुआ पारा प्रदेश के ज्यादातर शहरों का पारा नॉर्मल से 5 डिग्री तक ज्यादा हो गया है। ऊना का तापमान नॉर्मल से 5 डिग्री अधिक हो गया है। वहीं शिमला का तापमान नॉर्मल से 3.5 डिग्री, सुंदरनगर 3.3 डिग्री, धर्मशाला का 4 डिग्री, नाहन का 4.6 डिग्री, सोलन का 3.4 डिग्री, मंडी का 3.2 डिग्री और बिलासपुर का तापमान नॉर्मल से 3 डिग्री अधिक चल रहा है। यह स्थिति चिंताजनक है। ऐसी भीषण गर्मी न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि पर्यावरण के लिए घातक साबित हो रही है। चटक धूप की वजह से जमीन में नमी सूख रही है। इससे चौरतफा जंगल आग से धधक रहे हैं। गर्मी के कारण लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं। हीटवेव की चेतावनी को देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। हीटवेव की सूरत में क्या सावधानी बरतें