लुधियाना | 11वीं कक्षा की छात्रा ने संदिग्ध हालातों में फंदा लगा लिया। इसके बाद जब मामला पुलिस के पास पंहुचा तो थाना मॉडल टाउन की पुलिस ने लड़की के शव को श्मशान घाट से उठा कर सिविल अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचाया। मृतक लड़की की पहचान नेहा वासी अंबेडकर कॉलोनी के रूप में हुई है। किशोरी के माता-पिता की 10 साल पहले मौत हो चुकी है। वह अपने दो भाइयों के साथ मामा-मामी के साथ रह रही थी। लकड़ी की मौत के बाद उसका संस्कार करने के लिए श्मशान घाट लेकर जाया गया। लेकिन लड़की के किसी परिजन ने मौत पर संदेह जताते हुए पुलिस को जानकारी दे दी। जिसके बाद उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया। मामा के मुताबिक पढ़ाई को लेकर चिंतित थी.. एसएचओ थाना मॉडल टाउन अवनीत कौर ने बताया, लकड़ी के मामा ने पुलिस को बताया दिया कि लकड़ी अपनी पढाई को लेकर काफी चिंतित रहती थी। इस वजह से उसने फंदा लगाया है। वीरवार को वह अपने घर में मौजूद थी। तभी वह कमरे में चली गई और वहीं कमरे के बाहर उसके छोटे भाई-बहन खेल रहे थे। कुछ समय के बीत जाने के बाद जब वह कमरे से बाहर नही आई तो उसके छोटे भाई-बहनों ने परिवार को सूचित किया। परिवार के कमरे में आकर देखा तो नेहा फंदे से लटकी हुई थी। उसके फंदे से नीचे उतार इलाज के लिए निजी अस्पताल में ले गए,जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लुधियाना | 11वीं कक्षा की छात्रा ने संदिग्ध हालातों में फंदा लगा लिया। इसके बाद जब मामला पुलिस के पास पंहुचा तो थाना मॉडल टाउन की पुलिस ने लड़की के शव को श्मशान घाट से उठा कर सिविल अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचाया। मृतक लड़की की पहचान नेहा वासी अंबेडकर कॉलोनी के रूप में हुई है। किशोरी के माता-पिता की 10 साल पहले मौत हो चुकी है। वह अपने दो भाइयों के साथ मामा-मामी के साथ रह रही थी। लकड़ी की मौत के बाद उसका संस्कार करने के लिए श्मशान घाट लेकर जाया गया। लेकिन लड़की के किसी परिजन ने मौत पर संदेह जताते हुए पुलिस को जानकारी दे दी। जिसके बाद उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया। मामा के मुताबिक पढ़ाई को लेकर चिंतित थी.. एसएचओ थाना मॉडल टाउन अवनीत कौर ने बताया, लकड़ी के मामा ने पुलिस को बताया दिया कि लकड़ी अपनी पढाई को लेकर काफी चिंतित रहती थी। इस वजह से उसने फंदा लगाया है। वीरवार को वह अपने घर में मौजूद थी। तभी वह कमरे में चली गई और वहीं कमरे के बाहर उसके छोटे भाई-बहन खेल रहे थे। कुछ समय के बीत जाने के बाद जब वह कमरे से बाहर नही आई तो उसके छोटे भाई-बहनों ने परिवार को सूचित किया। परिवार के कमरे में आकर देखा तो नेहा फंदे से लटकी हुई थी। उसके फंदे से नीचे उतार इलाज के लिए निजी अस्पताल में ले गए,जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कोरोना उल्लंघन के सारे केस होंगे रद्द:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला, 10 हजार से अधिक मामले हुए थे दर्ज
कोरोना उल्लंघन के सारे केस होंगे रद्द:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला, 10 हजार से अधिक मामले हुए थे दर्ज पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में कोरोना महामारी के उल्लंघन के संबंध में जो भी केस दर्ज किए गए थे, उन सबको रद्द किया जाएगा। यह आदेश पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से जारी किए गए हैं। यह केस आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज हुए थे। तीन जगहों पर करीब 10 हजार से अधिक केस कोरोना उल्लंघन से जुड़े दर्ज हुए थे। फरवरी में केसों की सुनवाई पर लगी थी रोक कोविड नियमों के उल्लंघन में पंजाब में 5792, हरियाणा में 4494 और चंडीगढ़ में 114 मामले दर्ज हुए थे। जो कि इस समय अदालत में विचाराधीन थे। फरवरी महीने में इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ की अदालतों में चल रहे ट्रायल पर रोक लगा दी है। अदालत की तरफ से दी गई थी यह दलील हाईकोर्ट में पंजाब सरकार ने बताया था कि राज्य में करीब 18000 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 5792 केस लंबित हैं और करीब 12000 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। हरियाणा सरकार ने बताया था कि राज्य में करीब 9 हजार मामले दर्ज किए गए थे और जिनमें 4494 पेंडिंग हैं। चंडीगढ़ प्रशासन ने बताया कि कुल 1142 केस दर्ज किए गए थे और 114 केस अभी लंबित हैं। इस ब्योरे को देखने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान तब ऐसे हालात थे, कि लोगों को बचाने के लिए नियमों को सख्ती से लागू किया गया था। लोग बड़े पैमाने पर आदेशों का पालन कर रहे थे। लेकिन ऐसी आकस्मिक स्थितियां हो सकती थीं। जिसने उन्हें भोजन और दवा आदि की आवश्यकता पूरी करने के लिए आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया होगा।

पंजाब CM की पेरिस ओलिंपिक जाने पर केंद्र से तकरार:विदेश मंत्रालय ने परमिशन नहीं दी; भगवंत मान बोले- मोदी नहीं चाहते मैं जाऊं
पंजाब CM की पेरिस ओलिंपिक जाने पर केंद्र से तकरार:विदेश मंत्रालय ने परमिशन नहीं दी; भगवंत मान बोले- मोदी नहीं चाहते मैं जाऊं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के पेरिस ओलिंपिक में जाने को लेकर केंद्र सरकार से तकरार हो गई है। केंद्र ने सीएम भगवंत मान को इसकी पॉलिटिकल क्लीयरैंस देने से इनकार कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने तर्क दिया कि सीएम के ऑफिस से देरी से अप्लाई किया गया। भगवंत मान 3 से 9 अगस्त तक पेरिस जाना चाहते थे। उनके साथ उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर और सुरक्षा से जुड़े कुछ अफसर भी शामिल होने थे। इस पर सीएम भगवंत मान ने कहा कि देरी से अप्लाई करने की बात झूठी है। हॉकी का पहले मैच के बाद ही उन्होंने पेरिस जाने का फैसला किया था। मान ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी आरोप लगाया कि वे अकेले विदेश जाना चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि देश की तरफ से कोई और नेतृत्व करता दिखे। यही कारण है कि उनके पेरिस दौरे को क्लीयरैंस नहीं दी गई। हालांकि विदेश मंत्रालय की तरफ से सीएम के आरोपों पर अभी कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है। सिक्योरिटी को बताया जा रहा वजह
विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सीएम भगवंत मान के दौरे को मंजूरी न देने की वजह उनकी सिक्योरिटी है। बतौर मुख्यमंत्री सीएम को जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है। ऐसे में देरी से आवेदन किए जाने की वजह से विदेशी दौरे के दौरान इतनी जल्दी उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करना संभव नहीं है। सीएम ने ग्राउंड में जाकर ओलिंपिक मैच देखना है। जहां दुनिया भर से लोग आएंगे। ऐसे में सुरक्षा को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं की जा सकती। चूंकि सीएम के पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होता है, इसलिए उनके लिए केंद्रीय विदेश मंत्रालय से परमिशन अनिवार्य है। मान ने कहा था- पंजाब के 10 खिलाड़ी खेल रहे, वहां जाना मेरी ड्यूटी
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम ही विदेश मंत्रालय से सीएम कार्यालय को उनके दौरे को मंजूरी न देने का मैसेज भेजा। इससे पहले सीएम मान ने एक इंटरव्यू में कहा कि वे अपनी जेब से पैसे खर्च कर हॉकी टीम का हौसला बढ़ाने के लिए विदेश जाना चाहते थे। सीएम मान का कहना है कि पंजाब के 19 प्लेयर इस समय ओलिंपिक्स में हैं। जिनमें से 10 खेल रहे हैं। इनमें जालंधर से मिडफील्डर मनदीप सिंह, सुखजीत सिंह, मिडफील्डर मनप्रीत सिंह और हार्दिक, अमृतसर से हरमनप्रीत सिंह, मिडफील्डर गुरजंत सिंह, डिफेंडर जर्मनप्रीत सिंह, मिडफील्डर शमशेर सिंह, स्थानापन्न खिलाड़ी पाठक और युगराज कपूरथला से हैं। मान ने कहा कि इस नाते उनकी ड्यूटी बनती है कि वे उनका हौसला बढ़ाने जाएं, जब वे टफ मैच खेल रहे हों। मान ने पूछा- क्या हर काम के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ेगा
मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने और गोपाल राय को भी यूएस जाने की परमिशन नहीं दी गई थी। जिसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था। क्या भाजपा सरकार में हर कदम के लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना होगा। तकरार के बीच पंजाब गवर्नर इस्तीफा दे चुके
इससे पहले सीएम भगवंत मान से तकरार के बीच पंजाब के गवर्नर बीएल पुरोहित इस्तीफा दे चुके हैं। विधानसभा में पास बिलों को मंजूरी देने से लेकर बॉर्डर एरिया के दौरे और सीएम को लेकर बयानबाजी पर उनके बीच खूब जंग चली। इसके बाद राष्ट्रपति ने कुछ दिन पहले ही पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार कर गुलाब चंद कटारिया को नया गवर्नर बनाया है। पंजाब स्पीकर के अमेरिका दौरे को भी परमिशन नहीं
सीएम भगवंत मान के अलावा पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को भी अमेरिका जाने की परमिशन नहीं मिली है। वह एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए वहां जाने वाले थे। इस बारे में कुलतार संधवा ने पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें क्लियरेंस नहीं दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि परमिशन न देने के बदले कोई कारण नहीं बताया गया है।

लुधियाना पहुंचे पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव:अनुराग वर्मा ने पूर्वी तहसील में की छापेमारी, रजिस्ट्री विभाग का रिकार्ड चेक किया, लोगों से बातचीत
लुधियाना पहुंचे पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव:अनुराग वर्मा ने पूर्वी तहसील में की छापेमारी, रजिस्ट्री विभाग का रिकार्ड चेक किया, लोगों से बातचीत पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव सह वित्त आयुक्त राजस्व (एफसीआर) अनुराग वर्मा ने आज लुधियाना पूर्वी तहसील परिसर पर अचानक छापेमारी की। यहां उन्होंने लोगों को दी जा रही सेवाओं का जायजा लिया। उन्होंने सब-रजिस्ट्रार कार्यालय का दौरा किया और चल रही रजिस्ट्री प्रक्रियाओं के अलावा सीसीटीवी कैमरों की कार्यप्रणाली की जांच की। अनुराग वर्मा ने कहा कि भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार जनता को प्रभावी और पारदर्शी तरीके से घर-घर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अपनी जांच के दौरान उन्होंने तहसील परिसर में ग्राउंड लेवल पर हो रहे कार्यों को चेक किया। रजिस्ट्री रिकॉर्ड का किया निरीक्षण वर्मा ने रजिस्ट्री रिकॉर्ड का निरीक्षण किया और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि रजिस्ट्री दस्तावेजों पर खरीदारों और विक्रेताओं के मोबाइल नंबर अवश्य अंकित किए जाएं। उन्होंने सब-रजिस्ट्रार के कर्मचारियों द्वारा ली जाने वाली सरकारी फीस के बारे में भी पूछताछ की। उन्होंने अधिकारियों से परिसर के शौचालयों में साफ-सफाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया। एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी ने अपॉइंटमेंट लेने वाले आवेदकों से भी बात की, रजिस्ट्रार कार्यालय में उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली और सुधार के लिए सुझाव मांगे। वर्मा ने बताया कि यह निरीक्षण अधिकारियों में दोष खोजने के लिए नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में कामकाज को सुचारू बनाना है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने कर्तव्यों का ईमानदारी और लगन से पालन करें, ताकि नागरिकों को सरकारी कार्यालयों में आने-जाने में किसी तरह की असुविधा न हो। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने आवेदक को मौके पर ही भूमि पंजीकरण के दस्तावेज भी सौंपे। लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र जोरवाल भी उनके साथ शामिल थे।