हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारियों ने आज राज्य सरकार को घेरने की रणनीति बनाने को आम सभा बुलाई थी। मगर सचिवालय कर्मचारियों ने देर शाम इसे स्थगित करने का निर्णय लिया है, क्योंकि मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने इन्हें जल्द मीटिंग के लिए बुलाने का भरोसा दिया है। बता दें कि साल 2016 से लंबित पड़े नए वेतनमान का एरियर और महंगाई भत्ता (DA) नहीं मिलने से कर्मचारी नाराज है। इसके विरोध में बीते अगस्त माह में सचिवालय के बाहर कर्मचारी प्रदर्शन कर चुके हैं। तब कर्मचारियों ने राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों को भी खरी-खोटी सुनाई और कहा कि सरकार पर फिजूलखर्ची के आरोप जड़े। कर्मचारियों ने बताया कि कि सरकार दफ्तरों व सरकारी रैजिडेंस की मरम्मत पर किस प्रकार करोड़ों रुपए खर्च रही हैं। ब्यूरोक्रेट और नेताओं को लाखों की गाड़ियां दी जा रही है, जिनकी दुरुपयोग किया जा रहा है। इस बीच TCP मंत्री राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों को लेकर एक बयान दिया। जिस पर कर्मचारी भड़क उठे। कर्मचारियों ने धर्माणी पर जनसभा में तीखे हमले किए। मंत्री के विशेषाधिकार नोटिस से नाराज मंत्री राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों नेताओं को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा। इससे कर्मचारी भड़क गए हैं और सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाने की तैयारी में है। इसी मकसद से आज इन्होंने सचिवालय परिसर में कर्मचारियों की आम सभा बुलाई थी। मगर CMO से कर्मचारियों को 3-4 दिन के भीतर मीटिंग के लिए बुलाने का संदेश मिला है। इससे पहले मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर ने भी इन कर्मचारियों के साथ मीटिंग की है और इनकी मांगों को लेकर सहानुभूतिपूर्वक विचार विमर्श का भरोसा दिया है। एरियर-डीए नहीं मिलने पर भड़के सचिवालय कर्मचारी दरअसल, हिमाचल के कर्मचारी और पेंशनर उम्मीद कर रहे थे कि मुख्यमंत्री सुक्खू 15 अगस्त को एरियर और डीए के भुगतान का ऐलान करेंगे। सरकार पर पास कर्मचारी और पेंशनर का लगभग 10 हजार करोड़ रुपए बकाया है। मगर सीएम ने 15 अगस्त को 75 साल या इससे अधिक आयु वाले पेंशनर को उनकी लंबित राशि के भुगतान का तो ऐलान कर दिया, लेकिन कर्मचारियों को कुछ नहीं दिया। इससे सचिवालय कर्मचारी भड़क उठे और 21 व 23 अगस्त को सचिवालय में आम सभा करके सरकार पर तीखे हमले किए। 4 किश्त DA, जनवरी 2016 से वेतनमान का एरियर ड्यू वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार पर कर्मचारियों की देनदारी लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश सरकार को डीए की 3 किस्त देनी है। जिसमें पहली किस्त 1 जनवरी 2023, दूसरी 1 जुलाई 2023, तीसरी किस्त 1 जनवरी 2024 और अब 1 जुलाई 2024 से चौथी किस्त भी देय हो गई है। इसी तरह जनवरी 2016 से दिए गए नए व छठे वेतनमान का संशोधित एरियर भी नहीं मिला है। CMO से मिला मीटिंग का निमंत्रण: संजीव हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से उन्हें तीन-चार दिन के भीतर मीटिंग के लिए बुलाने का भरोसा दिया है। इसे देखते हुए उन्होंने आज की आम सभा को स्थगित किया है। हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारियों ने आज राज्य सरकार को घेरने की रणनीति बनाने को आम सभा बुलाई थी। मगर सचिवालय कर्मचारियों ने देर शाम इसे स्थगित करने का निर्णय लिया है, क्योंकि मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने इन्हें जल्द मीटिंग के लिए बुलाने का भरोसा दिया है। बता दें कि साल 2016 से लंबित पड़े नए वेतनमान का एरियर और महंगाई भत्ता (DA) नहीं मिलने से कर्मचारी नाराज है। इसके विरोध में बीते अगस्त माह में सचिवालय के बाहर कर्मचारी प्रदर्शन कर चुके हैं। तब कर्मचारियों ने राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों को भी खरी-खोटी सुनाई और कहा कि सरकार पर फिजूलखर्ची के आरोप जड़े। कर्मचारियों ने बताया कि कि सरकार दफ्तरों व सरकारी रैजिडेंस की मरम्मत पर किस प्रकार करोड़ों रुपए खर्च रही हैं। ब्यूरोक्रेट और नेताओं को लाखों की गाड़ियां दी जा रही है, जिनकी दुरुपयोग किया जा रहा है। इस बीच TCP मंत्री राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों को लेकर एक बयान दिया। जिस पर कर्मचारी भड़क उठे। कर्मचारियों ने धर्माणी पर जनसभा में तीखे हमले किए। मंत्री के विशेषाधिकार नोटिस से नाराज मंत्री राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों नेताओं को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा। इससे कर्मचारी भड़क गए हैं और सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाने की तैयारी में है। इसी मकसद से आज इन्होंने सचिवालय परिसर में कर्मचारियों की आम सभा बुलाई थी। मगर CMO से कर्मचारियों को 3-4 दिन के भीतर मीटिंग के लिए बुलाने का संदेश मिला है। इससे पहले मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर ने भी इन कर्मचारियों के साथ मीटिंग की है और इनकी मांगों को लेकर सहानुभूतिपूर्वक विचार विमर्श का भरोसा दिया है। एरियर-डीए नहीं मिलने पर भड़के सचिवालय कर्मचारी दरअसल, हिमाचल के कर्मचारी और पेंशनर उम्मीद कर रहे थे कि मुख्यमंत्री सुक्खू 15 अगस्त को एरियर और डीए के भुगतान का ऐलान करेंगे। सरकार पर पास कर्मचारी और पेंशनर का लगभग 10 हजार करोड़ रुपए बकाया है। मगर सीएम ने 15 अगस्त को 75 साल या इससे अधिक आयु वाले पेंशनर को उनकी लंबित राशि के भुगतान का तो ऐलान कर दिया, लेकिन कर्मचारियों को कुछ नहीं दिया। इससे सचिवालय कर्मचारी भड़क उठे और 21 व 23 अगस्त को सचिवालय में आम सभा करके सरकार पर तीखे हमले किए। 4 किश्त DA, जनवरी 2016 से वेतनमान का एरियर ड्यू वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार पर कर्मचारियों की देनदारी लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश सरकार को डीए की 3 किस्त देनी है। जिसमें पहली किस्त 1 जनवरी 2023, दूसरी 1 जुलाई 2023, तीसरी किस्त 1 जनवरी 2024 और अब 1 जुलाई 2024 से चौथी किस्त भी देय हो गई है। इसी तरह जनवरी 2016 से दिए गए नए व छठे वेतनमान का संशोधित एरियर भी नहीं मिला है। CMO से मिला मीटिंग का निमंत्रण: संजीव हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से उन्हें तीन-चार दिन के भीतर मीटिंग के लिए बुलाने का भरोसा दिया है। इसे देखते हुए उन्होंने आज की आम सभा को स्थगित किया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में कार पर पहाड़ गिरा:4 लोगों ने भागकर बचाई जान; सैंज-छैला सड़क दल-दल में तब्दील, रोजाना ट्रैफिक जाम, 115 सड़कें बंद हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला को जोड़ने वाले हाईवे पर बीती शाम को बड़ा हादसा होने से टल गया। नेशनल हाईवे-5 पर किन्नौर के निगुलसरी में पहाड़ कार पर गिर गया। गाड़ी में सवार 4 लोग पहाड़ी से लैंडस्लाइड होते देख पहले ही बाहर निकलने और भागने में कामयाब हुए। इससे कार सवारों की जान तो बच गई। मगर कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। लैंडस्लाइड के बाद NH-5 लगभग 17 घंटे बाद आज सुबह 9.45 बजे बहाल कर दिया गया। मगर निगुलसरी में बार-बार पहाड़ी से लैंडस्लाइड हो रहा है। इससे बीते 8 दिनों के दौरान मुश्किल से 20 से 25 घंटे तक सड़क बहाल रही है। सड़कें बंद होने से सेब बागवान परेशान वहीं प्रदेश में 115 सड़कें बीते एक सप्ताह से बंद पड़ी है। इससे आम लोगों सहित सेब बागवानों को ज्यादा कठिनाइयां झेलनी पड़ रही है। सेब बागवानों को अपनी फसल मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है। भारी बारिश, लैंडस्लाइड के कारण सड़कों की हालत खस्ता हो रही है। ऐसी सड़कों पर सफर जोखिमभरा बना हुआ है। सैंज-छैला सड़क की सुध नहीं ले रही सरकार सेब बेल्ट और पराला फल मंडी को जोड़ने वाली छैला-सैंज सड़क भी दलदल में तब्दील हो गई है। यहां पर रोजाना कीचड़ में गाड़ियां फंस रही है। प्रदेश सरकार ने पराला में बड़ी फल मंडी तो 7 साल पहले बना दी है। मगर सड़क को चौड़ा करना सरकार भूल गई है। पूर्व की सरकार ने भी पांच साल इस ओर ध्यान नहीं दिया। मौजूदा सरकार भी इसे गंभीरता से नहीं ले रही। पराला में होता है सेब का अरबो रुपए का कारोबार पराला फल मंडी में अरबों रुपए का सेब कारोबार होता है और छैला-सैंज सड़क से ही सारा सेब देश की मंडियों को भेजा जाता है। फिर भी इस सड़क की दुर्दशा को नहीं सुधारा गया है। इससे छैला से सैंज के बीच सेब सीजन शुरू होने के बाद से रोजाना ट्रैफिक जाम सेब ढुलाई में लगे ट्रांसपोर्टरों के साथ स्थानीय लोगों के पसीने छुड़ा रहा है। रोजाना लग रहा ट्रैफिक जाम:आशीष ठियोग निवासी आशीष खाची ने बताया कि बारिश होती है यह सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है। इससे यहां हर वक्त ट्रैफिक जाम लगा रहता है। लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। सैंज निवासी नरेंद्र वर्मा ने बताया कि पराला में रोजाना ट्रैफिक जाम लोगों को परेशान कर रहा है। इससे स्कूली बच्चे और कामकाजी लोग समय पर स्कूल व दफ्तर नहीं पहुंच पा रहे। 7 साल से क्षेत्र की जनता परेशान: नरेंद्र सेब ढुलाई में लगे ट्रांसपोर्टर भी परेशान है। मगर सरकार कुंभकर्णी नींद सो रही है। उन्होंने बताया कि 7 साल से हर साल सेब सीजन के दौरान लोगों को यहां परेशानियां झेलनी पड़ रही है। सरकार को यहां मंडी शुरू करने से पहले सड़क चौड़ी करनी चाहिए थी और इसे पक्का करना जरूरी था, ताकि बारिश में कीचड़ लोगों को परेशान न करता।
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हिमाचल में BJP को झटका:3 निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार, राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में किया था मतदान
हिमाचल में BJP को झटका:3 निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार, राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में किया था मतदान हिमाचल के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने 3 निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर, देहरा के विधायक होशियार सिंह और हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा ने 22 मार्च को इस्तीफा सौंपा था। इसके बाद 23 मार्च को भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ली थी। इन तीन सीटों पर भी जल्द विधानसभा उपचुनाव होंगे। तीनों विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोटिंग की थी। इस्तीफा स्वीकार न करने को लेकर विधायकों ने विधानसभा में धरना भी दिया था। इसके अलावा हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई गई थी। सोमवार को विधायकों के इस्तीफे पर सुनवाई के बाद स्पीकर ने अपना फैसला सुना दिया। हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं…