दिल्ली हाईकोर्ट से वरिष्ठ जज जस्टिस राजीव शकधर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस होंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने राजीव शकधर को हिमाचल का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है। वह, न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव की जगह लेंगे। जस्टिस रामचंद्र राव को हिमाचल से झारखंड हाईकोर्ट ट्रांसफर किया गया है। मई 2023 में हिमाचल के चीफ जस्टिस बने एमएस रामचंद्र राव अब झारखंड हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बनाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हिमाचल सहित 7 हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की सिफारिश की है। 2008 में अतिरिक्त न्यायाधीश बने राजीव शकधर को 11 अप्रैल, 2008 को दिल्ली हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था। 17 अक्टूबर, 2011 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में उनकी पुष्टि की गई। उन्हें 2016 में मद्रास हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया गया, जहां उन्होंने 11 अप्रैल, 2016 से सेवा की, उसके बाद 15 जनवरी, 2018 को उन्हें वापस अपने दिल्ली हाईकोर्ट स्थानांतरित किया गया। अब जानते हैं कौन है जस्टिस शकधर… जस्टिस राजीव शकधर ने बीकॉम (ऑनर्स), सीए, एलएलबी की पढ़ाई कर रखी है। उन्होंने दिल्ली के सेंट कोलंबा स्कूल से शिक्षा पूरी की। 1984 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बी-कॉम (ऑनर्स) में स्नातक किया। 1987 में दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। 19 नवंबर, 1987 को वकील के रूप में नामित हुए। 1987 में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया से चार्टर्ड अकाउंटेंसी पूरी की। अप्रत्यक्ष करों के साथ-साथ विदेशी मुद्रा और सेवा कानून के विशेषज्ञ 29 जनवरी, 1988 को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के एसोसिएट सदस्य के रूप में भर्ती हुए। 1994 में यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस लीगल स्टडीज से लॉ का एडवांस कोर्स किया। उन्होंने वकील के तौर पर सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और देश के अन्य हाईकोर्ट में प्रेक्टिस की। वह अप्रत्यक्ष करों के साथ-साथ विदेशी मुद्रा और सेवा कानून जैसे संबद्ध विषयों के विशेषज्ञ हैं। अब वह हिमाचल हाईकोर्ट में सेवाएं देंगे। दिल्ली हाईकोर्ट से वरिष्ठ जज जस्टिस राजीव शकधर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस होंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने राजीव शकधर को हिमाचल का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है। वह, न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव की जगह लेंगे। जस्टिस रामचंद्र राव को हिमाचल से झारखंड हाईकोर्ट ट्रांसफर किया गया है। मई 2023 में हिमाचल के चीफ जस्टिस बने एमएस रामचंद्र राव अब झारखंड हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बनाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हिमाचल सहित 7 हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की सिफारिश की है। 2008 में अतिरिक्त न्यायाधीश बने राजीव शकधर को 11 अप्रैल, 2008 को दिल्ली हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था। 17 अक्टूबर, 2011 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में उनकी पुष्टि की गई। उन्हें 2016 में मद्रास हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया गया, जहां उन्होंने 11 अप्रैल, 2016 से सेवा की, उसके बाद 15 जनवरी, 2018 को उन्हें वापस अपने दिल्ली हाईकोर्ट स्थानांतरित किया गया। अब जानते हैं कौन है जस्टिस शकधर… जस्टिस राजीव शकधर ने बीकॉम (ऑनर्स), सीए, एलएलबी की पढ़ाई कर रखी है। उन्होंने दिल्ली के सेंट कोलंबा स्कूल से शिक्षा पूरी की। 1984 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बी-कॉम (ऑनर्स) में स्नातक किया। 1987 में दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। 19 नवंबर, 1987 को वकील के रूप में नामित हुए। 1987 में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया से चार्टर्ड अकाउंटेंसी पूरी की। अप्रत्यक्ष करों के साथ-साथ विदेशी मुद्रा और सेवा कानून के विशेषज्ञ 29 जनवरी, 1988 को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के एसोसिएट सदस्य के रूप में भर्ती हुए। 1994 में यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस लीगल स्टडीज से लॉ का एडवांस कोर्स किया। उन्होंने वकील के तौर पर सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और देश के अन्य हाईकोर्ट में प्रेक्टिस की। वह अप्रत्यक्ष करों के साथ-साथ विदेशी मुद्रा और सेवा कानून जैसे संबद्ध विषयों के विशेषज्ञ हैं। अब वह हिमाचल हाईकोर्ट में सेवाएं देंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल हाईकोर्ट का HPTDC को झटका:18 होटल बंद करने के आदेश; घाटे में चल रही यूनिट को सफेद हाथी बताया
हिमाचल हाईकोर्ट का HPTDC को झटका:18 होटल बंद करने के आदेश; घाटे में चल रही यूनिट को सफेद हाथी बताया हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने पेंशनर को वित्तीय लाभ नहीं मिलने की याचिका की सुनवाई करते हुए घाटे में चल रहे 18 होटलों को 25 नवंबर तक बंद करने के आदेश दिए है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक MD को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना को सुनिश्चित करने को कहा है और इसकी अनुपालना रिपोर्ट 3 दिसंबर को कोर्ट में पेश करने को बोला है। घाटे में चल रहे होटलों को सफेद हाथी बताया कोर्ट ने घाटे में चल रहे इन होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा कि ऐसा करना इसलिए जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम इनके रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न करें। ये होटल राज्य पर बोझ हैं। कोर्ट ने कहा, निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है। इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है और न्यायालय इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि राज्य सरकार अदालत के समक्ष आए वित्त से जुड़े मामलों में दिन प्रतिदिन वित्तीय संकट की बात कहती रहती है। दूसरे होटल में ट्रांसफर किए जा सकेंगे कर्मचारी इससे पहले HPTDC ने अपने सभी होटलों द्वारा किए व्यवसाय से जुड़ी जानकारी कोर्ट के समक्ष रखी थी। इसके आधार पर अदालत ने यह फैसला सुनाया है। इन होटलों में तैनात कर्मचारियों को दूसरी यूनिट में ट्रांसफर करने के लिए निगम प्रबंधन स्वतंत्र रहेगा। कोर्ट ने MD को शपथ पत्र दाखिल करने को कहा कोर्ट ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को उपरोक्त होटल बंद करने से जुड़े इन आदेशों के क्रियान्वयन के लिए अनुपालन शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने HPTDC से चतुर्थ श्रेणी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा अब इस दुनिया में नहीं रहे उन दुर्भाग्य कर्मचारियों की सूची भी प्रस्तुत करने को कहा है जिन्हें उनके वित्तीय लाभ नहीं मिले हैं। प्रदेश में HPTDC के 56 होटल प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे है। मगर ज्यादातर होटल कई सालों से घाटे में है। इससे निगम अपने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर को पेंशन नहीं दे पा रहा। पेंशनर के सेवा लाभ का मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
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सेंट्रल यूनिवर्सिटी निर्माण की स्वीकृति 20 जनवरी 2009 को मिली थी और इसके प्रस्तावित भवन निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपए की राशि भी आवंटित की गई थी। लेकिन यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस निर्माण केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के चलते फंस गया है। पेड़ों के कटान के एवज में 30.03 करोड़ रुपए जमा ना होने के चलते निर्माण रूका हुआ है। इस निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण को लेकर 2019 में आवेदन किया गया था। लेकिन पांच साल बाद भी पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिलने के बावजूद भूमि हस्तांतरित नहीं हुई है। मुख्यमंत्री के शीतकालीन प्रवास से उम्मीद
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हिमाचल में एग्रो टूरिज्म से खुलेंगे तरक्की के रास्ते:कृषि मंत्री बोले- किसानों से 3 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदेगी सरकार
हिमाचल में एग्रो टूरिज्म से खुलेंगे तरक्की के रास्ते:कृषि मंत्री बोले- किसानों से 3 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदेगी सरकार धर्मशाला में कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल में एग्रो टूरिज्म से जुड़कर किसानों की तरक्की के रास्ते खुलेंगे। सरकार किसानों से 3 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदेगी। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर को बिलासपुर में दो साल का जश्न नहीं बल्कि दो साल की उपलब्धियां जनता के समक्ष रखने जा रहे हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद किसानों से गोबर खरीदने का वादा किया था। ऐसे में ग्रामीणों की आर्थिक मजबूत करने के लिए अब सुक्खू सरकार किसानों से गोबर खरीदकर अपनी एक और गारंटी को पूरा करने जा रही है। प्रदेश सरकार किसानों से 3 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदेगी। कृषि विभाग इसकी खाद तैयार कर बागवानों को 12 रुपए किलो के हिसाब से बेचेगी। प्रदेश में लगातार बागवानी क्षेत्र में विस्तार हो रहा है। जिस कारण गोबर की लगातार मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि 5, 10, 25 और 50 किलो की पैकिंग में गोबर खरीदा जाएगा। इसके लिए कंपनी को चार से पांच रुपए अदा किए जाएंगे। गोबर खाद की बाकायदा टेस्टिंग भी होगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में अब एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके जरिए गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और पर्यटक प्राकृतिक वातावरण में खेती-किसानी, पशुपालन और स्थानीय कृषि संसाधनों का अनुभव ले सकेंगे। किसानों और पर्यटकों के लिए लाभकारी पहल एग्रो टूरिज्म से न केवल स्थानीय किसानों को अतिरिक्त आय का साधन मिलेगा बल्कि अन्य राज्यों के पर्यटकों को भी हिमाचल की पारंपरिक खेती, बागबानी और ग्रामीण जीवन का अनुभव लेने का अवसर मिलेगा। कृषि विभाग जल्द ही इस परियोजना को जमीन पर उतारने की तैयारी कर रहा है, कृषि पर्यटन किसानों के लिए आर्थिक रूप से बेहद हितकारी होगा।