बहरीन में आयोजित हुई विश्व बोकिया चैलेंज सीरीज में हरियाणा में रेवाड़ी की रहने वाली पूजा गुप्ता ने बीसी-4 महिला व्यक्तिगत श्रेणी में कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया। पूजा गुप्ता इस श्रेणी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं, जिन्होंने न केवल व्यक्तिगत श्रेणी में सफलता हासिल की, बल्कि देश को गौरव प्रदान किया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद पूजा ने एक और शानदार मुकाम हासिल किया। उन्होंने मिश्रित जोड़ी बीसी- श्रेणी में सिल्वर पदक जीता। यह उपलब्धि भारत के लिए एक और ऐतिहासिक पल बना गई, क्योंकि वह बीसी-4 श्रेणी में मिश्रित जोड़ी इवेंट में अपने साथी खिलाड़ी जतिन कुमार कुशवाह के साथ पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं। पूजा ने इतिहास रचते हुए भारतीय बोकिया को विश्व स्तर पर एक नया मुकाम दिया। 90 प्रतिशत शरीर से विकलांग, बैंक में चीफ मैनेजर दरअसल, रेवाड़ी शहर के नई आबादी मोहल्ला निवासी पूजा गुप्ता पंजाब नेशनल बैंक पंचकूला में चीफ मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। तकरीबन 90 प्रतिशत शरीर से विकलांग पूजा ने अपने खेल की शुरूआत 2020 में की थी। उस वक्त वह मैनेजर के पद पर नौकरी करती थी। पूजा गुप्ता को 2014 में बतौर एसिस्टेंट मैनेजर बैंक में नौकरी मिली थी। उनका जन्म सदाहरण परिवार में 1990 में हुआ था। पूजा गुप्ता की इस सफलता में उनकी मेहनत, संघर्ष और समर्पण का अहम योगदान है। उनका कहना है कि यह सफर आसान नहीं था, लेकिन समर्थन और प्रोत्साहन के कारण ही यह संभव हो पाया। पूजा के परिवार और कोच जसप्रीत सिंह के अलावा उनकी मोसी रेखा गुप्ता व चाचा बृजभूषण गुप्ता का उनके प्रति विशेष सहयोग रहा। पूजा का कहना है कि उनकी मदद और मार्गदर्शन के बगैर यह उपलब्धि संभव नहीं हो पाती। कई लेवल पर मेडल जीत चुकी पूजा बीसी-4 श्रेणी में भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी होने के साथ-साथ पूजा गुप्ता ने ग्वालियर में आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप 2024 में एक स्वर्ण पदक और एक कांस्य पदक भी जीते थे। इससे पहले उन्होंने चीन में अक्टूबर 2023 में पाटा एशियाई खेलों और हांगकांग में दिसंबर 2023 में विश्व बोकिया चैलेंजर में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। 2022 में भी उन्होंने पोलैंड और इटली में आयोजित विश्व बोकिया चैलेंजर प्रतियोगिताओं में भारत का नाम रोशन किया। इसके अलावा पंजाब में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप 2022 में उन्होंने दो स्वर्ण पदक जीते और आंध्र प्रदेश में 2021 की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में कांस्य पदक भी हासिल किया। पूजा गुप्ता की यह सफलता न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत का परिणाम है, बल्कि उनके परिवार के समर्थन और प्रेरणा का भी प्रतिबिंब है। उनकी मां सुनीता गुप्ता और पिता अजय गुप्ता ने अपनी बेटी की सफलता पर गर्व महसूस करते हुए कहा-हमें अपनी बेटी पर गर्व है। वह हमेशा से कठिनाईयों का सामना करती आई है और अब उसने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। हम उसके इस अद्वितीय साहस और सफलता पर बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा-पूजा गुप्ता ने बोकिया में भारत की पहचान को विश्व स्तर पर मजबूती से स्थापित किया है। उनकी उपलब्धियों से प्रेरित होकर कई युवा खिलाड़ी इस खेल में आने के लिए प्रोत्साहित होंगे। बहरीन में आयोजित हुई विश्व बोकिया चैलेंज सीरीज में हरियाणा में रेवाड़ी की रहने वाली पूजा गुप्ता ने बीसी-4 महिला व्यक्तिगत श्रेणी में कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया। पूजा गुप्ता इस श्रेणी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं, जिन्होंने न केवल व्यक्तिगत श्रेणी में सफलता हासिल की, बल्कि देश को गौरव प्रदान किया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद पूजा ने एक और शानदार मुकाम हासिल किया। उन्होंने मिश्रित जोड़ी बीसी- श्रेणी में सिल्वर पदक जीता। यह उपलब्धि भारत के लिए एक और ऐतिहासिक पल बना गई, क्योंकि वह बीसी-4 श्रेणी में मिश्रित जोड़ी इवेंट में अपने साथी खिलाड़ी जतिन कुमार कुशवाह के साथ पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं। पूजा ने इतिहास रचते हुए भारतीय बोकिया को विश्व स्तर पर एक नया मुकाम दिया। 90 प्रतिशत शरीर से विकलांग, बैंक में चीफ मैनेजर दरअसल, रेवाड़ी शहर के नई आबादी मोहल्ला निवासी पूजा गुप्ता पंजाब नेशनल बैंक पंचकूला में चीफ मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। तकरीबन 90 प्रतिशत शरीर से विकलांग पूजा ने अपने खेल की शुरूआत 2020 में की थी। उस वक्त वह मैनेजर के पद पर नौकरी करती थी। पूजा गुप्ता को 2014 में बतौर एसिस्टेंट मैनेजर बैंक में नौकरी मिली थी। उनका जन्म सदाहरण परिवार में 1990 में हुआ था। पूजा गुप्ता की इस सफलता में उनकी मेहनत, संघर्ष और समर्पण का अहम योगदान है। उनका कहना है कि यह सफर आसान नहीं था, लेकिन समर्थन और प्रोत्साहन के कारण ही यह संभव हो पाया। पूजा के परिवार और कोच जसप्रीत सिंह के अलावा उनकी मोसी रेखा गुप्ता व चाचा बृजभूषण गुप्ता का उनके प्रति विशेष सहयोग रहा। पूजा का कहना है कि उनकी मदद और मार्गदर्शन के बगैर यह उपलब्धि संभव नहीं हो पाती। कई लेवल पर मेडल जीत चुकी पूजा बीसी-4 श्रेणी में भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी होने के साथ-साथ पूजा गुप्ता ने ग्वालियर में आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप 2024 में एक स्वर्ण पदक और एक कांस्य पदक भी जीते थे। इससे पहले उन्होंने चीन में अक्टूबर 2023 में पाटा एशियाई खेलों और हांगकांग में दिसंबर 2023 में विश्व बोकिया चैलेंजर में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। 2022 में भी उन्होंने पोलैंड और इटली में आयोजित विश्व बोकिया चैलेंजर प्रतियोगिताओं में भारत का नाम रोशन किया। इसके अलावा पंजाब में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप 2022 में उन्होंने दो स्वर्ण पदक जीते और आंध्र प्रदेश में 2021 की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में कांस्य पदक भी हासिल किया। पूजा गुप्ता की यह सफलता न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत का परिणाम है, बल्कि उनके परिवार के समर्थन और प्रेरणा का भी प्रतिबिंब है। उनकी मां सुनीता गुप्ता और पिता अजय गुप्ता ने अपनी बेटी की सफलता पर गर्व महसूस करते हुए कहा-हमें अपनी बेटी पर गर्व है। वह हमेशा से कठिनाईयों का सामना करती आई है और अब उसने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। हम उसके इस अद्वितीय साहस और सफलता पर बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा-पूजा गुप्ता ने बोकिया में भारत की पहचान को विश्व स्तर पर मजबूती से स्थापित किया है। उनकी उपलब्धियों से प्रेरित होकर कई युवा खिलाड़ी इस खेल में आने के लिए प्रोत्साहित होंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा चुनाव में कांग्रेस का कर्नाटक फॉर्मूला:लोकल फेस को प्रचार में देगी तवज्जो; बड़ी रैलियों से बचेगी, विनेश के लिए स्पेशल प्लानिंग
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस का कर्नाटक फॉर्मूला:लोकल फेस को प्रचार में देगी तवज्जो; बड़ी रैलियों से बचेगी, विनेश के लिए स्पेशल प्लानिंग हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कर्नाटक वाला फॉर्मूला लागू करने जा रही है। दरअसल, इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी काफी उत्साहित दिख रही है। वह लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। लोकसभा में कांग्रेस ने राज्य की 9 सीटों पर चुनाव लड़कर 5 पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक हरियाणा विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के प्रचार को लेकर पार्टी ने रणनीति बदल दी है। लोकसभा चुनाव में धुआंधार प्रचार करने वाले राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी की जोड़ी को लेकर यह रणनीति बदली गई है। जहां एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी लगातार प्रचार कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने अपने चुनावी रणनीतिकार सुनील कोनूगोलू से मिले इनपुट के बाद स्थानीय नेताओं के सहारे ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है। श्रीनगर में अब्दुल्ला परिवार और हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के सहारे ही वह चुनाव प्रचार पर फोकस कर रही है। राहुल गांधी ने अब तक जम्मू-कश्मीर में एक दिन प्रचार किया है, जबकि हरियाणा में उन्होंने अब तक कोई सभा नहीं की है। प्रियंका गांधी भी अब तक हरियाणा से दूर हैं। कोनुगोलू की क्या है प्लानिंग दरअसल, कोनुगोलू की टीम को लगता है कि चुनाव राज्य का है, राज्य के स्थानीय मुद्दे हावी हैं, पीएम मोदी को तो सीएम बनना नहीं है, इसलिए चुनावों को न ही राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जाए और न ही इसे राहुल बनाम मोदी बनने दिया जाए। इसी फेहरिस्त में अमेरिका से लौटने के बाद पहली बार राहुल हरियाणा गए तो राज्य में बेरोजगारी के मुद्दे को गरम कर दिया। हरियाणा में अवैध रूप से लाखों देकर जान की बाजी लगाकर विदेश जाने को मजबूर युवाओं के ही मामले अमेरिका में मिले शख्स के परिवार से मिलने करनाल गए। लेकिन चुनाव प्रचार से दूर रहे, इसलिए राहुल-प्रियंका के प्रचार को सीमित किया गया है। विनेश के लिए बन रही स्पेशल प्लानिंग पार्टी सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में राहुल- प्रियंका का दोनों राज्यों में प्रचार का कार्यक्रम बन रहा है। हालांकि इन दोनों बड़े चेहरों की रैलियों की संख्या में कमी लाई गई है। जुलाना में विनेश फोगाट के लिए राहुल-प्रियंका के प्रचार का खास कार्यक्रम भी तैयार किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी ये जानती है कि रेसलर विनेश के साथ हुए पूरे घटनाक्रम को वह चुनाव में भुना सकती है, इसलिए जुलाना के अलावा भी दूसरी सीटों पर जहां खिलाड़ियों का अच्छा खास प्रभाव हैं, उन पर यूज किया जा सके। अब यहां जानते हैं कौन है कोनूगोलू कर्नाटक में जिता चुके हैं कोनूगोलू कर्नाटक के मूल निवासी सुनील कोनूगोलू भारत के सबसे लोकप्रिय चुनाव रणनीतिकारों में से एक हैं। उन्हें मई 2023 में कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की जीत का पूरा श्रेय दिया जाता है। तेलंगाना में कांग्रेस के चुनाव अभियान की योजना बनाने के पीछे कानुगोलू ही थे, जिन्होंने पार्टी को राज्य में प्रचंड बहुमत से जीत दिलाई। दो साल पहले कोनूगोलू को केसीआर ने एक बैठक के लिए हैदराबाद में अपने फार्म हाउस पर आमंत्रित किया था। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने उन्हें चुनावों के लिए चुनावी रणनीतिकार बनाने की पेशकश की, लेकिन कोनूगोलू ने इस प्रस्ताव को ठुकराकर कांग्रेस का साथ दिया। राहुल गांधी के करीबी हैं मीडिया हलकों में ऐसी चर्चा है कि कोनूगोलू वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भी सलाहकार हैं और उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के एक बड़े हिस्से की योजना बनाने का काम भी सौंपा गया था। कांग्रेस से पहले, चुनावी रणनीतिकार ने अन्नाद्रमुक, भाजपा और द्रमुक के साथ काम किया था। प्रशांत किशोर ने जब कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार बनने प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, तब कांग्रेस ने कोनूगोलू से संपर्क किया। उन्हें टास्क फोर्स 2024 के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। कभी प्रशांत किशोर की टीम का थे हिस्सा अपने शुरुआती दिनों में सुनील कोनूगोलपू 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाली प्रशांत किशोर की टीम का हिस्सा थे। उस समय नरेंद्र मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे। बाद में प्रशांत किशोर से अलग होकर उन्होंने अपनी एक टीम बनाई और कई पार्टियों के लिए रणनीति बनाने का काम किया। वैसे देखा जाए तो कोई भी रणनीतिकार सभी चुनावों में अपेक्षित रिजल्ट नहीं ला पाते हैं।
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