69000 शिक्षक भर्ती…अभ्यर्थियों ने शिक्षा निदेशालय घेरा:रात में फ्लैशलाइट जलाकर प्रदर्शन; अखिलेश बोले- भाजपा सरकार का असली चेहरा सबने देख लिया

69000 शिक्षक भर्ती…अभ्यर्थियों ने शिक्षा निदेशालय घेरा:रात में फ्लैशलाइट जलाकर प्रदर्शन; अखिलेश बोले- भाजपा सरकार का असली चेहरा सबने देख लिया

69,000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने लखनऊ में शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। उनका कहना है- सरकार हाईकोर्ट के आदेश का पालन करे और नई मेरिट लिस्ट जल्द से जल्द जारी करे। जब तक सरकार हमें आश्वासन नहीं देती तब तक हम यहीं डटे रहेंगे। अभ्यर्थी मंगलवार सुबह 10 बजे से शिक्षा निदेशालय पर डटे हुए हैं। रात में प्रदर्शन जारी रहा। आरक्षण में अनियमितता का आरोप लगाते अभ्यर्थी नारेबाजी कर रहे हैं- योगी जी ने माना है, आरक्षण घोटाला है। ‘ऐसी क्या मजबूरी है, आरक्षण की चोरी है’। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कोई भी अभ्यर्थी अगर सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर कर देगा तो पूरी नियुक्ति प्रक्रिया फिर से फंस सकती है। ऐसे में शिक्षा निदेशालय को इसमें देरी नहीं करनी चाहिए। अखिलेश ने कहा- 3 घंटे में कम्प्यूटर पूरी सूची तैयार कर सकता है
मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- 69000 शिक्षक भर्ती में ईमानदारी से नियुक्ति के लिए 3 घंटे में कम्प्यूटर पूरी सूची तैयार कर सकता है। यूपी की भाजपा सरकार इसके लिए 3 महीने का जो समय मांग रही है, वो संदिग्ध है। इससे अभ्यर्थियों में घपले-घोटालेवाली भाजपा सरकार के खिलाफ ये संदेह पैदा हो रहा है कि किसी के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले को ले जाकर, कहीं आरक्षण विरोधी भाजपा सरकार इसे अपने बचे हुए कार्यकाल के लिए टालना तो नहीं चाहती है। भाजपा का सबसे बड़ा संकट ही यही है कि उसका असली चेहरा जनता ने देख लिया है और अब जनता भाजपा की सूरत और सीरत पहचान गयी है। रात में प्रदर्शन की तस्वीरें… डीजी स्कूल शिक्षा से अभ्यर्थियों ने की मुलाकात
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने डीजी स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से मुलाकात की। कंचन वर्मा ने अभ्यर्थियों को नई लिस्ट जारी करने का भरोसा दिलाया। अभ्यर्थियों ने कहा- उनकी मांग नहीं मानी गईं, तो प्रदर्शन जारी रहेगा। जिन अधिकारियों ने घोटाला किया वो न्याय नहीं देंगे
दैनिक भास्कर से बातचीत में प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थी अमरेंद्र पटेल ने कहा, आज शिक्षा विभाग की महानिदेशक से वार्ता हुई, लेकिन वो गोलमोल जवाब दे रही हैं। मुख्यमंत्री को इस बात को समझना होगा कि जिन अधिकारियों ने भर्ती में घोटाला किया है, वो हमें न्याय नहीं दे सकते। घोटालेबाज अधिकारी हटाए जाएं और उन अधिकारियों को जिम्मा दिया जाए जो निष्पक्ष हैं। अभ्यर्थी बोले- आश्वासन नहीं न्याय चाहिए
वहीं प्रयागराज से पहुंचे अभ्यर्थी ने कहा कि सरकार को आश्वासन देने के बजाय एक्शन लेना चाहिए। हमारे साथ पहले भी धोखा हुआ था। शेड्यूल जारी करने के बाद भी हमारी काउंसिलिंग नहीं कराई गई। हम दो साल तक सड़क पर प्रदर्शन करते रहे। इसलिए हमें न्याय मिलने में देरी नहीं होनी चाहिए। बारिश में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी
अभ्यर्थी बारिश में भी धरने पर बैठे हैं। गोरखपुर से प्रदर्शन में पहुंची अनीता पटेल ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द शेड्यूल जारी कर हमें नौकरी देने का काम करे। इस प्रदर्शन में कई महिला अभ्यर्थी अपने बच्चों को लेकर पहुंची हैं। वाराणसी से पहुंचीं महिमा कुशवाहा ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी हमें प्रदर्शन करना पड़ रहा। ये ठीक नहीं है। अभ्यर्थियों का आरोप था कि 69000 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण के नियमों की अनदेखी हुई है। इस बात को सरकार ने भी माना है। इसके बाद भी इस वर्ग के सभी मंत्री और नेता चुप्पी साधे हुए हैं। चयनित होने के बावजूद इन्हें नियुक्ति नहीं मिल रही है। लोकसभा चुनाव 2024 की आदर्श आचार संहिता लगने के बाद इन अभ्यर्थियों के धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई थी। अब हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इनके पक्ष में निर्णय सुनाया है। यही कारण है कि अब अभ्यर्थी बिना देरी किए निर्णय लागू करने की मांग कर रहे हैं। लखनऊ में तीन साल तक दिया था धरना
मार्च 2022 से ही आरक्षित वर्ग के इन अभ्यर्थियों ने लखनऊ में प्रदर्शन किया। लखनऊ के ईको गार्डन में धरना देने के साथ ही मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री समेत बड़ी संख्या में मंत्रियों के आवास पर भी कई बार प्रदर्शन किया। इससे पहले अभ्यर्थियों ने लंबे समय तक लखनऊ में धरना दिया था। इस दौरान विधानसभा और कई नेताओं के घरों का भी घेराव किया था। तब इन अभ्यर्थियों ने पिछड़ों और दलितों के आरक्षण पर नेताओं की चुप्पी पर सवाल खड़े किए थे। बैंक ने नौकरी कर रहे शिक्षकों से लोन वसूली के निर्देश दिए 69000 सहायक अध्यापक भर्ती की नई मेरिट को लेकर बैंक भी अलर्ट हो गए हैं। बांदा के जिला कोआपरेटिव बैंक ने लेटर जारी किया है, जिसमें लिखा- जिनके लोन हो चुके हैं उनसे वसूली सुनिश्चित करें और जब तक यह काम पूरा न हो जाए तब तक किसी तरह के लोन का भुगतान न किया जाए। 16 अगस्त को हाईकोर्ट ने दिया निर्णय
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 16 अगस्त को 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों की सूची नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने 1 जून, 2020 और 5 जनवरी, 2022 की चयन सूचियों को दरकिनार कर दिया। साथ ही भर्ती परीक्षा के आधार पर नियमों के तहत नई चयन सूची 3 महीने में बनाने के निर्देश दिए हैं। यह भी पढ़ें… भास्कर एक्सक्लूसिव- 69,000 शिक्षक भर्ती…योगी ने संभाली कमान:नई मेरिट से शिक्षकों की नहीं जाएगी नौकरी, टीचरों के लिए रास्ता निकालेगी सरकार हाईकोर्ट ने 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है। सरकार भी इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करेगी, लेकिन नई मेरिट लिस्ट से सामान्य और OBC वर्ग के जो शिक्षक प्रभावित होंगे, उनकी नौकरी नहीं जाएगी। सरकार मेरिट से बाहर होने वाले शिक्षकों को किसी न किसी रूप में शिक्षण कार्य में लगाने का रास्ता तलाश रही है।पढ़ें पूरी खबर… 69,000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने लखनऊ में शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। उनका कहना है- सरकार हाईकोर्ट के आदेश का पालन करे और नई मेरिट लिस्ट जल्द से जल्द जारी करे। जब तक सरकार हमें आश्वासन नहीं देती तब तक हम यहीं डटे रहेंगे। अभ्यर्थी मंगलवार सुबह 10 बजे से शिक्षा निदेशालय पर डटे हुए हैं। रात में प्रदर्शन जारी रहा। आरक्षण में अनियमितता का आरोप लगाते अभ्यर्थी नारेबाजी कर रहे हैं- योगी जी ने माना है, आरक्षण घोटाला है। ‘ऐसी क्या मजबूरी है, आरक्षण की चोरी है’। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कोई भी अभ्यर्थी अगर सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर कर देगा तो पूरी नियुक्ति प्रक्रिया फिर से फंस सकती है। ऐसे में शिक्षा निदेशालय को इसमें देरी नहीं करनी चाहिए। अखिलेश ने कहा- 3 घंटे में कम्प्यूटर पूरी सूची तैयार कर सकता है
मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- 69000 शिक्षक भर्ती में ईमानदारी से नियुक्ति के लिए 3 घंटे में कम्प्यूटर पूरी सूची तैयार कर सकता है। यूपी की भाजपा सरकार इसके लिए 3 महीने का जो समय मांग रही है, वो संदिग्ध है। इससे अभ्यर्थियों में घपले-घोटालेवाली भाजपा सरकार के खिलाफ ये संदेह पैदा हो रहा है कि किसी के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले को ले जाकर, कहीं आरक्षण विरोधी भाजपा सरकार इसे अपने बचे हुए कार्यकाल के लिए टालना तो नहीं चाहती है। भाजपा का सबसे बड़ा संकट ही यही है कि उसका असली चेहरा जनता ने देख लिया है और अब जनता भाजपा की सूरत और सीरत पहचान गयी है। रात में प्रदर्शन की तस्वीरें… डीजी स्कूल शिक्षा से अभ्यर्थियों ने की मुलाकात
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने डीजी स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से मुलाकात की। कंचन वर्मा ने अभ्यर्थियों को नई लिस्ट जारी करने का भरोसा दिलाया। अभ्यर्थियों ने कहा- उनकी मांग नहीं मानी गईं, तो प्रदर्शन जारी रहेगा। जिन अधिकारियों ने घोटाला किया वो न्याय नहीं देंगे
दैनिक भास्कर से बातचीत में प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थी अमरेंद्र पटेल ने कहा, आज शिक्षा विभाग की महानिदेशक से वार्ता हुई, लेकिन वो गोलमोल जवाब दे रही हैं। मुख्यमंत्री को इस बात को समझना होगा कि जिन अधिकारियों ने भर्ती में घोटाला किया है, वो हमें न्याय नहीं दे सकते। घोटालेबाज अधिकारी हटाए जाएं और उन अधिकारियों को जिम्मा दिया जाए जो निष्पक्ष हैं। अभ्यर्थी बोले- आश्वासन नहीं न्याय चाहिए
वहीं प्रयागराज से पहुंचे अभ्यर्थी ने कहा कि सरकार को आश्वासन देने के बजाय एक्शन लेना चाहिए। हमारे साथ पहले भी धोखा हुआ था। शेड्यूल जारी करने के बाद भी हमारी काउंसिलिंग नहीं कराई गई। हम दो साल तक सड़क पर प्रदर्शन करते रहे। इसलिए हमें न्याय मिलने में देरी नहीं होनी चाहिए। बारिश में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी
अभ्यर्थी बारिश में भी धरने पर बैठे हैं। गोरखपुर से प्रदर्शन में पहुंची अनीता पटेल ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द शेड्यूल जारी कर हमें नौकरी देने का काम करे। इस प्रदर्शन में कई महिला अभ्यर्थी अपने बच्चों को लेकर पहुंची हैं। वाराणसी से पहुंचीं महिमा कुशवाहा ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी हमें प्रदर्शन करना पड़ रहा। ये ठीक नहीं है। अभ्यर्थियों का आरोप था कि 69000 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण के नियमों की अनदेखी हुई है। इस बात को सरकार ने भी माना है। इसके बाद भी इस वर्ग के सभी मंत्री और नेता चुप्पी साधे हुए हैं। चयनित होने के बावजूद इन्हें नियुक्ति नहीं मिल रही है। लोकसभा चुनाव 2024 की आदर्श आचार संहिता लगने के बाद इन अभ्यर्थियों के धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई थी। अब हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इनके पक्ष में निर्णय सुनाया है। यही कारण है कि अब अभ्यर्थी बिना देरी किए निर्णय लागू करने की मांग कर रहे हैं। लखनऊ में तीन साल तक दिया था धरना
मार्च 2022 से ही आरक्षित वर्ग के इन अभ्यर्थियों ने लखनऊ में प्रदर्शन किया। लखनऊ के ईको गार्डन में धरना देने के साथ ही मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री समेत बड़ी संख्या में मंत्रियों के आवास पर भी कई बार प्रदर्शन किया। इससे पहले अभ्यर्थियों ने लंबे समय तक लखनऊ में धरना दिया था। इस दौरान विधानसभा और कई नेताओं के घरों का भी घेराव किया था। तब इन अभ्यर्थियों ने पिछड़ों और दलितों के आरक्षण पर नेताओं की चुप्पी पर सवाल खड़े किए थे। बैंक ने नौकरी कर रहे शिक्षकों से लोन वसूली के निर्देश दिए 69000 सहायक अध्यापक भर्ती की नई मेरिट को लेकर बैंक भी अलर्ट हो गए हैं। बांदा के जिला कोआपरेटिव बैंक ने लेटर जारी किया है, जिसमें लिखा- जिनके लोन हो चुके हैं उनसे वसूली सुनिश्चित करें और जब तक यह काम पूरा न हो जाए तब तक किसी तरह के लोन का भुगतान न किया जाए। 16 अगस्त को हाईकोर्ट ने दिया निर्णय
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 16 अगस्त को 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों की सूची नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने 1 जून, 2020 और 5 जनवरी, 2022 की चयन सूचियों को दरकिनार कर दिया। साथ ही भर्ती परीक्षा के आधार पर नियमों के तहत नई चयन सूची 3 महीने में बनाने के निर्देश दिए हैं। यह भी पढ़ें… भास्कर एक्सक्लूसिव- 69,000 शिक्षक भर्ती…योगी ने संभाली कमान:नई मेरिट से शिक्षकों की नहीं जाएगी नौकरी, टीचरों के लिए रास्ता निकालेगी सरकार हाईकोर्ट ने 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है। सरकार भी इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करेगी, लेकिन नई मेरिट लिस्ट से सामान्य और OBC वर्ग के जो शिक्षक प्रभावित होंगे, उनकी नौकरी नहीं जाएगी। सरकार मेरिट से बाहर होने वाले शिक्षकों को किसी न किसी रूप में शिक्षण कार्य में लगाने का रास्ता तलाश रही है।पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर