यूपी उपचुनाव के नतीजों की तस्वीर साफ हो चुकी है। सभी 9 सीटों पर भास्कर रिपोर्टर्स का एग्जिट पोल 100% सही रहा। एक-एक सीट पर हमारे रिपोर्टर ने जो एग्जिट पोल किया, नतीजे भी बिल्कुल वैसे ही रहे। एग्जिट पोल में हमने बताया था कि 9 में से 7 सीटें BJP+ को मिलेगी। इनमें 6 पर भाजपा, एक सीट पर रालोद, जबकि 2 सीटें सपा जीतेगी। रिजल्ट में ऐसा ही हुआ। सपा सिर्फ 2 सीटें जीती। भाजपा ने 6 और उसकी सहयोगी रालोद ने मीरापुर में जीत दर्ज की। यूपी में सिर्फ दैनिक भास्कर ही था, जिसने एक-एक सीट पर एग्जिट पोल किया था। बाकी मीडिया हाउस ने सिर्फ कुल सीटों का आंकड़ा देकर एग्जिट पोल किया था। भास्कर एग्जिट पोल की 3 खास बातें… 1- हमने बताया था कि सपा के मजबूत गढ़ कुंदरकी में बड़ा उलट-फेर होगा। यहां भाजपा आएगी। फाइनल रिजल्ट में भी ऐसा ही हुआ। भाजपा के रामवीर सिंह ठाकुर ने सपा के हाजी रिजवान को एक लाख से ज्यादा वोट से हराया। यह सीट सपा के दिग्गज नेता बर्क का गढ़ रही है। यहां 1993 के बाद यानी 31 साल से भाजपा हार रही थी। 2- वोटिंग के दौरान सीसामऊ सीट पर सबसे ज्यादा हंगामा हुआ था। अखिलेश ने बीच चुनाव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था- प्रशासन ने सपा के वोटर्स को वोट देने से रोका। जीत को लेकर खुद सपा का कॉन्फिडेंस डगमगा गया था। रामगोपाल यादव ने दोबारा चुनाव की मांग की थी। हालांकि, हमने बताया था कि यह सीट सपा के खाते में जाएगी। रिजल्ट में भी बिल्कुल वैसा ही हुआ। 3- 2009-10 के बाद उपचुनाव लड़ रही बसपा को खाली हाथ रहना पड़ेगा। ऐसा भास्कर रिपोर्टर्स पोल ने पहले ही बता दिया था। वोटों की गिनती में इस बात पर मुहर लगी। बसपा कहीं दूसरे नंबर तक भी नहीं आ पाई। अन्य एग्जिट पोल से भास्कर रिपोर्टर्स सबसे सटीक
यूपी उपचुनाव में 3 ऑर्गनाइजेशन ने एग्जिट पोल किए। जी न्यूज ने भाजपा को 5 और सपा को 4 सीटें दीं, जबकि टाइम्स नाउ-जेवीसी ने भाजपा को 6 और सपा को 3 सीटें दी थीं। वहीं, मैट्रिज ने भाजपा को 7 और सपा को 2 सीटें दी थीं। लेकिन, मैट्रिज ने सीट वाइज नहीं बताया था कि किस पार्टी का कैंडिडेट जीत रहा। अब सीट वाइज जानिए भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या कहा था… 1- करहल: तेज प्रताप के फेवर में था समीकरण भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: मैनपुरी की करहल सीट पर शुरू से अंत तक चुनावी समीकरण तेज प्रताप यादव के फेवर में रहे। यादव बहुल इस सीट पर लोगों में चर्चा थी कि यहां जो भी विकास हुआ, वह सपा की देन है। मुलायम सिंह, अखिलेश यादव समेत सैफई परिवार का लोगों से जुड़ाव है। इसका फायदा तेज प्रताप यादव को मिलता दिखाई दिया। खुद डिंपल, अखिलेश यादव और शिवपाल यादव इस सीट पर लगातार कैंपेनिंग करने पहुंचे। फाइनल रिजल्ट: सपा के तेज प्रताप यादव ने भाजपा के अनुजेश यादव को 14,704 वोटों से हराया। 2- सीसामऊ: नसीम ने आंसुओं से वोट बटोरे भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: यहां भाजपा हिंदू वोटरों के सहारे चुनावी मैदान में उतरी थी। भाजपा ने बंटोगे तो कटोगे नारे के साथ जबरदस्त कैंपेनिंग की। लेकिन, उसे इसका नुकसान उठाना पड़ा। मुस्लिम वोटर एकजुट हो गए। सपा ने बीजेपी पर नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए सीट पर अपनी हवा बरकरार रखी। प्रचार-प्रसार के दौरान सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के छलके आंसुओं ने लोगों को कनेक्ट किया। फाइनल रिजल्ट: शुरुआत में भाजपा कैंडिडेट को कुछ देर के लिए बढ़त मिली, लेकिन आखिर में नसीम सोलंकी ने 8,564 वोटों से जीत दर्ज की। 3. कुंदरकी: रामवीर के साथ दिखी सिम्पैथी
भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: 60% मुस्लिम बहुल वोटर वाली इस सीट पर भाजपा ने दो बार चुनाव हार चुके रामवीर पर फिर से भरोसा जताया। रामवीर ने जालीदार टोपी पहन मुस्लिम वोटर में अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश की। इलाके में भाजपा का रामपुर मॉडल काम कर गया। फाइनल रिजल्ट: भाजपा प्रत्याशी रामवीर ठाकुर 1,08,934 वोटों से आगे हैं और सपा प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो जाएगी। 4. फूलपुर सीट: दीपक पटेल ने साधे जातीय समीकरण भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: पटेल बहुल इस सीट पर पूर्व सांसद केशरी देवी पटेल के बेटे दीपक पटेल ने जातीय समीकरण साधा। सपा प्रत्याशी मुज्तबा सिद्दीकी का दलितों को लेकर दिया गया बयान, पार्टी के कार्यकर्ताओं की उनके खिलाफ नारेबाजी ने माहौल बदला। लोकसभा चुनाव में मौर्य बिरादरी के जो वोटर सपा की तरफ शिफ्ट हुए थे, वह इस बार भाजपा की तरफ शिफ्ट होते दिखाई दिए। यही वजह रही कि पहले जहां सपा के पक्ष में हवा बह रही थी, कैंडिडेट के ऐलान के बाद से यह उसके खिलाफ हो गई। फाइनल रिजल्ट: भाजपा के दीपक पटेल शुरू से ही इस सीट पर बढ़त बनाए रहे। उन्होंने यह सीट भाजपा के कब्जे में ही रखी। 5. मझवां में सुचिस्मिता मौर्य ने साधा 2017 का समीकरण भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: भाजपा के टिकट पर 2017 में चुनाव जीतीं सुचिस्मिता मौर्य यहां फिर से पुराने समीकरण साधती दिखाई दीं। वह पूर्व विधायक रामचंद्र मौर्य की बहू हैं। सपा ने पूर्व विधायक डॉ. रमेश बिंद की बेटी डॉ. ज्योति बिंद को टिकट दिया। यहां बसपा ने दीपक तिवारी को उतार ब्राह्मण-दलित-मुस्लिम समीकरण साधा, जो सपा को नुकसान पहुंचाते दिखा। फाइनल रिजल्ट: यहां भाजपा की सुचिस्मिता मौर्य आखिरी तक लीड लिए रहीं। 6. गाजियाबाद में भाजपा हैट्रिक बनाएगी भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: यहां भाजपा ने नगर महामंत्री संजीव शर्मा को उतारा, जिनकी इलाके में मजबूत पकड़ है। वहीं, सपा ने सिंह राज जाटव को कैंडिडेट बनाया। 1.50 लाख के बड़े मार्जिन से 2017 चुनाव जीतने वाली भाजपा की हवा अंत तक बनी रही। हालांकि, यहां जीत-हार के मार्जिन में बड़ा बदलाव दिख सकता है। फाइनल रिजल्ट: भाजपा ने इस सीट पर बड़ी जीत दर्ज की है। 7. खैर सीट पर भाजपा को गठबंधन से फायदा भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: जाट लैंड कही जाने वाली अलीगढ़ की खैर सीट पर भाजपा को रालोद से गठबंधन का फायदा मिलता दिखा। विकास-सुशासन के मुद्दे के साथ हवा भाजपा के फेवर में दिखाई दी। हालांकि चारू कैन ने सभी समीकरण साधने की कोशिश की है। यहां 2022 के मुकाबले 15.6% कम वोटिंग हुई। फाइनल रिजल्ट: रालोद की वजह से जाट वोट भाजपा को मिले और भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की। 8. सपा को परिवारवाद के चलते नुकसान भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: उपचुनाव के ऐलान के साथ ही सांसद लालजी वर्मा ने अपनी पत्नी शोभावती वर्मा को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी शुरू कर दी और टिकट भी दिलाया। इससे सपा में टिकट की दौड़ में रहे अन्य नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं में इसी बात की नाराजगी दिखी। वहीं, धर्मराज निषाद ने यहां जातीय समीकरण साधे। भाजपा ने लास्ट मोमेंट पर पार्टी से नाराज चल रहे नेता-कार्यकर्ताओं को मना लिया। फाइनल रिजल्ट: यहां रिजल्ट भाजपा प्रत्याशी धर्मराज निषाद के फेवर में रहा। उन्होंने चुनाव जीता। 9. मीरापुर में मिथलेश ने साधा 2009 का समीकरण भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: 2009 में रालोद ने मिथलेश पाल को चुनावी मैदान में उतारा, उन्होंने जीत दर्ज की थी। इस बार भी मिथलेश पाल ने 15 साल पुराने समीकरण साधे। भाजपा गठबंधन का फायदा उन्हें मिला। सपा से कादिर राणा की बहू सुम्बुल राणा चुनावी मैदान में उतरीं। वहीं, बसपा, आजाद समाज पार्टी और ओवैसी की AIMIM पार्टी ने सपा के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं। फाइनल रिजल्ट: मुस्लिम वोटों में बिखराव से मिथलेश को फायदा हुआ। उन्होंने चुनाव जीत लिया। भास्कर रिपोर्टर्स पोल कैसे किया गया दैनिक भास्कर ने चार लेयर पर काम किया था। पहला-भास्कर रिपोर्टर्स ने चुनाव वाले दिन सभी सीटों पर लोगों से बात की थी। दूसरा- एक्सपर्ट की राय जानी। तीसरा- पोलिंग पैटर्न को समझा। चौथा- वोटिंग से पहले सभी 9 सीटों पर हमने तीन बार ग्राउंड रिपोर्ट की। जिसमें करीब तीन हजार लोगों से बात की थी। इसी आधार पर भास्कर रिपोर्टर्स पोल ले आए। यूपी उपचुनाव 2024 में भाजपा+ को 7 सीटें:एग्जिट पोल में कुंदरकी में बड़ा उलटफेर, सीसामऊ-करहल में चली साइकिल यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग पूरी हो गई है। वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। उससे पहले एग्जिट पोल से 9 सीटों का समीकरण समझिए…। सभी 9 सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा में दिखाई दिया। भास्कर रिपोर्टर्स ने ये एग्जिट पोल किए हैं। पूरी खबर पढ़ें… यूपी उपचुनाव के नतीजों की तस्वीर साफ हो चुकी है। सभी 9 सीटों पर भास्कर रिपोर्टर्स का एग्जिट पोल 100% सही रहा। एक-एक सीट पर हमारे रिपोर्टर ने जो एग्जिट पोल किया, नतीजे भी बिल्कुल वैसे ही रहे। एग्जिट पोल में हमने बताया था कि 9 में से 7 सीटें BJP+ को मिलेगी। इनमें 6 पर भाजपा, एक सीट पर रालोद, जबकि 2 सीटें सपा जीतेगी। रिजल्ट में ऐसा ही हुआ। सपा सिर्फ 2 सीटें जीती। भाजपा ने 6 और उसकी सहयोगी रालोद ने मीरापुर में जीत दर्ज की। यूपी में सिर्फ दैनिक भास्कर ही था, जिसने एक-एक सीट पर एग्जिट पोल किया था। बाकी मीडिया हाउस ने सिर्फ कुल सीटों का आंकड़ा देकर एग्जिट पोल किया था। भास्कर एग्जिट पोल की 3 खास बातें… 1- हमने बताया था कि सपा के मजबूत गढ़ कुंदरकी में बड़ा उलट-फेर होगा। यहां भाजपा आएगी। फाइनल रिजल्ट में भी ऐसा ही हुआ। भाजपा के रामवीर सिंह ठाकुर ने सपा के हाजी रिजवान को एक लाख से ज्यादा वोट से हराया। यह सीट सपा के दिग्गज नेता बर्क का गढ़ रही है। यहां 1993 के बाद यानी 31 साल से भाजपा हार रही थी। 2- वोटिंग के दौरान सीसामऊ सीट पर सबसे ज्यादा हंगामा हुआ था। अखिलेश ने बीच चुनाव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था- प्रशासन ने सपा के वोटर्स को वोट देने से रोका। जीत को लेकर खुद सपा का कॉन्फिडेंस डगमगा गया था। रामगोपाल यादव ने दोबारा चुनाव की मांग की थी। हालांकि, हमने बताया था कि यह सीट सपा के खाते में जाएगी। रिजल्ट में भी बिल्कुल वैसा ही हुआ। 3- 2009-10 के बाद उपचुनाव लड़ रही बसपा को खाली हाथ रहना पड़ेगा। ऐसा भास्कर रिपोर्टर्स पोल ने पहले ही बता दिया था। वोटों की गिनती में इस बात पर मुहर लगी। बसपा कहीं दूसरे नंबर तक भी नहीं आ पाई। अन्य एग्जिट पोल से भास्कर रिपोर्टर्स सबसे सटीक
यूपी उपचुनाव में 3 ऑर्गनाइजेशन ने एग्जिट पोल किए। जी न्यूज ने भाजपा को 5 और सपा को 4 सीटें दीं, जबकि टाइम्स नाउ-जेवीसी ने भाजपा को 6 और सपा को 3 सीटें दी थीं। वहीं, मैट्रिज ने भाजपा को 7 और सपा को 2 सीटें दी थीं। लेकिन, मैट्रिज ने सीट वाइज नहीं बताया था कि किस पार्टी का कैंडिडेट जीत रहा। अब सीट वाइज जानिए भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या कहा था… 1- करहल: तेज प्रताप के फेवर में था समीकरण भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: मैनपुरी की करहल सीट पर शुरू से अंत तक चुनावी समीकरण तेज प्रताप यादव के फेवर में रहे। यादव बहुल इस सीट पर लोगों में चर्चा थी कि यहां जो भी विकास हुआ, वह सपा की देन है। मुलायम सिंह, अखिलेश यादव समेत सैफई परिवार का लोगों से जुड़ाव है। इसका फायदा तेज प्रताप यादव को मिलता दिखाई दिया। खुद डिंपल, अखिलेश यादव और शिवपाल यादव इस सीट पर लगातार कैंपेनिंग करने पहुंचे। फाइनल रिजल्ट: सपा के तेज प्रताप यादव ने भाजपा के अनुजेश यादव को 14,704 वोटों से हराया। 2- सीसामऊ: नसीम ने आंसुओं से वोट बटोरे भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: यहां भाजपा हिंदू वोटरों के सहारे चुनावी मैदान में उतरी थी। भाजपा ने बंटोगे तो कटोगे नारे के साथ जबरदस्त कैंपेनिंग की। लेकिन, उसे इसका नुकसान उठाना पड़ा। मुस्लिम वोटर एकजुट हो गए। सपा ने बीजेपी पर नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए सीट पर अपनी हवा बरकरार रखी। प्रचार-प्रसार के दौरान सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के छलके आंसुओं ने लोगों को कनेक्ट किया। फाइनल रिजल्ट: शुरुआत में भाजपा कैंडिडेट को कुछ देर के लिए बढ़त मिली, लेकिन आखिर में नसीम सोलंकी ने 8,564 वोटों से जीत दर्ज की। 3. कुंदरकी: रामवीर के साथ दिखी सिम्पैथी
भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: 60% मुस्लिम बहुल वोटर वाली इस सीट पर भाजपा ने दो बार चुनाव हार चुके रामवीर पर फिर से भरोसा जताया। रामवीर ने जालीदार टोपी पहन मुस्लिम वोटर में अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश की। इलाके में भाजपा का रामपुर मॉडल काम कर गया। फाइनल रिजल्ट: भाजपा प्रत्याशी रामवीर ठाकुर 1,08,934 वोटों से आगे हैं और सपा प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो जाएगी। 4. फूलपुर सीट: दीपक पटेल ने साधे जातीय समीकरण भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: पटेल बहुल इस सीट पर पूर्व सांसद केशरी देवी पटेल के बेटे दीपक पटेल ने जातीय समीकरण साधा। सपा प्रत्याशी मुज्तबा सिद्दीकी का दलितों को लेकर दिया गया बयान, पार्टी के कार्यकर्ताओं की उनके खिलाफ नारेबाजी ने माहौल बदला। लोकसभा चुनाव में मौर्य बिरादरी के जो वोटर सपा की तरफ शिफ्ट हुए थे, वह इस बार भाजपा की तरफ शिफ्ट होते दिखाई दिए। यही वजह रही कि पहले जहां सपा के पक्ष में हवा बह रही थी, कैंडिडेट के ऐलान के बाद से यह उसके खिलाफ हो गई। फाइनल रिजल्ट: भाजपा के दीपक पटेल शुरू से ही इस सीट पर बढ़त बनाए रहे। उन्होंने यह सीट भाजपा के कब्जे में ही रखी। 5. मझवां में सुचिस्मिता मौर्य ने साधा 2017 का समीकरण भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: भाजपा के टिकट पर 2017 में चुनाव जीतीं सुचिस्मिता मौर्य यहां फिर से पुराने समीकरण साधती दिखाई दीं। वह पूर्व विधायक रामचंद्र मौर्य की बहू हैं। सपा ने पूर्व विधायक डॉ. रमेश बिंद की बेटी डॉ. ज्योति बिंद को टिकट दिया। यहां बसपा ने दीपक तिवारी को उतार ब्राह्मण-दलित-मुस्लिम समीकरण साधा, जो सपा को नुकसान पहुंचाते दिखा। फाइनल रिजल्ट: यहां भाजपा की सुचिस्मिता मौर्य आखिरी तक लीड लिए रहीं। 6. गाजियाबाद में भाजपा हैट्रिक बनाएगी भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: यहां भाजपा ने नगर महामंत्री संजीव शर्मा को उतारा, जिनकी इलाके में मजबूत पकड़ है। वहीं, सपा ने सिंह राज जाटव को कैंडिडेट बनाया। 1.50 लाख के बड़े मार्जिन से 2017 चुनाव जीतने वाली भाजपा की हवा अंत तक बनी रही। हालांकि, यहां जीत-हार के मार्जिन में बड़ा बदलाव दिख सकता है। फाइनल रिजल्ट: भाजपा ने इस सीट पर बड़ी जीत दर्ज की है। 7. खैर सीट पर भाजपा को गठबंधन से फायदा भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: जाट लैंड कही जाने वाली अलीगढ़ की खैर सीट पर भाजपा को रालोद से गठबंधन का फायदा मिलता दिखा। विकास-सुशासन के मुद्दे के साथ हवा भाजपा के फेवर में दिखाई दी। हालांकि चारू कैन ने सभी समीकरण साधने की कोशिश की है। यहां 2022 के मुकाबले 15.6% कम वोटिंग हुई। फाइनल रिजल्ट: रालोद की वजह से जाट वोट भाजपा को मिले और भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की। 8. सपा को परिवारवाद के चलते नुकसान भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: उपचुनाव के ऐलान के साथ ही सांसद लालजी वर्मा ने अपनी पत्नी शोभावती वर्मा को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी शुरू कर दी और टिकट भी दिलाया। इससे सपा में टिकट की दौड़ में रहे अन्य नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं में इसी बात की नाराजगी दिखी। वहीं, धर्मराज निषाद ने यहां जातीय समीकरण साधे। भाजपा ने लास्ट मोमेंट पर पार्टी से नाराज चल रहे नेता-कार्यकर्ताओं को मना लिया। फाइनल रिजल्ट: यहां रिजल्ट भाजपा प्रत्याशी धर्मराज निषाद के फेवर में रहा। उन्होंने चुनाव जीता। 9. मीरापुर में मिथलेश ने साधा 2009 का समीकरण भास्कर रिपोर्टर्स पोल में क्या था: 2009 में रालोद ने मिथलेश पाल को चुनावी मैदान में उतारा, उन्होंने जीत दर्ज की थी। इस बार भी मिथलेश पाल ने 15 साल पुराने समीकरण साधे। भाजपा गठबंधन का फायदा उन्हें मिला। सपा से कादिर राणा की बहू सुम्बुल राणा चुनावी मैदान में उतरीं। वहीं, बसपा, आजाद समाज पार्टी और ओवैसी की AIMIM पार्टी ने सपा के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं। फाइनल रिजल्ट: मुस्लिम वोटों में बिखराव से मिथलेश को फायदा हुआ। उन्होंने चुनाव जीत लिया। भास्कर रिपोर्टर्स पोल कैसे किया गया दैनिक भास्कर ने चार लेयर पर काम किया था। पहला-भास्कर रिपोर्टर्स ने चुनाव वाले दिन सभी सीटों पर लोगों से बात की थी। दूसरा- एक्सपर्ट की राय जानी। तीसरा- पोलिंग पैटर्न को समझा। चौथा- वोटिंग से पहले सभी 9 सीटों पर हमने तीन बार ग्राउंड रिपोर्ट की। जिसमें करीब तीन हजार लोगों से बात की थी। इसी आधार पर भास्कर रिपोर्टर्स पोल ले आए। यूपी उपचुनाव 2024 में भाजपा+ को 7 सीटें:एग्जिट पोल में कुंदरकी में बड़ा उलटफेर, सीसामऊ-करहल में चली साइकिल यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग पूरी हो गई है। वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। उससे पहले एग्जिट पोल से 9 सीटों का समीकरण समझिए…। सभी 9 सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा में दिखाई दिया। भास्कर रिपोर्टर्स ने ये एग्जिट पोल किए हैं। पूरी खबर पढ़ें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर