<p style=”text-align: justify;”><strong>Bageshwar Dham Sarkar: </strong>बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) आज (21 नवंबर) से 160 किलोमीटर की पदयात्रा पर हैं. पदयात्रा बागेश्वर धाम से शुरू होकर 29 नवंबर को ओरछा में समाप्त होगी. एबीपी न्यूज से बातचीत में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से पदयात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि ‘राम की खाकर, राम के देश में अकबर को महान बताते हैं, इसलिए यह पदयात्रा जरूरी है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ”जो माहौल भारत की आजादी के समय था, वहीं माहौल भारत में आज भी बना हुआ है. हम चाहते हैं हिंदू अपनी ऊर्जा को जातियों, ऊंच-नीच में खत्म न करें. इससें ऊपर उठें, देश के लिए सोचें. विश्व गुरू बनने के लिए सोचें. विकास के लिए सोचें, बच्चों की शिक्षा के लिए सोचें, स्वास्थ्य के लिए सोचें. इस भाव को लेकर गीता-रामायण के प्रचार को बहुत अच्छे तरीके से करें. इस जनजागृति के लिए, समाज को जगाने के लिए, भेदभाव को मिटाने के लिए 160 किलोमीटर की पदयात्रा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वह भगवान राम के होने का सबूत मांगते हैं- धीरेंद्र शास्त्री </strong><br />उन्होंने कहा, “यह पदयात्रा इसलिए जरूरी है कि जब वह रामायण को जला सकते हैं, पालघर में संतों को मार सकते हैं. श्रद्धा के 35 टुकड़े कर सकते हैं. वह कोलकाता की बेटी को मार सकते हैं. वह बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों में आग लगा देते हैं. बंगाल में दुर्गा पंडालों को जला देते हैं. वह भगवान राम के होने का सबूत मांगते हैं. वह राम के राष्ट्र में, राम के राज्य में, राम की खाकर, रघुवर के देश में अकबर को महान बताते हैं और राम के राष्ट्र में उन्हीं के लिए 500 साल तक केस लड़ा जाता है तो हमें लगता है कि बहुत देर हो गई है. अब समय व्यापक रूप से क्रांति का है. हर हाल में हिंदुओं को एक होने की आवश्यकता है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बागेश्वर धाम से ओरछा तक यात्रा</strong><br />यात्रा आज 21 नवंबर को बागेश्वर धाम से शुरू होगी, इसके बाद फोर लेन रोड होते हुए पहला स्टॉप कदारी गांव में होगा, जबकि दूसरे दिन दूसरे दिन यात्रा करीब 18 किलोमीटर यह चलकर छतरपुर जिले के पेप्टेक टाउन पहुंचेगी. 23 तारीख को यात्रा का नौगांव में विश्राम होगा. चौथे दिन धीरेंद्र शास्त्री देवरी डेम में विश्राम करेंगे. पांचवें दिन यात्रा मऊरानीपुर में विश्राम करेगी. छठें दिन यात्रा निवाड़ी में विश्राम करेगी. अंतिम सातवें दिन यात्रा यादव ढाबा होते हुए ओरछा धाम पहुंचेगी, जहां यात्रा का समापन होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यात्रा में ये रहेंगे शामिल</strong><br />यात्रा में मूलक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज, जगद्गुरु रामभद्राचार्य, हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास महाराज, इन्द्रशेष महाराज, सुदामा कुटी के सतीक्ष्णदास, संजीव कृष्ण ठाकुर, अनुरुद्धाचार्य महाराज, जगतगुरु वल्लभाचार्य महाराज और गोरीलाल कुंज के महंत किशोर दास महाराज शामिल होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”MP कैबिनेट का बड़ा फैसला, तीर्थ स्थल में तब्दील होंगे कृष्ण से जुड़े धाम, अलग से न्यास का होगा गठन” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mp-cabinet-big-decision-lord-krishna-places-converted-into-pilgrimage-sites-separate-trust-formed-mohan-yadav-2827402″ target=”_self”>MP कैबिनेट का बड़ा फैसला, तीर्थ स्थल में तब्दील होंगे कृष्ण से जुड़े धाम, अलग से न्यास का होगा गठन</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bageshwar Dham Sarkar: </strong>बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) आज (21 नवंबर) से 160 किलोमीटर की पदयात्रा पर हैं. पदयात्रा बागेश्वर धाम से शुरू होकर 29 नवंबर को ओरछा में समाप्त होगी. एबीपी न्यूज से बातचीत में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से पदयात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि ‘राम की खाकर, राम के देश में अकबर को महान बताते हैं, इसलिए यह पदयात्रा जरूरी है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ”जो माहौल भारत की आजादी के समय था, वहीं माहौल भारत में आज भी बना हुआ है. हम चाहते हैं हिंदू अपनी ऊर्जा को जातियों, ऊंच-नीच में खत्म न करें. इससें ऊपर उठें, देश के लिए सोचें. विश्व गुरू बनने के लिए सोचें. विकास के लिए सोचें, बच्चों की शिक्षा के लिए सोचें, स्वास्थ्य के लिए सोचें. इस भाव को लेकर गीता-रामायण के प्रचार को बहुत अच्छे तरीके से करें. इस जनजागृति के लिए, समाज को जगाने के लिए, भेदभाव को मिटाने के लिए 160 किलोमीटर की पदयात्रा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वह भगवान राम के होने का सबूत मांगते हैं- धीरेंद्र शास्त्री </strong><br />उन्होंने कहा, “यह पदयात्रा इसलिए जरूरी है कि जब वह रामायण को जला सकते हैं, पालघर में संतों को मार सकते हैं. श्रद्धा के 35 टुकड़े कर सकते हैं. वह कोलकाता की बेटी को मार सकते हैं. वह बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों में आग लगा देते हैं. बंगाल में दुर्गा पंडालों को जला देते हैं. वह भगवान राम के होने का सबूत मांगते हैं. वह राम के राष्ट्र में, राम के राज्य में, राम की खाकर, रघुवर के देश में अकबर को महान बताते हैं और राम के राष्ट्र में उन्हीं के लिए 500 साल तक केस लड़ा जाता है तो हमें लगता है कि बहुत देर हो गई है. अब समय व्यापक रूप से क्रांति का है. हर हाल में हिंदुओं को एक होने की आवश्यकता है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बागेश्वर धाम से ओरछा तक यात्रा</strong><br />यात्रा आज 21 नवंबर को बागेश्वर धाम से शुरू होगी, इसके बाद फोर लेन रोड होते हुए पहला स्टॉप कदारी गांव में होगा, जबकि दूसरे दिन दूसरे दिन यात्रा करीब 18 किलोमीटर यह चलकर छतरपुर जिले के पेप्टेक टाउन पहुंचेगी. 23 तारीख को यात्रा का नौगांव में विश्राम होगा. चौथे दिन धीरेंद्र शास्त्री देवरी डेम में विश्राम करेंगे. पांचवें दिन यात्रा मऊरानीपुर में विश्राम करेगी. छठें दिन यात्रा निवाड़ी में विश्राम करेगी. अंतिम सातवें दिन यात्रा यादव ढाबा होते हुए ओरछा धाम पहुंचेगी, जहां यात्रा का समापन होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यात्रा में ये रहेंगे शामिल</strong><br />यात्रा में मूलक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज, जगद्गुरु रामभद्राचार्य, हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास महाराज, इन्द्रशेष महाराज, सुदामा कुटी के सतीक्ष्णदास, संजीव कृष्ण ठाकुर, अनुरुद्धाचार्य महाराज, जगतगुरु वल्लभाचार्य महाराज और गोरीलाल कुंज के महंत किशोर दास महाराज शामिल होंगे.</p>
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