केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा में स्मार्ट मीटर लगाने की घोषणा की थी और कहा था कि इसकी शुरुआत सरकारी कर्मचारियों के घर से होगी। इस योजना के तहत घरों के बाहर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे जिसमें आपको पहले रिचार्ज कराना होगा और फिर आप बिजली का इस्तेमाल कर सकेंगे। हरियाणा के किसानों ने इस योजना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज बुधवार (18 दिसंबर) को हिसार जिले के किसानों ने उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के एमडी के दफ्तर का घेराव किया। हालांकि पुलिस ने किसानों को एमडी दफ्तर के पास नहीं जाने दिया, लेकिन किसान रास्ता रोककर बैठे रहे। किसानों का कहना है कि मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में एक योजना लेकर आए हैं, जिसका वे विरोध कर रहे हैं। प्रीपेड मीटर लगाने से सिर्फ पूंजीपतियों को फायदा होगा। सरकार को आम जनता से कोई सरोकार नहीं है। किसान-मजदूर बिजली लेने के लिए एडवांस पैसे कहां से देगा। इसलिए स्कीम का विरोध कर रहे किसान नेता…
1. एडवांस रिचार्ज सिस्टम:
किसानों का कहना है कि जिस तरह मोबाइल में एडवांस पैसे डलवाने पड़ते हैं, उसी तरह कूपन लेकर मीटर रिर्चाज करवाने पड़ेंगे। इसके लिए कूपन पहले किसान को लेना पड़ेगा और पैसे खत्म होते ही बिजली गुल हो जाएगी। 2. सब्सिडी भी एडवांस लेगी सरकार:
किसानों का कहना है कि अभी सरकार बिजली निगम को सब्सिडी देती है, जिसके तहत उपभोक्ताओं व किसानों को 25 पैसे प्रति यूनिट तक बेनिफिट मिलता है मगर इसमें सरकार सब्सिडी के पूरे पैसे पहले उपभोक्ता से लेगी और बाद में सब्सिडी खातों में आएगी। किसान नेता-शमशेर लाडवा बोले-रद हो पूरी स्कीम
किसान सभा के नेता शमशेर सिंह लाडवा नंबरदार ने कहा कि सरकार की स्मार्ट मीटर लगाने की जो योजना है, इसके खिलाफ हम हैं। हम DHBVN के ऑफिस का घेराव करने हिसार आए हैं। फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी और सिरसा के किसान साथी यहां आए हैं। बिजली निगम की यह योजना हमें मजूर नहीं है। किसान सभा की ऑल इंडिया स्टेट कार्यकारिणी ने रोहतक में फैसला लिया था कि 18 दिसंबर को हम हिसार में एमडी ऑफिस का घेराव करेंगे। इसी प्रकार हम 20 दिसंबर को हरियाणा के पंचकूला में बिजली निगम के अफसरों को ज्ञापन देने जाएंगे। सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही : बलबीर सिंह किसान सभा के स्टेट प्रेसिडेंट बलबीर सिंह ने कहा कि आज का हमारा प्रदर्शन निजीकरण के खिलाफ है। सरकार धीरे-धीरे सिस्टम खत्म कर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। इसी में यह स्मार्ट मीटर की योजना आई है। इसमें सबसे बड़ी बात है कि 3-3 साल से किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन बकाया है। किसानों के पैसे जमा भी हुए पड़े हैं। खासकर भिवानी, फतेहाबाद, जींद, हिसार और सिरसा में सबसे ज्यादा दिक्कत है। स्मार्ट मीटर योजना का कोई बेनिफिट नहीं है। बिजली निगम के सबसे बड़े उपभोक्ता किसान और मजदूर हैं और इनकी जेब में पैसे होंगे तो ही यह रिचार्ज करवा पाएंगे। दूसरा जो पहले से मीटर है वो लैब से अप्रूव्ड हैं ऐसे में उनको बदलना ठीक नहीं है। हम इसका विरोध करेंगे। स्मार्ट मीटर बिजली योजना के तहत पौने 3 लाख मीटर लगेंगे
रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत केंद्र सरकार देश भर बिजली वितरण व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है। हरियाणा में भी इसके तहत प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर लगाए जाएंगे। हरियाणा से चुनकर संसद तक जाने वाले केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के यहां प्रीपेड मीटर लगवाने की बात कही है। इसके बाद दूसरे फेज में आम उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाए जाएंगे। हरियाणा में करीब पौने 3 लाख सरकारी कर्मचारी हैं। वहीं बिजली उपभोक्ताओं की बात करें तो हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 70 लाख 46 हजार हो गई है। इसमें उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) के 32 लाख 84 हजार और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के 37 लाख 62 हजार बिजली उपभोक्ता हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद मोबाइल की तरह ही बिजली मीटर को रिचार्ज करना होगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा में स्मार्ट मीटर लगाने की घोषणा की थी और कहा था कि इसकी शुरुआत सरकारी कर्मचारियों के घर से होगी। इस योजना के तहत घरों के बाहर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे जिसमें आपको पहले रिचार्ज कराना होगा और फिर आप बिजली का इस्तेमाल कर सकेंगे। हरियाणा के किसानों ने इस योजना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज बुधवार (18 दिसंबर) को हिसार जिले के किसानों ने उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के एमडी के दफ्तर का घेराव किया। हालांकि पुलिस ने किसानों को एमडी दफ्तर के पास नहीं जाने दिया, लेकिन किसान रास्ता रोककर बैठे रहे। किसानों का कहना है कि मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में एक योजना लेकर आए हैं, जिसका वे विरोध कर रहे हैं। प्रीपेड मीटर लगाने से सिर्फ पूंजीपतियों को फायदा होगा। सरकार को आम जनता से कोई सरोकार नहीं है। किसान-मजदूर बिजली लेने के लिए एडवांस पैसे कहां से देगा। इसलिए स्कीम का विरोध कर रहे किसान नेता…
1. एडवांस रिचार्ज सिस्टम:
किसानों का कहना है कि जिस तरह मोबाइल में एडवांस पैसे डलवाने पड़ते हैं, उसी तरह कूपन लेकर मीटर रिर्चाज करवाने पड़ेंगे। इसके लिए कूपन पहले किसान को लेना पड़ेगा और पैसे खत्म होते ही बिजली गुल हो जाएगी। 2. सब्सिडी भी एडवांस लेगी सरकार:
किसानों का कहना है कि अभी सरकार बिजली निगम को सब्सिडी देती है, जिसके तहत उपभोक्ताओं व किसानों को 25 पैसे प्रति यूनिट तक बेनिफिट मिलता है मगर इसमें सरकार सब्सिडी के पूरे पैसे पहले उपभोक्ता से लेगी और बाद में सब्सिडी खातों में आएगी। किसान नेता-शमशेर लाडवा बोले-रद हो पूरी स्कीम
किसान सभा के नेता शमशेर सिंह लाडवा नंबरदार ने कहा कि सरकार की स्मार्ट मीटर लगाने की जो योजना है, इसके खिलाफ हम हैं। हम DHBVN के ऑफिस का घेराव करने हिसार आए हैं। फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी और सिरसा के किसान साथी यहां आए हैं। बिजली निगम की यह योजना हमें मजूर नहीं है। किसान सभा की ऑल इंडिया स्टेट कार्यकारिणी ने रोहतक में फैसला लिया था कि 18 दिसंबर को हम हिसार में एमडी ऑफिस का घेराव करेंगे। इसी प्रकार हम 20 दिसंबर को हरियाणा के पंचकूला में बिजली निगम के अफसरों को ज्ञापन देने जाएंगे। सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही : बलबीर सिंह किसान सभा के स्टेट प्रेसिडेंट बलबीर सिंह ने कहा कि आज का हमारा प्रदर्शन निजीकरण के खिलाफ है। सरकार धीरे-धीरे सिस्टम खत्म कर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। इसी में यह स्मार्ट मीटर की योजना आई है। इसमें सबसे बड़ी बात है कि 3-3 साल से किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन बकाया है। किसानों के पैसे जमा भी हुए पड़े हैं। खासकर भिवानी, फतेहाबाद, जींद, हिसार और सिरसा में सबसे ज्यादा दिक्कत है। स्मार्ट मीटर योजना का कोई बेनिफिट नहीं है। बिजली निगम के सबसे बड़े उपभोक्ता किसान और मजदूर हैं और इनकी जेब में पैसे होंगे तो ही यह रिचार्ज करवा पाएंगे। दूसरा जो पहले से मीटर है वो लैब से अप्रूव्ड हैं ऐसे में उनको बदलना ठीक नहीं है। हम इसका विरोध करेंगे। स्मार्ट मीटर बिजली योजना के तहत पौने 3 लाख मीटर लगेंगे
रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत केंद्र सरकार देश भर बिजली वितरण व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है। हरियाणा में भी इसके तहत प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर लगाए जाएंगे। हरियाणा से चुनकर संसद तक जाने वाले केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के यहां प्रीपेड मीटर लगवाने की बात कही है। इसके बाद दूसरे फेज में आम उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाए जाएंगे। हरियाणा में करीब पौने 3 लाख सरकारी कर्मचारी हैं। वहीं बिजली उपभोक्ताओं की बात करें तो हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 70 लाख 46 हजार हो गई है। इसमें उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) के 32 लाख 84 हजार और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के 37 लाख 62 हजार बिजली उपभोक्ता हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद मोबाइल की तरह ही बिजली मीटर को रिचार्ज करना होगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर