हिमाचल प्रदेश सचिवालय छोटा शिमला के बाहर सरकारी नौकरी की मांग कर रहे दृष्टिहीन दिव्यांगों ने मंगलवार को चक्का जाम कर दिया। इस दौरान सर्कुलर रोड पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। पुलिस ने यातायात को बहाल करने के लिए कुछ देर बाद प्रदर्शनकारियों को सड़क पर एक किनारे किया। तब हल्की धक्का-मुक्की हुई। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। दरअसल, दृष्टि बाधित बेरोजगार एक साल से शिमला में धरने पर बैठे हुए हैं और बैकलॉग कोटे के सभी पद एकमुश्त भरने की मांग कर रहे हैं। सरकारी नौकरी की मांग को लेकर इससे पहले भी दृष्टिबाधित बेरोजगार कई बार सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर चुके हैं। आज भी अचानक दृष्टिबाधित बेरोजगार सचिवालय के बाहर पहुंचे और सड़क पर बैठ गए और चक्का जाम किया। 350 दिन से धरना दे रहे दृष्टिबाधितों का आरोप है कि उन्हें बार बार आश्वासन दिए जा रहे है, लेकिन नौकरी नहीं दी जा रही। इसलिए इनके सब्र का बांध टूटता जा रहा है। उन्हें बार बार धोखा दिया जा रहा है। दृष्टिबाधित एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि वह सभी लंबे वक्त से बैकलॉग भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस उनके एक साथी को गाड़ी में उठाकर ले गई है और पुलिस अफसर धमकी दे रहे हैं। साल 1995 के बाद से लेकर अब तक भर्ती नहीं हुई है। दृष्टिबाधित एसोसिएशन को धरना देते हुए 350 से ज्यादा दिन का वक्त बीत गया है। मगर सरकार के कान पर जू तक नहीं रेंग रही। सर्कुलर रोड पर लगा ट्रैफिक जाम दृष्टिबाधितों के प्रदर्शन के दौरान सर्कुलर रोड पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। इससे शिमलावासियों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सड़क के एक किनारे कर दिया। हिमाचल प्रदेश सचिवालय छोटा शिमला के बाहर सरकारी नौकरी की मांग कर रहे दृष्टिहीन दिव्यांगों ने मंगलवार को चक्का जाम कर दिया। इस दौरान सर्कुलर रोड पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। पुलिस ने यातायात को बहाल करने के लिए कुछ देर बाद प्रदर्शनकारियों को सड़क पर एक किनारे किया। तब हल्की धक्का-मुक्की हुई। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। दरअसल, दृष्टि बाधित बेरोजगार एक साल से शिमला में धरने पर बैठे हुए हैं और बैकलॉग कोटे के सभी पद एकमुश्त भरने की मांग कर रहे हैं। सरकारी नौकरी की मांग को लेकर इससे पहले भी दृष्टिबाधित बेरोजगार कई बार सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर चुके हैं। आज भी अचानक दृष्टिबाधित बेरोजगार सचिवालय के बाहर पहुंचे और सड़क पर बैठ गए और चक्का जाम किया। 350 दिन से धरना दे रहे दृष्टिबाधितों का आरोप है कि उन्हें बार बार आश्वासन दिए जा रहे है, लेकिन नौकरी नहीं दी जा रही। इसलिए इनके सब्र का बांध टूटता जा रहा है। उन्हें बार बार धोखा दिया जा रहा है। दृष्टिबाधित एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि वह सभी लंबे वक्त से बैकलॉग भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस उनके एक साथी को गाड़ी में उठाकर ले गई है और पुलिस अफसर धमकी दे रहे हैं। साल 1995 के बाद से लेकर अब तक भर्ती नहीं हुई है। दृष्टिबाधित एसोसिएशन को धरना देते हुए 350 से ज्यादा दिन का वक्त बीत गया है। मगर सरकार के कान पर जू तक नहीं रेंग रही। सर्कुलर रोड पर लगा ट्रैफिक जाम दृष्टिबाधितों के प्रदर्शन के दौरान सर्कुलर रोड पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। इससे शिमलावासियों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सड़क के एक किनारे कर दिया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कुल्लू में देवता वीर नाथ का थान- जागरा सम्पन्न:देवता वीरनाथ का आशीर्वाद लेने पहुंचे सैंकड़ों श्रद्धालु
कुल्लू में देवता वीर नाथ का थान- जागरा सम्पन्न:देवता वीरनाथ का आशीर्वाद लेने पहुंचे सैंकड़ों श्रद्धालु कुल्लू के कटराईं के आराध्य देवता वीर नाथ के नए बनाए गए थान की प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरे विधि-विधान और देव रीति के साथ हुआ। इस कार्यक्रम में कटराईं और आसपास के गांव वासियों ने भाग लिया। क्या है थान जागरा
थान जागरे के बारे में जानकारी देते हुए देवता वीरनाथ के कठियाला राजेंद्र महंत और पुजारी रविंद्र गीर ने बताया कि थान जागरे का आयोजन 10 से 15 सालों में देव आज्ञा से किया जाता है, जिसका मूल उद्देश्य इलाके की सुख शांति और समृद्धि की स्थापित रहती है। उन्होंने बताया कि थान की जगह विशेष पर किसी प्रकार के निर्माण आदि के पश्चात भी थान जागरे का आयोजन किया जाता है। देवता वीरनाथ की कारदार चंद्रकला कटोच ने बताया कि देवता के इस स्थान पर अभी हाल ही में कुछ नव निर्माण कार्य किया गया है उसी के चलते थान जागरे का आयोजन देव आज्ञानुसार किया जा रहा है। शनिवार रात को ही होता है आयोजन
कारदार चंद्रकला कटोच ने बताया कि थान जागरा हमेशा शनिवार रात को ही आयोजित किया जाता है। इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए पिछले कल रात को जागरे का आयोजन किया गया और रविवार को ब्रह्म- भोज के साथ ही कार्यक्रम का सुखद समापन हुआ।
हिमाचल की डल झील एक साल से सूखी:क्लाइमेट चेंज वजह; संवारने को फंड मिला, लेकिन काम नहीं हुआ
हिमाचल की डल झील एक साल से सूखी:क्लाइमेट चेंज वजह; संवारने को फंड मिला, लेकिन काम नहीं हुआ क्लाइमेट चेंज से तापमान बढ़ने के चलते हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला में मैक्लोडगंज स्थित डल झील सूख चुकी है। कभी शीशे जैसे निर्मल पानी में भरी रहने वाली झील का अस्तित्व आज खतरे में है। हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक मैक्लोडगंज की डल झील अनदेखी के चलते पूरी तरह से सूख गयी है। राजनीतिक और प्रशासनिक उदासीनता के चलते झील की ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। विभिन्न विभागों द्वारा करोड़ों रुपए का बजट खर्च करने के बावजूद भी इसका स्वरूप नहीं बदला गया। डल झील में 2011 से हो रहा रिसावडल झील से लगातार हो रहे पानी के रिसाव से कृत्रिम झील में पानी न के बराबर होने से गाद उभर आई है। पिछले कुछ वर्षों से सौंदर्यीकरण के लिए प्रशासन का मुंह ताक रही डल झील अंतिम सांसे ले रही है। सौंदर्यीकरण को लेकर ग्रामीण विकास विभाग भी विभागीय कार्यप्रणाली को कोस रहा है। मैक्लोडगंज आने वाले पर्यटकों के लिए भी ऐतिहासिक डल झील मात्र सफेद हाथी बनकर रह गई है। 2011 में निकाला गया था गाद
इससे पहले 2013, 2017, 2019, 2020, 2021 और नवंबर 2022 में भी झील में रिसाव हो चुका है। बता दें कि आसपास के पहाड़ों की गाद ने इसकी गहराई कम कर दी थी। झील का लगभग आधा क्षेत्र गाद से भरा हुआ है, जिसे घास के मैदान में बदल दिया गया है। झील से गाद निकालने के लिए 2011 में स्थानीय लोगों की मदद से एक बड़ा अभियान शुरू किया गया था। गाद का उपयोग मंदिर क्षेत्र के पास पार्किंग बनाने के लिए किया गया था। तब से झील तेजी से सूख रही है। क्लाइमेट चेंज झील के सूखने का मुख्य कारण
क्लाइमेट चेंज से तापमान बढ़ता है, जिससे वाष्पीकरण की दर बढ़ती है और झीलों का स्तर कम होता जाता है। ग्लोबल वार्मिंग से बारिश का मौसम छोटा हो गया है। अध्ययन में पाया गया कि क्लाइमेट चेंज झीलों के सूखने का मुख्य कारण है जैसे-जैसे ग्रह गर्म होता है, वाष्पीकरण दर बढ़ती है, जिससे झीलों का स्तर कम होता जाता है। झीलों के सूखने से जैव विविधता का भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि पौधों और जानवरों की कई प्रजातियां जलीय वातावरण में रहने के लिए अनुकूलित होती हैं। क्या कहते हैं स्थानीय पर्यावरण प्रेमी…
काल्डेन चोफेल का कहना है कि दुनिया भर में ग्लेशियर, झीलें, नदियां सूख रही हैं और इसके परिणाम अकल्पनीय हैं। बचपन के दिनों से हम झील को उफनते और जीवन से भरपूर देखते थे। यह कल्पना करना दर्दनाक है कि यह पर्यटन स्थल नहीं बल्कि इसके आसपास के सभी वन्य जीवन के लिए है। तेंजिन थिनले का कहना है कि यह डल लेक नहीं अब यह सूखी लेक है। सोनम त्सेरिंग ने कहा कि अधिकारियों की उपस्थिति में शाहपुर के विधायक ने 12 सितंबर को सार्वजनिक रूप से कहा था कि डल महोत्सव के बाद त्वरित जीर्णोद्धार परियोजना शुरू होगी। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ और पानी छोड़ने और मछलियों को उसमें स्थानांतरित करने के लिए दो तालाब बनाने के अलावा कुछ भी नहीं किया। एक तरह से, ऐसा लगता है कि सभी बदकिस्मत मछलियां अपने पिछले जन्म में संचित अपने पाप कर्मों को पूरा करने या दूर करने के लिए इस डल झील में पैदा हुई हैं। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि ऐतिहासिक डल लेक के सौंदर्यीकरण तथा पानी के रिसाव को रोकने के लिए डेढ़ महीने के भीतर डीपीआर तैयार की जाएगी। इस के लिए लेक मैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगावाद ने निरीक्षण के दौरान डल लेक के पानी के रिसाव की समस्या गहनता से अध्ययन किया है तथा जिला प्रशासन, वन विभाग, आईपीएच विभाग के अधिकारियों को सुझाव भी दिए हैं। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डल लेक के सौंदर्यीकरण और संरक्षण के लिए कारगर कदम उठाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं जिसके चलते ही लेक मैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगावाद को डल लेक के निरीक्षण के लिए सरकार की ओर से आमंत्रित किया गया है।
हिमाचल में आज कैबिनेट मीटिंग:BPL चयन और नई पंचायतें पर तय हो सकते हैं मापदंड, करुणामूलक भर्ती को मिल सकती है मंजूरी
हिमाचल में आज कैबिनेट मीटिंग:BPL चयन और नई पंचायतें पर तय हो सकते हैं मापदंड, करुणामूलक भर्ती को मिल सकती है मंजूरी हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में कुछ देर बाद सचिवालय में कैबिनेट मीटिंग शुरू होगी। इसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। कैबिनेट में BPL परिवारों के चयन को लेकर नए मापदंड तय किए जा सकते हैं। इसके बाद ग्राम सभाओं की बैठकों में पात्र परिवारों का चयन किया जाएगा। आय की सीमा में सरकार इजाफा कर सकती है। CM की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट में करुणामूलकों को नौकरी देने का फैसला हो सकता है। CM सुक्खू ने बीते माह अधिकारियों के साथ मीटिंग के बाद संकेत दिए थे कि जिन कर्मचारियों की मौत हो गई थी, उनके आश्रितों को नौकरी देने के मामले एकमुश्त निपटाए जाएंगे। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को पॉलिसी तैयार करने को कहा था। करुणामूलक को नौकरी का मामला विधानसभा के शीत सत्र और मानसून सत्र में भी इनके रोजगार का मसला उठा था। लिहाजा आज की कैबिनेट में विभाग यह जानकारी रख सकते हैं कि प्रदेश में कितने मामले करुणामूलक नौकरी से लटके हुए हैं। राजस्व फीस बढ़ा सकती है सरकार कैबिनेट मीटिंग में आज राजस्व फीस में बढ़ौतरी पर भी मुहर लग सकती है। राज्य सरकार आय बढ़ाने के लिए राजस्व में होने वाली रजिस्टरियों के रेट बढ़ा सकती है। इसी तरह कैबिनेट में विभिन्न विभागों में भर्तियों से जुड़े मसलों को मंजूरी मिल सकती है। नई पंचायतें बनाने पर हो सकती है चर्चा प्रदेश में इसी साल पंचायत चुनाव होने है। इससे पहले सरकार नई पंचायतें बनाने पर फैसला कर सकती है। इसलिए भी कैबिनेट में मापदंड तय किए जा सकते हैं। लटके रिजल्ट के इंतजार में अभ्यर्थी कैबिनेट में विभिन्न पोस्ट कोड के लटके हुए रिजल्ट को लेकर भी चर्चा हो सकती है। मगर कार्मिक विभाग की सचिव एम सुधा देवी के अवकाश परक होने से शायद आज कार्मिक विभाग के मसले कैबिनेट में चर्चा को न लाए। इससे रिजल्ट के लिए विभिन्न पोस्ट कोड के अभयर्थियों को इंतजार करना पड़ सकता है।