हिमाचल हाईकोर्ट से प्रदेश सरकार और हिमाचल पर्यटन विकास निगम (HPTDC) को मिली बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार के आग्रह पर हाईकोर्ट ने पर्यटन निगम के 9 होटलों को 31 मार्च 2025 तक खुला रखने के दिए आदेश पारित किए है। कोर्ट ने बीते शुक्रवार को 18 होटलों को 25 नवंबर तक बंद करने के आदेश दिए थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की बैंच ने शुक्रवार को होटल चायल, चंद्रभागा केलांग, खज्जियार, मेघदूत, लॉग होटल मनाली, कुंजम, भागसू, कैसल नागर और धौलाधार की खुले रखने की इजाजत दे दी है। इस दाैरान कोर्ट ने 18 में से 9 होटलों को 31 मार्च तक खुला रखने की इजाजत दे दी है। बता दें कि हाईकोर्ट ने HPTDC के पेंशनर की याचिका पर सुनवाई करते हुए घाटे में चल रहे 18 होटलों को 25 नवंबर तक बंद करने को कहा था। HPTDC के MD को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेशों में संशोधन का आग्रह किया था, इस पर आज फिर से सुनवाई हुई। कोर्ट ने बताया था सफेद हाथी कोर्ट ने घाटे में चल रहे इन होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा, ऐसा करना इसलिए जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम इनके रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न करें। ये होटल राज्य पर बोझ हैं। कोर्ट ने कहा, निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है। इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है और न्यायालय इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि राज्य सरकार अदालत के समक्ष आए वित्त से जुड़े मामलों में दिन प्रतिदिन वित्तीय संकट की बात कहती रहती है। प्रदेश में HPTDC के 56 होटल प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे है। मगर ज्यादातर होटल कई सालों से घाटे में है। इससे निगम अपने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर को पेंशन नहीं दे पा रहा। पेंशनर के सेवा लाभ का मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया है। हिमाचल हाईकोर्ट से प्रदेश सरकार और हिमाचल पर्यटन विकास निगम (HPTDC) को मिली बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार के आग्रह पर हाईकोर्ट ने पर्यटन निगम के 9 होटलों को 31 मार्च 2025 तक खुला रखने के दिए आदेश पारित किए है। कोर्ट ने बीते शुक्रवार को 18 होटलों को 25 नवंबर तक बंद करने के आदेश दिए थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की बैंच ने शुक्रवार को होटल चायल, चंद्रभागा केलांग, खज्जियार, मेघदूत, लॉग होटल मनाली, कुंजम, भागसू, कैसल नागर और धौलाधार की खुले रखने की इजाजत दे दी है। इस दाैरान कोर्ट ने 18 में से 9 होटलों को 31 मार्च तक खुला रखने की इजाजत दे दी है। बता दें कि हाईकोर्ट ने HPTDC के पेंशनर की याचिका पर सुनवाई करते हुए घाटे में चल रहे 18 होटलों को 25 नवंबर तक बंद करने को कहा था। HPTDC के MD को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेशों में संशोधन का आग्रह किया था, इस पर आज फिर से सुनवाई हुई। कोर्ट ने बताया था सफेद हाथी कोर्ट ने घाटे में चल रहे इन होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा, ऐसा करना इसलिए जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम इनके रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न करें। ये होटल राज्य पर बोझ हैं। कोर्ट ने कहा, निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है। इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है और न्यायालय इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि राज्य सरकार अदालत के समक्ष आए वित्त से जुड़े मामलों में दिन प्रतिदिन वित्तीय संकट की बात कहती रहती है। प्रदेश में HPTDC के 56 होटल प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे है। मगर ज्यादातर होटल कई सालों से घाटे में है। इससे निगम अपने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर को पेंशन नहीं दे पा रहा। पेंशनर के सेवा लाभ का मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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