राजस्थान में बारात लेकर पहुंचा हरियाणा का डॉक्टर दूल्हा अपनी दुल्हन को हेलिकॉप्टर से विदा कर लाया है। इस विदाई के लिए ही उसने पूरे 4 लाख रुपए खर्च किए। उसकी दुल्हन भी पेशे से डॉक्टर है। अब उसकी हेलिकॉप्टर से विदाई सिरसा में चर्चा का विषय बनी हुई है। साथ ही चर्चा इस बात की भी है कि दूल्हे ने अपनी शादी में दहेज के नाम पर एक नारियल और केवल एक रुपया लिया है। दूल्हा बने डॉक्टर का कहना है कि वह दहेज न लेकर समाज से इस प्रथा को खत्म करने में अपना योगदान देना चाहता था। शादी और स्वागत के PHOTOS… 25 फरवरी को हुई शादी
सिरसा के कागदाना गांव के रहने वाले कृष्ण कुमार ने बताया है कि उनके भतीजे हिमांशु चौधरी की शादी 25 फरवरी को संपन्न हुई है। वह उनके बड़े भाई जगदीश चौधरी का बेटा है। हिमांशु पेशे से डॉक्टर है। वह राजस्थान की निम्स यूनिवर्सिटी में एमडी मेडिसिन है। हिमांशु को पढ़ाई के दौरान ही राजस्थान में डॉ. दीक्षा गोदारा पसंद आई, जिससे अभी उसकी शादी हुई है। दीक्षा राजस्थान यूनिवर्सिटी जोधपुर से न्यूरोलॉजी में MS कर रही है। वह राजस्थान के झुंझनू जिले की तहसील नवलगढ़ की रहने वाली है। मां की इच्छा थी कि बहू हेलिकॉप्टर में आए
वहीं, हेलिकॉप्टर से विदाई को लेकर दूल्हा डॉ. हिमांशु चौधरी का कहना है कि उनकी मां सरोज देवी की इच्छा थी कि उनकी बहू हेलिकॉप्टर से गांव में आए। इसके लिए हमने 5 घंटे के लिए हेलिकॉप्टर बुक किया, जिसमें 4 लाख रुपए खर्च हुए। यह हेलिकॉप्टर गुरुग्राम से सुबह नवलगढ़ गया था। वहां से कागदाना गांव आया और हमें उतारकर चला गया। हमने पूरी शादी साधारण ढंग से की है। हेलिकॉप्टर के अलावा शादी में किसी भी चीज पर कोई बड़ा खर्चा नहीं किया गया। परिवार दहेज प्रथा के खिलाफ, बेटी ही सबसे बड़ा दान
इधर, दूल्हे के पिता डॉ. जगदीश चौधरी ने कहा कि उनका परिवार दहेज प्रथा के खिलाफ है। उनका मानना है कि पिता अपनी बेटी को पढ़ा-लिखाकर बड़ा करता है। बेटी को दूसरे घर में सौंपना ही सबसे बड़ा दान है। समाज को यह सकारात्मक सोच अपनानी चाहिए। पूरा परिवार मेडिकल लाइन में, 32 मेडिकल स्टोर चलाते हैं
जानकारी के अनुसार, दूल्हा पक्ष का पूरा परिवार मेडिकल लाइन में है। साथ ही गांव में खेती-बाड़ी भी संभालते हैं। परिवार की अल्का फार्मेसी नाम से कंपनी है, जिसके गुरुग्राम, झज्जर, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और मथुरा में 32 मेडिकल स्टोर हैं। इन्हें संभालने की जिम्मेदारी दूल्हे के चाचा सूबे सिंह, कृष्ण कुमार और सुभाष को दे रखी है। दूल्हे के पिता डॉ. जगदीश बीएएमएस हैं, जो राजस्थान में कार्यरत हैं। वहीं, दूल्हे के एक चाचा भगत सिंह NRI हैं। वह अमेरिका में रहते हैं और वहां रिसर्च साइंटिस्ट के पद पर कार्यरत हैं। चाचा कृष्ण कुमार ने चांद पर जमीन खरीदी
हिमांशु के चाचा कृष्ण कुमार 2 साल पहले चांद पर जमीन खरीद चुके हैं। यह खरीदारी उन्होंने अपनी पत्नी सरिता के लिए 25वीं सालगिरह पर की थी। उस समय कृष्ण कुमार ने बताया था कि 3 अप्रैल 2023 को उनकी शादी की सालगिरह थी। वह पत्नी के लिए कुछ खास करना चाहते थे। इसलिए, चांद पर जमीन खरीदी। कृष्ण कुमार ने बताया था कि अमेरिका में न्यूयॉर्क की एक फर्म लूनर सोसाइटी इंटरनेशनल चांद पर जमीन बेच रही थी। पूरे वैध तरीके से कंपनी चांद पर जमीन खरीदने वालों को वहां की नागरिकता भी दे रही थी। खरीदार चाहे तो बाद में अपनी लूनर प्रॉपर्टी बेच भी सकता है। इसलिए, यह सौदा किया। राजस्थान में बारात लेकर पहुंचा हरियाणा का डॉक्टर दूल्हा अपनी दुल्हन को हेलिकॉप्टर से विदा कर लाया है। इस विदाई के लिए ही उसने पूरे 4 लाख रुपए खर्च किए। उसकी दुल्हन भी पेशे से डॉक्टर है। अब उसकी हेलिकॉप्टर से विदाई सिरसा में चर्चा का विषय बनी हुई है। साथ ही चर्चा इस बात की भी है कि दूल्हे ने अपनी शादी में दहेज के नाम पर एक नारियल और केवल एक रुपया लिया है। दूल्हा बने डॉक्टर का कहना है कि वह दहेज न लेकर समाज से इस प्रथा को खत्म करने में अपना योगदान देना चाहता था। शादी और स्वागत के PHOTOS… 25 फरवरी को हुई शादी
सिरसा के कागदाना गांव के रहने वाले कृष्ण कुमार ने बताया है कि उनके भतीजे हिमांशु चौधरी की शादी 25 फरवरी को संपन्न हुई है। वह उनके बड़े भाई जगदीश चौधरी का बेटा है। हिमांशु पेशे से डॉक्टर है। वह राजस्थान की निम्स यूनिवर्सिटी में एमडी मेडिसिन है। हिमांशु को पढ़ाई के दौरान ही राजस्थान में डॉ. दीक्षा गोदारा पसंद आई, जिससे अभी उसकी शादी हुई है। दीक्षा राजस्थान यूनिवर्सिटी जोधपुर से न्यूरोलॉजी में MS कर रही है। वह राजस्थान के झुंझनू जिले की तहसील नवलगढ़ की रहने वाली है। मां की इच्छा थी कि बहू हेलिकॉप्टर में आए
वहीं, हेलिकॉप्टर से विदाई को लेकर दूल्हा डॉ. हिमांशु चौधरी का कहना है कि उनकी मां सरोज देवी की इच्छा थी कि उनकी बहू हेलिकॉप्टर से गांव में आए। इसके लिए हमने 5 घंटे के लिए हेलिकॉप्टर बुक किया, जिसमें 4 लाख रुपए खर्च हुए। यह हेलिकॉप्टर गुरुग्राम से सुबह नवलगढ़ गया था। वहां से कागदाना गांव आया और हमें उतारकर चला गया। हमने पूरी शादी साधारण ढंग से की है। हेलिकॉप्टर के अलावा शादी में किसी भी चीज पर कोई बड़ा खर्चा नहीं किया गया। परिवार दहेज प्रथा के खिलाफ, बेटी ही सबसे बड़ा दान
इधर, दूल्हे के पिता डॉ. जगदीश चौधरी ने कहा कि उनका परिवार दहेज प्रथा के खिलाफ है। उनका मानना है कि पिता अपनी बेटी को पढ़ा-लिखाकर बड़ा करता है। बेटी को दूसरे घर में सौंपना ही सबसे बड़ा दान है। समाज को यह सकारात्मक सोच अपनानी चाहिए। पूरा परिवार मेडिकल लाइन में, 32 मेडिकल स्टोर चलाते हैं
जानकारी के अनुसार, दूल्हा पक्ष का पूरा परिवार मेडिकल लाइन में है। साथ ही गांव में खेती-बाड़ी भी संभालते हैं। परिवार की अल्का फार्मेसी नाम से कंपनी है, जिसके गुरुग्राम, झज्जर, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और मथुरा में 32 मेडिकल स्टोर हैं। इन्हें संभालने की जिम्मेदारी दूल्हे के चाचा सूबे सिंह, कृष्ण कुमार और सुभाष को दे रखी है। दूल्हे के पिता डॉ. जगदीश बीएएमएस हैं, जो राजस्थान में कार्यरत हैं। वहीं, दूल्हे के एक चाचा भगत सिंह NRI हैं। वह अमेरिका में रहते हैं और वहां रिसर्च साइंटिस्ट के पद पर कार्यरत हैं। चाचा कृष्ण कुमार ने चांद पर जमीन खरीदी
हिमांशु के चाचा कृष्ण कुमार 2 साल पहले चांद पर जमीन खरीद चुके हैं। यह खरीदारी उन्होंने अपनी पत्नी सरिता के लिए 25वीं सालगिरह पर की थी। उस समय कृष्ण कुमार ने बताया था कि 3 अप्रैल 2023 को उनकी शादी की सालगिरह थी। वह पत्नी के लिए कुछ खास करना चाहते थे। इसलिए, चांद पर जमीन खरीदी। कृष्ण कुमार ने बताया था कि अमेरिका में न्यूयॉर्क की एक फर्म लूनर सोसाइटी इंटरनेशनल चांद पर जमीन बेच रही थी। पूरे वैध तरीके से कंपनी चांद पर जमीन खरीदने वालों को वहां की नागरिकता भी दे रही थी। खरीदार चाहे तो बाद में अपनी लूनर प्रॉपर्टी बेच भी सकता है। इसलिए, यह सौदा किया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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