हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू पर विधायक एवं बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने जुबानी हमला बोला। रणधीर शर्मा ने कहा, मस्जिद विवाद से उपजे हालात के बाद प्रदेशभर में लोग सड़कों पर आए। इस स्थिति को संभालने के लिए CM ने बीते 13 सितंबर को सर्वदलीय मीटिंग बुलाई। मीटिंग के बाद एक स्टेटमेंट दी और कहा, यह सहमति बनी की बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों की पहचान की जाएगी। इस विवाद के निपटाने को एक कमेटी बनेगी। दूसरी कमेटी बनाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से बात करेंगे। मगर एक सप्ताह बीतने को आ गया। अभी तक कमेटी का भी गठित नहीं किया गया। रणधीर शर्मा ने कहा, इससे पता चलता है कि इतने गंभीर मसले को लेकर मुख्यमंत्री कितने गंभीर है। रणधीर ने कहा, बाहरी राज्यों से आने वालों की पहचान नहीं हो रही। रोटी रोटी कमाने के नाम पर यहां आ रहे लोग अवैध भवनों व मस्जिदों में रह रहे और अपराध को अंजाम देते है। उन्होंने कहा, वामपंथी दलों की तरह कांग्रेस भी प्रवासियों के वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, मस्जिद मामले में आंदोलन करने वालों पर केस बनाए जा रहे हैं। पत्रकारों को भी नोटिस आ गए हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का रवैया विधानसभा के भीतर और बाहर भी पत्रकारों के साथ तानाशाही वाला है। नड्डा को नसीहत नहीं, राहुल को सलाह दें सुक्खू: BJP रणधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री को BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नसीहत देने के बजाय राहुल गांधी को देश विरोधी बयान नहीं देने की सलाह देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में अनुशासन नाम की चीज नहीं है, उसके द्वारा यह कहना सही नहीं है। केंद्र पर आर्थिक सहायता नहीं मिलने का झूठा आरोप लगा रहे सुक्खू: रणधीर रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री के केंद्र सरकार के पास 23 हजार करोड़ रुपए पेंडिंग होने और प्रदेश से भेदभाव करने के बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री बोल रहे कि केंद्र आर्थिक दृष्टि से भेदभाव कर रहा है। यह कहना निराधार है। रणधीर ने कहा, कांग्रेस की प्रदेश की सरकार राज्य की अनुमानित दर से भी बजट मिला था। राज्य को 2023-24 में केंद्रीय करों में 8478 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी अनुमानित थी, जबकि केंद्र ने 9167 करोड़ 23 लाख रुपए दिए है। इसी तरह 2024-25 में हिमाचल सरकार को 10124 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान था, जबकि केंद्र ने प्रदेश को 10351 करोड 82 लाख रुपए दिए है। मदद के तौर पर भीर 2023-24 में 13249 करोड़ रुपए और 2024-25 में 13287 करोड़ रुपए केंद्र ने हिमाचल को दिए है। राज्य सरकार के कुप्रबंधन से बिगड़ी आर्थिक सेहत रणधीर शर्मा ने कहा, हिमाचल की आर्थिक सेहत फिजूलखर्ची और राज्य के कुप्रबंधन की वजह से बिगड़ रही है। राज्य सरकार इसके लिए केंद्र पर दोष मढ़ कर अपनी कमियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। एक राष्ट्र, एक चुनाव का निर्णय सराहनीय रणधीर शर्मा ने एक राष्ट्र एक चुनाव के केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने इससे करोड़ों रुपए की फिजूलखर्ची रुकेंगी। इस देश में एक ही बार लोकसभा व विधानसभा चुनाव समय की आवश्यकता है। बार बार चुनाव के कारण आचार संहिता लगती है। इससे विकास कार्य भी ठप्प हो जाते है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू पर विधायक एवं बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने जुबानी हमला बोला। रणधीर शर्मा ने कहा, मस्जिद विवाद से उपजे हालात के बाद प्रदेशभर में लोग सड़कों पर आए। इस स्थिति को संभालने के लिए CM ने बीते 13 सितंबर को सर्वदलीय मीटिंग बुलाई। मीटिंग के बाद एक स्टेटमेंट दी और कहा, यह सहमति बनी की बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों की पहचान की जाएगी। इस विवाद के निपटाने को एक कमेटी बनेगी। दूसरी कमेटी बनाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से बात करेंगे। मगर एक सप्ताह बीतने को आ गया। अभी तक कमेटी का भी गठित नहीं किया गया। रणधीर शर्मा ने कहा, इससे पता चलता है कि इतने गंभीर मसले को लेकर मुख्यमंत्री कितने गंभीर है। रणधीर ने कहा, बाहरी राज्यों से आने वालों की पहचान नहीं हो रही। रोटी रोटी कमाने के नाम पर यहां आ रहे लोग अवैध भवनों व मस्जिदों में रह रहे और अपराध को अंजाम देते है। उन्होंने कहा, वामपंथी दलों की तरह कांग्रेस भी प्रवासियों के वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, मस्जिद मामले में आंदोलन करने वालों पर केस बनाए जा रहे हैं। पत्रकारों को भी नोटिस आ गए हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का रवैया विधानसभा के भीतर और बाहर भी पत्रकारों के साथ तानाशाही वाला है। नड्डा को नसीहत नहीं, राहुल को सलाह दें सुक्खू: BJP रणधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री को BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नसीहत देने के बजाय राहुल गांधी को देश विरोधी बयान नहीं देने की सलाह देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में अनुशासन नाम की चीज नहीं है, उसके द्वारा यह कहना सही नहीं है। केंद्र पर आर्थिक सहायता नहीं मिलने का झूठा आरोप लगा रहे सुक्खू: रणधीर रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री के केंद्र सरकार के पास 23 हजार करोड़ रुपए पेंडिंग होने और प्रदेश से भेदभाव करने के बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री बोल रहे कि केंद्र आर्थिक दृष्टि से भेदभाव कर रहा है। यह कहना निराधार है। रणधीर ने कहा, कांग्रेस की प्रदेश की सरकार राज्य की अनुमानित दर से भी बजट मिला था। राज्य को 2023-24 में केंद्रीय करों में 8478 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी अनुमानित थी, जबकि केंद्र ने 9167 करोड़ 23 लाख रुपए दिए है। इसी तरह 2024-25 में हिमाचल सरकार को 10124 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान था, जबकि केंद्र ने प्रदेश को 10351 करोड 82 लाख रुपए दिए है। मदद के तौर पर भीर 2023-24 में 13249 करोड़ रुपए और 2024-25 में 13287 करोड़ रुपए केंद्र ने हिमाचल को दिए है। राज्य सरकार के कुप्रबंधन से बिगड़ी आर्थिक सेहत रणधीर शर्मा ने कहा, हिमाचल की आर्थिक सेहत फिजूलखर्ची और राज्य के कुप्रबंधन की वजह से बिगड़ रही है। राज्य सरकार इसके लिए केंद्र पर दोष मढ़ कर अपनी कमियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। एक राष्ट्र, एक चुनाव का निर्णय सराहनीय रणधीर शर्मा ने एक राष्ट्र एक चुनाव के केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने इससे करोड़ों रुपए की फिजूलखर्ची रुकेंगी। इस देश में एक ही बार लोकसभा व विधानसभा चुनाव समय की आवश्यकता है। बार बार चुनाव के कारण आचार संहिता लगती है। इससे विकास कार्य भी ठप्प हो जाते है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड ने खत्म किए 51 पद:कार्यकारी निदेशक बिजली के कार्यालय ने जारी की अधिसूचना, फैसले पर भड़की कर्मचारी यूनियन
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड ने खत्म किए 51 पद:कार्यकारी निदेशक बिजली के कार्यालय ने जारी की अधिसूचना, फैसले पर भड़की कर्मचारी यूनियन हिमाचल प्रदेश बिजली विभाग ने स्टेट इलैक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड ने बोर्ड में 51 पदों को खत्म करने का बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड के कार्यकारी निदेशक ईशा के कार्यालय से शुक्रवार को इसकी नोटिफिकेशन जारी किया गया। 6 पदों को किया गया री-डेजिग्रेट
बोर्ड की तरफ़ से जारी आदेशों के अनुसार चीफ इंजीनियर ऑपरेशन शिमला जोन, कांगड़ा जोन, मंडी जोन, हमीरपुर जोन, जनरेशन, इलैक्ट्रिकल सिस्टम व प्रोजेक्ट कम आर्बिट्रेटर कार्यालय से एक-एक एसई का पद समाप्त करके इन 6 पदों को री-डेजिग्रेट किया गया है। जो जिम्मेदारी पहले सीनियर एक्सईएन कमर्शियल एवं वर्कर्स देखते थे, उनकी जगह अब सीनियर एक्सईएन वर्कर्स होंगे। उनका कॉमर्शियल का पद समाप्त कर दिया गया है। ये अधिकारी अब ऑपरेशन सर्किल में तैनात होंगे, क्योंकि कॉमर्शियल में इनके पद समाप्त कर दिए गए हैं। इसी तरह से एसई ऑपरेशन सर्किल डलहौजी, एसई ऑपरेशन सर्किल रामपुर, एसई ऑपरेशन सर्किल रोहडू, एसई ऑपरेशन सर्किल सोलन, एसई ऑपरेशन सर्किल नाहन व एसई ऑपरेशन सर्किल मंडी का पद भी समाप्त कर दिया गया है। सहायक अभियंताओं (सर्कल) के 16 पद समाप्त
बोर्ड ने सहायक अभियंता वर्कर्स के 16 पदों को भी समाप्त कर दिया गया है। जिन कार्यालयों में यह पद समाप्त हुए हैं उनमें कांगड़ा जोन के SC ऑपरेशन कार्यालय कांगड़ा में एक पद, डलहौजी में एक पद, शिमला जोन के ऑपरेशन सर्किल में एक पद, रामपुर में एक पद, रोहडू में एक पद, मंडी जोन के कॉमर्शियल कार्यालय मंडी में एक पद, हमीरपुर जोन के हमीरपुर में एक पद, ऊना में एक पद व बिलासुपर में एक पद समाप्त कर दिया गया है।
वहीं एसई सर्किल टूटू में एक पद, हमीरपुर में एक पद इलैक्ट्रिकल सिस्टम विंग में खत्म किया गया है। इसी तरह से जनरेशन विंग के साड़ाबाई में एक पद, पालमपुर में दो पद, भावानगर में एक पद, नाहन में एक पद समाप्त किया है। यहां पर अब सहायक अभियंता नहीं होंगे। सहायक अभियंता वर्कस ( आफिस) के 22 पद समाप्त
बोर्ड ने इसके अलावा सहायक अभियंता वर्कर्स के 22 और पदों को समाप्त किया गया है, जिनमें वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता कार्यालय कुमारसैन में एक, काजा में एक, रिकांगपिओ में एक, रोहडू में 1, सोलन में 1 व अर्की में 1 पद समाप्त हुआ है। यह शिमला जोन के तहत है। वहीं कांगड़ा जोन में वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता कार्यालयों में धर्मशाला में एक, नगरोटा बगवां में एक, लंबागांव में एक, डलहौजी में एक, नूरपुर में एक,ज्वाली व फतेहपुर में एक-एक पद समाप्त किया है। मंडी जोन के तहत सरकाघाट में एक, जोगिंदरनगर में एक, करसोग में एक, मनाली में एक तथा हमीरपुर जोन के तहत नादौन में एक, बड़सर में एक, घुमारवीं में एक व अ-ब में एक पद को समाप्त कर दिया गया है। बोर्ड ने सीनियर एक्सईएन MTC शिमला का डिवीजन कार्यालय से बदला
वहीं बोर्ड ने सीनियर एक्सईएन एमटीसी डिवीजन शिमला का प्रशासनिक नियंत्रण भी बदल दिया है। एसई सीसीए के कार्यालय के पास यह नियंत्रण रहेगा। एसई वक्र्स का पूरा काम अब एसई सीसीए देखेंगे। बोर्ड की कार्यकारी निदेशक ईशा की ओर से यह आदेश जारी हुए हैं। इनके बाद बोर्ड में अभी कई दूसरे पद हैं जो इनके अधीन आते थे और उनको भी समाप्त कर दिया जाएगा। उनका प्रशासनिक नियंत्रण बदला जाएगा। इससे आने वाले समय में बोर्ड का पूरा ढांचा बदल जाएगा क्योंकि कई दूसरे पदों को भी समाप्त करने की सिफारिशें कैबिनेट सब कमेटी ने की है। निगम प्रबंधन के फैसले पर भड़की बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन
बिजली बोर्ड कर्मचारी जॉइंट फ्रंट ने निगम प्रबंधन के फैसले पर कड़ा ऐतराज जाहिर किया है। यूनियन के महासचिव हीरालाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड ने 51 पद खत्म किया है, कर्मचारी उसका विरोध करते हैं। यह बोर्ड के मूल ढांचे के साथ छेड़छाड़ है। उन्होंने कहा कि निगम के कर्मचारियों ने प्रबंधन को 7 दिनों का समय दिया है कि इस फैसले को पर पुनर्विचार किया जाए। वर्मा ने कहा कि निगम के फैसले के खिलाफ कर्मचारियों ने ड्यूटी के बाद कंज्यूमर को ऑनलाइन दी जाने वाली सेवाओं को बंद करने का निर्णय लिया है।विभाग यदि सात दिन में फैसले पर पुनर्विचार नही करती है, तो यूनियन अगली रणनीति तैयार करेगा।
शिमला डाक विभाग नौकरी में फर्जीवाड़ा:आरोपी ने जाली दस्तावेज बनाकर नौकरी हासिल की; छानबीन शुरू
शिमला डाक विभाग नौकरी में फर्जीवाड़ा:आरोपी ने जाली दस्तावेज बनाकर नौकरी हासिल की; छानबीन शुरू शिमला में डाक विभाग में फर्जी दस्तावेज के आधार पर डाक सेवक की नौकरी पाने का मामला सामने आया है। आरोपी के खिलाफ बालूगंज थाना में शिकायत दर्ज की गई है। जानकारी के मुताबिक सुरेंद्र कुमार डाक विभाग के पश्चिमी उपमंडल शिमला में निरीक्षक के पद पर तैनात है। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 27 जनवरी 2023 को डाक विभाग ने डाक सेवकों के पदों पर भर्तियां करवाई थी और इसी भर्ती प्रक्रिया में एक युवक मोहित ने जाली दस्तावेज बनाकर नौकरी हासिल की है। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब दस्तावेजों की वेरिफिकेशन की प्रक्रिया हुई तो उस दौरान आरोपी ने फर्जी दस्तावेज दिखाए। ऐसे में इस मामले में अब डाक विभाग के निरीक्षक की ओर से बालूगंज थाना में मामला दर्ज करवाया गया है। वहीं पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस दस्तावेजों की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक पुलिस जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है।
CM का ससुराल उनकी पत्नी को नहीं डाल पाएगा वोट:कांग्रेस ने ‘देहरा की बेटी’ नारा देते हुए बनाया प्रत्याशी; जसवा-परागपुर में है कमलेश का मायका
CM का ससुराल उनकी पत्नी को नहीं डाल पाएगा वोट:कांग्रेस ने ‘देहरा की बेटी’ नारा देते हुए बनाया प्रत्याशी; जसवा-परागपुर में है कमलेश का मायका हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी एवं कांग्रेस प्रत्याशी का मायका देहरा सीट पर हो रहे उप चुनाव में अपनी बेटी कमलेश ठाकुर को वोट नहीं डाल पाएगा, जबकि कांग्रेस ने ‘देहरा की बेटी नारा’ देते हुए CM की पत्नी कमलेश ठाकुर पर दांव खेला है। बता दें कि हमीरपुर जिला के नादौन विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखने वाले CM सुक्खू की पत्नी का मायका कांगड़ा जिला की नलसूहां पंचायत में पड़ता है। नलसूहां गांव व पूरी पंचायत जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ती है। उप चुनाव अभी देहरा सीट पर हो रहा है। नलसूंहा पंचायत में 500 से ज्यादा घर और लगभग 1250 मतदाता है। मगर इनमें से कोई भी नलसूहां पंचायत वासी अपनी बेटी एवं सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर को चाह कर भी वोट नहीं दे पाएगा। देहरा सीट पर 86 हजार मतदाता देहरा विधानसभा सीट पर 42000 पुरुष वोटर तथा 42491 महिला मतदाता है। कुल मिलाकर यहां 84491 वोटर है। सर्विस वोटर को मिलाकर देहरा सीट पर 86314 मतदाता है, जो देहरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर, भाजपा के होशियार सिंह और निर्दलीय संजय शर्मा के भाग्य का फैसला करेगी। CM की प्रतिष्ठा दांव पर देहरा सीट पर मुख्यमंत्री सुक्खू की साख दाव पर लगी हुई है। इस सीट पर जीत-हार मुख्यमंत्री के सियासी करियर को लेकर निर्णायक साबित होगी, क्योंकि इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू अपनी नादौन विधानसभा सीट से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को लीड नहीं दिला पाए थे। सुक्खू ने BJP के गढ़ कहे जाने वाली सीट से पत्नी को बनाया प्रत्याशी अब उन्होंने अपनी पत्नी को भारतीय जनता पार्टी के गढ़ कहे जाने वाली देहरा सीट से प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के लिए चिंता इस बात की है कि इस सीट पर आज तक कांग्रेस एक बार भी चुनाव नहीं जीती। साल 2008 में परिसीमन के बाद देहरा सीट अस्तित्व में आई। साल 2012 में यहां से भाजपा के रविंद्र रवि चुनाव जीते। साल 2017 और 2022 में निर्दलीय होशियार सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, जो अब भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस अब तक एक भी इस सीट को नहीं जीत पाई। हार के सिलसिले को तोड़ने के लिए ही मुख्यमंत्री ने अपनी पत्नी पर दांव खेला है। 18 महीने में दूसरी बार आई चुनाव की नौबत देहरा की जनता 18 महीने में दूसरी बार अपना विधायक चुनेगी। साल 2022 में यहां की जनता ने निर्दलीय होशियार सिंह को विधानसभा भेजा था। मगर उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया और भारतीय जनता पार्टी जॉइन की। इस वजह से यहां 18 महीने में ही उप चुनाव की नौबत आई है। 10 जुलाई को EVM में कैद होगा इनका भाग्य देहरा सहित नालागढ़ और हमीरपुर विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को मतदान होना है। 13 जुलाई को इसके नतीजे आएंगे। इसके लिए चुनाव प्रचार प्रतिदिन जोर पकड़ रहा है।