<p style=”text-align: justify;”><strong>Indore Digital Arrest Fraud:</strong> इंदौर क्राइम ब्रांच ने डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली से एक आरोपी ऋतिक कुमार जाटव को गिरफ्तार किया है. आरोपी सीनियर सिटीजन के बैंक अकाउंट से ठगी करने के लिए हाई-टेक उपकरणों का उपयोग करता था. पुलिस ने उसके पास से वायरलेस फोन, मोबाइल नेटवर्क बूस्टर, कंप्यूटर सिस्टम, प्रिंटर, और बड़ी मात्रा में ठगी के लिए तैयार स्क्रिप्ट बरामद की. इस गैंग का मुख्य आरोपी विनोद कुमार अभी फरार है. पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी देशभर के वरिष्ठ नागरिकों को कॉल कर उनके बैंक अकाउंट और पर्सनल जानकारी हासिल कर ठगी करते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”> इंदौर क्राइम ब्रांच ने एक महिला की शिकायत पर डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 60 लाख रुपये की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. इस मामले में पहले ही मदरसा समिति के प्रबंधक अली अहमद खान और उसके बेटे असद अहमद खान को गिरफ्तार किया गया था. दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के कन्नौज में मदरसा संचालित करते थे, और उनके बैंक खातों में डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से ठगी की रकम पहुंची थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले में पुलिस को अन्य आरोपियों की तलाश थी, जिसमें एक आरोपी ऋतिक कुमार जाटव के दिल्ली के पटेल नगर में छिपे होने की सूचना मिली. इस पर क्राइम ब्रांच की एक टीम दिल्ली रवाना हुई. टीम ने पटेल नगर के आसपास पांच दिन तक निगरानी रखी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने जॉब इंटरव्यू के बहाने डिजिटल अरेस्ट गैंग के ऑफिस में एंट्री ली, जहां एक डार्क रूम मिला, जिसका इस्तेमाल दुनिया भर के वरिष्ठ नागरिकों को फर्जी कॉल कर ठगने के लिए किया जाता था. पुलिस ने मौके से आरोपी ऋतिक कुमार जाटव को गिरफ्तार किया. जांच में सामने आया कि आरोपी के पास ठगी करने की तैयार स्क्रिप्ट, 10 डायरी, कई सिम कार्ड, कंप्यूटर सिस्टम, प्रिंटर और नेटवर्क बूस्टर मिला.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूछताछ में ऋतिक ने बताया कि वह अपने गैंग के साथ देशभर के वरिष्ठ नागरिकों को फर्जी कॉल कर ठगी करता था. पुलिस को इंदौर के 20,000 पेंशनभोगी नागरिकों का डेटा मिला, जिसमें बैंक अकाउंट नंबर, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पारिवारिक जानकारी और नौकरी से संबंधित डिटेल्स शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>क्राइम ब्रांच डीसीपी राजेश त्रिपाठी के अनुसार, मुख्य आरोपी विनोद कुमार अभी भी फरार है. पुलिस जब आरोपियों के ठिकाने पर पहुंची तो उनके सुरक्षा कैमरों से हर आने-जाने वाले पर नजर रखी जा रही थी. पुलिस की मौजूदगी की भनक लगते ही आरोपी मोबाइल बंद कर फरार हो गए. फिलहाल, एक आरोपी गिरफ्तार किया गया है और उससे पूछताछ जारी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/1wgkHj1sKOY?si=h_jUZ2xwyeu4Es42″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/indore-college-expelled-4-student-leaders-for-holding-hostage-150-people-including-principal-2894256″>Indore: कैम्पस में नहीं मिली होली की इजाजत, प्रिंसिपल समेत 150 लोगों को बनाया बंधक</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Indore Digital Arrest Fraud:</strong> इंदौर क्राइम ब्रांच ने डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली से एक आरोपी ऋतिक कुमार जाटव को गिरफ्तार किया है. आरोपी सीनियर सिटीजन के बैंक अकाउंट से ठगी करने के लिए हाई-टेक उपकरणों का उपयोग करता था. पुलिस ने उसके पास से वायरलेस फोन, मोबाइल नेटवर्क बूस्टर, कंप्यूटर सिस्टम, प्रिंटर, और बड़ी मात्रा में ठगी के लिए तैयार स्क्रिप्ट बरामद की. इस गैंग का मुख्य आरोपी विनोद कुमार अभी फरार है. पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी देशभर के वरिष्ठ नागरिकों को कॉल कर उनके बैंक अकाउंट और पर्सनल जानकारी हासिल कर ठगी करते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”> इंदौर क्राइम ब्रांच ने एक महिला की शिकायत पर डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 60 लाख रुपये की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. इस मामले में पहले ही मदरसा समिति के प्रबंधक अली अहमद खान और उसके बेटे असद अहमद खान को गिरफ्तार किया गया था. दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के कन्नौज में मदरसा संचालित करते थे, और उनके बैंक खातों में डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से ठगी की रकम पहुंची थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले में पुलिस को अन्य आरोपियों की तलाश थी, जिसमें एक आरोपी ऋतिक कुमार जाटव के दिल्ली के पटेल नगर में छिपे होने की सूचना मिली. इस पर क्राइम ब्रांच की एक टीम दिल्ली रवाना हुई. टीम ने पटेल नगर के आसपास पांच दिन तक निगरानी रखी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने जॉब इंटरव्यू के बहाने डिजिटल अरेस्ट गैंग के ऑफिस में एंट्री ली, जहां एक डार्क रूम मिला, जिसका इस्तेमाल दुनिया भर के वरिष्ठ नागरिकों को फर्जी कॉल कर ठगने के लिए किया जाता था. पुलिस ने मौके से आरोपी ऋतिक कुमार जाटव को गिरफ्तार किया. जांच में सामने आया कि आरोपी के पास ठगी करने की तैयार स्क्रिप्ट, 10 डायरी, कई सिम कार्ड, कंप्यूटर सिस्टम, प्रिंटर और नेटवर्क बूस्टर मिला.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूछताछ में ऋतिक ने बताया कि वह अपने गैंग के साथ देशभर के वरिष्ठ नागरिकों को फर्जी कॉल कर ठगी करता था. पुलिस को इंदौर के 20,000 पेंशनभोगी नागरिकों का डेटा मिला, जिसमें बैंक अकाउंट नंबर, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पारिवारिक जानकारी और नौकरी से संबंधित डिटेल्स शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>क्राइम ब्रांच डीसीपी राजेश त्रिपाठी के अनुसार, मुख्य आरोपी विनोद कुमार अभी भी फरार है. पुलिस जब आरोपियों के ठिकाने पर पहुंची तो उनके सुरक्षा कैमरों से हर आने-जाने वाले पर नजर रखी जा रही थी. पुलिस की मौजूदगी की भनक लगते ही आरोपी मोबाइल बंद कर फरार हो गए. फिलहाल, एक आरोपी गिरफ्तार किया गया है और उससे पूछताछ जारी है.</p>
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