लखनऊ के अकबरनगर में रहने वालों को वसंत कुंज में शिफ्ट किया गया है। इनमें कई ऐसे परिवार हैं, जो गरीबी रेखा से ऊपर हैं। ऐसे परिवारों को वसंत कुंज योजना में बने पीएम आवास में फ्लैट नहीं मिला। अब उनके पास किराए पर घर लेने के अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं बचा है। निगम की कार्रवाई के दौरान जब दैनिक भास्कर ने यहां के लोगों से बातचीत की तो ऐसे भी लोग सामने आए जिन्होंने अपना घर तोड़कर हाल ही में बनाया था। इसके लिए उन्होंने बैंक से कर्ज भी लिया है। इसकी हर महीने किस्त भी भरनी पड़ रही है। इतना ही नहीं जिन लोगों को वसंत कुंज में शिफ्ट किया गया है, उनमें गुस्सा है। उनका कहना है कि अकबरनगर में रहने वाले 70 से 80 फीसदी लोगों का रोजगार पास में था। लेकिन यहां शिफ्ट करने से रोजी-रोटी पर हमला करने जैसा है। इस मुद्दे पर दैनिक भास्कर ने कई लोगों से बात की। आइए पहले दो ऐसे लोगों के बारे में जानते हैं जो लोन लेकर मकान तो बनवा लिए लेकिन अब किराएदार हो गए हैं… मकान तोड़ा फिर भी भरनी पड़ेगी 60 हजार महीने किस्त 5 दशक से अकबरनगर में रहने वाले इमरान रजा बताते हैं, 50 साल पहले पिता ने घर बनवाया था। साल 2016 में पूरा मकान तोड़कर दोबारा बनवाया। 60 लाख रुपए का लोन भी लिया। अब मकान तोड़ दिया गया है। 60 हजार रुपए बैंक की किश्त है। बच्चों की पढ़ाई महानगर सीएमएस स्कूल में होती है। ऐसे में शक्ति नगर ढाल के पास किराए का मकान लिया है। इसके लिए अलग से 15 हजार रुपए का भुगतान करते हैं। अब 75 हजार रुपए की व्यवस्था करनी है। 7 करोड़ में बना था मदरसा यहां जमीन का रेट 5000 से 6000 रुपए था। ऐसे में अगर किसी को यहां 500 स्कवायर फीट जमीन खरीदनी हो तो उसका खर्च 25 से 30 लाख रुपए तक आता है। यहां 8 साल पहले जमीन की खरीद कर 7 करोड़ की लागत से मदरसा और स्कूल बना। उस दौरान एलडीए, नगर निगम, बिजली, सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन समेत किसी भी विभाग ने निर्माण नहीं रोका। यहां तक कि बिजली का कनेक्शन भी दिया गया। इस इलाके में कभी नहीं भरा पानी इमरान बताते हैं, यहां नदी होने से इलाके को अब डूब क्षेत्र बताया जा रहा है। लेकिन साल 1925 के नक्शे में नदी नहीं नाला है। शक्ति नगर में पानी भरा जाता है, लेकिन अकबरनगर में कभी पानी नहीं भरता। इसलिए इसे कभी डूब क्षेत्र नहीं घोषित किया गया। यहां रहने वाले लोगों को कभी कोई दिक्कत नहीं हुई है। जितनी कमाई नहीं उससे ज्यादा किराया यहां रहने वाले लोग अयोध्या रोड पर दुकानों पर कर्मचारी के साथ-साथ अपने छोटे-छोटे बिजनेस करते हैं। अब अकबरनगर से वसंतकुंज की दूरी 21 किलोमीटर हो गई है। आने-जाने के लिए कोई सीधा साधन नहीं है। ऐसे में अगर एक बार ऑटो या अन्य साधन से आते हैं तो 50 से 100 रुपए तक खर्च होता है। समय भी एक घंटे से ज्यादा लगता है। महीने के हिसाब से अगर किराया जोड़ा जाए तो 2 हजार रुपए से ज्यादा ही आएगा। इतनी तो एक महीने की कमाई भी नहीं हो सकती। घर के साथ रोजगार भी कर दिया खत्म वसंत कुंज योजना के पास रोजगार के लिए आईआईएम रोड तिराहा और दुबग्गा है। इसकी दूरी 5 किलोमीटर के आसपास है। यह इलाका इतना विकसित नहीं है इसलिए रोजगार के अवसर ज्यादा नहीं है। वसंत-कुंज के आस- पास तो रोजगार के लिए कुछ नहीं है। ऐसे में लोगों को दुबग्गा ही जाना होगा। यह खबरें भी पढ़ें… लखनऊ के अकबरनगर में ऑपरेशन बुलडोजर का ड्रोन VIDEO:कुकरैल नदी के किनारे उजाड़ी जा रही बस्ती; गलियों में लगाए CCTV लखनऊ में अकबर नगर में 1100 मकानों पर बुलडोजर चल रहा है। यह पूरा इलाका कुकरैल रिवर फ्रंट के दायरे में आ रहा है। यहां अवैध रूप से फर्नीचर शोरूम, दुकान और घर बना लिए गए हैं। जिन्हें खाली कराने के लिए एलडीए, नगर निगम और प्रशासन की टीम जुटी हुई है। इस कार्रवाई की निगरानी के लिए इलाके में ड्रोन भी उड़ाया जा रहा है, गलियों में CCTV लगाए गए हैं। अब तक 300 परिवार बोरिया-बिस्तर बांधकर पलायन कर चुके हैं। ड्रोन के कुछ विजुअल आए हैं, जो कार्रवाई की भयावहता को दिखा रहे है। पूरी खबर पढ़ें… 11 कमरों में रहते थे अब 1 कमरे में गुजारा:अकबरनगर के लोगों का दर्द- न बिजली न पानी; बच्चों की पढ़ाई भी छूटी अकबरनगर वाले घर को मेरे ससुर ने 1973 में खरीदा था। मकान 12 सौ स्कवायर फीट में बना था। घर में 11 कमरे, 2 किचन, 2 बाशरुम थे। मेरी शादी, बच्चों के बड़े होने और परिवार के 7 लोगों के मौत की यादें उसी घर से जुड़ी हैं। पूरा जीवन वहीं बीता, लेकिन अब सब कुछ खत्म हो गया है। हमारा 14 लोगों का परिवार है, इसलिए एक और फ्लैट के लिए आवेदन किया है। दूसरा फ्लैट अभी तक मिला नहीं है। अब 1 कमरे में कैसे गुजारा होगा? ये कहना है अकबरनगर से वसंत कुंज विस्थापित की गईं रफिया बेगम का। ये दर्द अकेले रफिया का ही नहीं, अकबरनगर के सैकड़ों लोगों की पीड़ा ऐसी ही है। सभी का यह कहना है कि खून-पसीने की कमाई से बनाया मकान तोड़कर हमें एक कमरे में शिफ्ट किया जा रहा है। पूरी खबर पढ़ें… अकबरनगर के लोग बोले-घर नहीं जिंदगी छूट रही:70 साल यहीं रहे, बिजली बिल और हाउस टैक्स भरे; एक झटके में उजाड़ दिया आशियाना इस कार्रवाई की हकीकत जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम मौके पर पहुंची तब विस्थापित लोगों ने कहा- जो घर दिए जा रहे हैं वह बहुत छोटे हैं। उसमें घर का सामान तक नहीं आ सकेगा। अकबरनगर में सिर्फ हमारा घर नहीं, यहां से पीढ़ियों का रिश्ता है। रिश्ता-नाता, कामकाज, रोजी-रोटी का आधार यहीं से है। लेकिन घर ढहाकर जिंदगी उजाड़ दी गई है। पूरी खबर पढ़ें… रिवर फ्रंट के लिए बेघर हो रहे 1800 परिवार: अकबर नगर के लोगों का आरोप कि निजी बिल्डरों को फायदा देने के लिए उजाड़ा जा रहा आशियाना अनसब 10 से ज्यादा लोगों के परिवार की मुखिया सबीना के आंसू रूकने का नाम नहीं लेते। वे कहती हैं, यह जमीन अमीरों को बेचने के लिए सरकार हम गरीबों को बेघर रही है। रऊफ कहते हैं जिस कुकरैल नदी की बात की जा रही है, वह नाला बन चुकी है। सरकार ने उस पर कभी ध्यान नहीं दिया। अब रिवर फ्रंट के नाम पर हमारे मकान तोड़ दिए गए। पूरी खबर पढ़ें… लखनऊ के अकबरनगर में रहने वालों को वसंत कुंज में शिफ्ट किया गया है। इनमें कई ऐसे परिवार हैं, जो गरीबी रेखा से ऊपर हैं। ऐसे परिवारों को वसंत कुंज योजना में बने पीएम आवास में फ्लैट नहीं मिला। अब उनके पास किराए पर घर लेने के अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं बचा है। निगम की कार्रवाई के दौरान जब दैनिक भास्कर ने यहां के लोगों से बातचीत की तो ऐसे भी लोग सामने आए जिन्होंने अपना घर तोड़कर हाल ही में बनाया था। इसके लिए उन्होंने बैंक से कर्ज भी लिया है। इसकी हर महीने किस्त भी भरनी पड़ रही है। इतना ही नहीं जिन लोगों को वसंत कुंज में शिफ्ट किया गया है, उनमें गुस्सा है। उनका कहना है कि अकबरनगर में रहने वाले 70 से 80 फीसदी लोगों का रोजगार पास में था। लेकिन यहां शिफ्ट करने से रोजी-रोटी पर हमला करने जैसा है। इस मुद्दे पर दैनिक भास्कर ने कई लोगों से बात की। आइए पहले दो ऐसे लोगों के बारे में जानते हैं जो लोन लेकर मकान तो बनवा लिए लेकिन अब किराएदार हो गए हैं… मकान तोड़ा फिर भी भरनी पड़ेगी 60 हजार महीने किस्त 5 दशक से अकबरनगर में रहने वाले इमरान रजा बताते हैं, 50 साल पहले पिता ने घर बनवाया था। साल 2016 में पूरा मकान तोड़कर दोबारा बनवाया। 60 लाख रुपए का लोन भी लिया। अब मकान तोड़ दिया गया है। 60 हजार रुपए बैंक की किश्त है। बच्चों की पढ़ाई महानगर सीएमएस स्कूल में होती है। ऐसे में शक्ति नगर ढाल के पास किराए का मकान लिया है। इसके लिए अलग से 15 हजार रुपए का भुगतान करते हैं। अब 75 हजार रुपए की व्यवस्था करनी है। 7 करोड़ में बना था मदरसा यहां जमीन का रेट 5000 से 6000 रुपए था। ऐसे में अगर किसी को यहां 500 स्कवायर फीट जमीन खरीदनी हो तो उसका खर्च 25 से 30 लाख रुपए तक आता है। यहां 8 साल पहले जमीन की खरीद कर 7 करोड़ की लागत से मदरसा और स्कूल बना। उस दौरान एलडीए, नगर निगम, बिजली, सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन समेत किसी भी विभाग ने निर्माण नहीं रोका। यहां तक कि बिजली का कनेक्शन भी दिया गया। इस इलाके में कभी नहीं भरा पानी इमरान बताते हैं, यहां नदी होने से इलाके को अब डूब क्षेत्र बताया जा रहा है। लेकिन साल 1925 के नक्शे में नदी नहीं नाला है। शक्ति नगर में पानी भरा जाता है, लेकिन अकबरनगर में कभी पानी नहीं भरता। इसलिए इसे कभी डूब क्षेत्र नहीं घोषित किया गया। यहां रहने वाले लोगों को कभी कोई दिक्कत नहीं हुई है। जितनी कमाई नहीं उससे ज्यादा किराया यहां रहने वाले लोग अयोध्या रोड पर दुकानों पर कर्मचारी के साथ-साथ अपने छोटे-छोटे बिजनेस करते हैं। अब अकबरनगर से वसंतकुंज की दूरी 21 किलोमीटर हो गई है। आने-जाने के लिए कोई सीधा साधन नहीं है। ऐसे में अगर एक बार ऑटो या अन्य साधन से आते हैं तो 50 से 100 रुपए तक खर्च होता है। समय भी एक घंटे से ज्यादा लगता है। महीने के हिसाब से अगर किराया जोड़ा जाए तो 2 हजार रुपए से ज्यादा ही आएगा। इतनी तो एक महीने की कमाई भी नहीं हो सकती। घर के साथ रोजगार भी कर दिया खत्म वसंत कुंज योजना के पास रोजगार के लिए आईआईएम रोड तिराहा और दुबग्गा है। इसकी दूरी 5 किलोमीटर के आसपास है। यह इलाका इतना विकसित नहीं है इसलिए रोजगार के अवसर ज्यादा नहीं है। वसंत-कुंज के आस- पास तो रोजगार के लिए कुछ नहीं है। ऐसे में लोगों को दुबग्गा ही जाना होगा। यह खबरें भी पढ़ें… लखनऊ के अकबरनगर में ऑपरेशन बुलडोजर का ड्रोन VIDEO:कुकरैल नदी के किनारे उजाड़ी जा रही बस्ती; 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हिसार में बड़ौदा बैंक से 20.66 करोड़ की धोखाधड़ी:महम की ऑयल मिल ने दिया धोखा; महिला समेत 3 पर CBI की FIR केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दिल्ली ने रोहतक जिले के महम की एक ऑयल मिल पर हिसार के एक बैंक के साथ 20 करोड़ 66 लाख रुपए की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। इसमें सीबीआई ने फर्म से जुड़े 3 नामजद सहित अन्य को आरोपी बनाया है। मामले में छानबीन चल रही है। अभी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। हिसार में बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय कार्यालय के एजीएम और क्षेत्रीय प्रमुख योगेन्द्र सिंह सैनी ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके बैंक से लोन लेने वाली श्री बांके बिहारी ऑयल मिल्स महम में साझेदारों रोहतक जिले के महम निवासी शकुंतला देवी, विपुल सिंगला, सोनम बंसल व अन्य ने साथ मिलकर पैसों की हेराफेरी करके बैंक को धोखा दिया है। इससे बैंक को 20 करोड़ 66 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। शिकायत 13 जून को दी की गई थी। सीबीआई ने 19 जुलाई को दिल्ली के पुलिस स्टेशन एससी-द्वितीय में इसको लेकर एफआईआर दर्ज की है। वहीं मामले में कुछ बैंक कर्मचारी की भी मिलीभगत का अंदाजा लगाया जा रहा है। जिनकी भी बैंक अधिकारियों द्वारा जांच करवाई जाएगी। जानकारी के अनुसार कंपनी को शुरुआत में एचडीएफसी बैंक से 17.98 करोड़ रुपए की क्रेडिट सुविधा मिली। बाद में खाते को बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने अपना लिया। बैंक की ओर से उनकी 22 करोड़ 96 लाख रुपए की क्रेडिट सुविधा मंजूर की। हालांकि 20 फरवरी 2023 को फर्म की वित्तीय स्थिति ने अस्थिरता प्रदर्शित की और प्रारंभिक चेतावनी संकेत प्रदर्शित किए। इस प्रकार से फर्म के खाते को ब्लॉक कर दिया और आरबीआई को सूचित किया गया। शिकायत में कहा गया है कि पिछले साल जुलाई में फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट से पता चला था कि फर्म द्वारा बैंक फंड का दुरुपयोग किया गया था। आरोपी व्यक्तियों ने उधार लिए गए फंड का दुरुपयोग कर बैंक के साथ धोखाधड़ी की है और बैंक को धोखा दिया।
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‘1500 रुपये से हम…’, लड़की बहिन योजना पर क्या बोलीं महिलाएं? PM मोदी की मां का किया धन्यवाद <p style=”text-align: justify;”><strong>Majhi Ladaki Bahin Yojana News:</strong> माझी लड़की बहिन योजना इस समय पूरे महाराष्ट्र में जोरशोर से चल रही है. इसको लेकर महिलाओं में खुशी का माहौल है. आईएएनएस की टीम ने लाडली बहनों से बातचीत की. रीता सिंह नाम की एक लाभार्थी ने कहा कि इस योजना के लिए मैं प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> का धन्यवाद करना चाहती हूं. हम लोगों के खाते में 1500 रुपये मिलने लगे हैं. हम महिलाओं की इस सरकार में पूछ परख हो रही है. हम अपने आप को खुशनसीब समझ रहे है कि कहीं ना कहीं सरकार की योजनाओं का लाभ हम जैसी महिलाओं को मिल रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “1500 रुपये से हम अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. हम इस पैसे के खुद राजा हैं. मैं पीएम मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का आभार जताती हूं. मैं पीएम मोदी की माता का विशेष तौर पर धन्यवाद देना चाहूंगी कि उन्होंने ऐसे बेटे को जन्म दिया है. इज्जत घर से लेकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई अभूतपूर्व काम हुए हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’लड़की बहिन योजना काफी कारगर साबित हुई'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>साधना सिंह ने कहा, “सरकार की लड़की बहिन योजना काफी कारगर साबित हुई है. इसके लिए पीएम मोदी को मैं धन्यवाद कहती हूं. पहले महिलाएं आर्थिक तौर पर परिवार के ऊपर निर्भर रहती थी. आज हम लोगों को 1500 रुपये मिलने से आर्थिक तौर पर एक सहारा मिला है. महिलाओं की अपनी जरूरतें हैं और हम इससे अपनी उन जरूरतों को पूरा करते हैं. सरकार महिलाओं के लिए तमाम बड़े काम कर रही है और हम उनके साथ हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>दीपा खत्री ने कहा कि लड़की बहिन योजना पीएम मोदी की सोच से तैयार महाराष्ट्र सरकार की सबसे सफल योजना है. इससे महिलाओं को बड़े पैमाने पर लाभ मिला है. आज हम अपनी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं. हमें इस योजना का लाभ मिल रहा है और हम उनको धन्यवाद कहना चाहेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं मीणा बोरा नाम की एक महिला ने कहा कि मोदी सरकार में महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. हम महिलाओं को लड़की बहिन योजना का व्यापक स्तर पर लाभ मिल रहा है. इन पैसों के जरिये हम अपने बच्चों की जरूरतों को पूरा करते हैं. मैं इस योजना के लिए पीएम मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का आभार जताती हूं.</p>
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