होशियारपुर के बीती रात करीब पौने बारह बजे तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से दो भाईयों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य युवक गंभीर रुप से घायल हो गया। घायल युवक को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे का पता चलते ही एसएसएफ टीम, इंचार्ज एएसआई पवन कुमार की अगुवाई में मौके पर पहुंची। शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। हादसे के बाद अज्ञात वाहन चालक मौके से फरार हो गया। बस स्टैंड पर तेज रफ्तार वाहन ने कुचला घायल अजय कुमार (18) पुत्र मंगत राम उर्फ शिंदर निवासी चौटाला (हरियाना) ने बताया कि उसके चाचा जोगिंदरपाल उर्फ जिंदा (45) रविवार को माता चिंतपूर्णी मंदिर में माथा टेकने गया था। देर रात वह वापस लौट रहा था। उसने रात को फोन करके बताया कि वह बस में आ रहा है और उसको बस स्टैंड भुंगा से ले जाएं। चाचा रात 11.30 बजे बस से उतरा था। अजय ने बताया कि वह रात का समय होने के कारण चाचा को बस स्टैंड से लेने के लिए अपने पिता मंगत राम उर्फ शिंदर को साथ लेकर गया। बस स्टैंड पहुंच कर आपस में चाचा के साथ बातें कर ही रहे थे कि 11.40 के करीब एक तेज रफ्तार वाहन के चालक ने वाहन को लापरवाही से चलाते हुए उन तीनों को बुरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया। जिस कारण उसके चाचा और पिता की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि वह घायल हो गया। होशियारपुर के बीती रात करीब पौने बारह बजे तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से दो भाईयों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य युवक गंभीर रुप से घायल हो गया। घायल युवक को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे का पता चलते ही एसएसएफ टीम, इंचार्ज एएसआई पवन कुमार की अगुवाई में मौके पर पहुंची। शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। हादसे के बाद अज्ञात वाहन चालक मौके से फरार हो गया। बस स्टैंड पर तेज रफ्तार वाहन ने कुचला घायल अजय कुमार (18) पुत्र मंगत राम उर्फ शिंदर निवासी चौटाला (हरियाना) ने बताया कि उसके चाचा जोगिंदरपाल उर्फ जिंदा (45) रविवार को माता चिंतपूर्णी मंदिर में माथा टेकने गया था। देर रात वह वापस लौट रहा था। उसने रात को फोन करके बताया कि वह बस में आ रहा है और उसको बस स्टैंड भुंगा से ले जाएं। चाचा रात 11.30 बजे बस से उतरा था। अजय ने बताया कि वह रात का समय होने के कारण चाचा को बस स्टैंड से लेने के लिए अपने पिता मंगत राम उर्फ शिंदर को साथ लेकर गया। बस स्टैंड पहुंच कर आपस में चाचा के साथ बातें कर ही रहे थे कि 11.40 के करीब एक तेज रफ्तार वाहन के चालक ने वाहन को लापरवाही से चलाते हुए उन तीनों को बुरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया। जिस कारण उसके चाचा और पिता की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि वह घायल हो गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फाजिल्का में ड्रक ड्राइवर की मौत:दुकानों में घुसा अनियंत्रित ट्रक, फिरोपुर से आ रहा था, हेल्पर घायल फाजिल्का में फिरोजपुर रोड पर ओवरब्रिज के पास एक ट्रक अनियंत्रित होकर दुकानों में जा घुसा। इस हादसे में ट्रक चालक की मौत हो गई और हेल्पर घायल हो गया। ट्रक की टक्कर से दुकानों का भारी नुकसान हो गया। जानकारी मुताबिक, शुक्रवार की सुबह करीब 3 बजे फिरोजपुर की तरफ से आ रहा एक ट्रक ओवरब्रिज के पास दो दुकानों में घुस गया। इस हादसे में एक दुकान का भारी नुकसान हो गया। वहीं, ट्रक चालक की मौके पर ही मौत हो गई। जिसके बाद सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा रेस्क्यू शुरू कर दिया गया। करीब तीन घंटे तक यह रेस्क्यू चला और ट्रक चालक के शव को बाहर निकाला गया। इस हादसे में एक दुकान का भारी नुकसान हो गया और उसके साथ में एक खाली पड़ी दुकान को भी भारी क्षति पहुंची। मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा हाइड्रा की मदद से ट्रक को दुकान से बाहर निकाला गया और ट्रक चालक के शव को सिविल अस्पताल फाजिल्का में भेज कर आगे की कार्यवाई शुरू कर दी गई है।
हरियाणा-पंजाब के 12 खिलाड़ियों को खेल पुरस्कार:बॉक्सर से शूटर बनीं मनु भाकर; कबड्डी ट्रायल के लिए गईं स्वीटी बूरा ने बॉक्सर हराए
हरियाणा-पंजाब के 12 खिलाड़ियों को खेल पुरस्कार:बॉक्सर से शूटर बनीं मनु भाकर; कबड्डी ट्रायल के लिए गईं स्वीटी बूरा ने बॉक्सर हराए भारत सरकार की ओर से खेल पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट जारी कर दी गई है। इनमें हरियाणा के 4 और पंजाब का एक खिलाड़ी शामिल है। हरियाणा में सबसे ऊपर शूटर मनु भाकर का नाम है, जिन्होंने पेरिस ओलिंपिक में देश को 2 ब्रॉन्ज मेडल दिलाए। इस प्रदर्शन के लिए उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड दिया जाएगा। वहीं, हरियाणा की बॉक्सर स्वीटी बूरा, हॉकी प्लेयर संजय कालीरावण, रेसलर अमन सहरावत, हॉकी प्लेयर अभिषेक नैन, पैरा-एथलीट धर्मबीर नैन, पैरा-एथलीट प्रणव सूरमा ,पैरा-एथलीट नवदीप सिंह, शूटर सरबजोत सिंह और पंजाब के हॉकी खिलाड़ी जरमनप्रीत सिंह व सुखजीत सिंह को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा इंडियन हॉकी टीम के कप्तान पंजाब के हरनमप्रीत सिंह को भी मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। वहीं, हॉकी कोच संदीप सांगवान को भी द्रोणाचार्य अवॉर्ड दिया जाना है। इनमें मनु भाकर ऐसी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने करीब आधा दर्जन खेलों में हाथ आजमाने के बाद शूटिंग चुनी। वहीं, स्वीटी कबड्डी की ट्रेनिंग के लिए गईं, लेकिन बॉक्सर बन गईं। हरमनप्रीत ने खेतों में काम करते हुए अपने हुनर को तराशा था। वहीं, अमन ने 11 साल की उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया था। इसके बाद भी वह ओलिंपियन रेसलर बने। 17 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में होने वाली अवॉर्ड सेरेमनी में इन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पुरस्कृत किया जाएगा। अब पढ़िए इन खिलाड़ियों की उपलब्धियां और सफर… मनु को बॉक्सर बनाना चाहते थे पिता
मनु भाकर हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं। पिछले साल हुए पेरिस ओलिंपिक में शूटिंग में 2 मेडल जीतने वाली हरियाणा की मनु भाकर हमेशा से शूटर नहीं थीं। मनु के पिता रामकिशन और उनके बड़े भाई उन्हें बॉक्सर बनाना चाहते थे। मनु ने बॉक्सिंग शुरू भी की थी और नेशनल इवेंट में मेडल भी जीते, लेकिन प्रैक्टिस के दौरान मनु की आंख पर पंच लगने से वह घायल हो गई थीं। इसके बाद उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ने का मन बना लिया। मनु की मां सुमेधा ने भी बेटी के फैसले का समर्थन किया। मनु ने बॉक्सिंग छोड़कर मार्शल आर्ट्स में हाथ आजमाया, लेकिन यहां भी मन नहीं लगा। आर्चरी, टेनिस, स्केटिंग की प्रैक्टिस शुरू की, मेडल भी जीते, लेकिन किसी में मन नहीं लगा। आखिर में वह शूटिंग करने लगीं और मजा आने लगा। फिर इसी को उन्होंने अपनी स्पेशलिटी बना लिया। मनु हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं। उन्होंने पेरिस में इंडिविजुअल और मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज जीता था। इसी के साथ एक ओलिंपिक में 2 मेडल जीतने वाली वह पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं। मां ने छिपा दी मनु की पिस्टल
2021 में हुए टोक्यो ओलिंपिक में मनु भाकर शूटिंग के क्वालिफाइंग राउंड में थीं। मनु को 55 मिनट में 44 शॉट लेने थे। तभी उनकी पिस्टल खराब हो गई। 20 मिनट तक वह निशाना नहीं लगा पाईं। पिस्टल ठीक हुई, तब भी मनु सिर्फ 14 शॉट लगा पाईं और फाइनल की रेस से बाहर हो गईं। इसके बाद मनु जब भारत लौटीं तो इतनी उदास थीं कि मां को फिक्र होने लगी। उन्होंने मनु की पिस्टल छिपा दी, ताकि उस पर नजर न पड़े और मनु दुखी न हो। मां ने बताया कि मैं मनु का मैच नहीं देख पाई थी। बाद में उसका वीडियो देखा तो बहुत दुख हुआ। मुझे लगा कि जब मैं दुखी हो रही हूं, तो मनु की क्या हालत हो रही होगी। 15 दिन की प्रैक्टिस में स्टेट कॉम्पिटिशन में जीता गोल्ड
मनु ने सिर्फ 15 दिन प्रैक्टिस की और महेंद्रगढ़ में हुए स्टेट कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने चली गईं। पहले ही कॉम्पिटिशन में गोल्ड जीतकर लौटीं। प्राइज में 4500 रुपए मिले। मनु काफी खुश थीं। पेरेंट्स को भी लगा कि वह शूटिंग में अच्छा कर सकती हैं। शूटिंग शुरू करने के सिर्फ 3 साल बाद 2017 में मनु नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में उतरीं। उन्होंने ओलिंपियन और पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 हीना सिद्धू को हरा दिया। साथ ही 10 मीटर एयर पिस्टल में 242.3 का स्कोर कर नया रिकॉर्ड भी बना दिया। मनु ने चैंपियनशिप में 9 गोल्ड जीते, जो नेशनल रिकॉर्ड है। पेरिस ओलिंपिक में जीते 2 मेडल
इधर, पेरिस ओलिंपिक के दूसरे ही दिन भारतीय शूटर मनु भाकर ने भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था। उन्होंने विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में 221.7 पॉइंट्स के साथ मेडल जीता। ओलिंपिक के इतिहास में शूटिंग में मेडल दिलाने वाली मनु पहली भारतीय महिला हैं। मनु ने अपना दूसरा मेडल अंबाला शूटर सरबजोत के साथ 10 मीटर पिस्टल मिक्स्ड इवेंट में जीता। दोनों की जोड़ी ने कोरियाई टीम को 16-10 से हराया। मनु एक ओलिंपिक में 2 मेडल जीतने पहली भारतीय बनीं। चीन की खिलाड़ी को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी थीं स्वीटी बूरा…
हरियाणा में BJP की टिकट पर रोहतक की महम सीट से चुनाव लड़ने वाले भारतीय कबड्डी कैप्टन दीपक हुड्डा की पत्नी बॉक्सर स्वीटी बूरा को अर्जुन पुरस्कार दिया जाएगा। स्वीटी बूरा 23 मार्च 2023 को लाइट हैवीवेट कैटेगरी में चीन की वांग लीना को 3-4 से हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी थीं। ऐसा करने वाली वह 7वीं भारतीय बॉक्सर थीं। उनकी इसी उपलब्धियों को देखते हुए उनका नाम शॉर्ट लिस्ट किया गया है। कबड्डी ट्रायल के लिए गईं, बन गई बॉक्सर
स्वीटी के पिता महेंद्र सिंह बताते हैं, ‘स्वीटी पहले गांव में कबड्डी खेलती थी। हम उसे ट्रायल के लिए SAI (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया), हिसार के STC (स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर) में ले गए, लेकिन वहां कबड्डी नहीं होती थी। स्वीटी की फिजीक देख कोच ने कहा कि बॉक्सिंग का ट्रायल दे दो। स्वीटी राजी थी। कोच ने उसे बॉक्सिंग के नियम बताए और डिफेंड करना सिखाया। स्वीटी का बॉक्सिंग ट्रायल हुआ। उसने उन लड़कियों को हरा दिया, जो 2 साल से ट्रेनिंग कर रही थीं। कोच ने हमसे पूछा भी कि यह पहले से बॉक्सिंग करती थी? हमने कहा, नहीं, बस कबड्डी खेलती है। 2009 में SAI, हिसार में उसका एडमिशन बॉक्सिंग में हो गया।’ बरवाला से चुनाव लड़ना चाहती थी स्वीटी
हरियाणा की पंच क्वीन स्वीटी बूरा हिसार की बरवाला विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं। स्वीटी ने BJP की टिकट पर बरवाला से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया था। स्वीटी बूरा ने इसकी घोषणा बरवाला के गांव सरसौद में अपने ननिहाल से की थी। हालांकि उन्हें टिकट नहीं मिली। स्वीटी बूरा हिसार की रहने वाली हैं, उनकी शादी रोहतक के गांव चमारिया में कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा से हुई थी। स्वीटी बूरा ने जनवरी 2024 में भाजपा का दामन थामा था। रोहतक में पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में पति के साथ स्वीटी ने भाजपा जॉइन की थी। स्वीटी बूरा को भीम अवॉर्ड मिल चुका
10 जनवरी 1993 को हरियाणा के हिसार में एक किसान परिवार में स्वीटी बूरा का जन्म हुआ था। स्वीटी बूरा का शुरुआत से ही रुझान कबड्डी की तरफ था। वह हरियाणा से कबड्डी की स्टेट लेवल प्लेयर भी बनीं। हालांकि, साल 2009 में उनके जीवन ने करवट ली। पिता महेंद्र सिंह बूरा के आग्रह पर स्वीटी ने कबड्डी छोड़ बॉक्सिंग शुरू की। इसके बाद स्वीटी ने एशियन चैम्पियनशिप 2015 में सिल्वर, 2022 में ब्रॉन्ज और 2023 में गोल्ड मेडल जीता। 2017 में हरियाणा सरकार ने उन्हें भीम अवॉर्ड से सम्मानित किया था। संजय ने 7 साल की उम्र में हॉकी थामी…
हॉकी प्लेयर संजय कालीरावण को भारत सरकार ने अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित करने का फैसला लिया है। वह पेरिस ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। संजय परिवार के साथ हिसार के गांव डाबड़ा में रहते हैं। संजय कालीरावण ने 7 साल की उम्र में हॉकी थामी थी। आर्थिक तंगी के कारण वह हॉकी नहीं खरीद सके थे। एक माह तक अपने सीनियर्स की हॉकी लेकर उन्होंने प्रैक्टिस की। इसके बाद कोच राजेंद्र सिहाग ने हॉकी दिलाई तो संजय ने हॉकी में नाम चमका दिया। पिता किसान, चचेरे भाई के साथ गए तो हॉकी सीखने की ठानी
संजय के पिता नेकीराम खेतीबाड़ी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। वर्ष 2008 में जब संजय के चाचा के बेटे ने हॉकी का प्रशिक्षण लेना शुरू किया तो वह भी उसके साथ दो-तीन दिन गए। मैदान में खिलाड़ियों के हाथ में हॉकी देख उसने हॉकी सीखने की ठानी। वह स्कूली इंडिया टीम के कैप्टन रह चुके हैं। इसके अलावा जूनियर, सब-जूनियर चंडीगढ़ टीम की कप्तानी की है। उन्होंने नेशनल से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 30 से अधिक मेडल हासिल किए हैं। अमन सहरावत को अर्जुन पुरस्कार… हरियाणा में झज्जर जिले के गांव बिरोहर में रहने वाले 21 वर्षीय अमन सहरावत ने पेरिस ओलिंपिक में देश को कुश्ती में मेडल दिलाया। उन्होंने 57 किग्रा कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। अमन रवि दहिया को अपनी इंस्पिरेशन मानते हैं। दहिया को ही हराकर अमन ने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई भी किया। दहिया ने टोक्यो ओलिंपिक में भारत को सिल्वर मेडल दिलाया था। दहिया से ही इंस्पिरेशन लेकर अमन ने अपने कमरे में गोल्ड मेडल की फोटो टांगी। उन्होंने अपने कमरे में लिखा है, ‘आसान होता तो हर कोई कर लेता।’ अमन सहरावत ने 11 साल की उम्र में माता-पिता को खोया
अमन सहरावत की मौसी सुमन ने बताया कि अमन 11 साल का था, जब उसकी मां दुनिया छोड़कर चली गई। बेटा डिप्रेशन में न चला जाए, इसलिए पिता ने कुश्ती में डाल दिया, लेकिन 6 महीने बाद पिता का भी देहांत हो गया। अमन के पिता का सपना था कि घर में कोई न कोई पहलवानी करे और भारत के लिए मेडल जीते। अमन ने कहा था पिता का सपना जरूर पूरा करूंगा। अमन ने देश को पेरिस ओलिंपिक में रेसलिंग का पहला मेडल दिलाया था। अमन ने प्यूर्टो रिको के डरियन टोई क्रूज को 13-5 से हराकर मेडल जीता। उन्होंने शुरुआती 2 मैच जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन जापान के रेसलर से हारकर उन्हें ब्रॉन्ज मेडल मैच खेलना पड़ा। जापानी रेसलर ने गोल्ड मेडल जीता। हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को खेल रत्न भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को अपने दमदार खेल और असाधारण प्रतिभा के बल पर मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवार्ड मिलने जा रहा है। उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में टोक्यो 2020 ओलिंपिक में कांस्य पदक, 2023 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलिंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। हरमनप्रीत सिंह का जन्म 6 जनवरी 1996 को पंजाब के अमृतसर जिले के जंडियाला गुरु बस्ती में एक किसान परिवार में हुआ। बचपन में हरमनप्रीत खेतों में परिवार का हाथ बंटाते थे और ट्रैक्टर चलाते थे। खेतों में काम करते हुए उनके हाथों ने ड्रैग-फ्लिक के हुनर को तराशा। 2011 में हरमनप्रीत ने जालंधर के सुरजीत अकादमी में दाखिला लिया, जहां स्पेशलिस्ट गगनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह उनकी पेनल्टी कॉर्नर की कला में और सुधार लाए। जूनियर स्तर पर हरमनप्रीत का प्रदर्शन
हरमनप्रीत ने 2011 में सुल्तान जोहोर कप के जरिए भारतीय जूनियर टीम में डेब्यू किया। 2014 में इसी टूर्नामेंट में उन्होंने 9 गोल किए और ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का खिताब जीता। इसके बाद 2016 में जूनियर विश्व कप जीतने में अहम भूमिका निभाई। सीनियर टीम में डेब्यू और ओलिंपिक सफर
हरमनप्रीत ने 2015 में जापान के खिलाफ सीनियर टीम के लिए डेब्यू किया। 2016 में रियो ओलिंपिक के लिए चुने जाने के बाद वह टीम का हिस्सा बने। हालांकि, रियो में भारत का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा, लेकिन हरमनप्रीत ने 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में शानदार वापसी की। टोक्यो 2020 में हरमनप्रीत ने 6 गोल कर भारत को 41 वर्षों बाद ओलिंपिक पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
फरीदकोट के गुरप्रीत हत्याकांड में 3 लोग गिरफ्तार:खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल की भूमिका आई सामने, अर्श डल्ला था मास्टरमाइंड
फरीदकोट के गुरप्रीत हत्याकांड में 3 लोग गिरफ्तार:खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल की भूमिका आई सामने, अर्श डल्ला था मास्टरमाइंड फरीदकोट में हुए गुरप्रीत सिंह हत्याकांड मामले को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में खडूर साहिब के खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह की भूमिका सामने आई है। यह खुलासा पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने आज शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। उन्होंने बताया कि इस मामले का मास्टरमाइंड आतंकी अर्शदीप सिंह डल्ला है। डीजीपी ने कहा कि सारी जांच तथ्यों के आधार पर की जा रही है। अमृतपाल सिंह इस समय डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। डीजीपी ने बताया कि इस हत्या के लिए कई ग्रुप बनाए गए थे। सभी ग्रुप को अलग-अलग काम सौंपे गए थे। डीजीपी ने बताया कि मृतक गुरप्रीत भी वारिस पंजाब संस्था से जुड़ा हुआ था। वह संस्था के फाउंडर मेंबरों से एक था। जब दीप सिद्धू इस संस्था को चला रहे थे तो वह कैशियर की भूमिका निभा रहा था। हालांकि जब अमृतपाल को संस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई थी तो दोनों में मतभेद सामने आए थे। वहीं गुरप्रीत की हत्या में अमृतपाल की भूमिका सामने आई है। उन्होंने बताया कि सारी जांच तथ्यों के आधार की जा रही है। जरूरत पड़ी तो अमृपाल से पूछताछ की जा सकती है। क्योंकि हमारे पास कई अहम तथ्य सामने आए हैं। 9 अक्टूबर को हुई थी हत्या गुरप्रीत की हत्या 9 अक्टूबर को हुई थी। उस समय गुरप्रीत सिंह अपने समर्थक सरपंच पद के प्रत्याशी के हक में प्रचार कर घर वापस लौट रहा था, तभी सामने बाइक सवार आए हत्यारों ने गोलियां चलाकर गुरप्रीत सिंह को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस गोलीबारी में चार गोलियां गुरप्रीत सिंह को लगी, गोली मारने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल अवस्था में गुरप्रीत सिंह को उपचार के लिए स्थानीय गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज में लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में एक एसआईटी बनाई गई थी। आरोपियों ने रेकी कर दिया वारदात को अंजाम गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बिलाल अहमद उर्फ फौजी, गुरदीप सिंह उर्फ पोंटू और अर्शदीप सिंह उर्फ झंडू के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्ति रेकी करने वाले ग्रुप में शामिल थे, जिसका संचालन कनाडा आधारित कर्मवीर सिंह उर्फ गोरा द्वारा किया जा रहा था। रेकी करने वाले ग्रुप ने अपने संचालकों और विभिन्न ग्रुप के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी शूटर वाले ग्रुप को दी। डीजीपी ने कहा कि शूटर ग्रुप के सदस्यों की पहचान कर ली गई है और पुलिस टीमें उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं। 125 किलोमीटर की सीसीटीवी फुटेज से मिला लिंक डीजीपी के मुताबिक जांच के दौरान कई तथ्य अमृतपाल सिंह की भूमिका को दर्शाते हैं। जांच के दौरान दर्ज किए गए कुछ बयानों के अनुसार यह हत्या अमृतपाल सिंह के इशारे पर की गई थी। वारदात वाली जगह पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई और हमलावरों के आने-जाने के रास्ते का पता लगाने के लिए सीसीटीवी देखी गई। फरीदकोट जिला पुलिस ने बारीकी से जांच करते हुए 125 किलोमीटर के घेरे में सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया, जिससे पुलिस को संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों का पता लगाने और लीड विकसित करने में मदद मिली। मोबाइल टावर के माध्यम से रिकॉर्ड प्राप्त किया गया और इसकी व्यापक डेटा विश्लेषण साधनों के माध्यम से जांच की गई। विदेशों में रहने वाले व्यक्तियों के साथ संपर्क स्थापित किया गया।