<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> नेशनल हेल्थ मिशन में महिला आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने बुधवार (19 फरवरी) को मिशन के एमडी से मुलाकात की. नेशनल हेल्थ मिशन में आउटसोर्स पर काम कर रही इन 125 महिला कर्मियों का कहना है कि पिछले 10 साल में सरकार ने न तो उनके लिए कोई नीति बनाई गई और न ही वेतन पर नियमित इंक्रीमेंट दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इन आउटसोर्स कर्मियों का कहना है कि साल 2015 से अब तक केवल 1 हज़ार 480 रुपए का इजाफा उनके वेतन में हुआ है. काम का बोझ अधिक है और वेतन कम. ऐसे में अब NHM आउटसोर्स कर्मियों की सरकार से मांग है कि कर्मचारियों को नियमित इंक्रीमेंट दिया जाए और उनके वेतन में इजाफा किया जाए. नेशनल हेल्थ मिशन में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों ने मांग न मानने पर सरकार के खिलाफ कानूनी रास्ता अपनाने और हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>10 सालों में सरकार पर सुध न लेने के आरोप </strong><br />नेशनल हेल्थ मिशन में आउटसोर्स कर्मियों का कहना है कि साल 2015 में उन्हें नेशनल हेल्थ मिशन में नियुक्ति मिली थी. अब 10 साल गुजर गए हैं, लेकिन न तो कर्मचारियों के लिए कोई नीति बनाई गई है और न ही वेतन बढ़ाया गया है. आउटसोर्स कर्मियों का कहना है कि साल में उन्हें 12 हज़ार 460 रुपए का वेतन मिलता था. बीते 10 सालों में केवल 1 हज़ार 460 रुपए की बढ़ोतरी उनके वेतन में हुई है. कर्मचारियों का कहना है कि बढ़ती हुई महंगाई के बीच पिछले 10 सालों में उनका वेतन 1 हजार 500 रुपये भी नहीं बढ़ पाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राज्य सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों पर भी दे ध्यान</strong><br />इन कर्मचारियों ने कई बार विभाग के MD और मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की, लेकिन विभाग ने इन कर्मचारियों के लिए कोई भी नीति बनाए जाने की बात से साफ इनकार कर दिया. इतना ही नहीं, इन कर्मचारियों का वेतन भी नहीं बढ़ाया गया है. अब ऐसे में कर्मचारियों की मांग है कि सरकार कम से कम कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के तर्ज पर उन्हें सैलरी पर नियमित रूप से इंक्रीमेंट दे. इसे लेकर ही आज वे MD से मिलने पहुंचे थे. कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार उनकी बात नहीं सुनती है, तो उन्हें कानून का रास्ता लेना पड़ेगा. अगर जरूरत पड़ी, तो इन कर्मचारियों को हड़ताल के जरिए सरकार तक अपनी बात पहुंचाने पर मजबूर होना पड़ेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य सिंह का रवनीत बिट्टू पर पलटवार, ‘नए-नए मंत्री बने हैं, ऐसे में…'” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/vikramaditya-singh-targets-ravneet-bittu-union-minister-presenting-false-budget-figures-ann-2887906″ target=”_self”>हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य सिंह का रवनीत बिट्टू पर पलटवार, ‘नए-नए मंत्री बने हैं, ऐसे में…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> नेशनल हेल्थ मिशन में महिला आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने बुधवार (19 फरवरी) को मिशन के एमडी से मुलाकात की. नेशनल हेल्थ मिशन में आउटसोर्स पर काम कर रही इन 125 महिला कर्मियों का कहना है कि पिछले 10 साल में सरकार ने न तो उनके लिए कोई नीति बनाई गई और न ही वेतन पर नियमित इंक्रीमेंट दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इन आउटसोर्स कर्मियों का कहना है कि साल 2015 से अब तक केवल 1 हज़ार 480 रुपए का इजाफा उनके वेतन में हुआ है. काम का बोझ अधिक है और वेतन कम. ऐसे में अब NHM आउटसोर्स कर्मियों की सरकार से मांग है कि कर्मचारियों को नियमित इंक्रीमेंट दिया जाए और उनके वेतन में इजाफा किया जाए. नेशनल हेल्थ मिशन में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों ने मांग न मानने पर सरकार के खिलाफ कानूनी रास्ता अपनाने और हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>10 सालों में सरकार पर सुध न लेने के आरोप </strong><br />नेशनल हेल्थ मिशन में आउटसोर्स कर्मियों का कहना है कि साल 2015 में उन्हें नेशनल हेल्थ मिशन में नियुक्ति मिली थी. अब 10 साल गुजर गए हैं, लेकिन न तो कर्मचारियों के लिए कोई नीति बनाई गई है और न ही वेतन बढ़ाया गया है. आउटसोर्स कर्मियों का कहना है कि साल में उन्हें 12 हज़ार 460 रुपए का वेतन मिलता था. बीते 10 सालों में केवल 1 हज़ार 460 रुपए की बढ़ोतरी उनके वेतन में हुई है. कर्मचारियों का कहना है कि बढ़ती हुई महंगाई के बीच पिछले 10 सालों में उनका वेतन 1 हजार 500 रुपये भी नहीं बढ़ पाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राज्य सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों पर भी दे ध्यान</strong><br />इन कर्मचारियों ने कई बार विभाग के MD और मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की, लेकिन विभाग ने इन कर्मचारियों के लिए कोई भी नीति बनाए जाने की बात से साफ इनकार कर दिया. इतना ही नहीं, इन कर्मचारियों का वेतन भी नहीं बढ़ाया गया है. अब ऐसे में कर्मचारियों की मांग है कि सरकार कम से कम कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के तर्ज पर उन्हें सैलरी पर नियमित रूप से इंक्रीमेंट दे. इसे लेकर ही आज वे MD से मिलने पहुंचे थे. कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार उनकी बात नहीं सुनती है, तो उन्हें कानून का रास्ता लेना पड़ेगा. अगर जरूरत पड़ी, तो इन कर्मचारियों को हड़ताल के जरिए सरकार तक अपनी बात पहुंचाने पर मजबूर होना पड़ेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य सिंह का रवनीत बिट्टू पर पलटवार, ‘नए-नए मंत्री बने हैं, ऐसे में…'” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/vikramaditya-singh-targets-ravneet-bittu-union-minister-presenting-false-budget-figures-ann-2887906″ target=”_self”>हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य सिंह का रवनीत बिट्टू पर पलटवार, ‘नए-नए मंत्री बने हैं, ऐसे में…'</a></strong></p> हिमाचल प्रदेश जलवायु परिवर्तन ने जम्मू-कश्मीर में जल प्रवाह को किया कम, सीएम उमर अब्दुल्ला बोले, ‘जल संकट की स्थिति’
हिमाचल: ’10 साल में नहीं बनी नीति, वेतन बढ़ोतरी…’, NHM कर्मचारियों ने दी हड़ताल की चेतावनी
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