मानसा के गांव जोईया के युवक की कनाडा में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। युवक की पहचान जसकरण सिंह (22) के रूप में हुई है। मृतक के परिवार ने बेटे के शव को पंजाब लाने के लिए सरकार से अपील की है। साथ ही मामले की जांच करने की भी मांग की। मानसा के गांव जोईया के किसान बलकार सिंह ने अपनी डेढ़ एकड़ जमीन बेचकर अपने बेटे जसकरण सिंह (22) को 2 साल पहले पढ़ाई करने के लिए कनाडा भेजा गया था। ताकि उनका बेटा पढ़ाई के साथ-साथ वहां कोई रोजगार भी ढूंढ सके। लेकिन अब परिवार को बेटे के मौत होने की खबर मिली है, जिसके बाद परिवार सदमे में है। बता दें कि परिवार सदस्यों द्वारा पंजाब सरकार से अपील की गई है कि उनके बेटे के शव को पंजाब लाया जाए और मौत के कारण की जांच कराई जाए। मानसा के गांव जोईया के युवक की कनाडा में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। युवक की पहचान जसकरण सिंह (22) के रूप में हुई है। मृतक के परिवार ने बेटे के शव को पंजाब लाने के लिए सरकार से अपील की है। साथ ही मामले की जांच करने की भी मांग की। मानसा के गांव जोईया के किसान बलकार सिंह ने अपनी डेढ़ एकड़ जमीन बेचकर अपने बेटे जसकरण सिंह (22) को 2 साल पहले पढ़ाई करने के लिए कनाडा भेजा गया था। ताकि उनका बेटा पढ़ाई के साथ-साथ वहां कोई रोजगार भी ढूंढ सके। लेकिन अब परिवार को बेटे के मौत होने की खबर मिली है, जिसके बाद परिवार सदमे में है। बता दें कि परिवार सदस्यों द्वारा पंजाब सरकार से अपील की गई है कि उनके बेटे के शव को पंजाब लाया जाए और मौत के कारण की जांच कराई जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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शंभू बॉर्डर खोलने की याचिका खारिज:SC ने फटकार लगाई, कहा- लोगों को दिखाने मुकदमा करने आ गए; कल दिल्ली कूच नहीं करेंगे किसान
शंभू बॉर्डर खोलने की याचिका खारिज:SC ने फटकार लगाई, कहा- लोगों को दिखाने मुकदमा करने आ गए; कल दिल्ली कूच नहीं करेंगे किसान किसानों के प्रदर्शन के चलते बंद शंभू बॉर्डर को खोलने के लिए लगाई गई याचिका सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। SC ने कहा कि इस तरह के मामले पहले ही कोर्ट में चल रहे हैं, फिर बार-बार क्यों इस तरह की याचिका दाखिल की जा रही हैं। कोर्ट ने आगे कहा कि याचिका दाखिल करने से ऐसी धारणा बन रही है कि यहां कोई व्यक्ति केवल लोगों को दिखाने के लिए और प्रचार के लिए मुकदमे करने के लिए आया है। आप पहले से चल रही याचिका में सहयोग करना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। याचिका जालंधर के रहने वाले गौरव लूथरा ने लगाई थी। उन्होंने मांग की थी कि केंद्र सरकार के साथ हरियाणा और पंजाब की राज्य सरकारों को आदेश दिया जाए कि शंभू बॉर्डर समेत उन सभी स्टेट-नेशनल हाईवेज को ट्रैफिक के लिए खोला जाए, जो किसानों की वजह से बंद किए गए हैं। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका चल रही है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाकर किसानों और सरकार से बातचीत कर मध्यस्थता करने को कहा था। हालांकि अभी तक कोई हल नहीं निकला। वहीं, किसानों की आगे की रणनीति पर किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा- कल 10 दिसंबर को कोई जत्था दिल्ली रवाना नहीं होगा। भारत सरकार अपने आप में कन्फ्यूज चल रही है। यह देश के हित में नहीं है। किसान नेता पंधेर की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 3 अहम बातें… 1.हरियाणा प्रशासन को समय दिया
कल राजपुरा में हरियाणा पुलिस प्रशासन से मीटिंग हुई थी। उन्होंने हमसे एक दिन का समय मांगा था। इसलिए हम उनको समय देंगे। कल खनौरी भी नहीं जा पाए थे। ऐसे में हम खनौरी भी जाएंगे। वहां जाकर मीटिंग करेंगे। कल हमारा जत्था दिल्ली कूच नहीं करेगा। 2. दहशत जैसा माहौल बनाया जा रहा
हरियाणा का प्रशासन कह रहा है कि आप (किसान) हरियाणा के लॉ ऑर्डर के लिए खतरा हैं। उन्होंने इंटरनेट बंद कर दिया। खनौरी व डबवाली बॉर्डर पर फोर्स लगा दी गई। यह दहशत जैसा माहौल बनाने की क्या जरूरत है? 3. भाजपा के मंत्री आपस में सलाह कर बोलें
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू कहते हैं कि दिल्ली पैदल जाएं, आपका स्वागत करेंगे। हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज बोल रहे हैं कि इस तरह आएंगे तो पुलिस ऐसे ही स्वागत करेगी। कृषि मंत्री का बयान है कि पैदल जाने वालों को रोकेंगे नहीं। इन्हें पहले सलाह मशविरा करना चाहिए कि कहां पर हां करनी है और कहां पर नहीं। डल्लेवाल से मिले पंजाब पुलिस के अधिकारी
उधर, खनौरी बॉर्डर पर कल (10 दिसंबर) को सारे किसान भूख हड़ताल पर रहेंगे। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरणव्रत कल 15वें दिन में दाखिल होगा। आज डल्लेवाल से मिलने के लिए पंजाब पुलिस के अधिकारी पहुंचे। काफी दिनों से भूखे रहने के कारण डल्लेवाल की सेहत काफी बिगड़ गई है। हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग उखाड़ने का वीडियो जारी किया
8 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से 101 किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर और वाटर कैनन का इस्तेमाल कर किसानों को खदेड़ दिया। इसमें 8 किसान घायल हो गए। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने किसानों के बैरिकेडिंग उखाड़ने की कोशिश का वीडियो जारी कर दिया। जिसमें किसान बैरिकेड पर लगी जाली को उखाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कोशिश के बाद पहली बार आंसू गैस के गोले दागे गए थे। किसानों ने 2 बार कोशिश की, दोनों बार पीछे हटे 6 दिसंबर को ढाई घंटे में पीछे हटे किसान किसानों ने सबसे पहले 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच का ऐलान किया था। सुबह किसानों ने शंभू बॉर्डर पर पाठ किया। इसके बाद 101 किसानों के जत्थे को लंगर खिलाया गया। दोपहर 1 बजे किसानों का जत्था आगे बढ़ा। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने 3 लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था। पहले किसानों ने बैरिकेडिंग उखाड़ दी। इसके बाद कंटीले तारों को उखाड़ा और आखिर में सीमेंट में गाड़ी गईं कीलें निकाल दीं। किसानों ने सीमेंट की बैरिकेडिंग उठाकर घग्गर नदी में फेंक दी। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इसमें 2-3 किसान घायल हो गए। कुछ किसान फिर भी आगे पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गए। यहां पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें रोकने के लिए पेपर स्प्रे किया। एक बार किसान पीछे की तरफ हो गए। दोबारा किसानों ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस की तरफ से दोबारा आंसू गैस के गोले दागे गए। इस पूरे घटनाक्रम में कुल 8 किसान घायल हो गए। बाद में सरवण सिंह पंधेर ने किसानों के जत्थे को वापस बुला लिया। ढाई घंटे तक चले इस घटनाक्रम के बाद किसान वापस धरनास्थल की तरफ चल पड़े। वह अपने साथ कंटीले तार और बैरिकेडिंग भी ले गए। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने तब कहा कि 8 दिसंबर को किसान दोबारा दिल्ली कूच करेंगे। 8 दिसंबर को पौने 4 घंटे बाद पीछे हटे
101 किसानों ने 8 दिसंबर को दूसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की। किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे धरनास्थल से दिल्ली कूच के लिए निकला। पुल पर पुलिस और किसानों के बीच बहस हुई। हरियाणा पुलिस ने किसानों से दिल्ली जाने का परमिशन लेटर मांगा। उन्होंने कहा कि बिना परमिशन के वह दिल्ली नहीं जा सकते। इसके बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इस पर हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद पुलिस ने किसानों को चाय बिस्किट ऑफर किए और फूल भी बरसाए। फिर भी किसान दिल्ली कूच करने पर अड़े रहे। पुलिस ने दोबारा आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। जिसमें 8 किसान घायल हो गए। करीब पौने 4 घंटे चले घटनाक्रम के बाद किसान नेताओं ने जत्थे को वापस बुला लिया। इसके बाद किसान नेता पंधेर ने कहा कि किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की मीटिंग करने के बाद आगे का फैसला लेंगे। ********************** किसानों के दिल्ली कूच से जुडी ये खबरें भी पढ़ें :- किसानों ने एक दिन का अल्टीमेटम देकर दिल्ली कूच टाला हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर से किसान शुक्रवार (6 दिसंबर) को दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन करीब ढाई घंटे बाद किसानों ने मार्च टाल दिया। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है, इसलिए हम कल तक इंतजार करेंगे। पढ़ें पूरी खबर किसानों ने फिर शंभू बॉर्डर से दिल्ली मार्च टाला पंजाब के 101 किसानों ने रविवार (8 दिसंबर) को दूसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें घग्गर नदी के पुल पर रोक लिया। करीब पौने 4 घंटे बाद जत्थे को वापस लौटना पड़ा। पढ़ें पूरी खबर
बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर पंजाब में प्रदर्शन:केंद्र से हस्तक्षेप की मांग, अमृतसर-चंडीगढ़ में निकाला गया विशाल रोष मार्च
बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर पंजाब में प्रदर्शन:केंद्र से हस्तक्षेप की मांग, अमृतसर-चंडीगढ़ में निकाला गया विशाल रोष मार्च बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले के खिलाफ आज पंजाब के चंडीगढ़ और अमृतसर में रोष मार्च निकाला गया। चंडीगढ़ में यह मार्च सेक्टर 17 प्लाजा से शुरू हुआ और अमृतसर में यह मार्च श्री दुर्गियाना मंदिर से शुरू होकर जलियांवाला बाग तक चला। इस प्रदर्शन में चंडीगढ़ के हिंदू संगठनों, अमृतसर की दुर्गियाना कमेटी ने बांग्लादेश के खिलाफ नारेबाजी की। अमृतसर में सेक्टर 17 में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए स्वामी श्यामानंद जी ने कहा कि अगर पूरी दुनिया में विश्वासघात का कोई उदाहरण देखना है तो वह बांग्लादेश है। जिस बांग्लादेश के लिए हजारों भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी, बलिदान दिए, भारत के लोगों ने 1971 में हर घर से ₹1 एकत्र करके तन, मन और धन से मदद की, बांग्लादेश को थाली में परोस कर दिया, वह बांग्लादेश आज बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार कर रहा है। हिंदू इस्कॉन के मंदिरों को तोड़ा और जलाया जा रहा है, हिंदुओं और गायों की हत्या की जा रही है। अब भारत की दया पर जी रहे बांग्लादेश से कोई याचना नहीं होनी चाहिए, केवल युद्ध होना चाहिए, उसे उसकी जगह दिखाने का समय आ गया है। सेक्टर 40 में हवन करवाया गया बांग्लादेश में अब तक सांप्रदायिक हिंसा में 100 से अधिक हिंदुओं की मौत हो चुकी है। उनकी आत्मा की शांति के लिए आज नारी जागृति मंच और पिंक ब्रिगेड द्वारा श्री हनुमान धाम, सेक्टर 40-बी में 108 गायत्री मंत्रों के जाप के साथ महायज्ञ करवाया गया और साथ ही हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और हिंदू मंदिरों को तोड़े जाने के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए कड़ी निंदा की गई। इस अवसर पर प्रधान नीना तिवारी ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि हमारे हिंदुओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं और उन्हें बेरहमी से मारा जा रहा है। हमारे हिंदू संतों को बिना किसी कारण के जेल में डाल दिया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रार्थना की कि वे इस समस्या का समाधान निकालें और जेल में बंद हिंदू संतों और महात्माओं को सम्मानपूर्वक रिहा करवाएं। बांग्लादेशियों को भारत से बाहर निकालने की मांग उठी इस अवसर पर दुर्गियाना मंदिर समिति की अध्यक्ष प्रोफेसर लक्ष्मी कांता चावला ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा की जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में करीब दो करोड़ बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं, जो भारत का अन्न खा रहे हैं, लेकिन भारतीयों पर अत्याचार कर रहे हैं। अगर बांग्लादेश में अत्याचार बढ़ रहे हैं, तो उन्हें भी भारत से वापस भेजा जाना चाहिए। इस रोष मार्च में संत समाज, धार्मिक संस्थाओं, राजनीतिक दलों और विभिन्न हिंदू संगठनों के हजारों लोग शामिल हुए। सभी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई और “भारत माता की जय” के नारे लगाए। बांग्लादेश को सबक सिखाने का समय आ गया प्रोफेसर चावला और अन्य हिंदू संगठनों के नेताओं ने केंद्र सरकार से अपील की कि अब बांग्लादेश को कड़ा सबक सिखाने का समय आ गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बांग्लादेश अपनी हरकतें बंद नहीं करता है तो भारत को उसे नक्शे से मिटाने में संकोच नहीं करना चाहिए।
NHAI के रुके प्रोजेक्ट्स पर बोले केंद्रीय मंत्री गडकरी:भूमि अधिग्रहण बाधाओं के कारण रुके पंजाब के 3303 करोड़ के काम
NHAI के रुके प्रोजेक्ट्स पर बोले केंद्रीय मंत्री गडकरी:भूमि अधिग्रहण बाधाओं के कारण रुके पंजाब के 3303 करोड़ के काम पंजाब के तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को बंद करने की आवाज सांसद में भी गूंजी। राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी की तरफ से उठाए गए सवालों पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को खुद इस पर भारत सरकार का पक्ष रखना पड़ा। राज्य सभा में केंद्र सरकार का कहना है कि भूमी अधिग्रहण में आ रही दक्कतों के कारण ये प्रोजेक्ट रोके गए हैं। पंजाब से राज्यसभा सांसद विक्रम साहनी के प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि NHAI ने वास्तव में भूमि अधिग्रहण बाधाओं और आवश्यकताओं की अनुपलब्धता के कारण 3,303 करोड़ रुपए की लागत वाली परियोजनाओं को रद्द कर दिया था। गडकरी ने ये भी जानकारी दी कि परियोजनाओं को जारी रखने के लिए भूमि अधिग्रहण व आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र की तरफ से पंजाब सरकार को प्रस्ताव भी भेजा गया है। पंजाब में अभी तक 52000 करोड़ रुपए की लागत से 1500 किमी लंबा राष्ट्रीय मार्ग विकसित किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण ना होने से NHAI को पहुंचा नुकसान भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजों में देरी का नुकसान भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को उठाना पड़ा। परियोजनाओं पर काम कर रहे ठेकेदार NHAI के साथ किए गए कंट्रेक्ट खत्म करने या रोकने पर बोधित हो गए। अधकितर ठेकेदारों की तरफ से NHAI से क्लेम भी मांगा है। 28 अगस्त को परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अब पंजाब व अन्य राज्यों में चल रहे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करेंगे। हालांकि पहले वे 31 जुलाई को ये बैठक करने वाले थे। लेकिन मानसूर सत्र में व्यस्त रहने के कारण इसे स्थगित किया गया। अब इसे 28 अगस्त को किया जाएगा। NHAI पहले भी राज्य के अधिकारियों पर जता चुकी नाराजगी NHAI पहले भी पंजाब सरकार के अधिकारियों की ढीले रवैये पर नाराजगी जता चुकी है। जिसके चलते NHAI ने पंजाब में 3303 करोड़ रुपये के तीन प्रोजेक्ट लुधियाना-रोपड़-खरड़, दक्षिण लुधियाना बाईपास और अमृतसर से टांडा प्रोजेक्ट बंद करने का फैसला लिया गया था। बीते महीने NHAI के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा को पत्र लिख कर अपनी नाराजगी भी जताई थी। पंजाब सरकार के अधिकारियों की ढिलाई के कारण न सिर्फ 8245 करोड़ का यह प्रोजेक्ट खतरे में है, बल्कि 42,175 करोड़ रुपये का दूसरा प्रोजेक्ट्स पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट कटरा, अमृतसर, दिल्ली एक्सप्रेस-वे का काम भी अधर में लटका हुआ है। तरनतारन और अमृतसर में जमीन अधीग्रहण व अवॉर्ड का काम पूरा नहीं हो पाया है।