होली के पहले सेहत से खेल, बेंचे जा रहे एक्‍सपायर और खराब चिप्‍स-कचरी, सेंवई, रिफाइंड, मैदा

होली के पहले सेहत से खेल, बेंचे जा रहे एक्‍सपायर और खराब चिप्‍स-कचरी, सेंवई, रिफाइंड, मैदा

<p style=”text-align: justify;”><strong>Holi 2025:</strong> होली के पहले सस्&zwj;ते के फेर में कहीं आप जानलेवा बीमारी घर तो नहीं ला रहे हैं. त्योहार पर सस्ते सामान खरीदते हैं तो सावधान हो जाइए. आप भी अगर मिलावटखोरों की साजिश का शिकार हुए तो पाताल पहुंच जाएंगे क्&zwj;योंकि त्&zwj;योहार के पहले तहखाने में सेहत से खेल चल रहा है. गंदगी और मानकों को धता बताते हुए दो से तीन साल पहले एक्&zwj;सपायर हो चुके रिफाइंड, खराब हो चुके मैदा, एक्&zwj;सपायर मसाले, रंग और हानिकारक रसायनों से कचरी, चिप्&zwj;स और सेंवई की जा रही थी. ठेले-खोमचे का 100 रुपए के रजिस्&zwj;ट्रेशन की आड़ में बीते 10 सालों से ये खेल चल रहा है. जानवरों की सेहत को भी नुकसान पहुंचाने वाले खाने के सामान से मिलावटखोरों ने बाजार को पाट दिया है. इससे जहां त्&zwj;योहार पर जनता बेहाल तो वहीं मिलावटखोर मालामाल हो रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ताजा मामला यूपी के गोरखपुर का है. गोरखपुर के हावर्ट बंधे के बंधे के पास तहखाने में चल रही फैक्&zwj;ट्री पर जब खाद्य-रसद और औषधि प्रशासन की टीम ने सहायक आयुक्&zwj;त खाद्य सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्&zwj;व में छापा मारा तो उनके भी होश उड़ गए. मुख्&zwj;यमंत्री योगी आदित्&zwj;यनाथ ने खाने-पीने की वस्&zwj;तुओं में मिलावट करने वाले मिलाटखोरों के खिलाफ सख्&zwj;त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. गोरखपुर में मिलावटखोरों की जड़ें पाताल तक पहुंच चुकी है. गोरखपुर फूड विभाग की टीम ने एक ऐसी फैक्&zwj;ट्री पकड़ी है, जिसमें तीन तहखानों में तीन से चार साल पहले एक्&zwj;सपायर हो चुके रिफाइंड, खराब हो चुके एक्&zwj;सपायर मैदा, एक्&zwj;सपायर प्रतिबंधित रंग और हानिकारक कैमिकल का उपयोग कर जहरीले चिप्&zwj;स-कचरी और सेंवई तैयार किए जा रहे थे. ये खेल पिछले 10 सालों से ठेले-खोंमचे के 100 रुपए के बांड पर चल रहा था. मिलावटखोर जहां डाल-डाल तो वहीं फूड विभाग की टीम पात-पात उनका पीछा करते हुए चल रही है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/oxYXjwBQkjE?si=wgu5fslvdPu5JNth” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फैक्ट्री में बनाए ती तहखाने</strong><br />इस बार मिलावटखोरों ने इनकी नजर से बचने के लिए पाताल यानी तहखानेनुमा बेसमेंट में ही चोरी-छुपे फैक्&zwj;ट्री डाल दी है. गोरखपुर के सहायक आयुक्&zwj;त खाद्य सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि इस फैक्&zwj;ट्री में तीन तहखाने बनाए गए हैं. इसी में लोगों की सेहत से खिलवाड़ का खेल बीते 10 सालों से चल रहा है. भीषण गंदगी और एक्&zwj;सपायर सामान से खाने के लिए प्रतिबंधित रंग का इस्&zwj;तेमाल करके चिप्&zwj;स तैयार कर बाजार में पहुंचाया जा रहा था. फूड विभाग की टीम ने भारी मात्रा में गंदगी में मानक को धता बताते हुए तैयार किया गया चिप्&zwj;स और अन्&zwj;य आइटम बरामद कर नमूना एकत्र कर सारे माल को सील कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर के हावर्ट बंधे के पास चैन सिंह मंदिर के पास कचरी और पापड़ बनाने का काम किया जाता है. फैक्&zwj;ट्री में दो-तीन तहखाने में हानिकारक रसायन के साथ मैदा और रंग के साथ रिफाइंड से इसे तैयार किया जा रहा है. जो रिफाइंड मिला है, वो भी दो से तीन साल पुराना है. सोडा और अन्&zwj;य सामान और मसाले सभी चीजें एक्&zwj;सपायर हैं. नमकीन और कचरी में किसी भी तरह के रंग का प्रयोग प्रति&zwj;बंधित है. इसे मिलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. इसके प्रयोग के लिए फक्&zwj;ट्री चलाने वाले लोगों को मना किया गया है. लोगों से अपील किया गया है कि सेहते के लिए हानिकारक रंग मिली हुई ऐसी चीजें न बेचें और न ही खाएं. अभी इनके पास लाइसेंस नहीं है. ठेले-खोमचों वाला 100 रुपए का रजिस्&zwj;ट्रेशन करा रखें हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-board-exam-2025-many-munna-bhais-caught-on-7th-day-and-1-43-lakh-students-skipped-paper-ann-2898715″>यूपी बोर्ड परीक्षा: सातवें दिन पकड़े गए कई मुन्ना भाई, 1.43 लाख स्टूडेंट्स ने छोड़ा पेपर</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गंभीर बीमारियों को बढ़ावा</strong><br />पंजीकरण नहीं होने की वजह से विभाग की नजर में अभी तक नहीं आए थे. इनकी फैक्&zwj;ट्री 10 साल से चल रही है. यहां पर स्&zwj;टाक्&zwj;स <a title=”होली” href=”https://www.abplive.com/topic/holi-2025″ data-type=”interlinkingkeywords”>होली</a> की वजह से बेच दिया है. यहां पर 50 से 60 क्विंटल की मात्रा में चिप्&zwj;स और अन्&zwj;य सामान है. अन्&zwj;य सेवईं और सामान बरामद हुआ है. गंदगी में बना हुआ सामान सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. ये लीवर और किडनी के साथ अन्&zwj;य तंत्रों को भी खराब करता है. जो बाद में गंभीर बीमारियों को जन्&zwj;म देता है. अभी ब्रांड की पुष्टि नहीं हो पाई है. ये बाजार से बोरे खरीदकर उसमें पैकिंग करके सामान को बाजार तक पहुंचाते हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Holi 2025:</strong> होली के पहले सस्&zwj;ते के फेर में कहीं आप जानलेवा बीमारी घर तो नहीं ला रहे हैं. त्योहार पर सस्ते सामान खरीदते हैं तो सावधान हो जाइए. आप भी अगर मिलावटखोरों की साजिश का शिकार हुए तो पाताल पहुंच जाएंगे क्&zwj;योंकि त्&zwj;योहार के पहले तहखाने में सेहत से खेल चल रहा है. गंदगी और मानकों को धता बताते हुए दो से तीन साल पहले एक्&zwj;सपायर हो चुके रिफाइंड, खराब हो चुके मैदा, एक्&zwj;सपायर मसाले, रंग और हानिकारक रसायनों से कचरी, चिप्&zwj;स और सेंवई की जा रही थी. ठेले-खोमचे का 100 रुपए के रजिस्&zwj;ट्रेशन की आड़ में बीते 10 सालों से ये खेल चल रहा है. जानवरों की सेहत को भी नुकसान पहुंचाने वाले खाने के सामान से मिलावटखोरों ने बाजार को पाट दिया है. इससे जहां त्&zwj;योहार पर जनता बेहाल तो वहीं मिलावटखोर मालामाल हो रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ताजा मामला यूपी के गोरखपुर का है. गोरखपुर के हावर्ट बंधे के बंधे के पास तहखाने में चल रही फैक्&zwj;ट्री पर जब खाद्य-रसद और औषधि प्रशासन की टीम ने सहायक आयुक्&zwj;त खाद्य सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्&zwj;व में छापा मारा तो उनके भी होश उड़ गए. मुख्&zwj;यमंत्री योगी आदित्&zwj;यनाथ ने खाने-पीने की वस्&zwj;तुओं में मिलावट करने वाले मिलाटखोरों के खिलाफ सख्&zwj;त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. गोरखपुर में मिलावटखोरों की जड़ें पाताल तक पहुंच चुकी है. गोरखपुर फूड विभाग की टीम ने एक ऐसी फैक्&zwj;ट्री पकड़ी है, जिसमें तीन तहखानों में तीन से चार साल पहले एक्&zwj;सपायर हो चुके रिफाइंड, खराब हो चुके एक्&zwj;सपायर मैदा, एक्&zwj;सपायर प्रतिबंधित रंग और हानिकारक कैमिकल का उपयोग कर जहरीले चिप्&zwj;स-कचरी और सेंवई तैयार किए जा रहे थे. ये खेल पिछले 10 सालों से ठेले-खोंमचे के 100 रुपए के बांड पर चल रहा था. मिलावटखोर जहां डाल-डाल तो वहीं फूड विभाग की टीम पात-पात उनका पीछा करते हुए चल रही है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/oxYXjwBQkjE?si=wgu5fslvdPu5JNth” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फैक्ट्री में बनाए ती तहखाने</strong><br />इस बार मिलावटखोरों ने इनकी नजर से बचने के लिए पाताल यानी तहखानेनुमा बेसमेंट में ही चोरी-छुपे फैक्&zwj;ट्री डाल दी है. गोरखपुर के सहायक आयुक्&zwj;त खाद्य सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि इस फैक्&zwj;ट्री में तीन तहखाने बनाए गए हैं. इसी में लोगों की सेहत से खिलवाड़ का खेल बीते 10 सालों से चल रहा है. भीषण गंदगी और एक्&zwj;सपायर सामान से खाने के लिए प्रतिबंधित रंग का इस्&zwj;तेमाल करके चिप्&zwj;स तैयार कर बाजार में पहुंचाया जा रहा था. फूड विभाग की टीम ने भारी मात्रा में गंदगी में मानक को धता बताते हुए तैयार किया गया चिप्&zwj;स और अन्&zwj;य आइटम बरामद कर नमूना एकत्र कर सारे माल को सील कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर के हावर्ट बंधे के पास चैन सिंह मंदिर के पास कचरी और पापड़ बनाने का काम किया जाता है. फैक्&zwj;ट्री में दो-तीन तहखाने में हानिकारक रसायन के साथ मैदा और रंग के साथ रिफाइंड से इसे तैयार किया जा रहा है. जो रिफाइंड मिला है, वो भी दो से तीन साल पुराना है. सोडा और अन्&zwj;य सामान और मसाले सभी चीजें एक्&zwj;सपायर हैं. नमकीन और कचरी में किसी भी तरह के रंग का प्रयोग प्रति&zwj;बंधित है. इसे मिलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. इसके प्रयोग के लिए फक्&zwj;ट्री चलाने वाले लोगों को मना किया गया है. लोगों से अपील किया गया है कि सेहते के लिए हानिकारक रंग मिली हुई ऐसी चीजें न बेचें और न ही खाएं. अभी इनके पास लाइसेंस नहीं है. ठेले-खोमचों वाला 100 रुपए का रजिस्&zwj;ट्रेशन करा रखें हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-board-exam-2025-many-munna-bhais-caught-on-7th-day-and-1-43-lakh-students-skipped-paper-ann-2898715″>यूपी बोर्ड परीक्षा: सातवें दिन पकड़े गए कई मुन्ना भाई, 1.43 लाख स्टूडेंट्स ने छोड़ा पेपर</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गंभीर बीमारियों को बढ़ावा</strong><br />पंजीकरण नहीं होने की वजह से विभाग की नजर में अभी तक नहीं आए थे. इनकी फैक्&zwj;ट्री 10 साल से चल रही है. यहां पर स्&zwj;टाक्&zwj;स <a title=”होली” href=”https://www.abplive.com/topic/holi-2025″ data-type=”interlinkingkeywords”>होली</a> की वजह से बेच दिया है. यहां पर 50 से 60 क्विंटल की मात्रा में चिप्&zwj;स और अन्&zwj;य सामान है. अन्&zwj;य सेवईं और सामान बरामद हुआ है. गंदगी में बना हुआ सामान सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. ये लीवर और किडनी के साथ अन्&zwj;य तंत्रों को भी खराब करता है. जो बाद में गंभीर बीमारियों को जन्&zwj;म देता है. अभी ब्रांड की पुष्टि नहीं हो पाई है. ये बाजार से बोरे खरीदकर उसमें पैकिंग करके सामान को बाजार तक पहुंचाते हैं.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड 473 किलो चांदी… 45 लाख नकद बरामद, बिहार में ज्वेलरी शॉप को निशाना बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश