हरियाणा में हिसार बस स्टैंड को शिफ्ट करने का विरोध शुरू हो गया है। हिसार के विधायक और कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता हिसार बस स्टैंड को शहर से बाहर शिफ्ट करना चाहते हैं। इसके लिए प्रस्ताव तैयार हो चुका है और जमीन भी फाइनल हो चुकी है। दूसरी ओर, हिसार के व्यापारी इसके विरोध में उतर आए हैं। 25 से ज्यादा मार्केट एसोसिएशन के एक समूह ने हिसार की पूर्व विधायक सावित्री जिंदल से मुलाकात की और कहा कि अगर यह बस स्टैंड शिफ्ट किया गया तो उनका कारोबार ठप हो जाएगा। खास बात यह है कि भाजपा पार्षद भी इसके खिलाफ हैं और वे व्यापारियों के साथ सावित्री जिंदल से मिलने भी गए। सावित्री जिंदल ने आश्वासन दिया कि अगर सभी दस्तावेज तैयार करके उन्हें दिए जाएं तो वे मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर इस प्रोजेक्ट को रद्द करवाएंगी। दूसरी ओर, हिसार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता इस प्रोजेक्ट पर दिन-रात काम कर रहे हैं और इसे शहर के लिए जरूरी बता रहे हैं। आपको बता दें कि हिसार बस स्टैंड 11 अगस्त 1969 को बना था और यह 21 एकड़ में फैला हुआ है। हिसार डिपो में करीब 279 रोडवेज बसें हैं और करीब 300 निजी बसें ग्रामीण व लंबे रूटों पर चलती हैं। हिसार बस स्टैंड को शिफ्ट करने के विरोध का कारण हिसार बस स्टैंड शहर में ऐसी जगह पर है जो सभी के लिए सुविधाजनक है। लोग आसानी से बाजार से खरीदारी कर वापस जा सकते हैं। दूसरा एजुकेशन और मेडिकल हब नजदीक है और बाजार से जुड़ा हुआ है। इसको लेकर एसोसिएशन ने रविवार को बैठक की। एसोसिएशन 24 जुलाई को फिर से बैठक करेगी। बस स्टैंड को शिफ्ट न करने की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेगी। शहरवासियों का कहना है कि अगर बस स्टैंड पहले से ही सही जगह पर है तो नए बस स्टैंड पर बेवजह करोड़ों रुपये क्यों खर्च किए जा रहे हैं। अगर बस स्टैंड को शिफ्ट किया गया तो लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। व्यापारियों ने कहा- इससे बेहतर स्थान नहीं हो सकता व्यापारियों ने कहा कि हिसार बस स्टैंड प्रदेश के सबसे अच्छे बस स्टैंड में से एक है और यहां पर्याप्त जगह भी है। मंत्री का कहना है कि इससे यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा। वहीं व्यापारियों का कहना है कि अगर बस स्टैंड के पास से अतिक्रमण हटा दिया जाए और रेहड़ी-पटरी वालों को कहीं और जगह दी जाए तो यातायात आसानी से चलेगा। नया बस स्टैंड एयरपोर्ट के पास 30 एकड़ जमीन पर बनेगा। यहां से शहर में आने पर लोगों का अनावश्यक खर्च बढ़ेगा और रात में आना मुश्किल होगा। अभी सभी कॉलेज, यूनिवर्सिटी, कोचिंग सेंटर और मेडिकल हब नजदीक हैं। इसके अलावा नागोरी गेट, तलाकी गेट और अन्य बाजारों से कनेक्टिविटी है। शहर में स्कूल-कॉलेजों के करीब 20 हजार विद्यार्थी आते हैं। बसों में रोजाना 30 हजार से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। सभी बाईपास बस स्टैंड से जुड़े हुए हैं भाजपा पार्षद अनिल जैन, पार्षद अमित ग्रोवर और आशीष लावट का कहना है कि हिसार बस स्टैंड बाहरी स्थान पर है। बस स्टैंड से सिविल अस्पताल और अनाज मंडी 500 मीटर की दूरी पर है। सिरसा बाईपास का बाकी हिस्सा खुला रास्ता है। इसके लिए करोड़ों खर्च किए जाएंगे। आज भी ऋषिनगर निवासी पिछले गेट का स्वागत करते हैं। पहले भी पिछला गेट खोला गया था। एलिवेटेड रोड बनाई जानी चाहिए। जिसकी लागत 40 करोड़ आई है। सभी बाईपास इस बस स्टैंड से जुड़े हुए हैं। अगर कोई यात्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास उतरता है तो उसे दूर आना पड़ेगा। हरियाणा में हिसार बस स्टैंड को शिफ्ट करने का विरोध शुरू हो गया है। हिसार के विधायक और कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता हिसार बस स्टैंड को शहर से बाहर शिफ्ट करना चाहते हैं। इसके लिए प्रस्ताव तैयार हो चुका है और जमीन भी फाइनल हो चुकी है। दूसरी ओर, हिसार के व्यापारी इसके विरोध में उतर आए हैं। 25 से ज्यादा मार्केट एसोसिएशन के एक समूह ने हिसार की पूर्व विधायक सावित्री जिंदल से मुलाकात की और कहा कि अगर यह बस स्टैंड शिफ्ट किया गया तो उनका कारोबार ठप हो जाएगा। खास बात यह है कि भाजपा पार्षद भी इसके खिलाफ हैं और वे व्यापारियों के साथ सावित्री जिंदल से मिलने भी गए। सावित्री जिंदल ने आश्वासन दिया कि अगर सभी दस्तावेज तैयार करके उन्हें दिए जाएं तो वे मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर इस प्रोजेक्ट को रद्द करवाएंगी। दूसरी ओर, हिसार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता इस प्रोजेक्ट पर दिन-रात काम कर रहे हैं और इसे शहर के लिए जरूरी बता रहे हैं। आपको बता दें कि हिसार बस स्टैंड 11 अगस्त 1969 को बना था और यह 21 एकड़ में फैला हुआ है। हिसार डिपो में करीब 279 रोडवेज बसें हैं और करीब 300 निजी बसें ग्रामीण व लंबे रूटों पर चलती हैं। हिसार बस स्टैंड को शिफ्ट करने के विरोध का कारण हिसार बस स्टैंड शहर में ऐसी जगह पर है जो सभी के लिए सुविधाजनक है। लोग आसानी से बाजार से खरीदारी कर वापस जा सकते हैं। दूसरा एजुकेशन और मेडिकल हब नजदीक है और बाजार से जुड़ा हुआ है। इसको लेकर एसोसिएशन ने रविवार को बैठक की। एसोसिएशन 24 जुलाई को फिर से बैठक करेगी। बस स्टैंड को शिफ्ट न करने की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेगी। शहरवासियों का कहना है कि अगर बस स्टैंड पहले से ही सही जगह पर है तो नए बस स्टैंड पर बेवजह करोड़ों रुपये क्यों खर्च किए जा रहे हैं। अगर बस स्टैंड को शिफ्ट किया गया तो लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। व्यापारियों ने कहा- इससे बेहतर स्थान नहीं हो सकता व्यापारियों ने कहा कि हिसार बस स्टैंड प्रदेश के सबसे अच्छे बस स्टैंड में से एक है और यहां पर्याप्त जगह भी है। मंत्री का कहना है कि इससे यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा। वहीं व्यापारियों का कहना है कि अगर बस स्टैंड के पास से अतिक्रमण हटा दिया जाए और रेहड़ी-पटरी वालों को कहीं और जगह दी जाए तो यातायात आसानी से चलेगा। नया बस स्टैंड एयरपोर्ट के पास 30 एकड़ जमीन पर बनेगा। यहां से शहर में आने पर लोगों का अनावश्यक खर्च बढ़ेगा और रात में आना मुश्किल होगा। अभी सभी कॉलेज, यूनिवर्सिटी, कोचिंग सेंटर और मेडिकल हब नजदीक हैं। इसके अलावा नागोरी गेट, तलाकी गेट और अन्य बाजारों से कनेक्टिविटी है। शहर में स्कूल-कॉलेजों के करीब 20 हजार विद्यार्थी आते हैं। बसों में रोजाना 30 हजार से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। सभी बाईपास बस स्टैंड से जुड़े हुए हैं भाजपा पार्षद अनिल जैन, पार्षद अमित ग्रोवर और आशीष लावट का कहना है कि हिसार बस स्टैंड बाहरी स्थान पर है। बस स्टैंड से सिविल अस्पताल और अनाज मंडी 500 मीटर की दूरी पर है। सिरसा बाईपास का बाकी हिस्सा खुला रास्ता है। इसके लिए करोड़ों खर्च किए जाएंगे। आज भी ऋषिनगर निवासी पिछले गेट का स्वागत करते हैं। पहले भी पिछला गेट खोला गया था। एलिवेटेड रोड बनाई जानी चाहिए। जिसकी लागत 40 करोड़ आई है। सभी बाईपास इस बस स्टैंड से जुड़े हुए हैं। अगर कोई यात्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास उतरता है तो उसे दूर आना पड़ेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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