फतेहाबाद के ब्लाक समिति के सदस्य चेयरपर्सन पूजा रानी के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। आज ब्लाक समिति सदस्य एडीसी राहुल महाजन से मिलने पहुंचे। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के लिए तारीख की मांग की। इससे पहले रतिया और भट्टू के सदस्य भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए मीटिंग की मांग कर चुके हैं, जिस पर बीते दिन प्रशासन ने 4 दिसंबर को सुबह 11 बजे भट्टू ब्लाक व शाम 4 बजे रतिया ब्लाक समिति के सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव की मीटिंग के बुलाई है। 22 सदस्यों के साथ होने का दावा फतेहाबाद ब्लाक समिति में 30 सदस्य शामिल हैं। इसलिए अविश्वास प्रस्ताव के लिए 20 सदस्य मीटिंग में होने जरूरी हैं। आज ज्ञापन देने पहुंचे सदस्यों ने उनके पास 22 लोगों की संख्या होने का दावा किया और बताया कि आज 21 सदस्य ज्ञापन देने पहुंचे हैं। एडीसी ने जल्द ही मीटिंग की तारीख का आश्वासन दिया है। चेयरपर्सन पर भेदभाव का आरोप एडीसी से मिलने पहुंचे ब्लाक समिति सदस्य वीरेंद्र भादू एडवोकेट, सीमा रानी आदि ने बताया कि चेयरपर्सन पूजा रानी द्वारा ब्लाक समिति के वार्डों में भेदभाव से काम करवाया जा रहा है। किसी वार्ड में काम ज्यादा हो रहे हैं, तो किसी में काम हो ही नहीं रहे। जिस कारण सदस्यों में अविश्वास है और सदस्य नाराज हैं। रतिया व भट्टू ब्लाक समिति प्रधान के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव बता दें कि रतिया और भट्टू के ब्लाक समिति प्रधानों की कुर्सी के ऊपर पहले से ही खतरा मंडराया हुआ है। हालांकि वहां कारण राजनीतिक हैं, लेकिन फतेहाबाद में अविश्वास का कारण भेदभाव बताया गया है। इससे पहले 8 नवंबर को भट्टू ब्लाक समिति के 16 सदस्य डीसी से मिले थे और चेयरपर्सन ज्योति लूणा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मीटिंग की मांग की थी, जिसके बाद 18 तारीख को मीटिंग का समय तय कर दिया गया था, लेकिन 18 तारीख को एडीसी छुट्टी पर चले गए। वहीं तीन दिन पहले रतिया ब्लाक समिति के 16 सदस्य हस्ताक्षरित मांग पत्र लेकर डीसी से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने ब्लाक समिति चेयरमैन केवल कृष्ण मेहता के खिलाफ अविश्वास जाहिर किया था और उनके खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए डेट की मांग की थी। फतेहाबाद के ब्लाक समिति के सदस्य चेयरपर्सन पूजा रानी के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। आज ब्लाक समिति सदस्य एडीसी राहुल महाजन से मिलने पहुंचे। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के लिए तारीख की मांग की। इससे पहले रतिया और भट्टू के सदस्य भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए मीटिंग की मांग कर चुके हैं, जिस पर बीते दिन प्रशासन ने 4 दिसंबर को सुबह 11 बजे भट्टू ब्लाक व शाम 4 बजे रतिया ब्लाक समिति के सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव की मीटिंग के बुलाई है। 22 सदस्यों के साथ होने का दावा फतेहाबाद ब्लाक समिति में 30 सदस्य शामिल हैं। इसलिए अविश्वास प्रस्ताव के लिए 20 सदस्य मीटिंग में होने जरूरी हैं। आज ज्ञापन देने पहुंचे सदस्यों ने उनके पास 22 लोगों की संख्या होने का दावा किया और बताया कि आज 21 सदस्य ज्ञापन देने पहुंचे हैं। एडीसी ने जल्द ही मीटिंग की तारीख का आश्वासन दिया है। चेयरपर्सन पर भेदभाव का आरोप एडीसी से मिलने पहुंचे ब्लाक समिति सदस्य वीरेंद्र भादू एडवोकेट, सीमा रानी आदि ने बताया कि चेयरपर्सन पूजा रानी द्वारा ब्लाक समिति के वार्डों में भेदभाव से काम करवाया जा रहा है। किसी वार्ड में काम ज्यादा हो रहे हैं, तो किसी में काम हो ही नहीं रहे। जिस कारण सदस्यों में अविश्वास है और सदस्य नाराज हैं। रतिया व भट्टू ब्लाक समिति प्रधान के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव बता दें कि रतिया और भट्टू के ब्लाक समिति प्रधानों की कुर्सी के ऊपर पहले से ही खतरा मंडराया हुआ है। हालांकि वहां कारण राजनीतिक हैं, लेकिन फतेहाबाद में अविश्वास का कारण भेदभाव बताया गया है। इससे पहले 8 नवंबर को भट्टू ब्लाक समिति के 16 सदस्य डीसी से मिले थे और चेयरपर्सन ज्योति लूणा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मीटिंग की मांग की थी, जिसके बाद 18 तारीख को मीटिंग का समय तय कर दिया गया था, लेकिन 18 तारीख को एडीसी छुट्टी पर चले गए। वहीं तीन दिन पहले रतिया ब्लाक समिति के 16 सदस्य हस्ताक्षरित मांग पत्र लेकर डीसी से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने ब्लाक समिति चेयरमैन केवल कृष्ण मेहता के खिलाफ अविश्वास जाहिर किया था और उनके खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए डेट की मांग की थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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राव इंद्रजीत की प्रेशर पॉलिटिक्स का राज क्या?:हरियाणा में बेटी को मंत्रीपद, अपनी प्रमोशन या CM दावेदारी; 15 MLA के समर्थन का दावा कर चुके हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाने वाली BJP के भीतर अहीरवाल बेल्ट में सबसे ज्यादा राजनीति गर्माई हुई है। यहां से पार्टी को 11 में से 10 सीटों पर जीत मिली है। सरकार बनाने में इस इलाके का अहम रोल होने के कारण यहां के कद्दावर नेता और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह प्रेशर पॉलिटिक्स की राह पर चल पड़े हैं। रिजल्ट आने के बाद से ही राव इंद्रजीत सिंह पूरी तरह एक्टिव है और चुनाव जीते 9 MLA उनसे मुलाकात कर चुके हैं। राव इंद्रजीत सिंह से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, उनके संपर्क में 15 से ज्यादा MLA है। ऐसे में राव इंद्रजीत सिंह किस बड़ी मंशा को लेकर चल रहे हैं, इसको लेकर खूब चर्चा हो रही है। सियासी माहिरों की मानें तो राव इस पूरे दांव से क्या साधना चाहते हैं, उसकी ये 5 वजहें हो सकती हैं…. 1. बेटी को हरियाणा में मंत्रीपद
राव इंद्रजीत सिंह ने इस बार अपने पसंद से अहीरवाल की 11 में से 9 सीटों पर उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया, जिनमें सभी चुनाव जीत गए। इनमें अटेली सीट से उनकी बेटी आरती राव भी शामिल है। आरती राव का ये पहला ही चुनाव था। उन्हें कड़े मुकाबले में जीत मिली है। राव इंद्रजीत सिंह बेटी आरती राव को नई सरकार में मंत्री बनाकर इलाके में अपनी पकड़ को और मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं। 2. अपने समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह
BJP अहीरवाल बेल्ट को इस बार 2 कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री का पद दे सकती है। राव इंद्रजीत सिंह की कोशिश अपने समर्थक विधायकों को ही इन पदों पर एडजस्ट करने की है। इनमें पटौदी से चुनाव जीती बिमला चौधरी के अलावा लक्ष्मण यादव, ओपी यादव को मंत्री बनाया जा सकता है। बिमला चौधरी किसी वजह से मंत्री नहीं बन पाई तो बावल से चुनाव जीते डॉ. कृष्ण कुमार को विकल्प के रूप में मंत्रीपद दिलवा सकते है। 3. राव नरबीर को मंत्री बनने से रोकना
अहीरवाल की बादशाहपुर सीट पर सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले राव नरबीर सिंह का नाम नए मंत्रिमंडल को लेकर सुर्खियों में है। नरबीर सिंह इस बार अपने खुद के दम पर टिकट लेकर आए और चुनाव भी जीत गए। उन्हें राव इंद्रजीत सिंह का धुर विरोधी माना जाता है। राव इंद्रजीत सिंह नहीं चाहते कि राव नरबीर सिंह सरकार में मंत्री बने। राव इंद्रजीत सिंह खुद गुरुग्राम से सांसद है। अगर राव नरबीर मंत्री बनते है तो राव इंद्रजीत सिंह का वह इलाके में दूसरा बड़ा विकल्प बन सकते है। नरबीर 2014 में भी चुनाव जीतने के बाद मनोहर लाल की कैबिनेट में पावरफुल मंत्री बने थे। हालांकि 2019 के चुनाव में उनकी टिकट कट गई थी। 4. CM पद पर दावा बरकरार रखना
अहीरवाल से मुख्यमंत्री पद की मांग भी लगातार उठ रही है। रेवाड़ी यादव सभा इसकी मांग पहले ही कर चुकी है। हालांकि भाजपा पहले ही नायब सैनी को सीएम चेहरा घोषित कर चुकी है। फिर भी राव भविष्य के लिए दावा मजबूत रखना चाहते हैं। यही वजह है कि राव इंद्रजीत सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार सीएम पद पर दावा ठोका। रिजल्ट आने के बाद भी राव इंद्रजीत सिंह ने कहा- हमने 10 सीटें जिताकर अपना काम कर दिया। अब हाईकमान को इलाके की संज्ञान लेना चाहिए। 5. केंद्र में राज्यमंत्री की जगह कैबिनेट मंत्री की प्रमोशन
राव इंद्रजीत सिंह ने भाजपा में रहते हुए गुरुग्राम सीट से लगातार तीसरी लोकसभा चुनाव जीता। दोनों बार वह मोदी सरकार में राज्यमंत्री रहे। इस बार जीत के बाद उनके कैबिनेट मंत्री बनने की संभावनाएं थी। लेकिन उन्हें राज्यमंत्री का पद मिला। जिसका दर्द राव इंद्रजीत सिंह खुद बयां कर चुके हैं। वह कह चुके है कि उनसे छोटे नेता को कैबिनेट मंत्री बना दिया और वह आज तक राज्यमंत्री ही रहे, जिससे अहीरवाल इलाके में भी मायूसी हुई। अब विधानसभा चुनाव में इस इलाके से मिली बड़ी जीत के बाद राव इंद्रजीत सिंह केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री की प्रमोशन चाहते हैं। दो सीटों पर प्रचार करने नहीं गए राव इंद्रजीत
भाजपा ने इस बार गुरुग्राम से मुकेश शर्मा, बावल से डॉ. कृष्ण कुमार, पटौदी से बिमला चौधरी, सोहना से तेजपाल तंवर, रेवाड़ी से लक्ष्मण सिंह यादव, अटेली से आरती राव, नारनौल से ओमप्रकाश यादव और महेंद्रगढ़ से कंवर सिंह को राव इंद्रजीत सिंह की पसंद से टिकट दी। जबकि नांगल चौधरी में डॉ. अभय सिंह और बादशाहपुर में राव नरबीर को उनके विरोध के बीच चुनावी मैदान में उतारा। राव नरबीर तो चुनाव जीत गए लेकिन अभय सिंह चुनाव हार गए। इलाके में मजबूत पकड़ होने के कारण राव इंद्रजीत सिंह ने प्रचार की जिम्मेदारी खुद संभाली। हालांकि वह बादशाहपुर और नांगल चौधरी में चुनाव प्रचार करने नहीं गए। अहीरवाल में राव इंद्रजीत सिंह के परिवार की पकड़
अहीरवाल इलाके में राव इंद्रजीत सिंह के परिवार रामपुरा हाउस की पकड़ दशकों से रही है। पहले उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह का इलाके में दबदबा रहा। इसके बाद राव इंद्रजीत सिंह ने पिता के रुतबे को इस इलाके में बनाए रखा। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह एक तरह से अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अपनी बेटी आरती राव को पूरी तरह एडजस्ट कर चुके है। राव इंद्रजीत सिंह 6 बार सांसद और 4 बाद विधायक बने है। अब उनकी उत्तराधिकारी के रूप में आरती राव इस पूरे इलाके में एक्टिव है।
हरियाणा में महिला डॉक्टर ने फंदा लगाया:बेटा बोला- पत्नी से नहीं बनती थी, भाई बोला- पति जिम्मेदार; पूरी फैमिली डॉक्टर्स की
हरियाणा में महिला डॉक्टर ने फंदा लगाया:बेटा बोला- पत्नी से नहीं बनती थी, भाई बोला- पति जिम्मेदार; पूरी फैमिली डॉक्टर्स की हरियाणा के फतेहाबाद में बस स्टैंड के पीछे लूथरा अस्पताल की संचालिका डॉ. सुनीता लूथरा ने आज तड़के फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। इसका कारण घरेलू क्लेश बताया जा रहा है। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। इसमें मृतका के डॉक्टर बेटे का कहना है कि उसकी पत्नी की मां से बनती नहीं थी। अक्सर लड़ाई होती रहती थी। वहीं, मृतका के भाई ने आरोप लगाया है कि उसका जीजा यानी मृतका का पित इस वारदात का जिम्मेदार है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है। बेटे और बहू का भी अलग क्लीनिक
पुलिस के अनुसार, 65 वर्षीय डॉ. देवेंद्र लूथरा और उनकी पत्नी 62 वर्षीय डॉ. सुनीता लूथरा बस स्टैंड के पीछे सालों से चर्म रोग व मैटरनिटी अस्पताल चला रहे हैं। उनके बेटे डॉ. प्रतीक लूथरा और बहू नैंसी लूथरा का भी भूना में क्लिनिक है। बस स्टैंड के पीछे मौजूद बिल्डिंग के ग्रांउड फ्लोर पर अस्पताल, पहली मंजिल पर डॉक्टर लूथरा रहते है और उससे ऊपर की मंजिल पर उनके बेटे का परिवार रह रहा है। बताया जा रहा है कि पूरे परिवार में घरेलू कलह चल रही थी। नाश्ता करने आया बेटा तो मां को लटका देखा
मृतका के बेटे डॉ. प्रतीक लूथरा ने पुलिस को बताया है कि वह रोजाना की भांति आज भी करीब साढ़े 8 बजे अपने क्लिनिक भूना जाने के लिए तैयार हुआ था। नाश्ता करने के लिए जब नीचे आया तो देखा कि उसकी मां अपने कमरे से अभी तक बाहर नहीं आई थीं। डॉ. प्रतीक का कहना है कि जब उन्होंने दरवाजा खोला तो दंग रह गए। उनकी मां सुनीता कमरे में पंखे पर कपड़े के सहारे लटकी हुई थीं। प्रतीक ने बताया कि उन्होंने ही मां को फंदे से उतारा और वारदात के बारे में परिवार को सूचित किया। डॉ. प्रतीक ने रोते हुए पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी डॉ. नैंसी और मां सुनीता की आपस में नहीं बनती थी। उन दोनों में अक्सर झगड़ा होता रहता था। साले ने जीजा पर लगाए बहन को परेशान करने के आरोप
उधर, डॉ. सुनीता लूथरा के भाई विकास झंडई और सुनील ने अपने जीजा डॉ. देवेंद्र लूथरा को बहन की मौत का जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने पुलिस के सामने गुस्सा प्रकट करते हुए कहा कि देवेंद्र उनकी बहन को परेशान करते थे। विकास ने कहा कि बहन परेशान रहती थी, इसलिए वह चार-पांच साल से उसके घर भी नहीं आ रहे थे। सुनीता अक्सर फोन पर उन्हें परेशानी बयान करती थी। पुलिस जांच कर रही
इस मामले में सिटी थाने के SHO रणजीत सिंह का कहना है कि फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। घरवालों और रिश्तेदारों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इनके बयानों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा में 2 सड़क हादसे, 4 लोगों की मौत:5 घायल, बेकाबू डंपर ने 2 बाइक सवारों को कुचला, कैथल में गाड़ी ट्राले से टकराई
हरियाणा में 2 सड़क हादसे, 4 लोगों की मौत:5 घायल, बेकाबू डंपर ने 2 बाइक सवारों को कुचला, कैथल में गाड़ी ट्राले से टकराई हरियाणा में शुक्रवार सुबह 2 भयानक हादसे हुए। पहला हादसा रेवाड़ी जिले में हुआ, जहां एक बेकाबू डंपर ने पहले एंबुलेंस को टक्कर मारी। इसके बाद उसने संतुलन खो दिया और दो बाइक और एक स्कूटर को टक्कर मार दी। जिसके बाद डंपर बेकाबू होकर पास में ही एक चाय की दुकान से जा टकराया। हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है। दूसरा हादसा कैथल जिले में हुआ, जहां एक कार ट्राले से टकरा गई। इस हादसे में एक महिला और एक पुरुष की मौत हो गई। जबकि हादसे में 4 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। मृतकों की पहचान चीका अग्रवाल धर्मशाला की प्रधान कस्तूरी गर्ग (66) और शिक्षा (63) के रूप में हुई है। दोनों बाइकों के चालकों की मौत
पहला हादसा रात करीब 8:45 बजे रेवाड़ी-दिल्ली मार्ग पर फिदेड़ी गांव के मोड़ पर हुआ। एक डंपर रेवाड़ी से धारूहेड़ा जा रहा था। तभी डंपर ने आगे चल रही एंबुलेंस को टक्कर मार दी। इसके बाद डंपर बेकाबू हो गया। इसने साथ चल रही 2 बाइकों के अलावा स्कूटर पर सब्जी लेकर जा रहे एक व्यक्ति को भी टक्कर मार दी। हादसे में दोनों बाइकों के चालकों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि स्कूटर चालक हांसाका गांव निवासी पवन गंभीर रूप से घायल हो गया। डंपर फिदेड़ी मोड़ पर एक चाय की दुकान में जा घुसा। गनीमत रही कि उस समय चाय की दुकान में कोई नहीं था डंपर चालक को गिरफ्तार किया
हादसे के बाद भीड़ ने आरोपी डंपर चालक को मौके पर ही पकड़ लिया। सूचना के बाद सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और डंपर चालक को गिरफ्तार कर लिया। हादसे में मरने वाले दोनों युवकों की अभी पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस ने दोनों के शवों को नागरिक अस्पताल स्थित शवगृह में रखवा दिया है। साथ ही घायल पवन को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कार का अगला हिस्सा चकनाचूर हुआ
जानकारी के अनुसार वे राजस्थान के पुष्कर मेले में गए थे, जब वे वापस लौट रहे थे तो घने कोहरे के कारण उनकी कार खरक पांडवा गांव के पास खड़े ट्राले से टकरा गई। क्रूजर कार में 12 यात्री बैठे थे, ट्राले से टक्कर होने के कारण कार आगे की तरफ से चकनाचूर हो गई। इसमें बैठे अन्य चार लोगों को भी गंभीर चोटें आई हैं, जबकि 6 लोग सुरक्षित बताए जा रहे हैं। कलायत थाना प्रभारी जय भगवान ने बताया कि गांव खरक पांडवा के पास हुए सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा चार अन्य घायल भी हुए हैं, यह परिवार राजस्थान के पुष्कर मेले में गया था, हादसा किसके साथ हुआ, इसका पता नहीं चल पाया है।