(रेट प्रति ग्राम में, जीएसटी एक्स्ट्रा) पूर्वानुमान : बादल छाए रहने और बारिश की संभावना । दिन 33.50 अधिकतम रात 27.50 न्यूनतम {एनएचएम कर्मचारी प्रदर्शन कहां : सिविल सर्जन कार्यालय समय : सुबह : 10 बजे { समाधान शिविर कहां : लघु सचिवालय में समय : सुबह : 9 बजे (रेट प्रति ग्राम में, जीएसटी एक्स्ट्रा) पूर्वानुमान : बादल छाए रहने और बारिश की संभावना । दिन 33.50 अधिकतम रात 27.50 न्यूनतम {एनएचएम कर्मचारी प्रदर्शन कहां : सिविल सर्जन कार्यालय समय : सुबह : 10 बजे { समाधान शिविर कहां : लघु सचिवालय में समय : सुबह : 9 बजे हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts

पानीपत के शहीद मेजर को मरणोपरांत शौर्य चक्र:धौंचक की मां हुईं भावुक, राष्ट्रपति ने गले लगाया, आतंकियों से मुठभेड़ में गोली लगी थी
पानीपत के शहीद मेजर को मरणोपरांत शौर्य चक्र:धौंचक की मां हुईं भावुक, राष्ट्रपति ने गले लगाया, आतंकियों से मुठभेड़ में गोली लगी थी कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए पानीपत के मेजर आशीष धौंचक को मरणोपरांत शौर्य चक्र मिला। गुरुवार को दिल्ली में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति दौपद्री मुर्मू ने शहीद की मां और पत्नी को यह सम्मान दिया। इस दौरान मां कमला भावुक होकर रोने लगी तो राष्ट्रपति ने उन्हें गले लगाया और सांत्वना दी। पत्नी ज्योति भी भावुक नजर आईं। आशीष धौंचक (36) 13 सितंबर 2023 को शहीद हुए थे। मेजर आशीष 19 राष्ट्रीय राइफल्स की सिख लाइट इन्फैंट्री में तैनात थे। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 15 अगस्त 2023 को सेना मेडल दिया था। मेजर आशीष की 2 साल की एक बेटी है, उनकी पत्नी ज्योति गृहिणी हैं। उनका परिवार अभी सेक्टर 7 में किराए के मकान में रहता है। मेजर का सपना था कि अपने खुद के घर में रहें, इसलिए उन्होंने TDI सिटी में नया घर बनवाया था। हम खबर को अपडेट कर रहे हैं…

हरियाणा में IPS अफसरों की मुश्किलें बढ़ीं:एक से अधिक आवास रखने पर DGP सख्त; ASP पर लगाया 39.20 लाख का पैनल रेंट
हरियाणा में IPS अफसरों की मुश्किलें बढ़ीं:एक से अधिक आवास रखने पर DGP सख्त; ASP पर लगाया 39.20 लाख का पैनल रेंट हरियाणा में एक से अधिक सरकारी आवास रखने वाले आईपीएस अफसरों पर डीजीपी शत्रुजीत कपूर सख्त हो गए हैं। डीजीपी ने एएसपी अमन यादव के खिलाफ 39.20 लाख रुपये पैनल रेंट लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद डीएसपी की ओर से एक लाख रुपये पैनल रेंट भी जमा करा दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि यह पैनल रेंट अफसर के वेतन से वसूला जा रहा है। यह कार्रवाई आईजी वाई पूरण कुमार की शिकायत पर की जा रही है। आईजी की शिकायत पर पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों के प्रमुखों को निर्देश भेजे थे। जिसमें कहा गया था कि ऐसे राजपत्रित अधिकारियों की सूची भेजी जाए जो अपने जिले या इकाई से दूसरे जिलों की इकाइयों में स्थानांतरित हो गए हैं, लेकिन अभी तक सरकारी आवास खाली नहीं किया है। साथ ही अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मुख्यालय को दी जाए। फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर ने भेजी डिटेल फरीदाबाद पुलिस आयुक्त ने डीजीपी ऑफिस को सूचना भेजी है कि एसीपी अमन यादव से पेनल रेंट के एक लाख रुपए जनवरी 2024 से 30 अप्रैल 2024 तक की अवधि के जमा कराए गए हैं। मई 2024 के वेतन से 25 हजार रुपए भी काटे गए हैं। एसीपी को ओवरस्टे की सूचना पहले ही भेज दी गई थी। लेकिन उनके द्वारा अभी फ्लैट खाली नहीं किया गया है, इसलिए अब पैनल रेंट 39.20 लाख हो गया है। उन्हें अब निर्देश दिए गए हैं कि वह इस पेनर रेंट की राशि को तुरंत ट्रेजरी में जमाकर सूचित करें। IG का दावा, 6 आईपीएस ने पंचकूला में कब्जा रखे मकान इधर आईजी वाई पूरन कुमार ने ये भी दावा किया है कि करीब 6 सीनियर आईपीएस ने दो सरकारी मकान कब्जा करके रखे हुए हैं। इन अफसरों के पंचकूला के साथ ही फील्ड में भी सरकारी आवास हैं। इसके बावजूद भी अभी तक इनको पैनल रेंट की सूचना नहीं भेजी गई है। पंचकूला में अभी फ्लैट 2C, 4C, फरीदाबाद में हाउस नंबर 5, पंचकूला के हाउस नंबर 7 सेक्टर 2, भोंडसी कॉम्पलेक्स के हाउस नंबर 1 में आईपीएस अधिकारियों ने कब्जा जमाया हुआ है। इन IPS ने कब्जा रखे हैं एक से अधिक मकान हाल ही में आईजी वाई पूरन कुमार ने वन ऑफिसर वन हाउस पॉलिसी का जिक्र कर उन IPS अफसरों की शिकायत कर रखी है, जिनके पास एक से ज्यादा सरकारी आवास हैं। कुछ तो फील्ड में तैनात हैं और कुछ गलत जानकारी दे रहे हैं। इनमें 9 आईपीएस अफसरों के नाम हैं, जिन्होंने एक से अधिक सरकारी आवास कब्जा कर रखे हैं। इनमें एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह के साथ सीनियर आईपीएस सौरभ सिंह, राकेश आर्या, सतीश बालन, हिमांशू गर्ग, राज कुमार, एके मित्तल के साथ दो और नाम शामिल हैं। पूर्व गृह मंत्री विज ने लागू की थी यह पॉलिसी हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने एक अफसर-एक आवास की पॉलिसी लागू की थी। इसको लेकर उन्होंने अपने कार्यकाल में डीजीपी को इस पॉलिसी को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए थे। लेकिन धरातल पर इस पॉलिसी को अभी भी पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है।वाई पूरन कुमार का आरोप है कि यह पॉलिसी सिर्फ दलित अफसरों पर लागू की जा रही है, डीजीपी के चहेतों अफसरों पर यह लागू नहीं की जा रही है। CM तक पहुंच चुका मामला हरियाणा के आईजी स्तर के अधिकारी वाई पूरन कुमार ने पुलिस विभाग में नियमों के खिलाफ एक से अधिक आवास लेने के मामले में अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी 7 दिन पहले शिकायत की थी। आईपीएस अधिकारी ने शिकायत में बाकायदा आईपीएस अधिकारियों के नाम का जिक्र किया था और सबूत होने का भी दावा किया था। इससे पहले IG ने इस मामले की शिकायत DGP शत्रुजीत कपूर और गृह विभाग के सचिव टीवीएसएन प्रसाद को भी कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते अब उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम शिकायत भेजी थी। HC में भी हो चुकी सुनवाई पुलिस डिपार्टमेंट के वन ऑफिसर वन रेजिडेंट पॉलिसी का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। हाईकोर्ट में बताया गया है कि गृहमंत्री के आदेश के अनुसार यदि कोई आईजी अपनी रेंज में तैनात होता है तो उसे मुख्यालय में सरकारी मकान की अलॉटमेंट नहीं की जा सकती है, लेकिन 2 पुलिस अधिकारी ऐसे हैं जो मुख्यालय में सरकारी मकान अलॉट करवा रहे हैं। हाईकोर्ट इस मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार से पूछ चुका है कि आखिर क्यों याची को सरकारी आवास अलॉट नहीं किया जा रहा है।

हरियाणा के पूर्व विधायकों ने मांगा 25-25 लाख का लोन:विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात, बोले- हाउसिंग के लिए जमीन दी जाए, पेंशन भी बढ़े
हरियाणा के पूर्व विधायकों ने मांगा 25-25 लाख का लोन:विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात, बोले- हाउसिंग के लिए जमीन दी जाए, पेंशन भी बढ़े हरियाणा पूर्व विधायक एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण से मुलाकात कर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। उनकी प्रमुख मांगों में पेंशन रिवाइज करना और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर चिकित्सा भत्ता और अन्य सुविधाएं प्राप्त करना है। विस अध्यक्ष ने उनकी मांगों को प्रदेश सरकार के संज्ञान में लाने का आश्वासन दिया है। मांगों की समीक्षा के लिए विस अध्यक्ष ने देश की दूसरी विधानसभाओं से भी जानकारी संग्रहित करने के भी निर्देश दिए हैं। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामबीर सिंह और महासचिव रणबीर मन्दौला पूर्व विधायकों की मांगों के बारे में विस्तार से बात रखी। अधिकारियों की शिकायत की पूर्व विधायकों के प्रति सरकारी अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण व्यवहार की शिकायत पर विस अध्यक्ष ने कहा कि हर पद पर बैठे व्यक्ति को शिष्टाचार और मान-सम्मान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सब एक ही समाज के घटक हैं। इसलिए हम सभी को समाज में एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना विकसित करनी चाहिए। ऐसा वातावरण बनाना होगा जिसमें कि बड़े बुजुर्ग अधिकारपूर्वक युवाओं को समझा सकें। नैतिकता का विकास धरातल स्तर से होना चाहिए। इलाज के लिए हर महीनें मिले 20 हजार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विस अध्यक्ष को बताया कि छत्तीसगढ़ में पूर्व विधायकों को इलाज के लिए चिकित्सा भत्ता व अन्य सुविधा दी जाती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में प्रतिमाह कम से कम 20 हजार रुपए आउटडोर इलाज के लिए दिया जाए और इनडोर इलाज के लिए कैशलैस कार्ड उपलब्ध करवाए जाएं। एसोसिएशन के महासचिव रणबीर मन्दौला ने कहा कि 60 वर्ष की उम्र के बाद पूर्व विधायकों को बैंक लोन नहीं देते। हिमाचल प्रदेश में पूर्व विधायकों को 4 प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जाता है। कार खरीदने के लिए 25 लाख का लोन मांगा हरियाणा में पूर्व विधायकों ने कार खरीदने व मकान की मुरम्मत के लिए विधानसभा से 25 लाख रुपए का लोन दिया जाना चाहिए। इसकी रिकवरी पेंशन से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि की वजह से यात्रा भत्ता भी बढ़ाया जाना चाहिए। पूर्व विधायकों को मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में 2 लाख रुपए और झारखंड में 3 लाख रुपए प्रति वर्ष यात्रा भत्ता दिया जाता है। हरियाणा में भी यह भत्ता 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए प्रति माह किया जाना चाहिए। उन्होंने ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के लिए ‘नो लोस-नो प्रोफिट’ पर पंचकूला में भू-खंड की भी मांग की है। रिवाईज की जाए पेंशन पूर्व विधायकों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से पूर्व विधायकों की पेंशन रिवाइज नहीं हुई। वर्ष 2016 में भत्ते व पेंशन संशोधन बिल में पेंशन पर एक लाख रुपए होने पर कैप लगाया था। इस कैप में मंहगाई भत्ता, यात्रा भत्ता आदि भी जोड़ दिया। इसलिए मंहगाई भत्ते सहित सभी भत्तों से यह कैप हटाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकारें पेंशनर्स को 80 वर्ष की आयु पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन देती है। इसमें अब केंद्र व राजस्थान,हिमाचल व कई प्रदेशों में पेशनर्स की मांग पर इस स्लैब में संशोधन स्वीकार कर 65 वर्ष पर 5 प्रतिशत, 70 वर्ष पर 10 प्रतिशत, 75 वर्ष पर 15 प्रतिशत, 80 वर्ष पर 20 प्रतिशत और 85 वर्ष पर 30 प्रतिशत करने का फैसला हुआ है। इसलिए पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ोतरी भी इसी तर्ज पर होनी चाहिए।