हरियाणा के हिसार गांव खरड़ अलीपुर में एक सप्ताह से पेयजल संकट का सामना ग्रामीणों को करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को पीने व अन्य कार्यों के लिए दूर से पानी ढोना पड़ रहा है। महिलाएं, युवतियां दूर बर्तन उठा कर दूर से पानी लाते हुए नजर आती हैं। साथ ही गांव के बाहर लगे हैंडपंपों पर भी पानी के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ रही है। परेशान ग्रामीणों ने पंप हाऊस पर प्रदर्शन की धमकी दी है। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के जिला अध्यक्ष कुलदीप खरड़ व ग्रामीणों ने बताया कि गांव खरड़ अलीपुर में एक सप्ताह से वाटर सप्लाई बंद है। पब्लिक हेल्थ के कर्मचारी अपनी मनमानी करते हैं। ग्रामीण पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। प्रशासन पेयजल सप्लाई के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा। दूर से लेकर आना पड़ रहा है पीने का पानी गांव की महिलाओं ने बताया कि एक सप्ताह से वह पीने का पानी गांव से करीब दो ढाई किलोमीटर दूर से लेकर आ रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन उनकी समस्या का समाधान नहीं कर रहा है। गर्मी के मौसम में पीने के पानी का जुगाड़ करने के लिए महिलाएं मटके व टोकनी लेकर पानी लाने पर मजबूर हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि जब अधिकारियों से बात करते हैं तो जवाब मिलता है कि कर्मचारी नहीं आ रहा। ग्रामीण सवाल कर रहे हैं कि क्या कर्मचारी सरकार की तनख्वाह नहीं लेते, या यह काम अधिकारियों का है, हमारा नहीं। इसको लेकर ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों ने खरड़ अलीपुर के जलघर पर तालाबंदी की धमकी दी है। हरियाणा के हिसार गांव खरड़ अलीपुर में एक सप्ताह से पेयजल संकट का सामना ग्रामीणों को करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को पीने व अन्य कार्यों के लिए दूर से पानी ढोना पड़ रहा है। महिलाएं, युवतियां दूर बर्तन उठा कर दूर से पानी लाते हुए नजर आती हैं। साथ ही गांव के बाहर लगे हैंडपंपों पर भी पानी के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ रही है। परेशान ग्रामीणों ने पंप हाऊस पर प्रदर्शन की धमकी दी है। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के जिला अध्यक्ष कुलदीप खरड़ व ग्रामीणों ने बताया कि गांव खरड़ अलीपुर में एक सप्ताह से वाटर सप्लाई बंद है। पब्लिक हेल्थ के कर्मचारी अपनी मनमानी करते हैं। ग्रामीण पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। प्रशासन पेयजल सप्लाई के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा। दूर से लेकर आना पड़ रहा है पीने का पानी गांव की महिलाओं ने बताया कि एक सप्ताह से वह पीने का पानी गांव से करीब दो ढाई किलोमीटर दूर से लेकर आ रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन उनकी समस्या का समाधान नहीं कर रहा है। गर्मी के मौसम में पीने के पानी का जुगाड़ करने के लिए महिलाएं मटके व टोकनी लेकर पानी लाने पर मजबूर हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि जब अधिकारियों से बात करते हैं तो जवाब मिलता है कि कर्मचारी नहीं आ रहा। ग्रामीण सवाल कर रहे हैं कि क्या कर्मचारी सरकार की तनख्वाह नहीं लेते, या यह काम अधिकारियों का है, हमारा नहीं। इसको लेकर ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों ने खरड़ अलीपुर के जलघर पर तालाबंदी की धमकी दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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गुरुग्राम के 5 होटल बम से उड़ाने की धमकी:सभी अलग-अलग लोकेशन पर, मैनेजमेंट को ईमेल भेजी; बम निरोधक दस्ता-डॉग स्क्वायड लेकर पहुंची पुलिस
गुरुग्राम के 5 होटल बम से उड़ाने की धमकी:सभी अलग-अलग लोकेशन पर, मैनेजमेंट को ईमेल भेजी; बम निरोधक दस्ता-डॉग स्क्वायड लेकर पहुंची पुलिस हरियाणा के गुरुग्राम में पांच बड़े होटलों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। इसको लेकर होटल मैनेजमेंट को ईमेल भेजा गया। जिसमें कहा गया कि होटलों के अंदर बम रख दिया है। कोई भी नहीं बचेगा। इसकी सूचना पुलिस को मिली तो हड़कंप मच गया। पुलिस ने बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड की मदद से होटलों में सर्च अभियान चलाया है। फिलहाल किसी प्रकार की कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। पुलिस की छानबीन जारी है। मेल करने वाले को आईपी एड्रेस से ट्रेस किया जा रहा है। सभी होटलों की मैनेजमेंट को भेजी ई-मेल
जानकारी के अनुसार गुरुग्राम पुलिस को सुबह गुरुग्राम के एक बड़े होटल प्रबंधन की ओर से एक धमकी भरा ईमेल मिलने की जानकारी दी गई। इसमें होटल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत अलर्ट हो गई। इसके बाद शहर में अलग अलग स्थानों पर स्थित चार अन्य होटल्स को भी ईमेल भेज कर बम से उड़ाने की धमकी दी गई। पुलिस ने इसके बाद होटलों में टीमें भेजी। डॉग स्क्वायड की मदद से होटलों में बड़ी बारीकी से तलाशी ली गई। पुलिस को दहशत फैलाने के लिए फर्जी मेल भेजने का शक
पुलिस सूत्रों का कहना है कि फिलहाल किसी होटल में कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। प्रारंभिक जांच में यही सामने आया है कि दहशत फैलाने के लिए फर्जी मेल भेजी गई है। पुलिस इनके आईपी एड्रेस का पता लगा रही है, ताकि धमकी देने वाले तक पहुंचा जा सके। पहले माल उड़ाने की भी धमकी मिल चुकी 4 महीने पहले गुरुग्राम के एंबियंस मॉल को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। ये धमकी भी ईमेल के जरिए मॉल प्रबंधन को भेजी गई। बम की सूचना मिलते ही पुलिस, बम स्क्वायड और फायर ब्रिगेड विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद पूरे मॉल को खाली कराया गया। टीमों ने पूरे मॉल में सर्च ऑपरेशन चलाया। जिसमें कुछ नहीं मिला। इसके बाद स्टाफ को मॉल के अंदर भेज दिया गया था। DCP (ईस्ट) मयंक गुप्ता का कहना था कि मेल मिलने के समय मॉल खुला नहीं था। यह एक फर्जी मैसेज लगता है। दिल्ली के 40 स्कूलों को भी मिली बम से उड़ाने की धमकी
दिल्ली के 40 स्कूलों को सोमवार सुबह ई-मेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें मदर मैरी स्कूल, ब्रिटिश स्कूल, सलवान पब्लिक स्कूल, कैम्ब्रिज स्कूल शामिल हैं। ऐहतियात के तौर पर सभी स्कूलों से बच्चों को वापस घर भेज दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि बम धमकी की सूचना सबसे पहले DPS आरके पुरम से सुबह 7.06 बजे और जीडी गोयनका पश्चिम विहार से सुबह 6.15 बजे मिली। इसके बाद पुलिस, डॉग स्क्वॉड, सर्चिंग स्क्वॉड और फायर ब्रिगेड की टीमें वहां भेजी गईं। हालांकि, तलाशी में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। धमकी ई-मेल के जरिए दी गई। मेल भेजने वाले ने बम विस्फोट न करने के बदले 30 हजार अमेरिकी डॉलर मांगे हैं (पढ़ें पूरी खबर…)
कैथल में युवक पर हमले के विरोध में महापंचायत:पार्षद प्रतिनिधि को ठहराया कसूरवार, हमले के लिए बदमाशों को दी थी सुपारी
कैथल में युवक पर हमले के विरोध में महापंचायत:पार्षद प्रतिनिधि को ठहराया कसूरवार, हमले के लिए बदमाशों को दी थी सुपारी कैथल में शहर के बालाजी कॉलोनी निवासी डेयरी संचालक प्रवीण कुमार पर हमले के विरोध में रविवार को सीवन गेट की जिला सर्व ब्राह्मण धर्मशाला में हुई महापंचायत में समाज के प्रबुद्ध लोगों ने हमले की कड़ी निंदा की। पंचायत में लोगों ने जाहिर किया गुस्सा हमले के आरोपी विनोद के खिलाफ पंचायत में लोगों ने गुस्सा जाहिर किया। लेकिन एक सुर से उसके खिलाफ कोई फैसला नहीं हो सका। हालांकि जल्द ही जाम लगाने की बात जरूर हुई। पंचायत में पीड़ित प्रवीण शर्मा ने पंचायत के सामने आपबीती बताई कि किस तरह विनोद ने बदमाश भेज कर उसे पर हमला करवाया और पत्नी सहित उसे चोटें मारी। हमलावरों की दी थी सुपारी पीड़ित प्रवीण ने बताया कि विनोद ने बदमाशों से उसकी दोनों बाजू और दोनों टांगें तोड़ने के लिए 3 लाख रुपए की सुपारी दी थी। जिसमें से उन्हें गूगल पे पर और नगदी के माध्यम से डेढ़ लाख रुपए अदा भी कर दिए थे। बाकी रुपए वारदात के बाद देने थे। बदमाशों के साथ हुई चैट और नगदी देने के सभी सबूत पुलिस और उसके पास मौजूद है। प्रवीण ने इस मामले में एक पुलिस कर्मचारी पर भी आरोप लगाए है। प्रवीण ने बताया कि उसने कभी भी विनोद या उसके बेटे के खिलाफ आरटीआई नहीं लगाई। उसने बस उसके खिलाफ चुनाव लड़ा था। जिसकी रंजिश के कारण उसे पर हमला करवाया गया। आंगनबाड़ी की प्रदेश सचिव ने लगाए आरोप आंगनबाड़ी यूनियन की प्रदेश सचिव शकुंतला शर्मा ने भी विनोद पर आरोप लगाते हुए बताया कि उन्हें भी उसने एक झूठे केस में फंसाया था। पार्षद सुशीला शर्मा ने भी बताया कि विनोद ने उसकी नौकरानी को बहकाकर उसे पर अनुसूचित जाति अधिनियम लगवा दिया था। ब्राह्मण सभा के प्रदेश अध्यक्ष व विनोद के भाई पवन शर्मा पहलवान ने कहा कि वह हमले की निंदा करते हैं। पवन ने बताया कि उन्हें विनोद ने कहा था कि प्रवीण उसके खिलाफ आरटीआई लगता है। जिसकी रंजिश के कारण उसने यह हमला करवाया है। पवन शर्मा ने कहा कि वे इस मामले में किसी भी प्रकार विनोद का सहयोग नहीं करेंगे। वह दोनों पक्षों में से किसी की भी कोई मदद नहीं करेंगे। बस निंदा तक ही सिमट गई पंचायत पंचायत की अध्यक्षता करते हुए मोहनलाल शर्मा ने कहा कि सबसे पहले पीड़ित यह बताएं कि उसने किस उद्देश्य से पंचायत का आयोजन किया है और वह समाज की इस मामले में क्या मदद चाहता है। प्रवीण शर्मा व राजू डोहर ने विनोद के खिलाफ फैसला लेने का अधिकार समाज की पंचायत को सौंप दिया। वक्ताओं ने पवन शर्मा पहलवान से विनोद को लेकर खूब सवाल जवाब किए। यहां तक कहां गया कि वह विनोद का पक्ष लेने के लिए ही पंचायत में आए हैं, लेकिन पवन शर्मा ने इन सभी बातों का खंडन करते हुए कहा कि वह ने तो प्रधान होने के नाते और ना ही विनोद का भाई होने के नाते पंचायत में आए हैं। वह समाज का एक अंग है। इसलिए वह खुलकर हमले का विरोध करते हैं। कमेटी बनाने को लेकर आया प्रस्ताव पंचायत में कहा गया कि समाज जो भी फैसला लेगा। वह उन्हें मान्य होगा। पीड़ित पक्ष के प्रवीण ने जख्मी हालत में अपना दुख लोगों के सामने बयान किया, लेकिन पंचायत बुलाने का वह कोई कारण स्पष्ट नहीं कर सके। पंचायत में कई बार निर्णय लेने के लिए 11 सदस्यों की कमेटी गठन करने का भी प्रस्ताव आया। कोई निर्णय हो पता इससे पहले ही वाद विवाद में पंचायत समाप्त हो गई।
हरियाणा में घुसा हाथियों का परिवार:कलेसर के जंगलों में निवास ढूंढ रहा, नर-मादा के साथ 2 बच्चे, 20 दिन पहले हरिद्वार से निकला
हरियाणा में घुसा हाथियों का परिवार:कलेसर के जंगलों में निवास ढूंढ रहा, नर-मादा के साथ 2 बच्चे, 20 दिन पहले हरिद्वार से निकला उत्तराखंड से हाथियों का झुंड हरियाणा में दस्तक दी है। राज्य के यमुनानगर जिले के कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में एक नर, दो मादा और दो शिशु हाथियों सहित पांच सदस्यों का एक हाथी परिवार देखा गया है। वन विभाग इनके आगमन को वन्यजीवों के लिए उद्यान की अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों का सकारात्मक संकेतक मान रहा है। वन्यजीव विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह परिवार संभवतः उत्तराखंड के देहरादून स्थित राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से आया है, जहां हाथियों की आबादी बहुत अधिक है। बताया जा रहा है कि यह परिवार दिसंबर 2024 में कलेसर में दाखिल हुआ था और तब से इसे कई बार जंगल के अलग-अलग हिस्सों में घूमते देखा गया है। 20 दिन पहले दिखाई दिया परिवार यमुनानगर जिले के वन्यजीव विभाग के इंस्पेक्टर लीलू राम ने बताया, “हमने करीब 20 दिन पहले कलेसर नेशनल पार्क में एक नर और दो मादा हाथियों के साथ दो बच्चों का एक परिवार देखा था। इसके बाद, हमने उन्हें तीन या चार बार और देखा। इंस्पेक्टर राम ने अनुमान लगाया कि हाथी सुरक्षित आवास की तलाश में कलेसर चले गए होंगे। उन्होंने कहा, “कलेसर नेशनल पार्क एक घना जंगल है जो हाथियों सहित जंगली जानवरों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। हमें खुशी है कि हाथियों का एक परिवार यहां आया है। खाने के लिए आया ये परिवार हाथियों के पसंदीदा पेड़ रिहानी और अन्य वनस्पतियों की बहुतायत इस पार्क को इन शानदार जानवरों के लिए एक आदर्श निवास स्थान बनाती है। राम ने कहा, “कलेसर हाथियों की भोजन संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है क्योंकि इसमें उनके पसंदीदा पेड़ों की बहुतायत है।” 11,570 एकड़ में फैला कलेसर राष्ट्रीय उद्यान, घने जंगल के गलियारे के माध्यम से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ा हुआ है, साथ ही कलेसर वन्यजीव अभयारण्य (13,209 एकड़) और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में शेर जंग राष्ट्रीय उद्यान भी है। शिवालिक तहलटी में है कलेसर उद्यान हरियाणा के कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में कई तरह के जंगली जानवर पाए जाते हैं, जिनमें से तेंदुआ, हाथी, हिरण, चीतल, सांभर, वनबकरा, जंगली मुर्गा, तीतर, बटेर, खरगोश प्रमुख हैं। इसके अलावा यहां गिलहरी, भारतीय सियार, नीलगाय, गोरल, भारतीय कलगीदार साही, छोटी भारतीय सिवेट, कॉमन पाम सिवेट, ग्रे लंगूर भी यहां मिलते हैं। कलेसर राष्ट्रीय उद्यान, यमुनानगर जिले में स्थित है। यह शिवालिक की तलहटी में बना है और यहां सेमल, बहेड़ा, और अमलतास जैसे पेड़ पाए जाते हैं। इस उद्यान में कई खतरनाक जानवर जैसे तेंदुआ, घोरल, भौंकने वाला हिरण, सांभर, चीतल, अजगर, और किंग कोबरा भी रहते हैं।