हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से रिजल्ट की मांग कर रहे JOA-IT पोस्ट कोड 817 के अभ्यर्थियों का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। शिमला में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने इनके रिजल्ट घोषित करने का फैसला लिया है। इनके डॉक्यूमेंटेशन पूरे हो चुके हैं। राज्य चयन आयोग को इनके रिजल्ट जल्द घोषित करने के निर्देश दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे हड़ताल पर बैठें या नहीं, इनके रिजल्ट घोषित होना तय है। बता दें कि JOA-IT 817 पोस्ट कोड के अभ्यर्थी जल्द रिजल्ट की मांग को लेकर हमीरपुर के पक्का भरो स्थित राज्य चयन आयोग कार्यालय के बाहर छह दिन से क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनके रिजल्ट घोषित नहीं हो जाते, वे अपना अनशन खत्म नहीं करेंगे। उधर, आयोग के मुख्य प्रशासक डा. आरके पुरुथी पहले ही कह चुके हैं कि रिजल्ट तैयार किया जा रहा है। इसके तकनीकी पहलू में कोई कमी न रहे, उसकी जांच जारी है और एक सप्ताह के भीतर यह घोषित कर दिया जाएगा। जानें क्यों हड़ताल पर बैठे हैं JOA-IT अभ्यर्थी बता दें कि JOA-IT 817 पोस्ट कोड के अभ्यर्थी चार साल से रिजल्ट निकलने का इंतजार कर रहे हैं। इनके 1867 पद साल 2020 में विज्ञापित किए गए थे। इनका यह मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी हिमाचल सरकार को जल्दी रिजल्ट घोषित करने के आदेश दे रखे है। बीते सप्ताह की कैबिनेट में भी रिजल्ट निकालने की मंजूरी मिल गई है। इस परीक्षा में 1.70 लाख अभ्यर्थी बैठे थे। इनमें से 19 हजार बच्चों ने यह परीक्षा पास की, जबकि टाइपिंग टेस्ट लगभग 5600 बच्चों ने पास किया। ये बच्चे रिजल्ट निकालने की मांग को लेकर अनेकों पर सीएम और मंत्रियों से मिल चुके है। अब सीएम ने इनका रिजल्ट जल्दी निकालने का भरोसा दिया है। हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से रिजल्ट की मांग कर रहे JOA-IT पोस्ट कोड 817 के अभ्यर्थियों का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। शिमला में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने इनके रिजल्ट घोषित करने का फैसला लिया है। इनके डॉक्यूमेंटेशन पूरे हो चुके हैं। राज्य चयन आयोग को इनके रिजल्ट जल्द घोषित करने के निर्देश दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे हड़ताल पर बैठें या नहीं, इनके रिजल्ट घोषित होना तय है। बता दें कि JOA-IT 817 पोस्ट कोड के अभ्यर्थी जल्द रिजल्ट की मांग को लेकर हमीरपुर के पक्का भरो स्थित राज्य चयन आयोग कार्यालय के बाहर छह दिन से क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनके रिजल्ट घोषित नहीं हो जाते, वे अपना अनशन खत्म नहीं करेंगे। उधर, आयोग के मुख्य प्रशासक डा. आरके पुरुथी पहले ही कह चुके हैं कि रिजल्ट तैयार किया जा रहा है। इसके तकनीकी पहलू में कोई कमी न रहे, उसकी जांच जारी है और एक सप्ताह के भीतर यह घोषित कर दिया जाएगा। जानें क्यों हड़ताल पर बैठे हैं JOA-IT अभ्यर्थी बता दें कि JOA-IT 817 पोस्ट कोड के अभ्यर्थी चार साल से रिजल्ट निकलने का इंतजार कर रहे हैं। इनके 1867 पद साल 2020 में विज्ञापित किए गए थे। इनका यह मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी हिमाचल सरकार को जल्दी रिजल्ट घोषित करने के आदेश दे रखे है। बीते सप्ताह की कैबिनेट में भी रिजल्ट निकालने की मंजूरी मिल गई है। इस परीक्षा में 1.70 लाख अभ्यर्थी बैठे थे। इनमें से 19 हजार बच्चों ने यह परीक्षा पास की, जबकि टाइपिंग टेस्ट लगभग 5600 बच्चों ने पास किया। ये बच्चे रिजल्ट निकालने की मांग को लेकर अनेकों पर सीएम और मंत्रियों से मिल चुके है। अब सीएम ने इनका रिजल्ट जल्दी निकालने का भरोसा दिया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में कल भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट:कांगड़ा, सिरमौर और ऊना जिले को चेतावनी; मानसून सीजन में नॉर्मल से 30% कम बादल बरसे हिमाचल प्रदेश में मानसून फिर एक्टिव गया है। मौसम विभाग (IMD) ने कल यानी 7 अगस्त को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आज भी प्रदेश के ज्यादातर भागों में बारिश का पूर्वानुमान है। इसे देखते हुए प्रदेशवासियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कल कांगड़ा, सिरमौर और ऊना जिला में भारी बारिश हो सकती है। इससे लैंडस्लाइड, जल भराव और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान भी कई इलाकों में अच्छी बारिश हुई है। शिमला में भी रात में बारिश हुई। शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिला के कई क्षेत्रों में आज दिनभर भी बारिश का पूर्वानुमान है। प्रदेश में पूरे मानसून सीजन के नॉर्मल से 30 प्रतिशत कम बारिश हुई है। प्रदेश का एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां नॉर्मल से ज्यादा बारिश हुई हो। 1 जून से 5 अगस्त के बीच 405.5 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 281.9 बादल बरसे हैं। प्रदेश में बीते दिनों हुई बारिश से 85 से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी है। अब तक बरसात से 684 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हुई है। पूरे मानसून सीजन में 161 सड़कों की सड़क हादसों, गिरने, पानी में डूबने, सांप के काटने इत्यादि से जान गई है। 57 मकान पूरी तरह टूटे प्रदेश में 57 मकान पूरी तरह से धवस्त और 151 मकान आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हो चुकी है। 14 दुकानें, 3 लेबर शेड, 171 गौशालाएं और 2 घ्राट भी बरसात से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
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हिमाचल विधानसभा में राजस्व मंत्री-नेता प्रतिपक्ष में नोक-झोंक:सदन से बाहर गया विपक्ष; 3 आपदा प्रभावित राज्यों की तर्ज पर मदद को प्रस्ताव पास हिमाचल विधानसभा में वीरवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर में तीखी नोक-झोंक हो गई। जगत नेगी ने कहा कि, जयराम ठाकुर हमेशा बिना स्पीकर की परमिशन के बोलने के लिए उठ जाते हैं। वह अपने साथियों को भी नहीं बोलने देते। उन्होंने कहा कि, सरकार द्वारा लाए गए प्रस्ताव को समर्थन नहीं करना था। इसलिए सदन से उठकर बाहर चले गए। राजस्व मंत्री सदन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू द्वारा लाए गए उस प्रस्ताव पर बोल रहे थे, जिसमें राज्य सरकार ने सिक्किम, असम और उत्तराखंड की तर्ज पर राहत राशि की मांग की गई। जगत नेगी ने कहा, तीन प्रदेशों को केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में सीधे तौर पर राहत राशि देने का ऐलान किया, जबकि हिमाचल को और तरीके से मदद की बात कही गई। जगत नेगी ने कहा, हम संघीय ढांचे में रह रहे हैं। केंद्र से आर्थिक मदद मांगना हमारा संवैधानिक अधिकार है। हिमाचल ने केंद्र से 9000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की मांग की। मगर केंद्र से हमे अब तक एक रुपए की भी मदद नहीं मिली। डिप्टी सीएम बोले- प्रदेश को अस्थिर करना चाह रहा केंद्र डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि, आपदा को लेकर विपक्ष हमारे साथ खड़ा नहीं हो रहे। हमें मालूम था कि इस प्रस्ताव पर विपक्ष बाहर जाएगा। बीते साल भी जब आपदा राहत को लेकर प्रस्ताव लाया गया था और 9000 करोड़ की मांग केंद्र से की गई थी, उस दौरान भी विपक्ष ने वॉक आउट किया था। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने हिमाचल का जीएसटी कंपनसेशन बंद कर दिया। रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट रोक दी। फॉरेन फंडिग में कटौती की, हिमाचल की कर्ज लेने की सीमा घटा दी। क्या हिमाचल हिंदुस्तान का राज्य नहीं। उन्होंने कहा कि, केंद्र यह सब प्रदेश को अस्थिर करने के लिए कर रहा है। विपक्ष के रवैये को लेकर निंदा प्रस्ताव पास संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इसे लेकर सदन में निंदा प्रस्ताव लाया। उन्होंने कहा, विपक्ष ने एक बार भी हिमाचल के लिए राहत पैकेज की मांग नहीं की। उन्होंने कहा कि, भाजपा में कुर्सी व नेतृत्व की लड़ाई हो रही है। इस वजह से विपक्ष का आचरण इस तरह का है। आसाम, उत्तराखंड और सिक्किम की तर्ज पर हमें भी मदद मिले : CM मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया, जैसे आसाम, उत्तराखंड और सिक्किम को मदद दी जा रही है, उसी दृष्टि से हमें भी मदद दी जाए। CM ने कहा कि, हिमाचल की आर्थिक मदद की जब बात आती है तो विपक्ष बाहर चला जाता है। जब भी सत्तापक्ष का कोई विधायक बोलता है, तो जयराम और रणधीर शर्मा बोलने उठ जाते हैं। उन्होंने कहा, पूरा भाजपा विधायक दल कन्फ्यूज नजर आ रहा। जयराम सनसनी फैलाकर राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। जयराम को बहुत गुस्सा आ रहा है। विचित्र स्थिति पैदा हो गई है। सरकार ने पैकेज के नाम पर जनता को ठगा: रणधीर मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि, राज्य सरकार केंद्र से आर्थिक मदद तो मांग रही है, लेकिन जो बजट पहले मिला है, उसे सरकार खर्च नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा, 1782 करोड़ में से 142 करोड़ रुपए 31 मार्च 2024 तक अनस्पेंट थे। जनता द्वारा दान 251 करोड़ भी खर्च नहीं हो पाए। और किस मुंह से मांग रहे। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने बीते साल आपदा प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया। जिनके घर पूरी तरह टूटे, उन्हें सात लाख देने की बात कही। मगर यह किसी को भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने पैकेज के नाम पर जनता को ठगा है।
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र:सदन में गूंजेगा कृषि विश्वविद्यालय की जमीन का मामला; सरकार ने टूरिज्म विलेज को दी यूनिवर्सिटी की 112 हैक्टेयर भूमि
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र:सदन में गूंजेगा कृषि विश्वविद्यालय की जमीन का मामला; सरकार ने टूरिज्म विलेज को दी यूनिवर्सिटी की 112 हैक्टेयर भूमि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की 112 हेक्टेयर जमीन टूरिज्म विलेज को देने का मुद्दा गूंजेगा। BJP विधायक विपिन सिंह परमार ने विश्वविद्यालय की जमीन की NOC देने के मसले पर सदन में चर्चा मांग रखी है। कांगड़ा जिला में यह पहले ही बड़ा मुद्दा बन चुका है। आज सदन में भी इसे लेकर तपिश देखने को मिलेगी। बता दें कि राज्य सरकार ने कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार ने यूनिवर्सिटी की जमीन टूरिज्म विलेज को देने का फैसला लिया है। कृषि विश्वविद्यालय के तमाम संगठन पहले ही इसका विरोध कर चुके हैं। इसके खिलाफ छात्र संगठनों के साथ साथ शिक्षक व गैर शिक्षक संघ प्रदर्शन कर चुके हैं। वित्तीय स्थिति पर होगी चर्चा सदन में आज राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर भी चर्चा होगी। कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया, चंद्रशेखर और भवानी सिंह पठानिया ने आर्थिक स्थिति को लेकर सदन में चर्चा मांग रखी है। खराब आर्थिक हालत के कारण देशभर में कांग्रेस सरकार की किरकिरी हुई है। हालांकि कांग्रेस सरकार को लगभग 75 हजार करोड़ का कर्ज विरासत में मिला है। इसी तरह लगभग 10 हजार करोड़ की कर्मचारियों की देनदारी भी पूर्व सरकार के कार्यकाल की है, जो अब कांग्रेस सरकार को चुकता करनी पड़ है। आमदन्नी अठन्नी और खर्चा रुपया होने की वजह से सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। लिहाजा आज सदन में आर्थिक हालात के साथ साथ आय के साधन बढ़ाने पर भी चर्चा होगी। अंत में जल विद्युत नीति पर भी चर्चा होगी। यह प्रस्ताव बीजेपी विधायक जेआर कटवाल ने लाया है। भांग की खेती पर होगी चर्चा इससे पहले सदन की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से शुरू होगी। विधानसभा में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी आज भांग के औषधीय गुणों को देखते हुए इसके व्यवसायिक इस्तेमाल को लेकर के लिए सदन में चर्चा की मांग करेंगे।