होशियारपुर के हलका दसूहा के गांव पावे झिंगड़ा में एक साथ परिवार के तीन लोगों की चिताएं जली। मरने वालों में एक महिला और उसके दो बेटे शामिल हैं। जिन्हें बीते दिन तेज रफ्तार बस ने रौंद डाला था। तीनों लोगों को मुखाअग्नि परिवार में अकेले बचे सबसे बड़े बेटे ने दी। परिवार सदस्यों ने बताया की 8 दिन पहले हुए सड़क हादसे में सुखविंदर सिंह की मौके पर मौत हो गई। मां और छोटे बेटे का चल रहा था इलाज मां परमजीत और सुरिंदर गंभीर जख्मी हो गए, जिन्हें अमृतसर रेफर किया गया था। उन दोनों ने भी रविवार को दम तोड़ दिया। सुखविंदर सिंह के शव को पहले से दसूहा की मॉर्च्युरी में रखवाया गया था। उम्मीद थी की अमृतसर में दाखिल मां और बेटा जल्द ठीक होकर बड़े बेटे सुखविंदर सिंह का अंतिम बार मुंह देख सके। लेकिन उनके दम तोड़ने के बाद मंगलवार को उनके पैत्रिक गांव में तीनों का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। दो बेटों के साथ गई थी सरपंच के घर 11 दिन पहले मां परमजीत कौर अपने दोनों बेटों के साथ सुबह 8.30 बजे हर महीने मिलने वाले गेहूं के कार्ड की केवाईसी करवाने गांव के सरपंच के घर गई। जहां से वह पैदल अपने दोनों बेटों के साथ गांव पावे झिंगड़ा के पास के नेशल हाईवे पर किनारे अपने घर की ओर चले आ रहे थे। जहां दसूहा की ओर से आ रही तेज रफ्तार बस ने तीनों को एक साथ टक्कर मार दी थी। हादसे में एक बेटे की मौके पर ही मौत हो गई और मां और छोटे भाई की रविवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। । दिहाड़ी करके गुजारा करती थी परमजीत नेशनल हाईवे पर हुए इस दर्दनाक सड़क हादसे में एक तरह से परिवार में सबसे बड़ा बेटा ही रह गया। 10 साल पहले दोनों बच्चों के पिता ने अपनी पत्नी को इस दुनिया से अलविदा कह डाला था। इस सदमे के बाद अकेली परमजीत कौर दिहाड़ी करके अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही थी। ओर अब जब दोनों बच्चों के बड़े होकर सहारा बनने की राह देख रही थी। तो सड़क हादसे में तीनों ने दम तोड़ डाला होशियारपुर के हलका दसूहा के गांव पावे झिंगड़ा में एक साथ परिवार के तीन लोगों की चिताएं जली। मरने वालों में एक महिला और उसके दो बेटे शामिल हैं। जिन्हें बीते दिन तेज रफ्तार बस ने रौंद डाला था। तीनों लोगों को मुखाअग्नि परिवार में अकेले बचे सबसे बड़े बेटे ने दी। परिवार सदस्यों ने बताया की 8 दिन पहले हुए सड़क हादसे में सुखविंदर सिंह की मौके पर मौत हो गई। मां और छोटे बेटे का चल रहा था इलाज मां परमजीत और सुरिंदर गंभीर जख्मी हो गए, जिन्हें अमृतसर रेफर किया गया था। उन दोनों ने भी रविवार को दम तोड़ दिया। सुखविंदर सिंह के शव को पहले से दसूहा की मॉर्च्युरी में रखवाया गया था। उम्मीद थी की अमृतसर में दाखिल मां और बेटा जल्द ठीक होकर बड़े बेटे सुखविंदर सिंह का अंतिम बार मुंह देख सके। लेकिन उनके दम तोड़ने के बाद मंगलवार को उनके पैत्रिक गांव में तीनों का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। दो बेटों के साथ गई थी सरपंच के घर 11 दिन पहले मां परमजीत कौर अपने दोनों बेटों के साथ सुबह 8.30 बजे हर महीने मिलने वाले गेहूं के कार्ड की केवाईसी करवाने गांव के सरपंच के घर गई। जहां से वह पैदल अपने दोनों बेटों के साथ गांव पावे झिंगड़ा के पास के नेशल हाईवे पर किनारे अपने घर की ओर चले आ रहे थे। जहां दसूहा की ओर से आ रही तेज रफ्तार बस ने तीनों को एक साथ टक्कर मार दी थी। हादसे में एक बेटे की मौके पर ही मौत हो गई और मां और छोटे भाई की रविवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। । दिहाड़ी करके गुजारा करती थी परमजीत नेशनल हाईवे पर हुए इस दर्दनाक सड़क हादसे में एक तरह से परिवार में सबसे बड़ा बेटा ही रह गया। 10 साल पहले दोनों बच्चों के पिता ने अपनी पत्नी को इस दुनिया से अलविदा कह डाला था। इस सदमे के बाद अकेली परमजीत कौर दिहाड़ी करके अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही थी। ओर अब जब दोनों बच्चों के बड़े होकर सहारा बनने की राह देख रही थी। तो सड़क हादसे में तीनों ने दम तोड़ डाला पंजाब | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में नामधारी डेरे के ग्रुपों में हिंसक टकराव:8 लोगों को गोली मारी, छुड़ाने आई पुलिस पर भी फायरिंग, आंसू गैस छोड़ भीड़ खदेड़ी
हरियाणा में नामधारी डेरे के ग्रुपों में हिंसक टकराव:8 लोगों को गोली मारी, छुड़ाने आई पुलिस पर भी फायरिंग, आंसू गैस छोड़ भीड़ खदेड़ी हरियाणा के सिरसा में नामधारी डेरे की जमीन को लेकर 2 ग्रुपों में हिंसक झड़प हो गई। दोनों के बीच गोलियां चलीं, जिसमें 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। फायरिंग की सूचना पाकर पुलिस वहां पहुंची तो उन पर भी गोलियां चला दी गई। यह देख पहले पुलिस वाले जान बचाने के लिए भागे। इसके बाद आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को वहां से खदेड़ा। हिंसक झड़प के बाद SP विक्रांत भूषण पुलिस फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे। तनावपूर्ण हालात को देखते हुए जीवन नगर एरिया में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। घायलों को इलाज के लिए अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। डेरे की जगह पर काफी संख्या में पुलिस तैनात की गई है। पुलिस को शक है कि हमलावर अभी भी हथियार लेकर खेतों में छुपे हुए हैं। भारी हंगामा, पुलिस जवान भी भागते दिखे PHOTOS… डेरे की 12 एकड़ जमीन को लेकर 2 ग्रुपों में विवाद
गांव के सरपंच सुखचैन सिंह ने बताया नामधारी सिख समुदाय में दो धाम हैं। एक धाम लुधियाना में श्री भैणी साहिब है, जिसका प्रबंधन सतगुरु उदय सिंह करते हैं। दूसरा धाम रानियां के जीवन नगर में है, इस डेरे का प्रबंधन उदय सिंह के भाई ठाकुर दलीप सिंह करते हैं। आज सुबह सतगुरु उदय सिंह के अनुयायी डेरा जीवन नगर से सटी 12 एकड़ जमीन पर कब्जा करने की नीयत से आए थे। उन्होंने जमीन के चारों ओर सफेद झंडे लगा दिए। जमीन श्री जीवन नगर नामधारी धाम से सटी है। दलीप सिंह के अनुयायी मिट्ठू सिंह का दावा है कि यह जमीन उनकी है। कब्जा लेने की कोशिश का पता चलते ही दूसरा पक्ष वहां पहुंच गया। जिसके बाद दोनों पक्षों में जमकर झगड़ा हो गया। मिट्ठू सिंह ने कहा कि सतगुरु उदय सिंह के करीब 250 अनुयायी जमीन पर कब्जा करना चाहते थे। इसके बाद अनुयायियों ने डेरे पर हमला कर दिया। चश्मदीदों के मुताबिक इसके बाद दोनों ग्रुपों के समर्थक आमने-सामने हो गए। उनके बीच फायरिंग शुरू हो गई। जिसमें 8 लोगों को गोली लग गई। माहौल इस कदर खराब हो गया कि वहां चीखोपुकार मच गया। पुलिस पर फायरिंग, आंसू गैस के गोले दागे
वारदात का पता चलते ही पुलिस टीम वहां पहुंची। पुलिस के आने तक भी वहां दोनों पक्षों में गोलियां चल रहीं थी। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो उनके ऊपर भी फायरिंग कर दी गई। इस दौरान पुलिस वालों को जान बचाने के लिए भागना पड़ा। हालांकि, इसके बाद पुलिस ने भीड़ को शांत करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। इसके बाद एसपी विक्रांत भूषण भी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। जीवन नगर इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पहले पक्ष का दावा
सतगुरु दलीप सिंह के अनुयायी हरविंद्र सिंह मिट्ठू का कहना है यह जमीन उनकी है। उन्होंने यह जमीन माता दलीप कौर को 2029 तक गहने पर दी हुई थी। उनकी मौत के बाद इस जमीन की देखरेख नामधारी गुरुद्वारा समिति श्री जीवन नगर कर रही थी। इस जमीन को लेकर दूसरे पक्ष ने मेरे पिता से जबरन इंतकाल करवा लिया। इसके बाद हमने इंतकाल को चैलेंज किया और फाइनेंस कमिश्नर हरियाणा में अपील डाली। इस पर 27 जून 2019 को हमारे हक में फैसला आया था। उस इंतकाल की कॉपी हमने एडीएम ऐलानाबाद में जमा करवाई हुई है। दूसरा पक्ष बोला- लंगर कमेटी भैणी साहिब के नाम है जमीन
वहीं, सतगुरु उदय सिंह के अनुयायी नकौड़ा गांव के पूर्व सरपंच सुच्चा सिंह का दावा है कि यह जमीन गुरुद्वारा लंगर कमेटी भैणी साहिब लुधियाना के नाम है। रविवार को जमीन पर स्प्रे करने के लिए उनके आदमी गए थे। किसी के पास कोई हथियार नहीं थे। हमारे लोगों का लड़ने का कोई इरादा नहीं था। दूसरे पक्ष के लोगों ने गोलियां चलाईं। पुलिस कर्मचारियों को गोलियां लगते-लगते बची हैं। हमने भी पुलिस में शिकायत दी है। 13 लोगों पर केस दर्ज
पुलिस ने नामधारी गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की शिकायत पर 13 लोगों के खिलाफ आर्म्स एक्ट सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया है। इसमें गुरुचरण सिंह, पूर्ण सिंह, गुरमीत सिंह, बल्हार सिंह, गुरदीप सिंह, हरप्रीत सिंह, सूबा बलकार सिंह, हरभजन सिंह, सतनाम सिंह, नक्षत्र सिंह, सेवा सिंह और रणजीत सिंह नामजद हैं। इसके अलावा 250 से 300 अन्य लोगों पर केस दर्ज है। 3 घायलों की हालत गंभीर
वहीं, अभी तक इस मामले में किसी के मरने की सूचना नहीं है, लेकिन जिन 8 लोगों को गोली लगी है, उनमें से 3 गंभीर हैं। डॉक्टरों ने 4 लोगों को सिविल अस्पताल सिरसा से अग्रोहा मेडिकल रेफर कर दिया है। वहीं, 4 लोगों का सिरसा के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। घायलों की पहचान सुखचैन सिंह, प्रेम सिंह, कुलदीप सिंह, साहब सिंह, कर्मजीत सिंह, गुरदीप सिंह, कर्ण सिंह और बिहान सिंह के रूप में हुई है। इनमें से 3 लोगों की जांघ, कंधे और हाथ पर गोली लगी है। वहीं, 5 लोगों के छर्रे लगे हैं। पहले से प्लानिंग कर बैठे थे लोग
पूर्व सरपंच सुखचैन सिंह ने कहा कि दूसरे पक्ष के लोग पहले से ही प्लानिंग करके बैठे थे। उन्होंने डेरे के लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इसमें कई लोग घायल हो गए। उन्होंने मौके पर पहुंचे एसएचओ की गाड़ी पर भी गोलियां चलाईं। गाड़ी का ड्राइवर बाल-बाल बच गया। उन्होंने बताया कि गोलियां चलाने वाले पक्ष के 50 से 60 लोग थे। विवाद की सूचना मिलने पर डेरे के पक्ष के लोग भी इकट्ठा हो गए। उन्होंने कोई गोली नहीं चलाई। दूसरा पक्ष हमला कर रहा है। पुलिस ने फिलहाल मामले की जांच शुरू कर दी है।
लुधियाना में राजस्थान पुलिस की छापेमारी:फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार करने पहुंची टीम, बाजारों में छाया सन्नाटा, कई फैक्ट्रियां हुई बंद
लुधियाना में राजस्थान पुलिस की छापेमारी:फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार करने पहुंची टीम, बाजारों में छाया सन्नाटा, कई फैक्ट्रियां हुई बंद लुधियाना में नकली मार्का लगाकर कपड़े सप्लाई करने वाली फैक्ट्री में आज राजस्थान पुलिस ने रेड की। राजस्थान पुलिस की दबिश के बाद घंटाघर के नजदीक रेडीमेड कपड़े बेचने वाले कई दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद कर दी। बाजारों में सन्नाटा छा गया। सूत्रों से पता चला है कि घंटाघर, अकालगढ़ मार्किट, गांधी नगर मार्किट में धडल्ले से D ब्रांड बेचा जा रहा है। फैक्ट्री मालिक को दबोचने आई पुलिस जानकारी मुताबिक, राजस्थान की पुलिस ने एक व्यक्ति को पकड़ा है जिससे उन्हें फर्जी ब्रांड मार्का लगे कपड़े बरामद हुए हैं। उस व्यक्ति ने खुलासा किया है कि वह मन्ना सिंह नगर की एक फैक्ट्री से माल लेकर जाता है। पुलिस ने उस व्यक्ति के बयानों पर राजस्थान में मामला दर्ज कर लुधियाना में दबिश दी। राजस्थान पुलिस फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार करने आई है, लेकिन अभी वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। सूत्रों के मुताबिक, फैक्ट्री मालिक ने फैक्ट्री के बाहर से बोर्ड तक हटा दिया। राजस्थान पुलिस ने उस फैक्ट्री संचालक की अकालगढ़ मार्किट में बनी दुकान पर भी रेड की। पुलिस के आने के बाद दुकानदार दुकानें बंद करके घर चले गए। जैसे ही बाजारों में पता चला कि जाली मार्का लगाने वालों पर अब सख्ती हो रही है तो कई फैक्ट्री संचालक भी फैक्ट्रियां बंद करके निकल गए। फिलहाल इस मामले में राजस्थान पुलिस ने कई अन्य दुकानों पर भी दबिश दी है।
पंजाब में शिक्षकों के प्रमोशन की राह हुई साफ:शिक्षा विभाग ने प्रोविजनल वरिष्ठता सूची जारी की, 19 से चैक होंगे डॉक्यूमेंट
पंजाब में शिक्षकों के प्रमोशन की राह हुई साफ:शिक्षा विभाग ने प्रोविजनल वरिष्ठता सूची जारी की, 19 से चैक होंगे डॉक्यूमेंट पंजाब में सालों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे मास्टर कैडर के शिक्षक जल्दी ही लेक्चरर प्रमोट होंगे। शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश पर शिक्षकों की प्रोविजनल वरिष्ठता सूची के आधार पर प्रमोशन का फैसला लिया है। यह सूची 29 मई को जारी की गई है। इसमें 2008, 2012, 2016 व 2021 में रिव्यू किए उन केसों को शामिल किया गया है, जिनके जूनियर प्रमोट हो गए हैं, जबकि उनकी प्रमोशन नहीं हो पाई है। इसके लिए अब 19 तारीख से उक्त लोगों को अपने दस्तावेज चेक करवाने के लिए मोहाली के फेज-3बी1 स्कूल बनाए गए सेंटर में हाजिर होना पड़ेगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई चलेगी। डॉक्यूमेंट पेश करने का शेडयूल बायोलॉजी, केमिस्ट्री – 19 जून अंग्रेजी, फाइन आर्ट – 19 जून फिजिक्स, मैथ – 19 जून पंजाबी – 20 जून हिंदी, सोशियोलॉजी – 20 जून ज्योग्राफी, होम साइंस – 20 जून कॉमर्स, इकोनॉमिक्स – 21 जून हिस्ट्री – 21 जून पॉलिटिकल साइंस, म्यूजिक – 21 जून नियुक्ति पत्र से लेकर हाजिरी का देना होगा हिसाब शिक्षकों को बतौर मास्टर कैडर में नियुक्ति व प्रमोशन के आदेशों की कॉपी, बतौर मास्टर कैडर में हाजिरी की रिपोर्ट, पंजाबी विषय की पोस्ट ग्रेजुएट की डीएमसी की कॉपी, अगर सेवा में आने के बाद मास्टर डिग्री हासिल की है तो मंजूरी पत्र की कॉपी, बीएड की डीएमसी की कॉपी, बीएड की डिग्री की कॉपी, एससी कैटेगरी सर्टिफिकेट यदि लागू हो , दिव्यांगता सर्टिफिकेट, पांच सालों की एसीआर की कॉपी व साल 2022-23 की कॉपी शामिल है। विभाग ने अपने आदेश में साफ किया है कि किसी कारण सेवा में न होने या इस समय के रिटायर कर्मचारियों के केसों को अलग से विचार जाएगा। इस समय काम कर रहे शिक्षक ही अपने केस पेश करेंगे।