वाराणसी में अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के कार्यक्रम को कमिश्नरेट पुलिस की अनुमति नहीं मिली। दलित समाज की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को ऐन मौके पर रद करना पड़ा। दोपहर तक सांसद परमिशन के इंतजार में कार्यक्रम में शामिल होने का करते रहे। 11 नवंबर को ऐप्लीकेशन दिया था। लेकिन, पुलिस अधिकारी रिपोर्ट के नाम पर टाल मटोल करते रहे। शुक्रवार को कार्यक्रम तिथि 22 नवंबर पर डीसीपी काशी की ओर से अनुमति नहीं दिए जाने का पत्र भेजा गया। अनुमति नहीं मिलने से सपा कार्यकर्ता और नेताओं में आक्रोश है। पूर्व सीएम के श्रद्धांजलि सभा को रोकने में षडयंत्र का आरोप लगाया है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनने वाले थे
समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव रजत कुमार ने पूर्व सीएम एवं पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव की जयंती पर रविदास घाट पर कार्यक्रम तय किया था। दलित समाज की भागीदारी से आयोजित कार्यक्रम में अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद मुख्य अतिथि थे। इसमें रविदास घाट पर पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा तय थी। इसके अलावा हवन पूजन और गंगा का दुग्धाभिषेक का कार्यक्रम था। सीपी को दिया था प्रार्थना पत्र, डीसीपी का परमिशन से इनकार लंका के सुंदरपुर निवासी रजत कुमार बाल्मीकि पुत्र राजाराम बाल्मीकि ने 11 नवंबर को पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर मुलायम सिंह यादव की जयंती पर श्रद्धांजलि सभा की अनुमति मांगी थी। इसमें बताया था कि कार्यक्रम में अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद को शामिल होना है। कार्यक्रम दलित समाज के मुख्य स्थल रविदास घाट पर होगा और इसमें लगभग 200 पुरुषों समेत 50 महिलाओं की मौजूदगी रहेगी। समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी के कार्यकर्ता ही पूरी व्यवस्था को संभालेंगे, इसके बाद पत्र को अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था कार्यालय पहुंचा तो कई दिनों तक ऊहापोह में रखा रहा। इसके बाद 17 नवंबर को डीसीपी काशी से संबंधित थानों की रिपोर्ट तलब की। इसमें थाना लंका और नगवा चौकी इंचार्ज ने रिपोर्ट प्रेषित की, जिसमें आयोजन की अनुमति को लेकर संशय जताया। आवेदक सपा लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव रजत पुलिस के चक्कर लगाते रहे और परमिशन की चर्चा की। लगातार कवायद के बावजूद पुलिस ने 22 नवंबर को पत्र का जवाब दिया। डीसीपी काशी गौरव वंशवाल की ओर से जारी पत्र में बताया गया कि कार्यक्रम परंपरागत नहीं है और इसलिए इसके आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती। वाराणसी में अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के कार्यक्रम को कमिश्नरेट पुलिस की अनुमति नहीं मिली। दलित समाज की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को ऐन मौके पर रद करना पड़ा। दोपहर तक सांसद परमिशन के इंतजार में कार्यक्रम में शामिल होने का करते रहे। 11 नवंबर को ऐप्लीकेशन दिया था। लेकिन, पुलिस अधिकारी रिपोर्ट के नाम पर टाल मटोल करते रहे। शुक्रवार को कार्यक्रम तिथि 22 नवंबर पर डीसीपी काशी की ओर से अनुमति नहीं दिए जाने का पत्र भेजा गया। अनुमति नहीं मिलने से सपा कार्यकर्ता और नेताओं में आक्रोश है। पूर्व सीएम के श्रद्धांजलि सभा को रोकने में षडयंत्र का आरोप लगाया है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनने वाले थे
समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव रजत कुमार ने पूर्व सीएम एवं पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव की जयंती पर रविदास घाट पर कार्यक्रम तय किया था। दलित समाज की भागीदारी से आयोजित कार्यक्रम में अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद मुख्य अतिथि थे। इसमें रविदास घाट पर पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा तय थी। इसके अलावा हवन पूजन और गंगा का दुग्धाभिषेक का कार्यक्रम था। सीपी को दिया था प्रार्थना पत्र, डीसीपी का परमिशन से इनकार लंका के सुंदरपुर निवासी रजत कुमार बाल्मीकि पुत्र राजाराम बाल्मीकि ने 11 नवंबर को पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर मुलायम सिंह यादव की जयंती पर श्रद्धांजलि सभा की अनुमति मांगी थी। इसमें बताया था कि कार्यक्रम में अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद को शामिल होना है। कार्यक्रम दलित समाज के मुख्य स्थल रविदास घाट पर होगा और इसमें लगभग 200 पुरुषों समेत 50 महिलाओं की मौजूदगी रहेगी। समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी के कार्यकर्ता ही पूरी व्यवस्था को संभालेंगे, इसके बाद पत्र को अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था कार्यालय पहुंचा तो कई दिनों तक ऊहापोह में रखा रहा। इसके बाद 17 नवंबर को डीसीपी काशी से संबंधित थानों की रिपोर्ट तलब की। इसमें थाना लंका और नगवा चौकी इंचार्ज ने रिपोर्ट प्रेषित की, जिसमें आयोजन की अनुमति को लेकर संशय जताया। आवेदक सपा लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव रजत पुलिस के चक्कर लगाते रहे और परमिशन की चर्चा की। लगातार कवायद के बावजूद पुलिस ने 22 नवंबर को पत्र का जवाब दिया। डीसीपी काशी गौरव वंशवाल की ओर से जारी पत्र में बताया गया कि कार्यक्रम परंपरागत नहीं है और इसलिए इसके आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर