हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हाल में विभिन्न पदों की भर्तियों पर विवाद गहराता जा रहा है। विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने JOA-IT, माली, स्टेनोग्राफर, रिपोर्टर और ड्राइवर के पदों पर भर्ती की है। इन्हें लेकर विवाद हो गया है। विपक्ष और सोशल मीडिया में लोग भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं। इस बीच शिक्षित बेरोजगार संघ ने भर्तियों को हाईकोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है। शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाल कृष्ण ठाकुर ने आरोप लगाया कि इन भर्तियों में विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री के करीबी लोगों को प्राथमिकता दी गई है और इन्हीं के विधानसभा क्षेत्र व जिलों से संबंध रखने वाले युवाओं को चयनित किया गया है। वहीं विधानसभा उपाध्यक्ष विनय सिंह ने कहा कि भर्तियां नियमानुसार की गई है। सभी आंसर की में भी गड़बड़ी: बालकृष्ण बालकृष्ण ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि जहां अन्य सरकारी विभागों में नियुक्ति में एक साल तक का समय लगता है, वहीं इन पदों पर चयनित उम्मीदवारों को अगले ही दिन ज्वाइनिंग भी दे दी गई। उन्होंने परीक्षा की आंसर-की में भी गड़बड़ी की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध आंसर-की में सभी परीक्षाओं के विकल्पों में एक जैसा पैटर्न दिखाई दे रहा है। अगले हफ्ते तक हाईकोर्ट में देंगे चुनौती: ठाकुर बालकृष्ण ठाकुर ने कहा, शिक्षित बेरोजगार संघ ने इस मामले को हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती देने के लिए कानूनी सलाह ले रहा है। अगले सप्ताह तक इस संबंध में जनहित याचिका दायर करेंगे। 14 पदों के लिए की गई भर्ती बता दें कि विधानसभा सचिवालय ने बीते 31 जनवरी को दो अलग-अलग अधिसूचना जारी करके विभिन्न पदों की 14 लोगों को भर्ती की है। इनमें में 10 चयनित लोग मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा उपाध्यक्ष के गृह जिला के लोग चुने गए हैं। BJP ने भी धांधली के आरोप लगाए भारतीय जनता पार्टी भी इसे लेकर सरकार पर हमलावर है। एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत राज्यपाल से भी की है और परीक्षा रद्द करके दोबारा भर्ती का आग्रह किया है।भाजपा नेता एवं नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि इनकी भर्तियों में धांधली बरती गई है। उन्होंने कहा, 5 नौकरियां विधानसभा अध्यक्ष के विधानसभा क्षेत्र व चंबा जिला में दी गई, जबकि 5 ही नौकरी मुख्यमंत्री के गृह जिला हमीरपुर और 2 नौकरियां विधानसभा उपाध्यक्ष के विधानसभा क्षेत्र व जिला सिरमौर से है। चार में से तीन रिपोर्ट चंबा से बता दें कि विधानसभा में रिपोर्टर के 4 पदों पर भर्ती की गई है। इनमें से 3 विधानसभा अध्यक्ष के जिला चंबा से संबंध रखते है, जबकि 2 चयनित युवक एक ही गांव से। पूर्व DAG ने भी सवाल उठाए पूर्व कांग्रेस सरकार में डिप्टी एडवोकेट जनरल (DAG) विनय शर्मा ने भी भर्तियों में गड़बड़ी के आरोप लगाए है। उन्होंने भी तीन ही विधानसभा क्षेत्र से युवाओं के चयन को गलत बताया। विधानसभा में भर्तियों के मामले में कांग्रेस सरकार सोशल मीडिया में भी बुरी तरह घिर रही है। लोग इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हाल में विभिन्न पदों की भर्तियों पर विवाद गहराता जा रहा है। विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने JOA-IT, माली, स्टेनोग्राफर, रिपोर्टर और ड्राइवर के पदों पर भर्ती की है। इन्हें लेकर विवाद हो गया है। विपक्ष और सोशल मीडिया में लोग भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं। इस बीच शिक्षित बेरोजगार संघ ने भर्तियों को हाईकोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है। शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाल कृष्ण ठाकुर ने आरोप लगाया कि इन भर्तियों में विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री के करीबी लोगों को प्राथमिकता दी गई है और इन्हीं के विधानसभा क्षेत्र व जिलों से संबंध रखने वाले युवाओं को चयनित किया गया है। वहीं विधानसभा उपाध्यक्ष विनय सिंह ने कहा कि भर्तियां नियमानुसार की गई है। सभी आंसर की में भी गड़बड़ी: बालकृष्ण बालकृष्ण ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि जहां अन्य सरकारी विभागों में नियुक्ति में एक साल तक का समय लगता है, वहीं इन पदों पर चयनित उम्मीदवारों को अगले ही दिन ज्वाइनिंग भी दे दी गई। उन्होंने परीक्षा की आंसर-की में भी गड़बड़ी की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध आंसर-की में सभी परीक्षाओं के विकल्पों में एक जैसा पैटर्न दिखाई दे रहा है। अगले हफ्ते तक हाईकोर्ट में देंगे चुनौती: ठाकुर बालकृष्ण ठाकुर ने कहा, शिक्षित बेरोजगार संघ ने इस मामले को हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती देने के लिए कानूनी सलाह ले रहा है। अगले सप्ताह तक इस संबंध में जनहित याचिका दायर करेंगे। 14 पदों के लिए की गई भर्ती बता दें कि विधानसभा सचिवालय ने बीते 31 जनवरी को दो अलग-अलग अधिसूचना जारी करके विभिन्न पदों की 14 लोगों को भर्ती की है। इनमें में 10 चयनित लोग मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा उपाध्यक्ष के गृह जिला के लोग चुने गए हैं। BJP ने भी धांधली के आरोप लगाए भारतीय जनता पार्टी भी इसे लेकर सरकार पर हमलावर है। एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत राज्यपाल से भी की है और परीक्षा रद्द करके दोबारा भर्ती का आग्रह किया है।भाजपा नेता एवं नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि इनकी भर्तियों में धांधली बरती गई है। उन्होंने कहा, 5 नौकरियां विधानसभा अध्यक्ष के विधानसभा क्षेत्र व चंबा जिला में दी गई, जबकि 5 ही नौकरी मुख्यमंत्री के गृह जिला हमीरपुर और 2 नौकरियां विधानसभा उपाध्यक्ष के विधानसभा क्षेत्र व जिला सिरमौर से है। चार में से तीन रिपोर्ट चंबा से बता दें कि विधानसभा में रिपोर्टर के 4 पदों पर भर्ती की गई है। इनमें से 3 विधानसभा अध्यक्ष के जिला चंबा से संबंध रखते है, जबकि 2 चयनित युवक एक ही गांव से। पूर्व DAG ने भी सवाल उठाए पूर्व कांग्रेस सरकार में डिप्टी एडवोकेट जनरल (DAG) विनय शर्मा ने भी भर्तियों में गड़बड़ी के आरोप लगाए है। उन्होंने भी तीन ही विधानसभा क्षेत्र से युवाओं के चयन को गलत बताया। विधानसभा में भर्तियों के मामले में कांग्रेस सरकार सोशल मीडिया में भी बुरी तरह घिर रही है। लोग इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
लंबलू में चढ़ाई पर अनियंत्रित हुआ ट्रक खड्ड में गिरा, चालक की माैत
हमीरपुर के तहत लंबलू के शनि देव मंदिर के पास ईंटों से भरा ट्रक खड्ड में गिरने से चालक की…
हिमाचल में कार ने पहले बाइक को मारी टक्कर:फिर खाई में गिरी; 5 लोग घायल, जोगेंद्रनगर से टांडा मेडिकल कालेज रेफर
हिमाचल में कार ने पहले बाइक को मारी टक्कर:फिर खाई में गिरी; 5 लोग घायल, जोगेंद्रनगर से टांडा मेडिकल कालेज रेफर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के जोगेंद्रनगर में आज सुबह एक कार ने पहले सड़क किनारे खड़े बाइक व दो लोगों टक्कर मारी और बाद में कार भी 50 फीट गहरी खाई में जा गिरी। इससे बाइक सवार 2 युवकों सहित कार में बैठे 3 लोगों को गंभीर चौटें आई है। घायलों का अस्पताल में उपचार चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार, जोगेंद्रनगर के ढेलू मोड़ के पास सिमट निवासी संदीप और अमित कुमार अपनी बाइक के साथ सड़क किनारे खड़े थे। इस दौरान सामने से एक गाड़ी आई। अनियंत्रित गाड़ी ने पहले बाइक समेत दोनों युवकों को टक्कर मारी और कार भी खाई में जा लुढ़की। इसके बाद मौके पर मौजूद लोगों ने घायलों को सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर नगर पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार देने के बाद टांडा मेडिकल कालेज रेफर किया गया है। दोनों बाइक सवारों के अलावा कार में बैठे गौरव, अंशुल और अविनाश को भी गंभीर चौटें आई हैं। डीएसपी पधर दिनेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर दिया है। अभी हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों में विवाद, VIDEO:सवारियां उठाने से रोका जा रहा; कुफरी टैक्सी यूनियन के नोटिस से भड़के पंजाब के ऑपरेटर
हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों में विवाद, VIDEO:सवारियां उठाने से रोका जा रहा; कुफरी टैक्सी यूनियन के नोटिस से भड़के पंजाब के ऑपरेटर हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटरों को चंडीगढ़-पंजाब में सवारी उठाने से रोका जा रहा है और प्रदेश में भी बाहरी राज्यों की टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जा रही। ऐसा ही एक वीडियो चंडीगढ़ एयरपोर्ट का वायरल हो रहा है, जिसमें हिमाचल की एक टैक्सी को चंडीगढ़ एयरपोर्ट से सवारियां बिठाने को इनकार कर दिया गया है। पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटर कुफरी टैक्सी यूनियन का एक मैसेज दिखाकर हिमाचल के टैक्सी चालक को सवारियां उठाने से मना करते हैं। इससे पड़ोसी राज्यों में काम करने वाले टैक्सी ऑपरेटर में डर का माहौल पैदा हो रहा हैं। यह विवाद नहीं रोका गया तो इससे आने वाले दिनों में तनाव ओर बढ़ेगा। मगर सरकार अभी गहरी नींद में सोई हुई है। हिमाचल की टैक्सी यूनियन के नोटिस से बवाल हिमाचल की कई टैक्सी यूनियन ने नोटिस जारी कर स्पष्ट किया कि वन-वे काम करने वाली टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे चंडीगढ़-पंजाब के टैक्सी ऑपरेटर भड़क उठे हैं। ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को रोकना गलत: शरणजीत पंजाब-चंडीगढ़ की आजाद टैक्सी यूनियन के प्रधान शरणजीत सिंह ने बताया कि ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को सवारी उठाने से रोकना गलत है। हिमाचल की कई यूनियन ने इस तरह का नोटिस निकाला है, जो कि बिल्कुल गलत है। यदि उनकी यूनियन की किसी गाड़ी को सवारी उठाने से रोका गया तो वह हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, आजाद टैक्सी यूनियन ने हिमाचल की गाड़ी को चंड़ीगढ़-पंजाब में रोकने का कोई आदेश नहीं दिया। मगर हिमाचल की जो गाड़ी रोकी जा रही है, वह वो लोग रोक रहे हैं, जिन्हें हिमाचल में सवारी उठाने से इनकार किया जा रहा है। वन-वे काम करने की इजाजत नहीं: वीरेन शिमला में कुफरी की टैक्सी यूनियन के प्रधान वीरेन कंवर ने बताया, वन-वे काम करने वाली टैक्सी को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे लोकल काम खत्म हो रहा है। यदि कोई गाड़ी बाहर से सवारी लेकर आती है और उनका पैकेज निर्धारित है, तो उन्हें काम करने से नहीं रोका जाएगा। वीरेन ने कहा, ओला-उबर एप से आने वाली गाड़ियों को नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा, प्राइवेट गाड़ियां भी इन एप पर पंजीकरण करवाकर सवारी ढोने का काम कर रही है। इससे न केवल सरकार को टैक्स के तौर पर नुकसान हो रहा है, बल्कि टैक्सी ऑपरेटरों का काम भी चौपट हो रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। एयरपोर्ट, ब्रॉडगेज रेलवे स्टेशन नहीं होने की चुकानी पड़ रही कीमत हिमाचल को प्रदेश में कोई बड़ा एयरपोर्ट और ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन नहीं होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस वजह से देशभर से पहाड़ों पर आने वाला पर्यटक सीधे हिमाचल नहीं पहुंच पाता, बल्कि उन्हें चंडीगढ़ उतरना पड़ता है। चंडीगढ़ से ज्यादातर पर्यटक टैक्सियों में हिमाचल पहुंचता है। मगर चंडीगढ़ एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर बार बार हिमाचल की टैक्सियों को टूरिस्ट नहीं उठाने देने की खबरें आ रही है। हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटर भी यही कर रहे है और पंजाब व हिमाचल की सरकारें अभी गहरी नींद में सोई हुई है।