लखनऊ के एक होटल में प्रेमी युगल की लाश मिली है। दोनों रविवार की रात होटल पहुंचे। वहां स्टे के लिए कमरा बुक किया। सुबह जब होटल कर्मियों ने दरवाजा नॉक किया तो नहीं खुला। काफी प्रयास के बाद भी दरवाजा बंद ही रहा। फिर होटल मैनेजर ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस पहुंची और कमरे का दरवाजा तोड़ा गया। वहां दोनों की लाश फंदे पर लटकती मिली है। उनके पास मिले कागजात से नाम और एड्रेस की जानकारी मिली है। पुलिस ने बताया कि लड़के का नाम मुन्ना (19) निवासी बहराइच और निकिता (19) निवासी जौनपुर के तौर पर हुई है। जानकारी के मुताबिक दोनों रविवार को लखनऊ पहुंचे थे और घूमने के बारे में बताया था। इसके बाद वे नाका एरिया के मिनी महल होटल पहुंचे और कमरा किराए पर लिया। वहीं पर दोनों की लाश मिली है। पुलिस का मानना है कि रात में किसी वक्त दोनों ने फांसी लगाई होगी। परिजनों को सूचना दी गई है। दोनों नहीं निकले थे होटल से बाहर होटल के मैनेजर विकास ने बताया रविवार सुबह 7:30 बजे दोनों यहां आए थे। कमरा बुक किया और आधार कार्ड जमा किया। वे सिर्फ एक बार पानी लेने के लिए निकले और उसके बाद बाहर नहीं आए। सुबह चेक ऑउट के लिए हमारा स्टॉफ गया तो कोई रिस्पांस नहीं मिला। फिर हमने 112 नंबर पर कॉल किया और पुलिस को जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई तो दोनों फांसी के फंदे पर लटकते मिले। इनका पता मिला है, परिजनों को जानकारी दी गई है। नहीं मिला है कोई सुसाइड नोट DCP रवीना त्यागी ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लगता है। आधार कार्ड पर पता मिला है, केयर ऑफ में पिता का नाम नहीं है। कोई सुसाइड नोट भी पुलिस को मौके से नहीं मिला है। फारेसिंक टीम ने भी जांच की है। लखनऊ के एक होटल में प्रेमी युगल की लाश मिली है। दोनों रविवार की रात होटल पहुंचे। वहां स्टे के लिए कमरा बुक किया। सुबह जब होटल कर्मियों ने दरवाजा नॉक किया तो नहीं खुला। काफी प्रयास के बाद भी दरवाजा बंद ही रहा। फिर होटल मैनेजर ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस पहुंची और कमरे का दरवाजा तोड़ा गया। वहां दोनों की लाश फंदे पर लटकती मिली है। उनके पास मिले कागजात से नाम और एड्रेस की जानकारी मिली है। पुलिस ने बताया कि लड़के का नाम मुन्ना (19) निवासी बहराइच और निकिता (19) निवासी जौनपुर के तौर पर हुई है। जानकारी के मुताबिक दोनों रविवार को लखनऊ पहुंचे थे और घूमने के बारे में बताया था। इसके बाद वे नाका एरिया के मिनी महल होटल पहुंचे और कमरा किराए पर लिया। वहीं पर दोनों की लाश मिली है। पुलिस का मानना है कि रात में किसी वक्त दोनों ने फांसी लगाई होगी। परिजनों को सूचना दी गई है। दोनों नहीं निकले थे होटल से बाहर होटल के मैनेजर विकास ने बताया रविवार सुबह 7:30 बजे दोनों यहां आए थे। कमरा बुक किया और आधार कार्ड जमा किया। वे सिर्फ एक बार पानी लेने के लिए निकले और उसके बाद बाहर नहीं आए। सुबह चेक ऑउट के लिए हमारा स्टॉफ गया तो कोई रिस्पांस नहीं मिला। फिर हमने 112 नंबर पर कॉल किया और पुलिस को जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई तो दोनों फांसी के फंदे पर लटकते मिले। इनका पता मिला है, परिजनों को जानकारी दी गई है। नहीं मिला है कोई सुसाइड नोट DCP रवीना त्यागी ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लगता है। आधार कार्ड पर पता मिला है, केयर ऑफ में पिता का नाम नहीं है। कोई सुसाइड नोट भी पुलिस को मौके से नहीं मिला है। फारेसिंक टीम ने भी जांच की है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Opinion: बहराइच की घटना पर याद आती है ये लाइन- बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय <p style=”text-align: justify;”>बहराइच की घटना पर एक पुरानी कहावत याद आती है- बोया पेड़ बबूल का, आम कहां से होय. ठीक यही बात मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की जो केन्द्र और राज्य में सरकार है, इनकी बुनियाद ही आंतरिक द्वेष, अंतर्कलह और अंतर्द्वंद पर टिकी हुई है. इनका आधार ही यही है कि परस्पर आपस में बंटवारा हो, विभेद हो और एक दूसरे के प्रति द्वेष का भाव बना रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसा नहीं है कि ये काम सरकार में आने के बाद कर रहे हैं, बल्कि ये शुरू से ऐसा करते आ रहे हैं. कई बार इनके ऊपर एफआईआर हुई है, कानून का एक्शन हुआ है. अयोध्या कांड को लेकर इनके बड़े-बड़े नेताओं पर मुकदमे हुए. लेकिन, जब ये खुद सत्ता में आए और वो भी पूर्ण सत्ता में आ गए, उसके बाद निश्चित रुप से स्थितियां बदतर और विकराल हो गई हैं. जैसा अब दिख रहा है कि चूंकि इन्हीं का राज्य और साम्राज्य है, इन्हीं की तूती है, इन्हीं की बोली है और इन्हीं के लोग हैं. यानी पूरा इकोसिस्टम अब इन्हीं के हाथों में है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नफरत से नहीं होगा भला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के लिए मांग हमने की थी कि इनका नाम भारतीय जनता दल होना चाहिए, क्योंकि पार्टी अंग्रेजी शब्द है. जहां तक बहराइच की घटना की बात है तो इसे भारतीय जनता दल की ही इन तमाम कार्यों और रीतियों का एक परिणाम मानते हैं. एक अत्यंत दुखद परिणाम मानते हैं. और जिस युवक की इस घटना में मौत हुई है, उसे इस पूरे प्रकरण का प्राकृतिक आपदा के तौर पर देखते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>क्योंकि, जो स्थितियां बनाई जा रही हैं, उनमें निश्चित रुप से पक्ष और विपक्ष से इस प्रकार के लोगों की आहूतियां निश्चित रुप से होंगी. आप भले ही दुश्मन किसी को बनाइये, लेकिन ये राजनीति है. राजनीति में मनभेद को ही वोट मांगने का एकमात्र पैमाना और तरीका बना दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सबसे कष्टकर बात ये है कि सोशल मीडिया एक प्रमुख यंत्र है, इनके पोस्ट और शब्द, इनके वाक्य पर गौर करिए. वो पार्टी जो लॉरेंस बिश्नोई को महिमा मंडित करने में लगी हुई है, कि उसने कथित तौर पर मुस्लिम एक्टर को धमकी दी या फिर हाल में एक एनसीपी नेता को मारा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लॉरेंस बिश्नोई का कर रहे महिमा मंडन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यानी वे हिन्दू-मुस्लिम कर के स्थितियों को काफी विषाक्त बना रहे हैं. इसके मूल में नहीं जा रहे हैं, लेकिन अगर नफरत के बीच बोए जाएंगे तो इसके परिणाम भयावह ही होंगे. चूंकि, इस तरह की स्थितियां बनती गईं या फिर बनाई गई तो फिर इसका परिणाम गंभीर या दुखद तो होना ही है. दूसरी बात ये आती है कि जब घटना घट गई तो उसके बाद क्या कुछ कार्रवाई हो. </p>
<p style=”text-align: justify;”>ताकि, कम से कम उसके बाद निष्पक्षता हो. पक्षपात का आरोप न लगे. यहां पर जो भी शासन-प्रशासन है, वो सत्ता के दबाव में आकर पूरी तरह से अनुचित कार्य और व्यवहार कर रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पूरे मामले को सही ढंग से निराकरण करने की जगह, इस प्रयास में लगे हुए हैं कि कैके इसको वर्ग विभाजन के रुप में दिखाया जाए. कैसे आपसी द्वंद्व को विकराल दिखाते हुए इसे बड़ा किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं.यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.]</strong></p>
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Delhi Chief Secretary Appointment: IAS धर्मेंद्र को मिल सकती है दिल्ली के CS की कमान! जानें कौन हैं? <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Chief Secretary News Today:</strong> दिल्ली के सियासी गलियारों और प्रशासनिक अमलों के बीच एक फिर मुख्य सचिव नरेश कुमार सुर्खियों में हैं. ऐसा इसलिए कि बतौर सीएम उनका दूसरा सेवा विस्तार 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है. चर्चा यह है कि क्या उन्हें तीसरी बार भी सेवा विस्तार मिलेगा? इस बीच यह भी है कि चर्चा एजीएमयूटी कैडर के 1989 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र दिल्ली के नए मुख्य सचिव बनाए जा सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों के मुताबिक एक वर्ग मानता है कि फरवरी 2025 में संभावित दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर नरेश कुमार को छह महीने का एक और विस्तार मिल सकता है. इसके पीछे एक वजह यह भी है कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार को उनसे बेहतर कोई और नहीं समझता. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नरेश कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिलने पर क्या होगा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>चर्चा ये भी है कि नए केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन जो सीएस नरेश कुमार से दो बैच जूनियर हैं, का क्या सलाहकार कमांड के तहत काम करना अच्छा रहेगा? हालांकि, यह मामला सेवा विस्तार के मामलों में लागू नहीं होता है. ऐसा इसलिए कि हायर सेवा में कार्यरत कई केंद्रीय सचिव एक ही ढांचे के तहत काम कर रहे हैं. ऐसे में नरेश कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिलता है तो क्या होगा? </p>
<p style=”text-align: justify;”>तय है कि दिल्ली को नए मुख्य सचिव की जरूरत पड़ेगी. केंद्र शासित प्रदेशों के कुछ मुख्य सचिव दिल्ली में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. यूटी कैडर के 1991 बैच के आईएएस और गोवा के मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल वहां जनवरी 2022 से कार्यरत हैं. उन्हें केंद्र में सचिव स्तर का पद संभालने के लिए भी सूचीबद्ध भी किया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा, 1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र दिल्ली के सीएस नरेश कुमार के आदर्श उत्तराधिकारी हो सकते हैं. वह एनडीएमसी के अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए वह अरुणाचल प्रदेश चले गए थे. जून 2022 में नरेश कुमार को दिल्ली का मुख्य सचिव बनाया गया था. दरअसल, धर्मेंद्र को भी केंद्र में सचिव स्तर का पद संभालने के लिए भी सूचीबद्ध किया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन हैं आईएएस धर्मेंद्र?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के नए मुख्य सचिव के दौर में सबसे आगे चल रहे एजीएमयूटी कैडर के 1989 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र का नाम लगभग फाइनल माना जा रहा है. सूत्र बताते हैं क‍ि द‍िल्‍ली के नए सीएस के रूप में धर्मेंद्र की नि‍युक्‍त‍ि संबंधी आदेश जल्द जारी हो सकता है. IAS धर्मेंद्र वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव हैं. वह अरुणाचल प्रदेश में बतौर मुख्य सचिव 19 अप्रैल 2022 से कार्यरत हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली में आईएएस नरेश कुमार को द‍िल्‍ली का मुख्‍य सच‍िव बनाए जाने के वक्‍त भी उनका नाम 2022 में काफी जोरशोर से सुर्खियों में रहा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वरिष्ठ आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक हैं. अरुणाचल प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी बनाए जाने से पहले वह नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के भी काफी समय तक चेयरपर्सन रहे. अब उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने की पूरी तैयारी की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>IAS धर्मेंद्र दिल्ली सरकार के तमाम विभागों में खास जिम्मेदारियां निभा चुके हैं. वह दिल्ली सरकार के रेवेन्यू विभाग में बतौर डिविजनल कमिश्नर सह सच‍िव के अलावा अर्बन डेवलपमेंट, दिल्ली नगर निगम आदि में अलग-अलग जिम्मेदारियां निभा चुके हैं. केंद्र सरकार के भी अलग-अलग मंत्रालय और विभागों में संयुक्त सचिव के तौर पर कार्यभार संभाल चुके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Delhi Road Accident Data: सावधान! दिल्ली में रोड एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या बढ़ी, इस साल कितने की मौत?” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/number-of-death-in-delhi-road-accidents-increased-by-four-percent-2772124″ target=”_blank” rel=”noopener”>Delhi Road Accident Data: सावधान! दिल्ली में रोड एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या बढ़ी, इस साल कितने की मौत?</a></strong></p>