<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देश पर महानगर के नागरिक प्रमुख ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार, जैन समुदाय के पर्यूषण पर्व के दौरान देवनार बूचड़खाना बंद रहेगा. बृहन्मुंबई नगर निगम के आयुक्त-सह-प्रशासक भूषण गगरानी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इस साल 4 और 7 सितंबर को बूचड़खाना बंद रहेगा. कोर्ट की तरफ से कहा गया कि विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के बाद फैसला लिया गया है कि बीएमसी हर साल पर्यूषण पर्व यानी भादरवा सुद एकम के दौरान बूचड़खाने को एक दिन के लिए बंद करने की घोषणा करेगी, जो इस साल 4 सितंबर को है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आदेश में कहा गया है कि 2015 के निर्णय के अनुसार गणेश चतुर्थी उन दिनों में से एक है जिस दिन देवनार बूचड़खाने को बंद रखा जाता है. चूंकि यह संयोग से पर्यूषण पर्व के दिन ही पड़ता है, इसलिए बूचड़खाना 7 सितंबर को भी बंद रहेगा. उन्होंने संबंधित विभाग को बूचड़खाने के बंद होने की तारीखों की समीक्षा करने और कुल दिनों की संख्या सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘ट्रस्ट ने मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की थी मांग’ </strong><br />बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गुरुवार को महाराष्ट्र में नागरिक निकायों को जैन सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा समुदाय के ‘पर्यूषण पर्व’ के मद्देनजर पशु वध और मांस की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले अभ्यावेदन पर तत्काल विचार करने और निर्णय लेने का निर्देश दिया. शेठ मोतीशा लालबाग जैन चैरिटी ने एक याचिका दायर कर बीएमसी पुणे, मीरा भयंदर और नासिक के नगरिय निकायों को उनके द्वारा दिए गए अभ्यावेदन पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ट्रस्ट ने 31 अगस्त से 7 सितंबर तक पशु वध और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. उन्होंने ‘अहिंसा’ सहित जैन विश्वास के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. याचिका में कहा गया है कि अगर पर्यूषण पर्व के दौरान पशु वध होता है, तो यह जैन धर्म के लिए हानिकारक होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>याचिका पर क्या बोला कोर्ट? </strong><br />मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि उसे नागरिक निकायों को ट्रस्ट द्वारा दिए गए प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का निर्देश देने में कोई बाधा नहीं दिखती है. तदनुसार अधिकारियों को याचिकाकर्ता के प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का निर्देश देते हैं. 31 अगस्त से 7 सितंबर के दौरान जानवरों के वध और मांस की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है. एचसी ने कहा कि हम नागरिक निकायों से तत्काल निर्णय लेने का आग्रह करते हैं क्योंकि त्योहार 31 अगस्त से शुरू हो रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को लेकर CM शिंदे का बड़ा ऐलान, ‘जल्द ही राजकोट किले में…'” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-cm-eknath-shinde-said-chhatrapati-shivaji-maharaj-statue-will-be-installed-in-rajkot-fort-sindhudurg-soon-2772849″ target=”_blank” rel=”noopener”>छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को लेकर CM शिंदे का बड़ा ऐलान, ‘जल्द ही राजकोट किले में…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देश पर महानगर के नागरिक प्रमुख ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार, जैन समुदाय के पर्यूषण पर्व के दौरान देवनार बूचड़खाना बंद रहेगा. बृहन्मुंबई नगर निगम के आयुक्त-सह-प्रशासक भूषण गगरानी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इस साल 4 और 7 सितंबर को बूचड़खाना बंद रहेगा. कोर्ट की तरफ से कहा गया कि विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के बाद फैसला लिया गया है कि बीएमसी हर साल पर्यूषण पर्व यानी भादरवा सुद एकम के दौरान बूचड़खाने को एक दिन के लिए बंद करने की घोषणा करेगी, जो इस साल 4 सितंबर को है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आदेश में कहा गया है कि 2015 के निर्णय के अनुसार गणेश चतुर्थी उन दिनों में से एक है जिस दिन देवनार बूचड़खाने को बंद रखा जाता है. चूंकि यह संयोग से पर्यूषण पर्व के दिन ही पड़ता है, इसलिए बूचड़खाना 7 सितंबर को भी बंद रहेगा. उन्होंने संबंधित विभाग को बूचड़खाने के बंद होने की तारीखों की समीक्षा करने और कुल दिनों की संख्या सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘ट्रस्ट ने मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की थी मांग’ </strong><br />बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गुरुवार को महाराष्ट्र में नागरिक निकायों को जैन सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा समुदाय के ‘पर्यूषण पर्व’ के मद्देनजर पशु वध और मांस की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले अभ्यावेदन पर तत्काल विचार करने और निर्णय लेने का निर्देश दिया. शेठ मोतीशा लालबाग जैन चैरिटी ने एक याचिका दायर कर बीएमसी पुणे, मीरा भयंदर और नासिक के नगरिय निकायों को उनके द्वारा दिए गए अभ्यावेदन पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ट्रस्ट ने 31 अगस्त से 7 सितंबर तक पशु वध और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. उन्होंने ‘अहिंसा’ सहित जैन विश्वास के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. याचिका में कहा गया है कि अगर पर्यूषण पर्व के दौरान पशु वध होता है, तो यह जैन धर्म के लिए हानिकारक होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>याचिका पर क्या बोला कोर्ट? </strong><br />मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि उसे नागरिक निकायों को ट्रस्ट द्वारा दिए गए प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का निर्देश देने में कोई बाधा नहीं दिखती है. तदनुसार अधिकारियों को याचिकाकर्ता के प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का निर्देश देते हैं. 31 अगस्त से 7 सितंबर के दौरान जानवरों के वध और मांस की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है. एचसी ने कहा कि हम नागरिक निकायों से तत्काल निर्णय लेने का आग्रह करते हैं क्योंकि त्योहार 31 अगस्त से शुरू हो रहा है.</p>
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