सड़क हादसों में होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए योगी सरकार ने की पहल, शुरू की ये नई स्कीम

सड़क हादसों में होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए योगी सरकार ने की पहल, शुरू की ये नई स्कीम

<p style=”text-align: justify;”><strong>Golden Hour Scheme:</strong> उत्तर प्रदेश की <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> सरकार प्रदेश हित में लगातार कई बड़े कदम उठा रही है. प्रदेश सरकार ने सड़क हादसों में घायलों को टाइम पर इलाज देने और उनकी जान बचाने के लिए एक बड़ी पहल की है. योगी सरकार ने गोल्डन आवर पॉलिसी लागू की है. यानी हादसे के पहले एक घंटे के भीतर एक लाख पाचास हजार का मुफ्त इलाज कराया जाएगा या घायल व्यक्ति को 7-10 तक मुफ्त अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा. यह योजना सड़क सुरक्षा और घायलों के जीवन बचाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह पहल मोटर वाहन अधिनियम 2019 का हिस्सा है. ‘गोल्डन ऑवर’ शब्द सड़क हादसे के बाद पहले उस एक घंटे की अहमियत को बताता है जिस दौरान तुरंत इलाज देना बहुत जरूरी होता है. यह योजना तभी सफल होगी, जब लोग दुर्घटनाओं में घायलों की मदद के लिए आगे बढ़ेंगे.हादसे की स्थिति में समय पर मदद और सरकार की इस सुविधा का लाभ उठाना घायलों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा सकता है. यदि आप के सामने सड़क हादसे में कोई व्यक्ति घायल है तो उसकी तुरंत मदद करें और तुरंत 1033 हेल्पलाइन नंबर इसकी जानकारी दें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>NHAI ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर&nbsp;</strong><br />नेशनल हाईवे पर होने वाले हादसों के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने &nbsp;विशेष हेल्पलाइन नंबर 1033 शुरू किया है. इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर हादसे की सूचना दी जा सकती है. घायल को एनएचएआई से जुड़े अस्पताल में ले जाया जाएगा. घायल के इलाज के लिए तीस हजार तक का खर्च एनएचएआई उठाएगी. बाकी खर्च मरीज या उसके परिवार को उठाना पड़ेगा. सड़क दुर्घटनाओं में अधिकतर मौतें समय पर इलाज न मिलने के कारण होती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकारी आंकड़ों के अनुसार,वर्ष 2022 में देशभर में 1.68 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए. इनमें से कई मौत समय पर इलाज न मिलने के कारण हुई. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018 में 4,70,403 हादसों में 1,57,593 लोगों की जान गई, जबकि 2019 में 4,56,959 हादसों में मरने वालों की संख्या 1,58,984 तक पहुंच गई. साल 2020 में कोरोना काल के दौरान &nbsp;3,72,181 सड़क हादसे हुए जिनमें 1,38,972 लोगों की जान गई. सड़क हादसों में होने वाली मौतें दर्शाती हैं कि सड़क सुरक्षा को लेकर किये तमाम प्रयासों के बाद मौतों की संख्या में कमी नहीं हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढे़ं: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/sambhal-jama-masjid-dispute-first-juma-namaz-today-after-survey-order-security-increase-2828150″><strong>संभल मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले हाई सिक्योरिटी, सर्वे के आदेश के बाद पुलिस-PAC तैनात</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Golden Hour Scheme:</strong> उत्तर प्रदेश की <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> सरकार प्रदेश हित में लगातार कई बड़े कदम उठा रही है. प्रदेश सरकार ने सड़क हादसों में घायलों को टाइम पर इलाज देने और उनकी जान बचाने के लिए एक बड़ी पहल की है. योगी सरकार ने गोल्डन आवर पॉलिसी लागू की है. यानी हादसे के पहले एक घंटे के भीतर एक लाख पाचास हजार का मुफ्त इलाज कराया जाएगा या घायल व्यक्ति को 7-10 तक मुफ्त अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा. यह योजना सड़क सुरक्षा और घायलों के जीवन बचाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह पहल मोटर वाहन अधिनियम 2019 का हिस्सा है. ‘गोल्डन ऑवर’ शब्द सड़क हादसे के बाद पहले उस एक घंटे की अहमियत को बताता है जिस दौरान तुरंत इलाज देना बहुत जरूरी होता है. यह योजना तभी सफल होगी, जब लोग दुर्घटनाओं में घायलों की मदद के लिए आगे बढ़ेंगे.हादसे की स्थिति में समय पर मदद और सरकार की इस सुविधा का लाभ उठाना घायलों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा सकता है. यदि आप के सामने सड़क हादसे में कोई व्यक्ति घायल है तो उसकी तुरंत मदद करें और तुरंत 1033 हेल्पलाइन नंबर इसकी जानकारी दें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>NHAI ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर&nbsp;</strong><br />नेशनल हाईवे पर होने वाले हादसों के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने &nbsp;विशेष हेल्पलाइन नंबर 1033 शुरू किया है. इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर हादसे की सूचना दी जा सकती है. घायल को एनएचएआई से जुड़े अस्पताल में ले जाया जाएगा. घायल के इलाज के लिए तीस हजार तक का खर्च एनएचएआई उठाएगी. बाकी खर्च मरीज या उसके परिवार को उठाना पड़ेगा. सड़क दुर्घटनाओं में अधिकतर मौतें समय पर इलाज न मिलने के कारण होती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकारी आंकड़ों के अनुसार,वर्ष 2022 में देशभर में 1.68 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए. इनमें से कई मौत समय पर इलाज न मिलने के कारण हुई. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018 में 4,70,403 हादसों में 1,57,593 लोगों की जान गई, जबकि 2019 में 4,56,959 हादसों में मरने वालों की संख्या 1,58,984 तक पहुंच गई. साल 2020 में कोरोना काल के दौरान &nbsp;3,72,181 सड़क हादसे हुए जिनमें 1,38,972 लोगों की जान गई. सड़क हादसों में होने वाली मौतें दर्शाती हैं कि सड़क सुरक्षा को लेकर किये तमाम प्रयासों के बाद मौतों की संख्या में कमी नहीं हुई.</p>
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