अमृतसर में कमिश्नरेट पुलिस ने विदेशी तस्करों की ओर से सीमा पार हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 6 हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उनके कब्जे से तीन अत्याधुनिक 9 एमएम ग्लॉक पिस्तौल समेत 10 पिस्तौल और दस कारतूस बरामद किए हैं। फिलहाल इस गिरोह को गहराई से जांचा जा रहा है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान पुतलीघर निवासी विनोद कुमार उर्फ रंगीला, अमृतसर के रोरीवाला गांव निवासी युवराज सिंह, अमृतसर के रोरीवाला गांव निवासी सुरखाप सिंह, अमृतसर के प्लाह साहिब रोड निवासी जुगराज सिंह उर्फ जग्गू, बटाला के शेरपुर गांव निवासी अमृतपाल सिंह और बटाला के मुमराई गांव निवासी प्रभदीप सिंह उर्फ हरमन के रूप में हुई है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी विदेशी तस्कर के संपर्क में हैं। जो ड्रोन और अन्य तरीकों से हथियारों की बड़ी खेप भारतीय क्षेत्र में पहुंचाता रहा है। उन्होंने बताया कि इस मामले में आगे की जांच चल रही है। अलग-अलग जगह से हुई आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस कमिश्नर (सीपी) गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने अधिक जानकारी साझा करते हुए बताया कि हथियारों की तस्करी में आरोपी अमृतपाल की संलिप्तता के बारे में विश्वसनीय इनपुट मिलने के बाद सीआईए अमृतसर की पुलिस टीमों ने जाल बिछाया और उसे प्रभदीप के साथ अमृतसर के बटाला रोड से गिरफ्तार कर लिया। उनके खुलासे पर पुलिस टीमों ने वेरका बाइपास के पास उनके द्वारा बताए गए स्थान से दो 9 एमएम ग्लॉक पिस्तौल और पांच .32 बोर पिस्तौल के साथ 6 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। और हथियार बरामद होने की उम्मीद- सीपी अवैध हथियार तस्करी के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर एक अन्य ऑपरेशन में सीपी गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि पुलिस टीमों ने आरोपी जुगराज सिंह को उसके तीन साथियों के साथ खालसा कॉलेज के पीछे से पकड़ा है। उन्होंने बताया कि उनके खुलासे पर अमृतसर में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के पीछे एक सुनसान स्थान पर छिपाई गई एक ग्लॉक पिस्तौल और दो .32 बोर पिस्तौल के साथ 4 जिंदा कारतूस बरामद किए। उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी हो सकती है। उन्होंने कहा कि और गिरफ्तारी के साथ ही हथियारों की भी बरामदगी की उम्मीद है। अमृतसर में कमिश्नरेट पुलिस ने विदेशी तस्करों की ओर से सीमा पार हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 6 हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उनके कब्जे से तीन अत्याधुनिक 9 एमएम ग्लॉक पिस्तौल समेत 10 पिस्तौल और दस कारतूस बरामद किए हैं। फिलहाल इस गिरोह को गहराई से जांचा जा रहा है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान पुतलीघर निवासी विनोद कुमार उर्फ रंगीला, अमृतसर के रोरीवाला गांव निवासी युवराज सिंह, अमृतसर के रोरीवाला गांव निवासी सुरखाप सिंह, अमृतसर के प्लाह साहिब रोड निवासी जुगराज सिंह उर्फ जग्गू, बटाला के शेरपुर गांव निवासी अमृतपाल सिंह और बटाला के मुमराई गांव निवासी प्रभदीप सिंह उर्फ हरमन के रूप में हुई है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी विदेशी तस्कर के संपर्क में हैं। जो ड्रोन और अन्य तरीकों से हथियारों की बड़ी खेप भारतीय क्षेत्र में पहुंचाता रहा है। उन्होंने बताया कि इस मामले में आगे की जांच चल रही है। अलग-अलग जगह से हुई आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस कमिश्नर (सीपी) गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने अधिक जानकारी साझा करते हुए बताया कि हथियारों की तस्करी में आरोपी अमृतपाल की संलिप्तता के बारे में विश्वसनीय इनपुट मिलने के बाद सीआईए अमृतसर की पुलिस टीमों ने जाल बिछाया और उसे प्रभदीप के साथ अमृतसर के बटाला रोड से गिरफ्तार कर लिया। उनके खुलासे पर पुलिस टीमों ने वेरका बाइपास के पास उनके द्वारा बताए गए स्थान से दो 9 एमएम ग्लॉक पिस्तौल और पांच .32 बोर पिस्तौल के साथ 6 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। और हथियार बरामद होने की उम्मीद- सीपी अवैध हथियार तस्करी के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर एक अन्य ऑपरेशन में सीपी गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि पुलिस टीमों ने आरोपी जुगराज सिंह को उसके तीन साथियों के साथ खालसा कॉलेज के पीछे से पकड़ा है। उन्होंने बताया कि उनके खुलासे पर अमृतसर में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के पीछे एक सुनसान स्थान पर छिपाई गई एक ग्लॉक पिस्तौल और दो .32 बोर पिस्तौल के साथ 4 जिंदा कारतूस बरामद किए। उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी हो सकती है। उन्होंने कहा कि और गिरफ्तारी के साथ ही हथियारों की भी बरामदगी की उम्मीद है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मृतक के भाई चरणजीत ने बताया कि गत रात्रि सतपाल मां की दवा लेने घर से बाहर गया था। इसी बीच आंधी चल पड़ी। पीपल का एक बड़ा पेड़ टूटकर बिजली के खंभे ऊपर गिरा और खंभा टूटकर सतपाल के ऊपर गिर गया। लोगों ने बड़ी मुश्किल से सतपाल को खंभे के नीचे से निकाला और फतेहगढ़ साहिब के सिविल अस्पताल पहुंचाया। एंबुलेंस देरी से आने का आरोप
चरणजीत ने कहा कि घटना के बाद वे लगातार 108 पर फोन करते रहे लेकिन एंबुलेंस बहुत लेट आई। उसके भाई की मौत की वजह यह भी रही। जब उसके भाई को फतेहगढ़ साहिब से चंडीगढ़ रेफर किया गया तो वहां पहुंचने से पहले रास्ते में मौत हो गई। चरणजीत ने प्रशासन से मांग की कि एंबुलेंस को हादसे वाली जगह तुरंत पहुंचना यकीनी बनाया जाए।
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चंडीगढ़ डिसेबिलिटी कमीशन में कमिश्नर की नियुक्ति:प्रशासक ने माधवी कटारिया के नाम को दी मंजूरी, 75000 मासिक वेतन चंडीगढ़ में कमीशन फॉर पर्सन विद डिसेबिलिटी में कमिश्नर की नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई है। चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने पूर्व आईएएस अधिकारी माधवी कटारिया के नाम पर मोहर लगाई है। उन्हें इस पद के लिए 75000 मासिक, ₹50000 हाउस रेंट और बाकी दूसरी सुविधाओं के साथ उनकी नियुक्ति दी गई है। यह कमीशन का गठन इसी साल हुआ है। वह इस कमीशन की पहली कमिश्नर हैं। पंजाब कैडर की है अधिकारी माधवी कटारिया मूल रूप से पंजाब कैडर की आईएएस अधिकारी रही हैं। वह अभी रिटायर हो चुकी है। वर्ष 2000 से 2005 में वह चंडीगढ़ में डेपुटेशन पर रही है। उन्होंने सोशल वेलफेयर के डायरेक्टर सहित कई और विभागों में भी काम किया है। कमिश्नर की नियुक्ति के बाद अब डिसेबल्ड लोगों को अपनी समस्या के हल करवाने में आसानी रहेगी। क्योंकि अभी तक अलग से इसके लिए कोई कमीशन नहीं बना था। जिससे उन्हें अलग-अलग अधिकारी के जरिए अपनी समस्याएं भेजनी पड़ती थी। पहले होम सेक्रेटरी देखते थे डिसेबल्ड की समस्या पहले चंडीगढ़ में कमीशन न होने के कारण होम सेक्रेटरी इस तरह के लोगों की समस्याएं सुनते थे। लेकिन अभी चंडीगढ़ में वह पद भी खाली पड़ा है। ऐसे में इन लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है। हालांकि होम सेक्रेटरी के लिए हरियाणा सरकार ने तीन अधिकारियों का पैनल भेज दिया है। इस पैनल में अमित अग्रवाल, मंदीप बरार और जे गणेशन का नाम है। इस पैनल को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। वहां से किसी एक अधिकारी के नाम पर मोहर लगेगी।
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